Wednesday, 17 December 2025
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मण्डी में कांग्रेस का जन संकल्प सम्मेलन तीन वर्षों की उपलब्धियों का लेखा-जोखा

शिमला/शैल। मण्डी के पड्डल मैदान में हिमाचल प्रदेश सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित जन संकल्प सम्मेलन राज्य की विकास यात्रा, नीतिगत बदलावों और जनकल्याणकारी उपलब्धियों का व्यापक मंच बना। प्रदेशभर से बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति ने आयोजन को जनसमर्थन का प्रतीक बना दिया। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू, उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के संबोधनों में सरकार के तीन वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य के संकल्पों को विस्तार से रखा गया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार के तीन वर्ष केवल एक कार्यकाल का आंकड़ा नहीं, बल्कि जनता के विश्वास, पारदर्शी सुशासन, आर्थिक सुधारों और जन-समर्पित नीतियों की यात्रा हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने सत्ता संभाली, उस समय प्रदेश की आर्थिक स्थिति गंभीर चुनौतियों से घिरी थी। इसके बावजूद सरकार ने कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय लेकर हिमाचल को आत्मनिर्भर, समृद्ध और हरित राज्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्रत्येक नीति और योजना का केंद्र बिंदु आम जनता रही है। चुनाव के दौरान दी गई 10 गारंटियों में से सात को तीन वर्षों में पूरा किया गया। कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को पहली कैबिनेट बैठक में लागू कर सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि कर्मचारियों के भविष्य और सम्मान को ध्यान में रखकर लिया गया।
महिला सशक्तिकरण को सरकार की प्राथमिकताओं में रखते हुए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना शुरू की गई, जिसके तहत पात्र महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से प्रतिमाह 1500 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना ने महिलाओं को आर्थिक संबल दिया है और पारिवारिक निर्णयों में उनकी भूमिका को मजबूत किया है। इसके साथ ही विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत महिलाओं को दी जाने वाली सहायता राशि में भी वृद्धि की गई है।
युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार सृजन को लेकर सरकार ने कई नई पहलें कीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को उद्यमिता के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। सरकार अब तक 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान कर चुकी है। इसके अतिरिक्त ई-टैक्सी योजना, स्वरोजगार कार्यक्रम और विदेशों में रोजगार के अवसरों के लिए भी युवाओं को सहयोग दिया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिया। सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम की शुरुआत, 100 स्कूलों में सीबीएसई पाठयक्रम लागू करने और 20 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना जैसे फैसलों से शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में भी दिखाई दिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बड़े स्तर पर निवेश किया जा रहा है। चमियाना अस्पताल और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की गई है, जिससे जटिल उपचार अब प्रदेश में ही संभव हो सका है। आने वाले समय में चिकित्सा ढांचे को और मजबूत किया जायेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए किसानों और पशुपालकों के हित में ऐतिहासिक फैसले लिए गए। गाय और भैंस के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया, जिससे हिमाचल दूध पर एमएसपी देने वाला देश का पहला राज्य बना। गोबर खरीद योजना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और बागवानी क्षेत्रा में यूनिवर्सल कार्टन प्रणाली लागू कर किसानों और बागवानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया गया।
प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारी बारिश से प्रदेश को भारी नुकसान हुआ, लेकिन केंद्र से विशेष सहायता न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से राहत पैकेज जारी किए और मुआवजे की राशि में वृद्धि की। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर सहायता दी।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने जन संकल्प सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष संघर्ष, संवेदनशीलता और सेवा की मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने आर्थिक संकट और प्राकृतिक आपदाओं जैसी गंभीर चुनौतियों के बावजूद विकास का मार्ग नहीं छोड़ा। रजनी पाटिल ने कहा कि यह सरकार केवल घोषणाएं नहीं करती, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारने का कार्य करती है।
उन्होंने महिला कल्याण योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना महिलाओं के आत्मसम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है। रजनी पाटिल ने कहा कि युवाओं के लिए शुरू की गई स्टार्टअप और रोजगार योजनाएं भविष्य निर्माण का आधार हैं। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में किए गए सुधारों को भी दूरदर्शी बताते हुए कहा कि इनका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा।
रजनी पाटिल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता ने कांग्रेस सरकार पर जो विश्वास जताया है, सरकार उसे विकास और सुशासन के माध्यम से मजबूत कर रही है।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार के तीन वर्षों की उपलब्धियां केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर हुए वास्तविक कार्यों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पेयजल, बुनियादी ढांचा, कृषि, बागवानी और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में ठोस फैसलों से प्रदेश में परिवर्तन दिखाई दे रहा है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से सुशासन को मजबूत किया है। डिजिटल सेवाओं के विस्तार, राजस्व मामलों के त्वरित निपटारे और विशेष अदालतों के माध्यम से बड़ी संख्या में लंबित मामलों का समाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य आम नागरिक को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध सेवाएं प्रदान करना है।
उन्होंने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देना सरकार की संवेदनशील सोच को दर्शाता है। यह योजना किसी चुनावी वादे का हिस्सा नहीं थी, बल्कि मानवीय मूल्यों से प्रेरित निर्णय था।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और पशुपालकों के लिए लिए गए फैसलों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिली है। रोजगार सृजन के क्षेत्र में सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनुशासन, आबकारी नीति में सुधार और नए राजस्व स्रोतों के सृजन से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है।
सम्मेलन के दौरान सरकार की तीन वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित कॉफी टेबल बुक और वृत्तचित्र का विमोचन किया गया। विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी, पार्टी पदाधिकारी, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे।
जन संकल्प सम्मेलन के माध्यम से मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने यह संदेश दिया कि बीते तीन वर्षों में रखी गई विकास की नींव पर आने वाले समय में और तेज गति से कार्य किया जाएगा, ताकि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर, समावेशी और प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित किया जा सके।

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