Thursday, 18 September 2025
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फेक फोटो और वीडियो को कैसे जांचे मीडिया कर्मी पर कार्यशाला आयोजित

शिमला/शैल। गूगल न्यूज इनिशियेटिव और प्रेस क्लब शिमला के संयुक्त तत्वाधान में फेक न्यूज की रोकथाम विषय पर प्रेस क्लब में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 65 मीडिया कर्मियों, मिलिट्री इंटैलिजेंस, शिमला पुलिस व साईबर पुलिस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
गूगल की तरफ से अधिकृत गूगल प्रमाणिक प्रशिक्षक दीपक खजूरिया ने कार्यशाला में फेक न्यूज को पहचानने, गूगल पर पासवर्ड व सिक्योरिटी सिस्टम को मजबूत करने तथा गूगल के टूल्ज को इस्तेमाल करवाने के साथ इनका प्रयोग करना बताया।
उन्होंने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि गूगल ने किसी भी तस्वीर को परखने-जांचने के लिए बहुत सारे टूल्स इजाद किए हैं। गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल से गूगल डेटाबेस के जरिए किसी भी तस्वीर की असलियत का पता लगाया जा सकता है।
उन्होंने प्रतिभागियों को फोटो और वीडियो की सत्यता की जांच के तरीके बतायेे। इस दौरान गूगल रिवर्स इमेज सर्च तथा कई फोटो व वीडियो के फेक होने व सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर गलत तरीके से पेश करने वालों की पहचान के तरीके बताए गए। व्हाट्सअप व फेसबुक का प्रयोग समझदारी से करने तथा फेक न्यूज, फोटो व वीडियो के सत्यापन की बारीकियों के बारे में अवगत करवाया।
दीपक खजूरिया ने बताया कि गूगल टूल्स की मदद से फोटो और विडियो में मिसइनफार्मेशन और डिसइनफार्मेशन को आसानी से पकड़ा जा सकता है। उन्होने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ज्यादातर कंटेंट फेक होता है या फिर ओरिजिनल फोटो या विडियो को तोड़मरोड़ कर वायरल किया जाता है जिससे सम्बंधित व्यक्ति व समुदाय की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि आज इंटरनैट के दौर में सूचनाएं सोशल नैटवर्किंग साइट के जरिए आसानी से आम लोगों तक पहुंच रही हैं, लेकिन तकनीक ने अनेक चुनौतियां भी खड़ी कर दी हैं। ऐसी परिस्थिति में मीडिया व सुरक्षा एजेंसियों के सामने अपने तकनीकी कौशल को बेहतर बनाने की जरूरत है।
प्रेस क्लब शिमला के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने कहा कि पहली बार इस तरह की मीडिया कार्यशाला का आयोजन शिमला में किया गया। उन्होंने कहा कि प्रेस क्लब द्वारा आगामी समय में भी मीडिया कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।

ऊना टर्मिनल पर 507 करोड़ रुपए का निवेश

शिमला/शैल। हिमाचल प्रदेश में, इंडियनऑयल के कुल्लू और परवानू में 2 डिपो और उना तथा बद्दी में 2 एलपीजी बोटलिंग प्लांट हैं जिसके माध्यम से राज्य की एलपीजी आवश्यकता पूरी की जा रही है। इंडियनऑयल में शिमला और कुल्लू में 2 विमान ईंधन स्टेशन भी हैं, जिसमें शिमला को उडान (UDAN) योजना के तहत सेवित किया जा रहा है।
एलपीजी-राज्य में सभी तेल विपणन कंपनियों के तहत कुल 174 एलपीजी वितरकों में से इंडियनऑयल के पास 133 एलपीजी वितरकों का नेटवर्क है। आज की तारीख तक 15.40 लाख एलपीजी कनेक्शन सक्रिय हैं, जिसमें अकेले इंडियनऑयल के पास 12.04 लाख कनेक्शन हैं। हिमाचल प्रदेश के सभी 12 ज़िलों में कॉर्पोरेशन की मौजूदगी के साथ इंडियनऑयल का घरेलू एलपीजी का बाजार हिस्सा 77.50% है।
राज्य में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत कुल 56,371 कनेक्शन जारी किए गए थे, इंडियनऑयल ने 29,736 के कनेक्शनों का एक बड़ा हिस्सा प्रदान किया।
