क्या बाली का पत्र परोक्ष में बागियों के मुद्दों को समर्थन दे गया?
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Created on Tuesday, 23 April 2024 16:22
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Written by Shail Samachar
- पहले स्व. जी.एस.बाली और अब आर.एस.बाली द्वारा रोजगार यात्राएं निकालने से प्रमाणित हो जाता है कि बेरोजगारी प्रदेश का बड़ा मुद्दा है
- बेरोजगारी की ही बात राजेंद्र राणा और दूसरे बागी कर रहे थे
शिमला/शैल। कांग्रेस अभी तक कांगड़ा और हमीरपुर के लोकसभा क्षेत्र तथा छः विधानसभा उपचुनावों के लिये उम्मीदवारों का चयन नहीं कर पायी है। कांगड़ा से नगरोटा-बगवां के विधायक आर.एस.बाली का नाम भी संभावितों के रूप में मीडिया चर्चा में आया और इसी चर्चा को आधार बनाकर बाली ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम एक पत्र लिख दिया। यह पत्र भी मीडिया में चर्चा में आ गया। बाली ने इस पत्र में पार्टी के लिये उनके योगदान का उल्लेख करते हुये अपने स्व. पिता श्री जी.एस.बाली द्वारा 2012 में बेरोजगार यात्रा शुरू करने का जिक्र उठाया है। दावा किया है कि इसी रोजगार यात्रा से कांग्रेस की प्रदेश में सत्ता में वापसी हुई। इसी रोजगार यात्रा को उन्होंने भी शुरू किया दो माह में लम्बी यात्रा करने के बाद नगरोटा-बगवां में एक विशाल चुनावी रैली में इसका समापन हुआ। बाली ने दावा किया है कि जिन-जिन क्षेत्रों से होकर यह यात्रा गुजरी है वहां पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। बाली बेरोजगारी को प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा मानते हैं। बाली के मुताबिक इसीलिए सुक्खू सरकार ने पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। बाली ने अन्य विकास कार्यों के साथ अपने चुनाव क्षेत्र में पांच हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है। क्षेत्र के लोगों ने उन्हें भारी मतों से विजयी बनाकर विधायक बनाया है। इसलिये उनकी पहली प्राथमिकता विधानसभा चुनाव क्षेत्र है। उन्हें कोई और जिम्मेदारी सौंपने के लिये क्षेत्र के लोगों की पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है। बाली के पत्र से स्पष्ट हो जाता है कि वह अपने तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है। एक विधायक के नाते बाली का यह पत्र लिखना एकदम जायज है।
बाली मानते हैं कि प्रदेश में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। सुक्खू सरकार ने पांच लाख को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। बाली ने भी पांच हजार को अपने चुनाव क्षेत्र में रोजगार देने का वायदा किया है। बाली इस समय कैबिनेट रैंक में पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी संभाले हुये हैं। मुख्यमंत्री के विश्वस्तों में गिने जाते हैं। लेकिन बाली यह नहीं बता पाये हैं कि सरकार के पन्द्रह माह के कार्यकाल में वह और सरकार कितना रोजगार दे पाये हैं। जिस बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर स्व. जी.एस.बाली और फिर आर.एस.बाली ने भी रोजगार यात्राएं निकाली तो उसी मुद्दे पर सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा का चिन्ता उठाना और मुख्यमंत्री से सवाल पूछना कैसे गलत हो सकता है। रोजगार को लेकर विधानसभा सूत्रों में जितने भी विधायकों द्वारा सवाल पूछे गये हैं उनके जो भी जवाब दिये गये हैं उससे स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश की जनता के सामने सच्चाई नहीं रखी जा रही है। शैल विधानसभा में आये प्रश्नों और उनके उत्तरों को पहले ही पाठकों के सामने रख चुका है।
बाली कांगड़ा से लोकसभा के उम्मीदवार बनते हैं या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन बाली द्वारा रोजगार के मुद्दे का जिक्र करना और अपने विधान सभा क्षेत्र को प्राथमिकता देना कांग्रेस के बागियों के मुद्दे को समर्थन देना बन जाता है। बाली के पत्र से यह स्पष्ट झलकता है कि वह लोकसभा लड़ने के लिये तैयार नहीं है। क्योंकि सरकार की कथित उपलब्धियां भाषणों में तो गिनाई जा सकती हैं परन्तु व्यवहार में नहीं।
यह है पत्र