Friday, 19 September 2025
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अरनी विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या हुई दो हजार

शिमला/शैल। अरनी विश्वविद्यालय के चांसलर विवेक सिंह उच्च शिक्षा को एक नया आयाम प्रदान कर रहे हैं यह दावा किया है अरनी विश्वविद्यालय ने एक प्रेस ब्यान में। इस विश्वविद्यालय को 2009 में यूजीसी की मान्यता प्राप्त हुई थी और तब यहां पर विद्यार्थियों की संख्या केवल 200 थी जो आज बढ़कर 2023 में 2000 तक पहुंच गयी है। इस समय में प्रदेश में निजी क्षेत्र में खुले कुछ विश्वविद्यालय बन्द होने की कगार पर पहुंच गये हैं। उच्च शिक्षा नियामक आयोग कई विश्वविद्यालयों को अपने निरीक्षण के बाद जुर्माना तक लगा चुका है। बहुत सारे विश्वविद्यालयों ने कोविड के कारण उस दौरान विद्यार्थियों की संख्या कम होने का तर्क दिया है और उसका प्रभाव अब तक चले आने की बात की है। ऐसे में यदि किसी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है तो यह स्वतः प्रमाणित हो जाता है कि वह अपने समकक्षों से कुछ तो बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा होगा। यूजीसी के मानकों की अनुपालना न होने के कोई आरोप इस विश्वविद्यालय के खिलाफ अब तक सामने नहीं आये हैं। इसका श्रेय विश्वविद्यालय के चांसलर को दिया जा रहा है। दावा किया गया है कि कुलपति विवेक सिंह एक दशक पहले यहां आये थे उन्होंने विश्वविद्यालय में नए शिक्षण तकनीकों साफ्ट स्किल्ज और आधुनिक पाठयक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया और विश्वविद्यालय को उत्तर भारत में विद्यार्थियों के आकर्षण का केंद्र बना दिया। यहां आधुनिक युग के पाठयक्रम प्रस्तुत किये जा रहे हैं जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साईंस, सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे विकसित होने वाले क्षेत्र शामिल हैं। जो विद्यार्थियों को तेजी से बढ़ते जॉब मार्केट के लिये तैयार करते हैं। विश्वविद्यालय इन्टर डिविजनरी लर्निंग को बढ़ावा देता है जिससे छात्रों को व्यक्तित्व विकास में बढ़ावा मिलता है। विश्वविद्यालय के इस प्रसार का श्रेय चांसलर विवेक सिंह को दिया जा रहा है।

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