Friday, 19 September 2025
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चन्देल के कांग्रेस में आने से फिर बदले सियासी समीकरण

शिमला/शैल। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और तीन बार हमीरपुर से सांसद रह चुके सुरेश चन्देल कांग्रेस में शामिल हो गये हैं। लम्बे अरसे से चन्देल के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही थी। बल्कि एक स्टेज पर तो उन्हे कांग्रेस द्वारा हमीरपुर से प्रत्याशी बनाये जाने की भी पूरी संभावना बन गयी थी। लेकिन तब मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर, पार्टी अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती ने उनसे बैठक करके इस स्थिति को रोक लिया था। बल्कि उसी दौरान चन्देल की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह से भी भेंट हुई और उनके भाजपा से बाहर जाने की सारी संभावनाओं पर विराम लग गया। कांग्रेस ने हमीरपुर से रामलाल ठाकुर को उम्मीदवार भी बना दिया। यह सब हो जाने के बाद चन्देल के कुछ समर्थकों ने उनको आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का सुझाव दिया। इस सुझाव पर चन्देल का यह ब्यान आया कि वह शीघ्र ही फैसला लेंगे कि उनका अगला कदम क्या होगा। वह भाजपा में रहेंगे या कांग्रेस में या निर्दलीय होकर चुनाव लड़ेंगे। चन्देल के इस ब्यान के बाद मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर फिर उनसे बिलासपुर मिलने गये। चन्देल के अतिरिक्त जयराम भाजपा से नाराज चल रहे पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रिखी राम कौंडल से मिले। लेकिन इस मुलाकात का क्या परिणाम रहा इस पर बहुत कुछ बाहर नही आया। 
अब जब मुख्यमन्त्री की मुलाकात के बाद सुरेश चन्देल विधिवत कांग्रेस में शामिल हो गये हैं तो स्वभाविक है कि इस शामिल होने के राजनीतिक अर्थ एकदम बदल जाते हैं और महत्वपूर्ण भी हो जाते हैं। चन्देल तीन बार हमीरपुर से सांसद रह चुके हैं इस नाते उनका अपना एक जनाधार पूरे क्षेत्र में आज भी है। वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे चुके हैं इस नाते पार्टी के बहुत सारे कार्यकर्ता और पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भी लाभान्वित रहे होंगे इसलिये आज चन्देल के जाने से भाजपा को एक झटका लगा है इसे झुठलाया नही जा सकता। फिर आज कांग्रेस न तो प्रदेश में सत्ता में है और न ही केन्द्र मे इसलिये यह आरोप नही लग पायेगा कि चन्देल किसी निजि स्वार्थ के लिये कांग्रेस में शामिल हुए हैं। आज यही माना जायेगा कि वैचारिक मतभेद और व्यापक जनहित को सामने रखकर ही चन्देल ने भाजपा को अलविदा कहा है। फिर चन्देल तीन बार सांसद रह चुके हैं इस नाते उनके राष्ट्रीय स्तर पर कुछ शीर्ष लोगों से अच्छे रिश्ते आज भी होंगे और इन रिश्तो के कारण उनके पास उसी स्तर की सूचनाएं भी रही होंगी। बहुत संभव है कि इन सूचनाओं से प्रभावित होकर ही चन्देल ने यह फैैसला लिया हो क्योंकि अभी पिछले दिनों ही शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई नेता भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। पूर्व मन्त्री यशवन्त सिन्हा और अरूण शोरी जैसे नेता राफेल मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हैं। आज 2014 के मुकाबले राजनीतिक हालात बदल चुके हैं तब कांग्रेस छोड़कर लोग भाजपा में जा रहे थे और आज भाजपा से भी लोग बाहर जाने लग पड़े हैं। वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी, डा. मुरली मनोहर जोशी और शान्ता कुमार जैसे नेता अपनी पीड़ा जग जाहिर कर चुके हैं। डा. मुरली मनोहर जोशी के नाम से तो एक पत्र भी सोशल मीडिया की चर्चा का विषय रह चुका है। फिर अभी कुछ विदेशी ऐजैन्सीयों CIA,KGB और MOSAD के नाम से भारत के चुनावों पर एक सर्वे बीबीसी के हवाले से आया है। इसमें दावा किया गया है कि एनडीए की अधिक से अधिक 158 और कम से कम 95 सीटें आयेंगी। यूपीए की अधिक से अधिक 327 और कम से कम 225 सीटें आने का आकलन किया गया है। स्वभाविक है कि इस तरह आंकलनों का अपनी ही तरह का एक प्रभाव रहता हैं बहुत लोग इस तरह के आकलनों से प्रभावित होते हैं बहुत संभव है कि सुरेश चन्देल के फैसले के पीछे भी इस तरह की सूचनाओं की एक मुख्य भूमिका रही हो। 
यह तय है कि सुरेश चन्देल के जाने से भाजपा के सारे समीकरणों में बदलाव आयेगा और इसका असर प्रदेश की चारों सीटों पर पड़ेगा।

अब सी आई ए, के जी बी और मोसाद का सर्वे चर्चा में
"BJP will loose seats and Congress led UPA will win 2019 Lok Sabha polls says CIA, KGB & MOSAD Survey..."
"BJP led NDA-Worst possible Performance" = 95 Seats.
"BJP led NDA Best possible Performance" = 158 Seats
"Congress led UPA-worst possible performance" = 225 Seats.
"Congress led UPA-Best possible performance" = 327 Seats.
"Prime Minister Narendra Modi is loosing his popularity day by day in the country today. Main opposition party President Rahul Gandhi is emerging as most popular leader amongst people of India, especially after his pre poll announcement of a scheme which will ensure 250 million Indians would get 12000 Indian Rupees approximately equivalent to 150 British Pound per month."
https://www.bbc.co.uk/news

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