Friday, 19 September 2025
Blue Red Green
Home सम्पादकीय क्या राहुल के ब्यानों पर भाजपा की प्रतिक्रियाएं मोदी सरकार का डर है

ShareThis for Joomla!

क्या राहुल के ब्यानों पर भाजपा की प्रतिक्रियाएं मोदी सरकार का डर है

क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ब्रिटेन में दिये बयानों से भारत का अपमान हुआ है? यह सवाल भाजपा और मोदी सरकार की प्रतिक्रियाओं के बाद एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिससे पिछले आठ वर्षों की सारी कार्यप्रणाली को जनता के आकलन के लिये लाकर खड़ा कर दिया है। वसुदेव कुटुंबकम के ब्रह्म वाक्य पर आचरण करने का दावा करने वाले जब एक व्यक्ति के ब्यान से आक्रोशित हो उठे तो यह मानना पड़ेगा कि चोट बहुत गहरे तक लगी है। 2014 में जब अन्ना आन्दोलन ने सत्ता परिवर्तन की नीव रखी थी तब उस आन्दोलन का मुख्य मुद्दा था लोकपाल की स्थापना। 2G स्कैम के 1,76,000 करोड़ के आंकड़े ने पूरा देश हिला कर रख दिया था। लेकिन बाद में इस कैग रिपोर्ट के जनक विनोद राय ने अदालत में यह स्वीकार किया की 2G में कोई घपला हुआ ही नहीं है उन्हें गणना में गलती लगी है। क्या इससे देश की इज्जत बढ़ी थी? काले धन से हर भारतीय के खाते में पन्द्रह लाख आने का वायदा किया गया था जिसे बाद में जुमला कह कर टाल दिया गया। क्या इससे हर भारतीय का मान बढ़ा है? कोविड जैसी बीमारी को भगाने के लिये प्रधानमंत्री के निर्देश पर ताली थाली बजाई गयी। दीया जलाया गया क्या इससे देश का मान बढ़ा है? देश के अस्सी करोड़ लोग मुफ्त राशन पर जी रहे हैं क्या यह मान बढ़ाने वाली उपलब्धि है? क्या सरकार के इस दावे से ग्लोबल हंगर इन्डैक्स की भारत में भूख पर आयी रिपोर्ट मान बढ़ाने वाली बात है? विदेश की धरती पर जब देश का प्रधानमंत्री यह कहे कि देश में पिछले 70 वर्षों में कुछ नहीं हुआ है तो क्या उससे मान बढ़ा था। जब प्रधानमंत्री ने अमेरिका जाकर ट्रंप के लिये चुनाव प्रचार करते हुए यह कहा था कि ‘‘अबकी बार ट्रंप सरकार’’ तो क्या वह ट्रंप और अमेरिका को देश में दखल देने का न्योता नहीं था? आज जब भारतीय मूल के लोग विदेशों में कई मुल्कों की संसद और सरकार तक पहुंच गये हैं और देश के लोग उनकी इस उपलब्धि पर प्रसन्न होते हैं तो क्या वह लोग भारत की हर छोटी-बड़ी घटना पर नजर नहीं रख रहे हैं। क्या विदेशी मीडिया भारत में घटने वाली हर घटना को रिपोर्ट नही कर रहा है। राफेल सौदे पर उठे विवाद को लेकर भारत और फ्रांस के अलग स्टैंड पर विश्व में चर्चा नहीं हुई है। बीबीसी की डाक्यूमेंट्री क्या विदेशों में नहीं देखी गयी है? क्या बीबीसी के खिलाफ की गयी कारवाई विदेशों में रिपोर्ट नहीं हुई है? दी गार्जियन की रिपोर्ट क्या विदेशों में नही पढ़ी गयी है? क्या इसी रिपोर्ट के बाद चुनाव आयोग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला नहीं आया है। क्या हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने विश्व के शेयर बाजार को प्रभावित नही किया है? राहुल गांधी के ब्यान पर उभरी प्रतिक्रिया ने पिछले आठ वर्षों की सारी छोटी-बड़ी घटनाओं को फिर से चर्चा में लाकर खड़ा कर दिया है। विश्व गुरु और विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के दावों को बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के आयने ने एकदम नंगा करके खड़ा कर दिया है। जो देश अपने प्रधानमंत्री को निर्देश पर आज के कम्प्यूटर युग में भी बिमारी को भगाने के लिये ताली थाली बजाये और दीया जलाये वह विश्व गुरु बनने के कितना करीब होगा इसका अन्दाजा लगाया जा सकता है। ऐसे आचरण से हमारी वैद्यिकता क्या आंकी गयी होगी यह सोचकर भी डर लगता है। आज जिस तरह से केंद्रीय जांच एजैन्सियां विपक्ष के नेताओं के खिलाफ सक्रिय की गयी है उससे यह जन चर्चा चल पड़ी है कि सारे भ्रष्टाचारी विपक्ष में ही हैं। भाजपा में जाकर सबके पाप धुल जाते हैं। भले ही हेमन्त बिस्वा सरमा जैसे नेता जब कांग्रेस में थे तब उनके भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा ने पुस्तिका छाप दी थी और जांच की मांग की थी लेकिन भाजपा में जाते ही वह पाक साफ हो गये हैं। विपक्षी दलों से टूटकर जितने भी नेता भाजपा में गये हैं वह सब आरोप लगने के बाद ही गये हैं और भाजपा में जाकर अपराध मुक्त हो गये हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता से जो वायदे किये गये थे अब 2024 के चुनाव में जनता उनका हिसाब न पूछे और विपक्ष का कोई नेता उन वायदों पर सवाल न उठाये इसलिये केंद्रीय जांच एजैन्सियों के सहारे विपक्ष और उसके महत्वपूर्ण नेताओं को घेरने का प्रयास किया जा रहा है। आज कांग्रेस ही एक ऐसा राजनीतिक दल है जो देश के प्रत्येक गांव में जाना जाता है। कांग्रेस में राहुल गांधी का चरित्र हनन करने के लिये किस तरह के क्या क्या प्रयास किये गये हैं वह कोबरा पोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में सामने आ चुके हैं। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से जो चुनौती सरकार के सामने रखी है उससे सरकार हिल गयी है क्योंकि विदेशी मीडिया भी इस यात्रा को कवर कर रहा था। इस यात्रा में जो कुछ देश की जनता के सामने राहुल ने रखा है आज प्रवासी भारतीय उसी की पुष्टि के लिये उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं और यही मोदी सरकार को डर है।

Add comment


Security code
Refresh

Facebook



  Search