ऊना टर्मिनल पर 507 करोड़ रुपए का निवेश

Created on Tuesday, 26 June 2018 10:59
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। हिमाचल प्रदेश में, इंडियनऑयल के कुल्लू और परवानू में 2 डिपो और उना तथा बद्दी में 2 एलपीजी बोटलिंग प्लांट हैं जिसके माध्यम से राज्य की एलपीजी आवश्यकता पूरी की जा रही है। इंडियनऑयल में शिमला और कुल्लू में 2 विमान ईंधन स्टेशन भी हैं, जिसमें शिमला को उडान (UDAN) योजना के तहत सेवित किया जा रहा है।
एलपीजी-राज्य में सभी तेल विपणन कंपनियों के तहत कुल 174 एलपीजी वितरकों में से इंडियनऑयल के पास 133 एलपीजी वितरकों का नेटवर्क है। आज की तारीख तक 15.40 लाख एलपीजी कनेक्शन सक्रिय हैं, जिसमें अकेले इंडियनऑयल के पास 12.04 लाख कनेक्शन हैं। हिमाचल प्रदेश के सभी 12 ज़िलों में कॉर्पोरेशन की मौजूदगी के साथ इंडियनऑयल का घरेलू एलपीजी का बाजार हिस्सा 77.50% है।
राज्य में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत कुल 56,371 कनेक्शन जारी किए गए थे, इंडियनऑयल ने 29,736 के कनेक्शनों का एक बड़ा हिस्सा प्रदान किया।
विस्तारित पीएमयूवाई योजना के तहत अधिक से अधिक ग्राहकों को पंजीकृत करने के लिए, वितरक केवाईसी एकत्र करने और नए कनेक्शन जारी करने के लिए विभिन्न गांवों में शिविर (एलपीजी पंचायत) आयोजित कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के आंतरिक और ग्रामीण इलाकों में नई एलपीजी वितरकताओं की स्थापना के लिए 46 नई लोकेशनों (35 डीकेवी और 11 ग्रामीण वितरक) को पिछले साल अगस्त 2017 में विज्ञापित किया गया था और कमीशन की प्रक्रिया चल रही है। आज की तारीख तक नई एलपीजी वितरकताओं की स्थापना के लिए 11 आशयपत्र जारी किए गए हैं। अगस्त 2017 में विज्ञापित वितरकताएं मार्च 2019 के अंत तक काम करने लगेंगी।
पिछले दो वर्षों में आईओसी द्वारा दो एलपीजी वितरकताएं शुरू की गई हैं, एक रामपुर, ज़िला शिमला और दूसरी ज़िला सिरमौर में पांवटा साहिब में। इन दोनों वितरकताओं को 2016-17 में कमीशन किया गया था।
14 अप्रैल-05 मई 2018 से हिमाचल प्रदेश में आयोजित ग्राम स्वराज अभियान के दौरान, 20 अप्रैल 2018 को उज्ज्वला दिवस मनाया गया था, जिसके तहत राज्य में लगभग 151 एलपीजी पंचायतें आयोजित की गयी थी और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 6000 से अधिक कनेक्शन वितरित किए गए थे। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश के शॉर्टलिस्ट किए गए 93 गांवों को धुआं रहित गांव घोषित किया गया।
सभी तेल विपणन कंपनियों के संयुक्त प्रयासों के कारण, पिछले एक साल में एचपी का एलपीजी प्रवेश प्रतिशत 92.5% से बढ़कर 95.3% हो गया है। 91ः से अधिक एलपीजी कनेक्शन आधार संख्या के साथ जुड़ गए हैं। दूरदराज़ के इलाकों में पहुंचः किन्नौर और लाहौल स्पीति के जनजातीय जिलों में ज़्यादातर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा आपूर्ति की जाती है और हमारे पास हिमाचल प्रदेश के सभी दूरदराज़ के इलाकों जैसे ज़िला चंबा में किलार, ज़िला शिमला में किटरवारी, ज़िला लाहौल और स्पीति में काज़ा और कीलोंग और ज़िला किन्नौर में रारंग खास में हमारी वितरकताएं हैं। ये स्थान सर्दियों के महीनों के दौरान कटे रहते हैं और सिलेंडर राज्य सरकार आदिवासी योजना के अनुसार मई से अक्टूबर तक गर्मी की अवधि के दौरान अग्रिम रूप से भंडार में रखे जाते हैं। की सूची तक प्रमुख स्थानों जैसे काज़ा, किलार और कीलोंग जैसी मुख्य लोकेशनों पर 65,000 सिलेंडरों की इन्वेंटरी स्टॉक में रखी जाती है
हिमाचल प्रदेश में पीओएल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य में कुल 419 खुदरा बिक्री केन्द्रों का नेटवर्क है, जिसमें से इंडियनऑयल की 55ः से अधिक की बाज़ार हिस्सेदारी के साथ 49 किसान सेवा केन्द्रों सहित 233 खुदरा बिक्री केन्द्र हैं।
ईंधन वितरण की पारदर्शिता और आश्वासन मात्र सुनिश्चित करने के लिए, कॉर्पोरेशन ने पूरे देश में खुदरा स्वचलन का एक बड़ा अभियान शुरू किया है। हिमाचल प्रदेश में, इंडियनऑयल ने अपने आरओ आउटलेट्स में से 144 को पहले से ही स्वचलित कर दिया है और साल के अंत तक शेष आउटलेट स्वचलित करने की योजना।
