Friday, 19 September 2025
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क्या 2009 से 2019 तक नगर निगम शिमला के शीर्ष प्रशासन और हाऊस तक सभी गैर जिम्मेदार थे

शिमला/शैल। नगर निगम शिमला के काम को सुचारू और प्रभावी बनाने के लिये निगम में सैहब सोसायटी का गठन किया गया था। सोसायटी का पंजीकरण 12 फरवरी 2019 को हुआ था। सोसायटी को कूडा गारबेज कलैक्शन के साथ ही पयार्वरण संरक्षण, हैरिटेज संरक्षण और शिमला के सौंदर्यकरण की भी जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। इस काम को अंजाम देने के लिये कर्मचारियों के अतिरिक्त सुपरवाईज़र और कोओडिनेटर भी लगाये गये थे। बाद में सोसायटी की सहायता के लिये एक सेवानिवृत उप सचिव एम एल शर्मा की सेवाएं भी ली गयी जो आज तक चल रही है। एम एल शर्मा को बतौर कन्सलटैन्ट 1-9-2018 को एक वर्ष के लिये रखा गया था। एम एल शर्मा के काम से प्रभावित होकर उनकी सेवाओं को 31-7-2021 तक विस्तार दे दिया गया है। इस विस्तार का आधार शर्मा की कार्य कुशलता बनी है। शर्मा के प्रयासों से ही नगर निगम सरकार के विभागों से कूडा उठाने की एवज में 6 करोड़ प्रतिवर्ष सरकार से ले पायी है इसे निगम ने अपने रिकार्ड में दर्ज किया है।
शर्मा की सेवाएं सैहब सोसायटी 2018 से ले रही है। 2019 में जब उन्हें कार्य विस्तार देने का प्रस्ताव सैहब की ओर से आया तब उसमें एक माह के लिये विस्तार देने का प्रस्ताव था। जिसे बाद में लिखने में गलती लग जाने के नाम पर एक वर्ष किया गया अब इसे 2021 तक कर दिया गया। शर्मा को सैहब के काम के लिये ही कन्सलटैन्ट नियुक्त किया गया है और उनके काम की भी प्रशंसा की गयी है। लेकिन निगम हाऊस की 10वीं साधारण बैठक में 31-1-2020 को जो प्रस्ताव लाया गया था उसमें यह कहा है कि जब से सहैब सोसायटी का गठन हुआ है तब से लेकर अब तक इसमें नियुक्त हुए सुपर वाईज़रों और कोआडिनेटरों को उनके कार्यो का निर्धारण ही नहीं किया गया था जो अब शर्मा ने किया है। नगर निगम में यह प्रस्ताव 31-1-20 को लाया गया। इससे स्पष्ट होता है कि सैहब और नगर निगम मे जो भी शीर्ष प्रशासन और हाऊस रहा है वह सब लोग इतने गैर जिम्मेदार थे कि उन्हें यही पता नहीं लगा कि सोसायटी के निगरान स्टाफ को ग्याहर वर्षों से कार्यों और जिम्मेदारीयों का आंवटन ही नहीं हो पाया है। इस प्रस्ताव से यह भी सामने आता है कि शर्मा को भी यह समझने में एक वर्ष से भी अधिक का समय लग गया है। इसी प्रस्ताव के अन्त में कृत्यकारक समिति का प्रस्ताव भी दर्ज है जिसमें शर्मा को छः माह का विस्तार देने की बात रिकार्ड पर है।
नगर निगम के इन प्रस्तावों के परिप्रेक्ष में भीतरी सूत्रों का यह कहना है कि शर्मा को विस्तार देने के लिये ही इस तरह की भूमिका तैयार की गयी है। सैहब सोसायटी में निगम के आयुक्त से लेकर हैल्थ अफसर तक सभी बडे़ अधिकारी उसके संचालन मण्डल के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। मुख्यमन्त्री सोसायटी के चीफ संरक्षक हैं। ऐसे में निगम हाऊस में 31-1-2020 को लाया गया प्रस्ताव इन सब लोगों पर व्यक्तिगत रूप से एक गंभरी टिप्पणी बन जाता है।
Since the inception  of the office of the SEHB Society, the duties and functions of  supervisors/Co-ordinators were not prescribed which has now been done under the guidance of consultants.
साधारणकृत्यकारक समीति के उक्त मद् सख्या 2(3)पर विचार विमर्श उपरान्त समीति द्वारा विभागीय प्रस्तावना को इस आधार पर अनुमोदित किया गया कि श्री एम एल शर्मा  ( Consaltant with SEHB Society) की सर्वीसिज को छः माह क लियेे एक्सटैन्ड किया जाये।
अतः मामला सदन समुख अनुमोदनार्थ प्रस्तुत है।
विचार विमर्श उपरान्त सदन द्वारा उक्त समीति की सिफारिश को अनुमोदित किया गया।














































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