दरअसल, पिछले दिनों एक छापे के दौरान केजरीवाल सरकार के मंत्री और पुलिस के बीच विवाद के बाद पुलिस और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। केजरीवाल आरोपी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि मंत्री सोमनाथ भारती ने उनके काम में हस्तक्षेप किया।
मंत्रियों द्वारा की गयी शिकायतों पर पुलिस कर्मियों द्वारा कोई एक्शन न लिए जाने पर केजरीवाल सरकार ने उन पुलिस कर्मियों के निलंबन की मांग भी की है। हालंकि गृहमंत्रालय ने कह दिया है कि जांच के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. इसके जवाब में केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ मिलकर गृहमंत्रालय की ओर धरना देने के लिए बढे लेकिन धारा-144 लागू होने की वजह से केजरीवाल को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ जाने से रोका गया। केजरीवाल और उनके मंत्री कार से नीचे उतर गए और उन्होंने रेल भवन के बाहर प्रदर्शन शुरू किया और फिर वहीँ धरने पर बैठ गए.
दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को रेल भवन से हटकर जंतर-मंतर पर धरना करने की गुजारिश की. लेकिन केजरीवाल ने इनकार करते हुए कहा कि वो रेल भवन से सरकार भी चलाएंगे और आन्दोलन भी करेंगे. उन्होंने कहा, ‘यह दिल्ली है, दिल्ली का मुख्यामंत्री तय करेगा कि उसे कहाँ बैठना है. शिंदे तय नहीं करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने पहले लोगों को प्रदर्शन में हमारे साथ न आने की ट्विट किया था। अब हम आपसे इसमें शामिल होने का आह्वान करते हैं। मैं ईमानदार पुलिसकर्मियों को छुट्टी लेकर हमारा साथ देने और न्याय के लिए लड़ने की अपील कर रहा हूं।'
केजरीवाल ने कहा, 'हां, मैं एक अराजकतावादी हूं और मैं इस अराजकता को गृह मंत्रालय तक ले जाऊंगा। जांच काफी नहीं है, दिल्ली पुलिस को जवाबदेह होना होगा।'
दिल्ली पुलिस ने संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के आसपास धारा 144 लागू कर रखी है। धारा 144 इन इलाकों में 19 से लेकर 22 जनवरी तक के लिए लगाई गई है। पुलिस की दलील है कि ऐसा गणतंत्र दिवस की परेड को ध्यान में रखते हुए किया गया है। हालांकि कुछ लोग इसे केजरीवाल की ओर से धरने पर बैठने के ऐलान से भी जोड़कर देख रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर मेट्रो ने संसद भवन के आसपास के चार मेट्रो स्टेशनों को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक के लिए बंद रखने का फैसला लिया।
दिल्ली पुलिस और केजरीवाल सरकार के बीच विवाद के कारण-
1. दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन इलाके में दिल्ली सरकार के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने छापे मारे. और दिल्ली पुलिस को आरोपियों पर कार्यवाही के लिए कहा। लेकिन दिल्ली सरकार का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिल्ली सरकार के मंत्री उनके काम में दखलअंदाजी कर रहे हैं।
2. इस मामले के अलावा डेनमार्क की एक महिला से बलात्कार और सागरपुर इलाके में कथित रूप से एक महिला को जलाने के मामले में भी दिल्ली सरकार उचित पुलिसिया कार्रवाई की मांग कर रही है। लेकिन पुलिस को सख्त कार्यवाही अभी तक नहीं कर पायी है.
अब यह देखना है कि केजरीवाल और दिल्ली सरकार के बीच का यह विवाद कब ओर कैसे उलझेगा.