शिमला/शैल। हिमाचल प्रदेश में आप ने चुनाव लड़ने का ऐलान पंजाब की जीत से प्रोत्साहित होकर किया था। बल्कि इस जीत के बाद अरविन्द केजरीवाल हिमाचल के हर दौरे में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवन्त मान को अपने साथ लाते रहे हैं। लेकिन जैसे ही अनुराग ठाकुर ने आप में सेन्धमारी करके इसके संयोजक को भाजपा में लाकर खड़ा कर दिया तभी से आप के फैलाव पर रोक लगनी शुरू हो गयी। बल्कि अनुराग की सेन्धमारी के बाद प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू भी इसमें सक्रिय हो गये और उन्होंने आप के पूर्व संयोजक रहे निक्का सिंह पटियाल और कुछ अन्य नेताओं को कांग्रेस में लाकर खड़ा कर दिया। अब भाजपा ने धर्मशाला के राकेश चौधरी को आप से निकालकर अपने में शामिल करवा दिया है। स्मरणीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 16000 वोट लेने वाले राकेश ने अरविन्द केजरीवाल के सामने आप का दामन थामा था।
अब पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने जिस तरह से हिमाचल के ऊना से ताल्लुक रखने वाले बाबा फरीद मैडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजबहादुर को अपमानित किया है वह पूरे मैडिकल जगत में एक मुद्दा बन गया है। हर व्यक्ति इसकी निन्दा करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग कर रहा है। हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा ने इसको बड़ा मुद्दा बनाकर उछाला है। लेकिन हिमाचल की आप इकाई इस मुद्दे पर एकदम चुप्पी साध कर बैठ गयी है। जबकि हर हिमाचली डॉ. राजबहादुर के इस अपमान को प्रदेश का अपमान कर पंजाब सरकार से सार्वजनिक क्षमा याचना करने की मांग कर रहा है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री का व्यवहार निश्चित रूप से निंदनीय है। लेकिन प्रदेश इकाई की इस पर चुप्पी यह दर्शाती है कि इसके किसी भी नेता में गलत को गलत कहने का साहस नहीं है। इससे यह भी सामने आता है कि आप का प्रदेश नेतृत्व कितना परिपक्व है। आप की चुप्पी पार्टी की सेहत के लिये घातक सिद्ध होगी यह तय है।