कांग्रेस के बागी भाजपा में होंगे शामिल याचिका लेंगे वापस
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Created on Wednesday, 20 March 2024 18:32
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Written by Shail Samachar
- सभी बागीयों का सम्मानजक समायोजन तय
- कांग्रेस के लिये संकट और गहराया
शिमला/शैल। सर्वाेच्च न्यायालय ने बागीयों की याचिका पर सभी संबद्ध पक्षों को नोटिस जारी करके मामला छः मई को फाईनल फैसले के लिये लगा दिया है। इसके चलते दोनों दलों कांग्रेस और भाजपा की गतिविधियों का रुख तब तक क्या रहेगा यह एक रोचक सवाल खड़ा होता जा रहा है। क्योंकि भले ही इन बागीयों के क्षेत्रों में उप-चुनाव होंगे या नहीं इसका फैसला छः मई को होगा। यदि इनका निष्कासन रद्द हो जाता है तो इनकी सदस्यता बहाली के बाद यह लोग कांग्रेस के ही सदस्य माने जायेगें और फिर सरकार के भविष्य का फैसला सदन में ही होगा। ऐसी स्थिति में भाजपा के सामने यह सवाल होगा कि उसे राजनीतिक रुप से क्या लाभ मिला जबकि पूरा प्रकरण भाजपा प्रायोजित है यह पूरी तरह प्रचारित हो गया है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस बागीयों के साथ कोई समझौता कर लेती है तो उसकी सरकार बनी रह सकती है। लेकिन इस स्थिति में भाजपा के हाथ बदनामी के अतिरिक्त कुछ नहीं लगेगा। सर्वाेच्च न्यायालय ने बागीयों के निष्कासन पर स्टे न देकर दोनों दलों को छः मई तक बांध कर रख दिया है।
छः मई तक दोनों दल लोकसभा चुनाव के लिये कितने सक्रिय हो पायेगें? क्योंकि उपचुनावों की संभावना बनी रहेगी। इस समय भाजपा का पलड़ा लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भारी माना जा रहा है। इस समय भाजपा इन छः स्थानों पर अपनी जीत निश्चित मान रही है। इसलिए यह माना जा रहा है कि भाजपा इन छः स्थानों पर उपचुनाव का ही रास्ता चुनेगी। इसके लिये इन लोगों से याचिका वापस करवाकर चुनावों का रास्ता चुना जा सकता है। यह याचिका वापस लिये जाने से भाजपा इन छः लोगों का पार्टी में सम्मानजनक समायोजन करवाकर आगे बढ़ेगी। ऐसा माना जा रहा है। भाजपा में अनुशासन की स्थिति कांग्रेस की तरह नहीं है। भाजपा में पार्टी के निर्देशों से बाहर जाने का साहस कार्यकर्ताओं और नेता नहीं कर पाते हैं क्योंकि वहां कांग्रेस की तरह कार्यकर्ताओं की अनदेखी नही होती है। इस समय हिमाचल का सारा घटनाक्रम भाजपा का प्रायोजित माना जा रहा है। इसलिए यदि कांग्रेस के बागीयों का सम्मानजनक समायोजन नहीं किया जाता है तो इससे भाजपा की बदनामी होगी और उसका चुनावों पर असर पड़ेगा। सम्मानजक समायोजन से कांग्रेस में और तोड़फोड़ करना आसान हो जायेगी।
माना जा रहा है कि अगले दो-चार दिनों में यह बागी भाजपा में विधिवत रुप से शामिल हो जाये और उसके बाद सर्वाेच्च न्यायालय से याचिका वापस ले ले।
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