विस्तारित पीएमयूवाई योजना के तहत अधिक से अधिक ग्राहकों को पंजीकृत करने के लिए, वितरक केवाईसी एकत्र करने और नए कनेक्शन जारी करने के लिए विभिन्न गांवों में शिविर (एलपीजी पंचायत) आयोजित कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के आंतरिक और ग्रामीण इलाकों में नई एलपीजी वितरकताओं की स्थापना के लिए 46 नई लोकेशनों (35 डीकेवी और 11 ग्रामीण वितरक) को पिछले साल अगस्त 2017 में विज्ञापित किया गया था और कमीशन की प्रक्रिया चल रही है। आज की तारीख तक नई एलपीजी वितरकताओं की स्थापना के लिए 11 आशयपत्र जारी किए गए हैं। अगस्त 2017 में विज्ञापित वितरकताएं मार्च 2019 के अंत तक काम करने लगेंगी।
पिछले दो वर्षों में आईओसी द्वारा दो एलपीजी वितरकताएं शुरू की गई हैं, एक रामपुर, ज़िला शिमला और दूसरी ज़िला सिरमौर में पांवटा साहिब में। इन दोनों वितरकताओं को 2016-17 में कमीशन किया गया था।
14 अप्रैल-05 मई 2018 से हिमाचल प्रदेश में आयोजित ग्राम स्वराज अभियान के दौरान, 20 अप्रैल 2018 को उज्ज्वला दिवस मनाया गया था, जिसके तहत राज्य में लगभग 151 एलपीजी पंचायतें आयोजित की गयी थी और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 6000 से अधिक कनेक्शन वितरित किए गए थे। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश के शॉर्टलिस्ट किए गए 93 गांवों को धुआं रहित गांव घोषित किया गया।
सभी तेल विपणन कंपनियों के संयुक्त प्रयासों के कारण, पिछले एक साल में एचपी का एलपीजी प्रवेश प्रतिशत 92.5% से बढ़कर 95.3% हो गया है। 91ः से अधिक एलपीजी कनेक्शन आधार संख्या के साथ जुड़ गए हैं। दूरदराज़ के इलाकों में पहुंचः किन्नौर और लाहौल स्पीति के जनजातीय जिलों में ज़्यादातर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा आपूर्ति की जाती है और हमारे पास हिमाचल प्रदेश के सभी दूरदराज़ के इलाकों जैसे ज़िला चंबा में किलार, ज़िला शिमला में किटरवारी, ज़िला लाहौल और स्पीति में काज़ा और कीलोंग और ज़िला किन्नौर में रारंग खास में हमारी वितरकताएं हैं। ये स्थान सर्दियों के महीनों के दौरान कटे रहते हैं और सिलेंडर राज्य सरकार आदिवासी योजना के अनुसार मई से अक्टूबर तक गर्मी की अवधि के दौरान अग्रिम रूप से भंडार में रखे जाते हैं। की सूची तक प्रमुख स्थानों जैसे काज़ा, किलार और कीलोंग जैसी मुख्य लोकेशनों पर 65,000 सिलेंडरों की इन्वेंटरी स्टॉक में रखी जाती है
हिमाचल प्रदेश में पीओएल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य में कुल 419 खुदरा बिक्री केन्द्रों का नेटवर्क है, जिसमें से इंडियनऑयल की 55ः से अधिक की बाज़ार हिस्सेदारी के साथ 49 किसान सेवा केन्द्रों सहित 233 खुदरा बिक्री केन्द्र हैं।
ईंधन वितरण की पारदर्शिता और आश्वासन मात्र सुनिश्चित करने के लिए, कॉर्पोरेशन ने पूरे देश में खुदरा स्वचलन का एक बड़ा अभियान शुरू किया है। हिमाचल प्रदेश में, इंडियनऑयल ने अपने आरओ आउटलेट्स में से 144 को पहले से ही स्वचलित कर दिया है और साल के अंत तक शेष आउटलेट स्वचलित करने की योजना।
राज्य में सौर ऊर्जा की क्षमता का उपयोग करने के लिए, इंडियनऑयल ने पहले ही 61 खुदरा दुकानों को सौरकरण किया है और अगले 30 दिनों में 44 और खुदरा बिक्री केन्द्र को सौरकृत करने की योजना है। शेष खुदरा बिक्री केन्द्रों का चालू वित्त वर्ष में सौरकरण किया जाएगा।
ईईएसएल के साथ इंडियनऑयल के समझौता ज्ञापन के तहत, इंडियनऑयल ने हिमाचल प्रदेश में हमारे 32 खुदरा बिक्री केन्द्रों से एलईडी बल्ब/टयूब और पंखों जैसे ऊर्जा कुशल उपकरणों की बिक्री शुरू कर दी है।
