पथिक संवाददाता
मुंबई, 1 जनवरी : दिल्ली सरकार की तर्ज पर मुंबईवासियों को भी मुफ्त पानी और सस्ती बिजली दिए जाने की चर्चा गरमाने लगी है. कुछ सामाजिक संगठनों ने यह मांग उठानी शुरु कर दी है कि जब दिल्ली की सरकार मुफ्त में जल और सस्ती बिजली दे सकती है तो यह सेवा मुंबईवासियों को क्यों नहीं मिल सकती. दिल्ली में जलकी आपूर्ति हरयाणा और उत्तर प्रदेश से होता है. वह जल के लिए दूसरे राज्यों पर आश्रित है. जब वहा ंपर मुफ्त पानी दिया जा सकता है तो मुंबई में यह सेवा आसानी से मुंबई महानगरपालिका दे सकती है. तर्क यह दिया जा रहा है कि मुंबई देश का सबसे ज्यादा राजस्व देनेवाला क्षेत्र हैं. देश की आर्थिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र है. इसे दूसरे राज्य से जल नहीं लेना पड़ता फिर भी यहां जल आपूर्ति सेवा महंगी है. इस पर विचार करने की जरुरत है कि मुंबई महानगरपालिका या राज्य सरकार मुंबईकरों को पीने का पानी मुफ्त क्यों नहीं दे सकती. उसी तरह बिजली की आपूर्ति की सस्ती किए जाने की सिफारिश कुछ गणमान्य नागरिक करने लगे हैं.
मॉर्निंग वॉक के दौरान या रेलवे या बसों में यात्रा के दौरान नागरिकों में इस बात की चर्चा है कि मुंबईकरों को पीने का पानी मुफ्त और बिजली सस्ती मिलनी चाहिए. मुंबई को दिल्ली का अनुकरण कर राज्य के नागरिकों को सुविधाएं दी जानी चाहिए. संभवत: कुछ नागरिक संगठन महानगर पालिका और राज्य सरकार से इस बात पर गौर करने के लिए निवेदन कर सकते हैं.
खबर है कि आम आदमी पार्टी भी इस दिशा में प्रशासन का ध्यान खींचने की तैयारी कर रही है. अगर यह मु ा मुंबई महानगर में गरमाया तो अगला लोकसभा चुनाव का परिणाम राजनीतकि दलों की नींद हराम कर सकता है.