शिमला । प्रदेश मंत्रीमंडल में एक अरसे से फेरबदल की अटकलें खबरें बनती आ रही है। लेकिन कुछ देर तक अटकलों को चलने देने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इन खबरों को खारिज करते रहे हैं। वैसे अब तक फेरबदल हुआ भी नहीं है । अब 2017 में प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने ही हैं। वैसे तो नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी कई बार प्रदेश में समय से पहले ही चुनाव हो जाने, सरकार के गिर जाने का भविष्य कथन कर चुके हैं जो अब तक तो फलित नहीं हो पाये हैं। पर यह कोई नही कह सकता कि कब उनके मुख में देवी सरस्वती का वास हो जाये और उनका कथन सत्य सिद्ध हो जाये।
लेकिन अब मुख्यमंन्त्री के बेटे और प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने मन्त्रीमण्डल में फेरबदल करके उसमें युवा चेहरों को शामिल करने की बात करके पूरे राजनीतिक परिदृश्य को ही बदल कर रख दिया है। उन्होने साफ कहा है कि युवा कांग्रेस विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगी। उनकी बात में दम नजर आ रहा है क्योंकि युवा कांग्रेस के अध्यक्ष होने के साथ-साथ मुख्यमन्त्री का सपुत्रा होने के नाते उनकी ताकत दोगुनी हो जाती है। फिर अगला समय तो वैसे ही युवाओं का है।
परन्तु कुछ हल्कों में यह चर्चा चल पड़ी है कि पिछले कुछ दिनों से जब से परिवार सी.बी.आई. और ई.डी.की जांच के घेरे में चल रहा है तब से वह स्वयं भी इस चक्की का एक हिस्सा बन गये हैं। फिर यह हर घर की स्वभाविक कहानी है कि अक्सर ही घर के बडोें के हर परेशानी वाले मामलों में आसानी से छोटों पर दोषारोपण शुरू कर दिया जाता है। भले ही किसी नुकसान में घर के बच्चों और औरतों की कोई भूमिका न रही हो परन्तु चर्चा उन तक पहुचां दी जाती है। यहां भी इस बड़े घर की खबर रखने वाले इसके बच्चों और औरतों को कोसने लग पडे़ है।
अब जब कोई अनचाहे ही ऐसी चर्चाओं का पात्रा बना दिया और उसके सिर पर ताज भी हो तो उसे ताज और चर्चाओं दोनो को संभालने के लिये कोई बड़ी ही लकीर खींचनी पडे़गी। कहते हैं कि विक्रमादित्य ने भी यह ब्यान देकर यही बड़ी लकीर खीचने का प्रयास किया है। क्योंकि विधायकों के रिपोर्ट कार्ड रखने का जो काम मुख्यमन्त्री या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को करना चाहिये था उस काम को जब युवा कांग्रेस का अध्यक्ष अंजाम देने की बात करेगा तो निश्चित तौर पर यही पूछा जायेगा कि अब किसकी चलेगी बाप की या बेटे की।