Friday, 19 September 2025
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मण्डी के नाचन में ठाकुर जयराम के दलित मन्त्री को नही मिली मन्दिर प्रवेश की अनुमति

शिमला/शैल। हिमाचल प्रदेश के मन्त्री डाॅ राजीव सैजल को मण्डी के नाचन के एक मन्दिर में प्रवेश नही करने दिया गया है। मन्त्री को मन्दिर में प्रवेश करने से प्रबन्धकों और कारदारों ने रोका है। राजीव सैजल स्वयं सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता मन्त्री तथा दलित समाज से आते हैं। मण्डी मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है और  उन्ही के जिलें में उन्ही के मन्त्री को मन्दिर में प्रवेश नही करने दिया गया है। मण्डी में ही पिछले  दिनों एक मन्दिर के प्रबन्धकों और कारदारों ने एक महिला के साथ दुव्र्यवहार किया था जिसका उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दोषीयों के खिलाफ कड़ी कारवाई के निर्देश दिये थे। इन्ही निर्देशों के परिणामस्वरूप पुलिस हरकत में आयी और दोषीयों  को हिरासत में लिया गया। लेकिन यह सब होने के बावजूद भी जब सरकार के मन्त्री को दलित होने के नाते मन्दिर में प्रवेश की अनुमति नही दी गया तो इससे पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो जाते हैं।
मन्त्री ने अपने साथ हुए इस व्यवहार की जानकारी  प्रदेश विधानसभा के एक दिन के लिये बलाये गये विशेष सत्र के दौरान स्वयं सदन में रखी है। मन्त्री द्वारा इस घटना की जानकारी सदन में रखने के बाबजूद सरकार द्वारा इस संबंध में कोई कारवाई करने के प्रयास सामने नही आये हंै। प्रदेश के दलित समाज में इस व्यवहार को लेकर रोष देखने को मिला है। दलित समाज  के सक्रिय कार्यकर्ता कर्म चन्द भाटिया ने इस संबंध में प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीष को पत्र लिख कर उचित कारवाई की मांग की है। भाटिया ने आरोप लगाया है सरकार के दबाव के चलते पुलिस ऐसे मामलों में प्रकरण तक दर्ज नही कर पाती है। पूर्व में दलित उत्पीड़न के कई मामलों में पुलिस की कारवाई सवालों के घेरे में रही है। ऐसे में अब सरकार के मन्त्री के साथ ही हुए इस व्यवहार के बाद पूरे प्रदेश की निगाहें सरकार के रूख और पुलिस की कारवाई पर लग गयी हैं।