राज्य में सौर ऊर्जा की क्षमता का उपयोग करने के लिए, इंडियनऑयल ने पहले ही 61 खुदरा दुकानों को सौरकरण किया है और अगले 30 दिनों में 44 और खुदरा बिक्री केन्द्र को सौरकृत करने की योजना है। शेष खुदरा बिक्री केन्द्रों का चालू वित्त वर्ष में सौरकरण किया जाएगा।
ईईएसएल के साथ इंडियनऑयल के समझौता ज्ञापन के तहत, इंडियनऑयल ने हिमाचल प्रदेश में हमारे 32 खुदरा बिक्री केन्द्रों से एलईडी बल्ब/टयूब और पंखों जैसे ऊर्जा कुशल उपकरणों की बिक्री शुरू कर दी है।
इंडियनऑयल के केलोंग और काज़ा स्थित दो खुदरा बिक्री केन्द्र हैं जो स्थानीय आबादी और ज़िला लाहौल व स्पीति के दुर्गम क्षेत्र, जो लगभग आधा साल बर्फ से घिरा रहता है, में आने वाले पर्यटकों की ज़रूरतों को पूरा करता है। इनमें से एक काज़ा में स्थित खुदरा बिक्री केन्द्र विश्व में सबसे ऊंचा खुदरा बिक्री केन्द्र है जो 12,270 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
ऊना टर्मिनल-लगभग 507 करोड़ रुपए के निवेश के साथ स्थापित किया जा रहा अत्याधुनिक टर्मिनल पेट्रोल, डीज़ल और केरोसिन सहित 87,000 कि ली पेट्रोलियम उत्पादों की संभाल करेगा। कमीशनिंग के बाद टर्मिनल भारतीय रक्षा बलों के लिए लेह और लद्दाख में वार्षिक शीतकालीन ईंधन भंडारण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रणनीतिक भंडारण स्थल बन जाएगा जो हिमाचल प्रदेश राज्य को कई तरीकों से लाभान्वित करेगा।
टर्मिनल हिमाचल प्रदेश की पीओएल आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जिससे राज्य में ईंधन की उपलब्धता में सुधार होगा। टर्मिनल दिसंबर 2018 तक पूरा होकर चालू होने की उम्मीद है।
टर्मिनल कर्मियों और परिवहन चालक दल के लिए हैंडलिंग, लोडिंग और अनलोडिंग के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगा।
इस समय, हिमाचल प्रदेश की ईंधन आवश्यकताओं को अंबाला और जालंधर में कुल्लू और परवानू में रोड फेड डिपुओं के माध्यम से इंडियनऑयल टर्मिनल से पूरा किया जाता है। टर्मिनल, 500 करोड़ रुपए की कुल लागत पर बनाया जा रहा है जो हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
उना बॉटलिंग प्लांट का विस्तार-राज्य में एलपीजी की भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए, 600-600 मेगावॉट के 2 माउंडिड स्टोरेज स्थापित करके उना बॉटलिंग प्लांट की स्टोरेज क्षमता 900 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2100 मीट्रिक टन तक करने का प्रस्ताव है, परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 22 करोड़ रुपये है और 2020 तक इसे चालू करने की उम्मीद है।
पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य के राजकोष में तेल विपणन कंपनियों का योगदान लगभग 332 करोड़ रुपए का रहा है।
सरकार के कुशल मानव शक्ति विकास प्रयास के तहत इंडियनऑयल ने 693 प्रशिक्षु भर्ती किए हैं जिनमें से 13 प्रशिक्षु हिमाचल प्रदेश में तैनात किए गए हैं ताकि उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके जो उन्हें भविष्य में औपचारिक रोज़गार हासिल करने में सहायता करेगा।
कॉर्पोरेशन की सीएसआर नीति के तहत, हिमाचल प्रदेश के लोगों के कल्याण के लिए कई पहलें की गई हैं। इंडियनऑयल ने साफ-सफ़ाई के लिए सुविधाएं विकसित की हैं जैसे मनाली में शौचालय, उना में पेखुबेला गांव, और सोलन के गोएला गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय ब्लॉक का प्रावधान किया है।
कॉर्पोरेशन ने उना ज़िले में चरतगढ़, मंडी मेंताकोली और नागवेन के गांवों में सौर प्रकाश व्यवस्था भी प्रदान की है। इंडियनऑयल ने पंचायत घरों, सामुदायिक हॉल के निर्माण के माध्यम से बुनियादी ढांचे के निर्माण में राज्य की सहायता की है और उना जिले के झुडौवाल गांव में एक लिंक रोड भी मुहैया कराई है।
पिछले दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश के लिए सीएसआर के तहत इंडियनऑयल द्वारा संचयी खर्च 195 लाख से अधिक है। चालू वर्ष में, इंडियनऑयल हिमाचल प्रदेश में 338 लाख रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है।