क्या निगम चुनावों में जीत की शुरूआत कर पायेगी कांग्रेस
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Created on Wednesday, 31 March 2021 07:39
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Written by Shail Samachar
शिमला/शैल। क्या कांग्रेस इन नगर निगमों के चुनावों में जीत की शुरूआत कर पायेगी? यह सवाल प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व और आगे आने वाले उपचुनावों से लेकर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के परिदृश्य में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों से 2019 के चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों तक में कोई बड़ी जीत हासिल नहीं कर पायी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर को संगठन के मामलों में एक तरह से खुला हाथ मिला है। अब तक ऐसा कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है जहां किसी बड़े नेता की ओर से ऐसा आरोप लगा हो कि उसके समर्थकों को संगठन में नज़र अन्दाज किया जा रहा है। कुल मिलाकर संगठन के हर बड़े नेता की ओर से राठौर को पूरा सहयोग मिला है। पिछले दिनों जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के पांच विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। उस मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष की सक्रियता उस स्तर की नहीं रह पायी है जो होनी चाहिये थी। उस समय कुछ कोनो से अध्यक्ष को बदलने की मांग उठी थी जिसे वीरभद्र सिंह ने एक ही ब्यान से खारिज कर दिया था। बल्कि जब आनन्द शर्मा को लेकर पार्टी उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने ब्यान दागा था तब भी राठौर को लेकर या सवाल नहीं उठा था कि वह आनन्द शर्मा की पसन्द हैं।
ऐसे में अब जब निगम चुनावों में पालमपुर में दो और धर्मशाला में एक उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने की स्थिति बन गयी तो उससे संगठन की कमजोरी सामने आती है। क्योंकि पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन रद्द होना एक बड़ी बात होती है। उससे चुनाव की रणनीति पर असर पड़ता है फिर जब हर वार्ड के लिये कई-कई लोगों की जिम्मेदारी लगी हो तब ऐसा हो जाना सवाल खड़े करता है। निगम चुनावों में कांग्रेस के अन्दर बगावत भाजपा की अपेक्षा बहुत कम सामने आयी है। केवल चार लोग ही ऐसे निकले हैं जो अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और जिन्हें निकाल दिया गया है। इस परिदृश्य में कांग्रेस का पलड़ा भाजपा से भारी है। अब यह देखना रोचक होगा कि कांग्रेस जयराम सरकार और भाजपा के खिलाफ किस तरह की आक्रामकता दिखाती है। जबकि भाजपा सांसद किश्न कपूर ने धर्मशाला में एक पत्रकार वार्ता में कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये हैं। क्योंकि धर्मशाला नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा था। कपूर ने आरोप लगाया है धर्मशाला को विभिन्न योजनाओं में केन्द्र की ओर से 271 करोड़ रूपये दिये गये हैं जिसको खर्च करने में भ्रष्टाचार हुआ है। कांग्रेस की ओर से इस आरोप का अभी तक कोई जबाव नहीं दिया गया है। जबकि प्रेदश में तीन वर्षो से भाजपा की सरकार है और वह इस कथित भ्रष्टाचार की कोई जांच तक नहीं करवा पायी है। यदि कांग्रेस इन चुनावों में भाजपा के खिलाफ आक्रामक नहीं हो पायी तो सफलता मिलना आसान नहीं होगा।
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