2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा निकट भविष्य में कभी भी हो सकती है। क्योंकि जो कुछ पिछले दिनों में घटा है उससे यही संकेत सामने आते हैं। इन चुनावों के परिणामों का प्रभाव दूरगामी होगा चाहे जीत वर्तमान सता पक्ष की हो या विपक्ष की। वर्तमान परिस्थितियों ने हर संवेदनशील व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इसी के प्रभाव स्वरूप पूर्व नौकरशाहों के एक बड़े वर्ग ने लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थिति पर एक खुला पत्र सर्वोच्च सत्ता के नाम लिखा है इस परिदृश्य में जो महत्वपूर्ण घटा है उस पर नजर डालना आवश्यक हो जाता है। यह सरकार चुनावी चन्दे के लिये जो चुनावी बाण्ड योजना लेकर आयी थी और उस पर कई सवाल उठे थे। उस योजना को सर्वोच्च न्यायालय ने गैर कानूनी घोषित कर दिया है। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद विजय माल्या जैसे कई नाम सामने हैं। जिन्होंने देश से भागने से पहले भारतीय जनता पार्टी को करोड़ों का चन्दा दिया है चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में जिस तरह की धांधली सामने आयी उसे सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। इस चुनाव को रद्द करते हुये आप और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार को विजयी घोषित करते हुये चुनाव अधिकारी के खिलाफ अवमानना का आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिये हैं। ई वी एम के खिलाफ आन्दोलन कर रहे वकीलों ने ई वी एम को हैक करके बता दिया है। इससे स्पष्ट संदेश गया है कि भाजपा की जीत का बड़ा कारण ई वी एम है। देश में उन्नीस लाख ई वी एम 2019 से गायब हैं और इस पर किसी भी ऐजैन्सी ने कोई कारवाई नहीं की है। ई वी एम प्रकरण शीर्ष अदालत में पहुंच चुका है और माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय इसका संज्ञान लेगा। इसी के साथ देश में पहली बार आयकर विभाग ने किसी राजनीतिक दल से आयकर वसूला है। आयकर विभाग की यह कारवाई कांग्रेस के खिलाफ की गई है और उसके बैंक खातों से 65 करोड़ से ज्यादा पैसा निकाल लिया गया है। आयकर विभाग ने यह कारवाई भाजपा या किसी और; दल के खिलाफ नहीं की है इससे स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा कांग्रेस से ही डरी हुई है। वित्तीय मुहाने पर अन्तरराष्ट्रीय मुद्राकोष की चेतावनी ने और डरा दिया है। आई एम एफ के मुताबिक भारत का कर्ज जी डी पी का 100% होने जा रहा है। आर्थिकी को समझने वाले जानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था के लिये यह सबसे बड़ा काला पक्ष है। आने वाले चुनाव में युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा होगी। हर तीसरा वोटर युवा होगा। सरकार की अपनी रिपोर्ट के मुताबिक तीन युवाओं में से हर दूसरा बेरोजगार है। रिपोर्ट के अनुसार केन्द्र सरकार के विभागों में ही 90 लाख पद खाली हैं और सरकार इन्हें भरने की स्थिति में नहीं है। यही स्थिति सार्वजनिक उपक्रमों की है। कॉर्पोरेट घरानों में भी रोजगार कम होता जा रहा है कुल मिलाकर देश एक गंभीर दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री इन मुद्दों को चुनावी मुद्दा नहीं बनने देना चाहते। इसलिये वह धार्मिक ध्रुवीकरण करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। विपक्षीय एकता को तोड़ने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं और इसके लिये अगले कुछ दिनों में ई डी, सी बी आई और आयकर जैसी ऐजैन्सीयों की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। जिस तरह से आयकर विभाग ने कांग्रेस के खातों से 65 करोड़ से अधिक की रकम आयकर के नाम पर निकाल ली है उससे यह स्पष्ट संकेत उभरता है कि कांग्रेस की राज्य सरकारों को भी अस्थिर करने का पूरा प्रयास किया जायेगा। जहां जो सरकारें अपने ही कारणों से कमजोर हो रही हैं उन पर अस्थिरता का प्रयोग किये जाने की बड़ी संभावना है।