दलित कार्यकर्ता भाटिया ने उच्च न्यायालय को लिखा पत्र

सेवा में,
                   सम्मानीय मुख्य न्यायाधीश ,

                  हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय,

                 शिमला हिमाचल प्रदेश,


बिषय:- हिमाचल प्रदेश के समाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्री श्री राजीव सैहजल को अपने ही प्रदेश के मंडी जिला के तहत नाचन विधानसभा क्षेत्र के एक प्रसिद्ध मंदिर में मंदिर प्रबंधन व कारदारों द्वारा प्रवेश नहीं देने को लेकर,प्रदेश के बुलाए गए दिनांक 07/01/2020 मंगलवार को विशेष विधानसभा सत्र में मंत्री द्वारा दिए गए बयान मामले को उजागर करने को लेकर न्यायाधीश गण पीठ से समाज जन हित जातीय हित व समानता समतामूलक समाज हित में हस्तक्षेप एवं असंवैधानिक कृत्य को लेकर उचित कानूनी न्याय संगत कारवाई का आग्रह।     
   मान्यवर जी,        
             सामाजिक कार्यकर्ता माननीय उच्च न्यायालय एवं एवं न्यायाधीश गण पीठ का ध्यान इस गंभीर संवेदनशील विषय की ओर दिलवाना चाहता है। इस पत्र से पहले भी प्राथी समाज हित के मामलों को लेकर कई मर्तबा समय-समय पर लिख पत्र लिख न्यायलय को भेजता रहा है,जिन पर न्यायलय ने न्याय प्रदान किया है जिसके लिए मैं न्यायालय का तहे दिल से आभारी हूं।
      यह की हिमाचल प्रदेश के समाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्री राजीव सैहजल जी ने प्रदेश सरकार के द्वारा दिनांक 07/01/2020 को बुलाऐ गए विशेष विधानसभा सत्र मे अपनी आप बीती बात रखी,विधानसभा का ध्यान दिलवाया की मैं मंत्री हिमाचल के मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनोद कुमार के साथ नाचन विधानसभा क्षेत्र के एक प्रसिद्ध मंदिर में गया लेकिन मुझे मंत्री को मंदिर प्रबंधन व मंदिर का कारदारों द्वारा प्रवेश ही नहीं दिया गया क्योंकि मंत्री राजीव सैजल अनुसूचित जाति वर्ग से सबंध रखते हैं। मंत्री जी का यह बयान विधानसभा के रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है और प्रदेश के दिनांक08/01/2020 के  सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है।
इस प्रकरण का प्रभाव समस्त अनुसूचित जाति समाज के लोगों पर गहरे रूप से पड़ा है।  
      उच्च न्यायालय उच्च न्यायालय एवं न्यायधीश गण पीठ के समक्ष लाना चाहता हूं कि अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित मंत्री श्री राजीव सैजल श्री विनोद कुमार विधायक के साथ ही जब जाति आधार पर मंदिर प्रबंधन व मंदिर कार द्वारा द्वारा इस तरह का बर्ताव किया गया तो अन्य अनुसूचित जाति समाज के लोगों के साथ किस तरह का अमानवीय अपमानजनक जातीय व्यवहार किया जाता होगा। इस घटनाक्रम से अनुमान लगाया जा सकता है कि संवैधानिक व्यवस्था के आधुनिकता युग में मंदिर प्रबंधन व मंदिर के कारदारों देव समाज के लोगों द्वारा किस तरह  देवी देवताओं के नाम इनकी आड़ में अनुसूचित जाति वर्गों इस समाज के लोगों के लिए कैसी व्यवस्थाएं मनगढ़ंत प्रथाएं जातिय आधार थौंपी गई परंपराएं कायम की गईं हैं। ऐसी परंपराऐं हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी दूरदराज के सभी क्षेत्रों में आज भी कायम है जो कि समानता समतामूलक सभ्य समाज की स्थापना के लिए गंभीर चिंता का विषय है,जातीय आधार पर इस तरह की भेदभाव छुआछूत पर आधारित कार्यवाही मामला है जो कि समाज के लोगों उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा अपमानित करता मनोबल को बुरी तरह प्रभावित करता है समाजिक प्रशासनिक धार्मिक आपसी भाईचारा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है ऐसी ऐसी असंवैधानिक कार्रवाई को लेकर बिशेष अनुसूचित जाति बर्गों को निशाने पर रख अपमानित करने को लेकर भी बढ़ावा नहीं दिया जा सकता ऐसी घटनाओं के सामने आना बहुत ही पीड़ादायक हैं।यह कि जब मंत्री महोदय से ये घटनाक्रम घटित हुआ तो उनके साथ जो सरकारी प्रशासनिक प्रदेश व जिला स्तर के आलाधिकारी रहे,उन्होंने क्यों नहीं उस वक्त तुरंत कारवाई की और मंत्री राजीव सैहजल ने एफआईआर आरोपियों के खिलाफ दर्ज करवाई।
              यह कि माननीय उच्च न्यायालय एवं  न्यायाधीशगण पीठ से से आग्रह है कि हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थलों में मंदिरों मे मनमाने कायदे कानून नियम मंदिर कारदारों द्वारा देव समाज के लोगों मंदिर प्रबंधन मंदिर कारदारों द्वारा थौंप मंदिर प्रवेश पर लगाई गई रोक की अनुसूचित जाति के लोगों के प्रवेश से देवी देवता नाराज हो कर आक्रोश मे आ जाता और खोट दोष लगता है।इस बारे भी कार्रवाई करने को लेकर आशा करते हैं राज्य सरकार के हस्तक्षेप के चलते मामले दबाव के चलते दर्ज ही नहीं किए जाते हैं।
 
अत:- माननीय माननीय उच्च न्यायालय एवं मंत्री एवं विधायक विनोद कुमार सहित अन्य स्तरों के सभी मामलों में उचित न्याय संगत कार्रवाई का विनम्र आग्रह करते हैं।
       इस आश्य से सबंधित समाचार पत्र के मूल पत्र की फोटो स्टेट प्रति सलंग्न पत्र है।।
         दिनांक  /01/2020    

                           सेवक

                     करम चंद भाटिया,
          सामाजिक कार्यकर्ता,नजदीक जिलाधीश कार्यालय लोअर बाजार शिमला,पिन171001,हिमाचल प्रदेश।


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