इसी दौरान एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला में भारत-आस्ट्रेलिया मैच हुआ इन्दौर शिफ्ट
मैच शिफ्ट होना कुप्रबंधन या राजनीति उठी चर्चा
शिमला/शैल। नादौन भाजपा मण्डल ने विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिये आठ नेताओं को छः वर्ष के लिये निष्कासित कर दिया है और दो को नोटिस जारी किया है। स्मरणीय है कि नादौन विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जीत कर आये हैं। इनके खिलाफ भाजपा ने पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री को टिकट देकर मैदान में उतारा था। अग्निहोत्री के लिये नादौन में केंद्रीय गृह मन्त्री अमित शाह ने भी चुनावी सभा को संबोधित किया था। नादौन में भाजपा के हार के बाद यहां के मण्डल का एक पत्र वायरल हुआ था जिसमें भाजपा प्रत्याशी की हार के लिये राज्यसभा सांसद डॉ. सिकन्दर को जिम्मेदार ठहराया गया था। आरोप था कि उन्हें कुछ चुनावी सभाओं के लिये आमंत्रित किया गया था और वह नहीं आये थे। डॉ. सिकन्दर भी नादौन क्षेत्र से ही ताल्लुक रखते हैं। यह भी कहा गया था कि वह केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मन्त्री अनुराग ठाकुर के निकट स्थित है। हमीरपुर जिला से भाजपा पाचों सीटें हार गयी हैं बल्कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की सत्रह विधानसभा सीटों में से केवल पांच पर ही भाजपा को सफलता मिली है जबकि इसी क्षेत्र से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी ताल्लुक रखते हैं। विजय अग्निहोत्री पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विश्वस्त माने जाते हैं। जयराम ठाकुर और प्रो. प्रेम कुमार धूमल के राजनीतिक रिश्ते बहुत अच्छे नहीं रहे हैं यह प्रदेश की राजनीति की समझ रखने वाला हर आदमी जानता है। यह भी सब जानते हैं कि जयराम के कार्यकाल में जब भी नेतृत्व परिवर्तन के सवाल परोक्ष/अपरोक्ष में उठे हैं तो उन पर नड्डा ने ही हर बार विराम लगाया है। इस परिदृश्य में जब भाजपा प्रदेश विधानसभा का चुनाव हार गयी है और केन्द्र सरकार तथा नरेंद्र मोदी पर अदानी का ग्रहण लगातार फैलता जा रहा है तब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव कोई आसान खेल नहीं रह जाएगा यह शायद भाजपा कार्यकर्ताओं को भी समझ आने लगा है। 2024 के चुनाव में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से अनुराग ठाकुर ही भाजपा के उम्मीदवार होंगे। लेकिन इसी संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी ताल्लुक रखते हैं और कांग्रेस ने इसी क्षेत्र से बारह सीटों पर विजय हासिल की है। इस व्यवहारिक गणित को सामने रखते हुये आज भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिये यह सीट न केवल प्रतिष्ठा का ही प्रश्न होगी बल्कि कांग्रेस नेतृत्व के लिये व्यक्तिगत प्रश्न बन जायेगी। ऐसे में जब भाजपा नादौन मंण्डल में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिये मण्डल स्तर के नेताओं के खिलाफ कारवाई की बात करेगी तो निश्चित है कि यही लाइन अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ेगी। यह सवाल उठेगा कि ऐसे फैसलों से क्या पार्टी सशक्त होगी या बिखराव की तरफ बढ़ेगी। अभी अनुराग ठाकुर ने शिमला दूरदर्शन में 24x7 सेवाएं शुरु करवाकर अपने मंत्रालय से प्रदेश को कुछ दिया है जिससे प्रदेश की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी। लेकिन इसी दौरान एचपीसीए के धर्मशाला स्टेडियम से भारत-ऑस्ट्रेलिया गावस्कर सीरीज का मैच इन्दौर शिफ्ट हो जाना एक अलग प्रकरण बयान कर देता है। यह मैच शिफ्ट होने का कारण कुप्रबंधन और राजनीति कही जा रही है। कारण जो भी रहा हो लेकिन इसका असर भाजपा की आन्तरिक राजनीति और प्रदेश सरकार के साथ रिश्तो पर भी पड़ेगा यह तय है। क्योंकि इस समय भाजपा की खेमेबाजी न चाहते हुये भी सामने आती जा रही है। जयराम, अनुराग और नड्डा प्रदेश के तीन खेमे सामने आ चुके हैं। विधानसभा चुनावों में हार के बाद भी नड्डा को एक वर्ष का विस्तार मिल गया है और जयराम नेता प्रतिपक्ष बन गये। लेकिन प्रदेश के संगठन में सारी चर्चाओं के बावजूद कोई बदलाव नहीं आ पाया है। ऐसे में नादौन के घटनाक्रम को एक बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।