इंडियनऑयल के केलोंग और काज़ा स्थित दो खुदरा बिक्री केन्द्र हैं जो स्थानीय आबादी और ज़िला लाहौल व स्पीति के दुर्गम क्षेत्र, जो लगभग आधा साल बर्फ से घिरा रहता है, में आने वाले पर्यटकों की ज़रूरतों को पूरा करता है। इनमें से एक काज़ा में स्थित खुदरा बिक्री केन्द्र विश्व में सबसे ऊंचा खुदरा बिक्री केन्द्र है जो 12,270 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
ऊना टर्मिनल-लगभग 507 करोड़ रुपए के निवेश के साथ स्थापित किया जा रहा अत्याधुनिक टर्मिनल पेट्रोल, डीज़ल और केरोसिन सहित 87,000 कि ली पेट्रोलियम उत्पादों की संभाल करेगा। कमीशनिंग के बाद टर्मिनल भारतीय रक्षा बलों के लिए लेह और लद्दाख में वार्षिक शीतकालीन ईंधन भंडारण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रणनीतिक भंडारण स्थल बन जाएगा जो हिमाचल प्रदेश राज्य को कई तरीकों से लाभान्वित करेगा।
टर्मिनल हिमाचल प्रदेश की पीओएल आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जिससे राज्य में ईंधन की उपलब्धता में सुधार होगा। टर्मिनल दिसंबर 2018 तक पूरा होकर चालू होने की उम्मीद है।
टर्मिनल कर्मियों और परिवहन चालक दल के लिए हैंडलिंग, लोडिंग और अनलोडिंग के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगा।
इस समय, हिमाचल प्रदेश की ईंधन आवश्यकताओं को अंबाला और जालंधर में कुल्लू और परवानू में रोड फेड डिपुओं के माध्यम से इंडियनऑयल टर्मिनल से पूरा किया जाता है। टर्मिनल, 500 करोड़ रुपए की कुल लागत पर बनाया जा रहा है जो हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
उना बॉटलिंग प्लांट का विस्तार-राज्य में एलपीजी की भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए, 600-600 मेगावॉट के 2 माउंडिड स्टोरेज स्थापित करके उना बॉटलिंग प्लांट की स्टोरेज क्षमता 900 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2100 मीट्रिक टन तक करने का प्रस्ताव है, परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 22 करोड़ रुपये है और 2020 तक इसे चालू करने की उम्मीद है।
पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य के राजकोष में तेल विपणन कंपनियों का योगदान लगभग 332 करोड़ रुपए का रहा है।
सरकार के कुशल मानव शक्ति विकास प्रयास के तहत इंडियनऑयल ने 693 प्रशिक्षु भर्ती किए हैं जिनमें से 13 प्रशिक्षु हिमाचल प्रदेश में तैनात किए गए हैं ताकि उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके जो उन्हें भविष्य में औपचारिक रोज़गार हासिल करने में सहायता करेगा।
कॉर्पोरेशन की सीएसआर नीति के तहत, हिमाचल प्रदेश के लोगों के कल्याण के लिए कई पहलें की गई हैं। इंडियनऑयल ने साफ-सफ़ाई के लिए सुविधाएं विकसित की हैं जैसे मनाली में शौचालय, उना में पेखुबेला गांव, और सोलन के गोएला गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय ब्लॉक का प्रावधान किया है।
कॉर्पोरेशन ने उना ज़िले में चरतगढ़, मंडी मेंताकोली और नागवेन के गांवों में सौर प्रकाश व्यवस्था भी प्रदान की है। इंडियनऑयल ने पंचायत घरों, सामुदायिक हॉल के निर्माण के माध्यम से बुनियादी ढांचे के निर्माण में राज्य की सहायता की है और उना जिले के झुडौवाल गांव में एक लिंक रोड भी मुहैया कराई है।
पिछले दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश के लिए सीएसआर के तहत इंडियनऑयल द्वारा संचयी खर्च 195 लाख से अधिक है। चालू वर्ष में, इंडियनऑयल हिमाचल प्रदेश में 338 लाख रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है।

