शिमला/शैल। एन.जी.टी. के आदेश के बाद शिमला में नये निर्माणों पर रोक है। कोर ग्रीन और फॉरेस्ट एरिया में तो नये निर्माण किसी भी सूरत में नहीं हो सकते। इन क्षेत्रों में केवल पुराने निर्माणों की मुरम्मत या गिरने की सूरत में पुराने नक्शे के मुताबिक ही निर्माण की अनुमति मिल सकती है। अन्य क्षेत्रों में केवल अढ़ाई मंजिल के निर्माण की ही अनुमति मिल सकती है। इसके लिये भी दो कमेटियां गठित हैं। उनकी अनुमति के बाद ही निर्माण का नक्शा नगर निगम से पास होगा। एन.जी.टी. के इस आदेश पर जोशीमठ त्रासदी के बाद अमल कड़ाई से होने की चर्चाएं भी सामने आ रही हैं।
लेकिन इसी दौरान शिमला में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय दीप कमल से महज सात सौ मीटर दूर जंगल में हो रहा निर्माण चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि फॉरेस्ट एरिया में निर्माण पर पूर्ण प्रतिबन्ध है। चर्चा है कि इस निर्माण के लिये राजस्व विभाग के साथ मिलकर इस जगह की राजस्व रिकॉर्ड में किस्म बदली गयी है। यह भी चर्चा है कि निर्माण के लिये कई छोटे पेड़ों की बलि दी गयी है। रोचक यह है की निर्माण स्थल पर न तो किसी भाजपा नेता की नजर पड़ी और न ही पुलिस या अन्य किसी प्रशासन की। नगर निगम शिमला के चौकस प्रशासन की भी नजर से यह निर्माण अब तक ओझल चल रहा है। या अपरोक्ष में उसके आशीर्वाद से चल रहा है यह तो किसी जांच से ही सामने आयेगा।