शिमला/शैल। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कौल सिंह ठाकुर, जीएस बाली, विप्लव ठाकुर और चन्द्र कुमार ने एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में जयराम के खिलाफ एक साथ हमला बोलते हुए जलशक्ति तथा स्वास्थ्य विभाग में करोड़ो का घपला होने का आरोप लगाया है। कौल सिंह ठाकुर ने जलशक्ति मन्त्राी मेहन्द्र सिंह ठाकुर के खिलाफ सीधा आरोप लगाते हुए खुलासा किया है कि विभाग में 675 करोड़ बिना कोई टैण्डर प्रक्रिया अपनाते हुए खरीद लिये गये हैं। विभाग में की गयी भर्तीयों पर भी यह आरोप है कि अपने ही चुनाव क्षेत्र के लोगों को रखा गया है। यह भी आरोप है कि महेन्द्र सिंह ने 50 बीघे ज़मीन की खरीद भी की है। महेन्द्र सिंह के खिलाफ लगाये गये इन आरोपों में कितनी मान्यता है यह तो किसी जांच से ही पता चलेगा यदि कारवाई की जाती है तो।
अब तक जिस तरह के मामले सामने आये हैं उनमें महेन्द्र सिंह द्वारा अपने ही क्षेत्रा के लोगों को नौकरी पर रखने के लिये लिखे गये पत्रा रहे हैं। यह पत्रा वायरल भी हो चुके हैं और इन पर किसी तरह का कोई खण्डन भी नही आया है न ही सरकार ने कभी कोई जांच के आदेश दिये हैं। लेकिन अभी हुए विधानसभा के मानसून सत्रा में जिस तरह के सवाल जलशक्ति विभाग को लेकर पूछे गये हैं और उनको लेकर जो जबाव सदन में आये हैं उनसे स्वतः ही इस तरह के सन्देह के संकेत अभर जाते हैं। रेमश धवाला और सुखविन्द्र सुक्खु ने सवाल पूछा था कि प्रदेश में कितने पंप हाऊस का पंपिग तथा लघु मुरम्मत का काम ठेके पर दिया गया है इन कार्यों हेतु कितने कर्मचारियों को ठेकेदारों के माध्यम से रखा गया था। विभाग के अन्दर कितने पंप आपरेटर फिटरज़ और मल्टी पर्पज वर्करज शिमला क्लीनवेज कंपनी के माध्यम से रखे गये हैं। इनका पूरा ब्योरा मांगा गया था और सरकार ने जबाव दिया है कि सूचना एकत्रित की जा रहा है। फिर रेमश धवाला और राकेश सिंघा का प्रश्न था कि गत वर्ष से 31-8- 2020 कितने कर्मचारियों को जलशक्ति विभाग में आॅऊट सोर्स के माध्यम से रखा गया। किस कंपनी के माध्यम से और कितना-कितना वेतन दिया जाता है और इनको नियमित करने की कोई योजना है। इस सवाल का जवाब भी सूचना एकत्रित की जा रही है दिया गया। इसी तरह एक सवाल था कि 31 -7-2020 तक प्रदेश में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत कितनी निविदायें स्वीकृत हुई। धवाला ने इसमें पूरा ब्योरा मांगा था लेकिन इसमें भी जवाब सूचना एकत्रित की जा रही है ही आया।
विभाग के खिलाफ बड़ा आरोप बिना टैण्डर के 675 करोड़ के पाईप खरीदने और अपने ही क्षेत्रा के लोगों को नौकरी देने के लगे हैं। इस आश्य के जो सवाल पूछे गये उनमें सूचना एकत्रित की जा रही है कहकर टालने का प्रयास किया गया है। सामान्यतः ऐसा प्रयास सदन में संबन्धित विषय पर विस्तृत बहस से बचने के लिये किया जाता है। क्योंकि बाद में किसी समय ऐसे सवालों की निश्चित सूचना सदन में रख दी जाती है और उस पर कोई बहस नही हो पाती है। अन्यथा हर प्रश्न के लिये इतना पर्याप्त समय रहता है कि विभाग आसानी से सूचना एकत्रित कर सकता है। इसी तरह ज़मीन खरीद के भी जो आरोप कौल सिंह ठाकुर ने लगाये हैं उन्हे भी पिछले दिनों सरवीण चैधरी पर मनकोटिया द्वारा लगाये गये आरोपों पर आयी सरवीण की ही प्रतिक्रियाओं से बल मिल जाता है। ऐसे में जयराम के लिये अपनी सरकार और अपने मन्त्राीयों का बचाव करना एक बड़ी चुनौती बन जायेगा।