शिमला/शैल। शिमला के मिडल बाजार स्थित हिमाचल रसोई रेस्तरां में 18 जुलाई शाम को 7ः00 बजे हुये धमाके की जांच अब एन.एस.जी. के पास पहुंच गयी है। इस धमाके में एक कारोबारी अवनीश सूद की मौत हो गयी थी और 13 लोग जख्मी हुये थे। धमाका इतना जोरदार था कि इसमें मिडल बाजार और माल रोड की 25 दुकानों और घरों के शीशे चटक गये थे। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस के मुताबिक यह धमाका गैस सिलैण्डर के फटने से हुआ है। लेकिन स्थल पर सबसे पहले पहुंचे फायर ऑफिसर ने वहीं से दो सिलैण्डर बाहर निकाल कर रख दिये थे। उसके मुताबिक कोई सिलैण्डर नहीं फटा था। घटनास्थल पर कोई आग भी नहीं लगी थी। परन्तु जब पुलिस अधीक्षक ने ही एक पत्रकार वार्ता में धमाके का कारण सिलैण्डर फटना बताया तो उससे एक भ्रान्ति की स्थिति बन गई। इस धमाके से जिन लोगों के आवास और दुकानें प्रभावित हुई हैं वह भी इसे सिलैण्डर फटना नहीं मान रहे हैं। पुलिस ने धारा 336, 337 और 304 (A) के तहत एफ.आई.आर दर्ज करके धमाके के कारणों की जांच शुरू कर दी है। फॉरैन्सिक टीम ने भी घटनास्थल का दौरा करके मौके से साक्ष्य जुटाकर अपनी जांच शुरू कर दी है। लेकिन अभी कोई रिपोर्ट नहीं आयी है। ऐसे में जब घटनास्थल पर कोई सिलैण्डर न फटने पर भी इसे गैस सिलैण्डर फटना कहा गया तब स्वतः ही एक भ्रांति और सन्देह का वातावरण बन गया। इस सन्देह को दूर करने के लिये स्थानीय विधायक हरीश जनारथा के आग्रह पर मुख्यमंत्री और डी.जी.पी. ने केन्द्र से आग्रह करके एन.एस.जी. को यह जांच सौंपी है। एन.एस.जी. की 16 सदस्यों की जांच टीम ने 5 दिन बाद आकर घटनास्थल का निरीक्षण करके मौके से साक्ष्य जुटाये हैं। एन.एस.जी. ने पुलिस और फॉरैन्सिक टीम से भी मंत्रणा की है। घायलों से मिलकर उनके ब्यान भी लिये हैं। अब एन.एस.जी. की जांच रिपोर्ट आने का इन्तजार है। जब पुलिस और फॉरैन्सिक टीम की भी रिपोर्ट आ जायेगी तब तीनों जांच रिपोर्टों के बाद इस धमाके के कारणों का खुलासा हो पायेगा। लेकिन आम आदमी के मन में उठते सन्देहों के निराकरण के लिये केन्द्रीय टीम का लाया जाना आवश्यक था। इसके लिये विधायक और सरकार के प्रयासों की सराहना की जा रही है।