Thursday, 18 September 2025
Blue Red Green

ShareThis for Joomla!

डॉ.आस्था अग्निहोत्री ने भी हमीरपुर से लड़ने में दिखाई असमर्थता

  • हमीरपुर में प्रत्याशी का चयन बना सरकार और संगठन की परीक्षा
  • सरकार के दावे लगे दाव पर
शिमला/शैल। हमीरपुर लोकसभा सीट पर लम्बे अरसे से भाजपा का कब्जा चला आ रहा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर वहां से भाजपा सांसद हैं। अनुराग ठाकुर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रखर और मुखर आलोचकों में गिने जाते हैं। इस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और इसके मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर के नादौन क्षेत्र से आते हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ऊना के हरोली क्षेत्र से आते हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में हमीरपुर से भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पायी थी। लेकिन अब जो राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में बगावत उभरी उसका केन्द्र भी हमीरपुर और ऊना जिले ही रहे हैं। दोनों जिलों में कांग्रेस के दो-दो विधायकों ने राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करके बगावत को अंजाम दे दिया। हमीरपुर में तो निर्दलीय विधायक ने भी राज्यसभा में कांग्रेस के खिलाफ वोट कर दिया। इस क्रॉस वोटिंग के कारण राज्यसभा में मिली हार के बाद कांग्रेस के यह चारों विधायक दल-बदल कानून के तहत निष्कासित हो गये हैं। यह सब भाजपा में शामिल हो गये हैं भाजपा ने कांग्रेस के सभी बागियों को उपचुनाव में अपना उम्मीदवार भी नामजद कर दिया है।
लेकिन कांग्रेस में घटे इस विद्रोह के कारण पार्टी अभी तक लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के लिये उम्मीदवारों का चयन नहीं कर पा रही है। लोकसभा के लिये उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा के नाम की घोषणा कर दी। यह दावा किया की रायजादा का नाम फाइनल हो गया है। परंतु इसी बीच मुकेश अग्निहोत्री की बेटी डॉ.आस्था अग्निहोत्री का नाम उम्मीदवार के रूप में चर्चा में आ गया। इस पर डॉ. आस्था अग्निहोत्री को एक पत्राकार वार्ता के माध्यम से यह कहना पड़ा कि वह अभी मातृ शोक से उभर नहीं पायी है इसलिए यह चुनाव लड़ने की मानसिकता में नहीं है। डॉ. आस्था का तर्क जायज है। लेकिन ऊना में मुकेश अग्निहोत्री के परिवार के बाहर कांग्रेस में उसी स्तर का कोई दूसरा नाम भी सामने नहीं है। लेकिन अग्निहोत्री पर भी यह सवाल उठने लग गया है कि उन्होने अपने चुनाव क्षेत्र हरोली के बाहर ऊना ही के दूसरे चुनाव क्षेत्रों में कोई बड़ा योगदान नहीं दिया है। इसलिये लोकसभा लड़ने में असमर्थता दिखाई जा रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू का चुनाव क्षेत्र नादौन भी हमीरपुर लोकसभा में ही आता है। एक समय मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर का नाम भी चर्चा में आया था। लेकिन बाद में चर्चा से गायब हो गया। भाजपा ने यहां से अनुराग ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। अनुराग राहुल गांधी के सबसे बडे़ आलोचकों में गिने जाते हैं। लेकिन हिमाचल कांग्रेस के किसी नेता या सुक्खू सरकार के किसी मंत्री ने आज तक अनुराग ठाकुर या मोदी सरकार की किसी योजना के खिलाफ कभी मुंह नहीं खोला है। इसलिये आज चुनाव में अनुराग के खिलाफ कांग्रेस का कोई बड़ा नाम आने को तैयार नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस हाईकमान भी शायद इस वस्तुस्थिति को समझ चुकी है। लेकिन हाईकमान हमीरपुर को लेकर फैसला लेने में शायद प्रदेश के नेतृत्व पर ज्यादा निर्भरता नहीं रखेगा। माना जा रहा है कि शायद हाईकमान मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री में से किसी एक के परिवार पर उपचुनाव लड़ने की जिम्मेदारी डाल दे। क्योंकि ऐसा करने से ही राज्य सरकार के दावों की सही परीक्षा हो पायेगी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों के जिलों में इतनी बड़ी बगावत विधायक दल में हो गयी जिसका समय से पहले पता ही क्यों नहीं चल सका? यह सवाल अब तक अनुतरित है। इसके लिये विपक्ष को कोसने के अतिरिक्त कांग्रेस और कुछ नहीं कर पा रही है और यही कांग्रेस का सबसे बड़ा नकारात्मक पक्ष सिद्ध हो रहा है। आज कांग्रेस के पास छः विधायकों के पाला बदलने के अतिरिक्त और कोई मुद्दा ही केन्द्र के खिलाफ नहीं है।

Add comment


Security code
Refresh

Facebook



  Search