देश में रैंकिंग को सुधारने के लिए हिमाचल को कई सुधार लाने होंगेःसंजय खुराना

शिमला/शैल। राज्य सरकार एक प्रगतिशील कारोबारी माहौल बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। औद्योगीकरण ने पिछले कुछ वर्षो में राज्य में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हिमाचल प्रदेश सामाजिक समावेश, नगण्य हड़तालों और श्रम असंतोष के साथ प्रभावी ढंग से संतुलित आर्थिक विकास के लिए जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 82.8 फीसदी है, जो 74 फीसदी के राष्ट्रीय औसत की तुलना में ज्यादा है। यह साक्षरता दर संकेत देती है कि राज्य में शिक्षित और योग्य मानव संसाधन का एक बड़ा आधार उपलब्ध है। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण और प्रदूषण के लिए व्यापक और निर्बाध आॅनलाईन समाधान है।
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में अवाॅर्ड विनिंग ई गवर्नेंस, डाक ट्रैकिंग सिस्टम, हरेक को आधार लागू करना, ईपीडीएस, लोक मित्रा केेंद्र आदि हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा आबकारी और कराधान और श्रम से संबंधित सेवाओं का डिजिटाइजेशन किया गया है, जिसके लिए एक व्यापक आॅनलाईन प्रणाली डवलेप की गई है जो कि एक क्रांतिकारी परिवर्तन है।
हिमाचल प्रदेश में व्यवसाय शुरू करने के लिए ज्यादा चैलेंज नहीं है। हिमाचल प्रदेश के जिन क्षेत्रों में सुधारों की आवश्यकता है उसमें संपत्ति पंजीकरण है। धारा 118 के तहत एक अलग भूमि उपयोग परिवर्तन योजना को दोबारा से तैयार करना आवश्यक है। यह व्यापार को फास्ट ट्रैक करने और बाधा रहित करने में अहम हो सकता है। जिन एमएसएमई के पास पांच बीघा जमीन है उनके लिए इसका फार्मूलेशन किया जाना चाहिए। जिससे वह बाधा रहित और फास्ट ट्रैक व्यापार किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश में एक सिंगल विंडो क्लीयरेंस एजेंसी है। लेकिन जिस तेजी के साथ यहां निवेश बढ़ रहा है उससे एमएसएमई के लिए समयब( क्लीयरेंस के लिए अलग से एसडब्लूसीए बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश द्वारा डिपार्टमेंट आॅफ इंडस्ट्री का एक अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए, इसके साथ ही एक नोडल अधिकारी होना चाहिए जो कि संबंधित विभागों के बीच इंडस्ट्री का तालमेल करवा सके।
सरकार को बद्दी-बरोटीवाला- नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्रा, परवाणू, काला अम्ब, आदि के रूप में पहले से ही मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार करने की जरूरत है। सड़कों और बुनियादी सुविधाओं की खराब हालत के कारण, निवेशकों वहाँ औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने में गुरेज करते हैं। राज्य को प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग जो प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों और पर्यटन स्थल सड़कों कनेक्ट करते हैं, को चार लेन का करने की जरूरत है। सरकार को रेलवे के माध्यम से बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ कनेक्ट करने के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय के साथ तालमेल करना चाहिए।
