शिमला/शैल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुक्खु ने एक साक्षातकार में कहा है कि पार्टी प्रदेश में अगला चुनाव सामूहिक नेतृत्व के तहत लड़ेगी। उन्होने यह भी कहा है कि वीरभद्र एक बड़ा चेहरा हैं। लेकिन पार्टी के अन्दर और भी बड़े चेहरे हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव और पंजाब की प्रभारी डलहौजी की विधायक आशा कुमारी ने कहा है कि वीरभद्र सातवीं बार प्रदेश के मुख्य मन्त्री बनेगें। प्रदेश कांग्रेस की वरिष्ठ मंत्री विद्या स्टोक्स तो बहुत अरसेे से वीरभद्र को प्रदेश का अगला मुख्यमन्त्री घोषित कर चुकी है। कांग्रेस के इन नेताओं के ब्यानों में कितना दम है यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन वीरभद्र अभी तक मुख्ंयमत्री पद पर आसीन है यह हकीकत आशा कुमारी, राकेश कालिया, राजेश धर्माणी, जी एस बाली और ठाकुर कौल सिंह जैसे नेता जो एक समय वीरभद्र के विरोधीयों में गिने जाते थे आज यह सब अपने-अपने कारणों से खामोश होकर बैठे चुके हैं। सबकी नजरें सीबीआई और ईडी की जांच रिपोंर्टाें पर अदालत में पेश होने वाले चालानों के परिणामों पर टिकी हुई हैं। यह स्पष्ट है कि देर सवेर यह मामले अदालत में पहुंचकर वीरभद्र परिवार के लिये कठिनाई पेश करेंगे ही। लेकिन यह भविष्य का सवाल है। इसमें कितना वक्त लगेगा। यह भी निश्चित रूप से नही कहा जा सकता। लेकिन इस सबका परिणाम सामने है कि अब वीरभद्र की वकालत में भी मुखर होकर ज्यादा स्वर सामने नही आ रहे हैं।
चुनाव अगले वर्ष दिसम्बर में होने हैं लेकिन जिस ढंग से वीरभद्र प्रदेश का तूफानी दौरा कर रहे हैं और बजटीय संसाधनों की परवाह किये बिना जनता में घोषणाएं करते चले जा रहे हैं उससे समय पूर्व चुनावों की संभावना के भी पूरे संकेत उभर रहे हैं। वीरभद्र के दौरों के कारण ही वीरभद्र के मन्त्री और विधायक भी अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार अभियान में ही जूट गये हैं जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं क्षीण होती जा रही है। ऐसी स्थिति बन गयी है जिसमें यह लग रहा है कि कांग्रेस को अगले चुनावों तक वीरभद्र का नेतृत्व झेलना पड़ेगा।