शिमला/शैल। प्रदेश भाजपा ने अध्यक्ष सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में राज्य चुनाव आयुक्त को नगर निगम शिमला के लिये कांग्रेस द्वारा फर्जी वोट बनाये जाने का गंभीर आरोप लगाया है। कहा गया है कि एक घर में 18 से 20 वोट बनाने का प्रयास किया जा रहा है और ऐसा उप-मुख्यमंत्री और कुछ अन्य मंत्रीयों के घरां में हो रहा है। आरोय लगाया गया है कि वैनमोर में एक ही कमरे में 18 से 20 लोगों ने वोट बनाने के लिये आवेदन किया है और भी कई वार्डों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं। निगम चंनावों के लिये जारी किये गये रोस्टर को तैयार करने में भी पक्षपात का आरोप लगाया गया है। भाजपा के यह आरोप गंभीर है और इन चुनावों में यह बड़ा मुद्दा बनेंगे यह तय है। राज्य निर्वाचन आयोग और संबद्ध प्रशासन कि इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। निवर्तमान निगम सदन में भाजपा का बहुमत था। सी.पी.एम. और कांग्रेस के कुछ पार्षद भी पासा बदलकर भाजपा में शामिल हो गये थे। इस समय निगम क्षेत्र में स्मार्ट सिटी और अन्य परियोजनाओं में जो कार्य चले हये हैं उनका केंद्रीय सहायता के बिना पूरा होना संभव नहीं होगा। यह तथ्य भी इन चुनावों को प्रभावित करेगा ऐसा माना जा रहा है। भाजपा प्रदेश विधानसभा का चुनाव एक प्रतिश्त से भी कम अन्तर से हारी है। सुक्खू सरकार के पहले बजट सत्र में भाजपा ने विपक्ष की भूमिका काफी प्रभावी निभाई है। नेता प्रतिपक्ष सदन में काफी आक्रामक रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संयोग रहा है कि सुक्खू सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह के दूसरे ही दिन पिछले छः माह के फैसले पलटकर ऐसा मुद्दा भाजपा को थमा दिया जिससे वह पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार तक प्रदेश के हर कोने तक ले गयी। प्रदेश उच्च न्यायालय में इस संद्धर्भ में याचिका भी दायर कर दी गयी है। पूरे बजट सत्र में भाजपा ने इस मुद्दे को काफी भुनाया है। इन सारे मुद्दों के अतिरिक्त सरकार ने गारंटीयों को पांच वर्ष में पूरा करने की बात कहकर विपक्ष को और मुद्दा दे दिया है। तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त तब दी जायेगी जब 2000 मेगावाट सोलर ऊर्जा का उत्पादन हो जाएगा और तब तक बिजली की दरें बढ़ा दी गयी हैं। बिजली के अतिरिक्त निगम क्षेत्रों में पानी और गारवेज कलैक्शन की दरें भी 10% बढ़ाकर भाजपा को मुद्दा थमा दिया है। इस तरह मुद्दों के नाम पर निश्चित रूप से भाजपा का प्रक्ष कुछ मजबूत है। देखना है कि चुनाव में आक्रामकता रहती है या नहीं।