Thursday, 18 September 2025
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म्हाडा की सुस्त चाल के कारण 300 आवासीय प्रकल्प खटाई में

पथिक संवाददाता

मुंबई, 13 दिसंबर : म्हाडा की मुस्त चाल के कारण म्हाडा की जमी न पर बसी 86 लेआउट का काम पिछले कई वर्षों से अधर में लटका है. इस कारण म्हाडा को करोड़ों रुपए की चपत लग चुकी है. खबर है कि म्हाडा ले आउट पर बसी वसाहतों के विकास में हो रही देरी के लिए आर्किटेक्ट विभाग को दोषी ठहराया है. और इस सिलसिले में 9 वास्तुकारों को निलंबित किया जा चुका है. म्हाडा की 2500 हेक्टर जमीन पर 56 कालोनियां है. नगररचना के अनुसार उनका 104 भाग किया गया. सन 2008 में सरकार ने इन कालोनियों के पुनर्विकास के लिए 25 चटई क्षेत्र देने की घोषणा भी की. म्हाडा 104 विभागों के लेआउट की मंजूरी के लिए 25-30 लाख रुपए की फीस देकर आर्किटेक्टों की नियुिक्त की. लेकिन काम की गति इतनी सुस्त है कि 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी मंजूर हुई ले आउट की संख्या 38 है जबकि 38

लेआउटों का मामला खटाई में पड़ा है.

बता दें कि म्हाडा ने पिछले 5 वर्षों में 400 इमारतों का आपत्ति नहीं प्रमाण पत्र जारी किया है. इनमें से 300 प्रकल्प का काम लटका हुआ है. अगर इन पर काम समय पर शुरु होता तो म्हाडा को 300 करोड़ रुपए की प्राप्ति होती. लेकिन म्हाडा के वास्तुकार और बिल्डरों की मिली भगत के कारण प्रस्तावित ले आउटों का काम अटका हुआ है. इस कारण म्हाडा का नाम भी बदनाम हो रहा है और उसे आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है.

130 रु. में एक आम दो माह पहले ही बाजार में आया देवगड आम पथिक संवाददाता मुंबई, 13 दिसंबर : कोंकण क्षेत्र का मशहूर आम देवगड नवी मुंबई की बाजार में 1300 रु. दर्जन बिक गया. अमूमन फरवरी माह में देवगड आम बाजार में आता है. लेकिन इस बार करीब छह दर्जन आम एपीएमसी ब

 

पथिक संवाददाता

मुंबई, 13 दिसंबर :त् कोंकण क्षेत्र का मशहूर आम देवगड नवी मुंबई की बाजार में 1300 रु. दर्जन बिक गया. अमूमन फरवरी माह में देवगड आम बाजार में आता है. लेकिन इस बार करीब छह दर्जन आम एपीएमसी बाजार में 8500 रु. में बिका है. इसे गुजरात राज्य के राजकोट के एक परिवार ने खरीदा है. किसानों का कहना है कि दो माह पहले ही आए देवगड आम कुदरत का वरदान है. इस आम के उपादन के बारे में देवगड के किसान वृषाल रावले ने बताया कि आम के इस फसल के लिए बहुत जतन करना पड़ता है.

बरसात जाने के बाद से ही आम में मंजर आने लगते हैं. चूंकि आम की खेती चार माह की होती है. इसलिए मंजर के आते ही इतनी देखभाल विशेष तौर पर करने लगती है. तब पौधों को प्लास्टिक से ढ़क कर फलों की रक्षा की जाती है.

इस तरह आम का फल जल्द ही पकने लगता है. श्री रावले ने बताया कि पिक मौसम में वह 3500 बॉक्स आम का भेजते हैं. दूसरी ओर व्यापारियों का कहना है कि आम की फसल या पैदावार बड़ाने के लिए किसान कुछ विशेष रासायनों का उपयोग भी किया जाता है. इस फसल जल्द ही पक जाता है.

इस वर्ष यह आम दो माह जल्दी आ गया है. वैसे देवगड आम की पेटी सोमवार को वाशी के एपीएमसी मार्केट में आ गया था लेकिन उसकी बिक्री गुरुवार को हुई. 65 आमों की पेटी 8500 रु. में राजकोट के व्यापारी को बेची गई.

स्वतंत्रता सेनानियों की 8000 फाइलें गायब

नागपुर, 11 दिसंबर : स्वतंत्रता सेनानियों और उनके पेंशन की फाइलें मंत्रालय से गायब हैं. यह लिखित जवाब मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एक प्रश्नोत्तर के दौरान दी है. जवाब में कहा गया है प्रशासन के पास पेंशनरों की जानकारी नहीं हैं. कितने पेंशनर जीवित हैं. इसका पता नही है पर राज्य में 8000 लोग पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. पेंंशन के कई मामले लंबित हैं. इस संबंध में सरकार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें कहा गया है कि 53 फाइलें गायब हो गई है. एक अन्य प्रश्नोत्तर के दौरान मुख्यमंत्री श्री चव्हाण ने कहा कि महानगर पालिका से गायब लगभग 10000 फाइलों का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है. ये सभी फाइलें अवैध निर्माणों व अन्य अनियमितताआें से जुड़ी भी है. मुख्यमंत्री ने माना कि मुंबई महानगर में 13 फीसदी पीने का पानी अशुद्ध है.

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