श्रम निरीक्षक, कारखाना निरीक्षक, ईएसआई इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर कल्याण आदि द्वारा किसी भी व्यवसाय या फैक्ट्री का एक से ज्यादा बार निरीक्षण करने से कारोबार हतोत्साहित होता है। इसके बजाय एक अच्छी तरह से समन्वित निरीक्षण किया जाना चाहिए। जो कि कई एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सौ से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को स्व-प्रमाणन की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एमएसएमई रीढ़ की हड्डी हैं, यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इसलिए राज्य में एक अलग एमएसएमई नीति बनाई जानी चाहिए। राज्य को एमएसएमई के लिए एक अलग से नीति बनानी चाहिए। क्षेत्रा में 2.87 लाख उद्यम 4.68 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। इससे राज्य का समग्र विकास होगा और राज्य के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी इसके साथ ही एक स्वस्थ व्यापार का माहौल मिलेगा।
एक स्वस्थ व्यापार माहौल के लिए श्रम कानून का सरलीकरण महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने इस संबंध में कदम उठाए हैं, लेकिन इसे और अधिक अच्छे ढंग से किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में आसानी से कारोबार करने को बढ़ावा देने की जरूरत है। सीआईआई ने श्रम कानून सुधारों पर अपने सुझाव दिए है, सीआईआई को आशा है कि इसपर उदारता से विचार किया जाएगा।
परिवहन एक अहम मुद्दा है जो हिमाचल प्रदेश में कारोबार को आसान करने में बाधा है। हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियन द्वारा चलाया जा रहा परिवहन है। इसके अतिरिक्त परिवहन का कोई वैकल्पिक साधन नहीं है। वैकल्पिक साधनों की कमी की वजह से यह यूनियन काफी महंगा चार्ज करती हैं और इंडस्ट्री के सदस्यो को इससे परेशानी होती है। कई उद्योगों के लिए ट्रक ड्राइवरों की यूनियन की मोनोपोली एक चुनौती बन गई है।
राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार को पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए। मसलन, आईटी, फूड प्रोसेसिंग आदि के साथ खाद्य प्रसंस्करण में पारिस्थितिकी और भूवैज्ञानिक सद्भाव है। ऐसे क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्यमी को ज्यादा लाभ होगा।

त्रिपुरा विधान सभा उपाध्यक्ष ई-विधान जानने हिमाचल प्रदेश विधान सभा सचिवालय पहुंचे

शिमला/शैल। देश की सर्वप्रथम ई-विधान प्रणाली जानने हिमाचल प्रदेश के प्रवास पर पहुंचे त्रिपुरा विधान सभा के उपाध्यक्ष पबित्रा कार ने त्रिपुरा विधान सभा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष बृज विहारी लाल बुटेल से मुलाकात की। इस अवसर पर विधान सभा सचिव सुन्दर सिंह वर्मा तथा निदेशक सूचना प्रोद्यौगिकी हिमाचल प्रदेश विधान सभा धर्मेश कुमार शर्मा भी मौजूद रहे। त्रिपुरा विधान सभा के उपाध्यक्ष ने अधिकारियों के साथ सदन को देखा तथा ई-विधान प्रणाली की विस्तृत जानकारी हासिल की। बृज बिहारी लाल बुटेल ने त्रिपुरा से आए विधान सभा के उपाध्यक्ष व अन्य अधिकारियों को ई-विधान से होने वाले फायदों के बारे भरपूर जानकारी दी।
बुटेल ने कहा कि ई-विधान एक पर्यावरण मित्रा प्रणाली है इससे जहां पर्यावरण को संरक्षण मिलेगा वहीं हजारों वृक्ष कटने से बचेगें। उन्होंने कहा कि इससे च्ंचमत-समेे काम होगा तथा विकास में गति आएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने से जहां समय की बचत होगी वहीं कार्य में तीव्रता तथा पारर्दशिता आएगी।
इस अवसर पर त्रिपुरा विधान सभा उपाध्यक्ष पबित्रा कार ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कार्य हैं जो देश में सर्वप्रथम हिमाचल प्रदेश विधान सभा में सम्पन्न हुआ है। उन्होंने इसके लिए विधान सभा अध्यक्ष बृज विहारी लाल बुटेल को बधाई दी तथा उन्होंने सदन के रख-रखाव की भी भरपूर प्रशंसा की। उन्होंने बुटेल से इसे त्रिपुरा विधान सभा में स्थापित करने बारे सहयोग भी मांगा। विधान सभा सचिव सुन्दर सिंह वर्मा तथा तथा निदेशक सूचना प्रोद्यौगिकी हिमाचल प्रदेश विधान सभा धर्मेश कुमार शर्मा ने उन्हें सदन में स्थापित ई-विधान प्रणाली के बारे मे विस्तृत जानकारी दी तथा ई-प्रशिक्षण केन्द्र से भी अवगत करवाया।

प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को स्वच्छ बनाए रखें उद्यमी- राज्यपाल

शिमला/शैल। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उद्योग जगत का आह्वान किया है कि वे प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को स्वच्छ बनाए रखें ताकि हिमाचल के प्रदूषणरहित वातावरण को अक्षुण्ण रखा जा सके। राज्यपाल आज सोलन जिले के नालागढ़ उपमण्डल के बद्दी में औद्योगिक इकाई ‘मार्केटिंग हाऊस यूनिट-2’ का शुभारम्भ करने के उपरान्त उपस्थित उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे।
1.5 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित इस लघु उद्योग में 25 परिवारों को प्रत्यक्ष तथा लगभग 150 परिवारों को अप्रत्यक्ष रोज़गार उपलब्ध होगा। यहां सोया बड़ी, सोया चूरा, मैकरोनी, पास्ता, मक्की आटा, गेहूं का दलिया, गेहूं आटा तथा पशु चारा जैसे उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल का स्वच्छ वातावरण विभिन्न उद्योगों की स्थापना के लिए सर्वथा उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रदूषणरहित वातावरण को लम्बे समय तक यथावत बनाए रखने के लिए उद्यमियों को अपने उत्तरदायित्व का उचित निर्वहन सुनिश्चित बनाना होगा। प्रदेश का निर्मल वातावरण जहां बेहतर उत्पादन बनाए रखने में सक्षम है वहीं इसके माध्यम से उद्योगोें को स्थाई रखने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र को हरा-भरा बनाए रखें तथा औद्योगिक कचरे के निपटारे के लिए दीर्घकालिक नीति बनाएं।
राज्यपाल ने कहा कि कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अन्तर्गत उद्यमी समूचे क्षेत्र में अनेक विकासात्मक कार्यों में सहयोग दे सकते हैं। उन्होंने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कार्य करने के लिए क्षेत्र के उद्यमियों को बधाई दी। उन्होंने मार्केटिंग हाऊस यूनिट-2 द्वारा कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत बद्ददी में 51 डस्टबिन उपलब्ध करवाए जाने का भी स्वागत किया।
राज्यपाल ने इकाई का दौरा कर तैयार किए जा रहे उत्पादों की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश भी दिए।
मार्केटिंग हाऊस यूनिट-2 के प्रबन्ध निदेशक सुरेश बंसल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए इकाई द्वारा तैयार किए जाने वाले विभिन्न उत्पादों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ऐसी 20 इकाईयां स्थापित की जाएंगी।
दून के विधायक राम कुमार चैधरी, नालागढ़ के विधायक के.एल ठाकुर, नगर परिषद बद्दी के अध्यक्ष मदन चैधरी, हरियाणा के गृह सचिव पी.के दास, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत प्राध्यापक डा. हिम्मत सिन्हा, उद्यमी विनोद जिन्दल, लघु उद्योग भारती के नेत्र प्रकाश कौशिक, उप पुलिस अधीक्षक बद्दी गौरव सिंह, तहसीलदार बद्दी केश्व राम, तहसीलदार नालागढ़ देवराज भाटिया सहित क्षेत्र के उद्यमी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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