सुक्खू सरकार ने गारंटियों की ओर बढ़ाया अगला कदम

Created on Monday, 17 April 2023 14:39
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। सुक्खू सरकार ने गारंटियां पूरी करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुये हिमाचल दिवस के अवसर पर काजा में राज्य स्तरीय समारोह में लाहौल स्पीति की नौ हजार पात्र महिलाओं को जून माह से पंद्रह सौ प्रतिमाह देने की घोषणा की है। इससे पहले कर्मचारियों को ओल्ड पैन्शन इसी माह से बहाल कर दी है। नई पैन्शन योजना के तहत कर्मचारियों का जो अंशदान काटा जा रहा था वह इसी के साथ बन्द हो जायेगा और यह हर कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से एक सीधा लाभ मिलना शुरू हो जायेगा। अन्य गारंटीयां भी अपने इसी कार्यकाल में यह सरकार पूरी कर देगी यह भरोसा प्रदेश की जनता को होने लगा है। यह गारंटीयां और विकास के अन्य कार्य पूरे करने के लिये संसाधन कैसे बढ़ाये जायें इस दिशा में भी सकारात्मक व्यवहारिक कदम उठाने शुरू कर दिये गये हैं। इस कड़ी में काजा में ही केन्द्रीय ऊर्जा सचिव से भेंट करके प्रदेश में केंद्रीय एजैन्सियों द्वारा निष्पादित की जा रही जल विद्युत परियोजनाओं में प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़ाकर 40% करने का विषय उठाया है। केंद्रीय स्वामित्व वाली जो परियोजनाएं अपनी लागत वसूल कर चुकी हैं उनमें यदि प्रदेश की हिस्सेदारी कुछ भी बढ़ पाती है तो वह राज्य को सीधा लाभ होगा। केन्द्रीय योजनाओं में हिस्सा बढ़ाने के साथ ही शानन जल विद्युत परियोजना की 100 वर्ष की लीज अवधि अगले वर्ष समाप्त होने पर उसका स्वामित्व भी प्रदेश को सौंपने का मुद्दा भी केन्द्रीय उर्जा सचिव से उठाया गया है। इस परिदृश्य में जिस तरह की वित्तीय स्थिति इस सरकार को विरासत में मिली है उसे सामने रखते हुए इस सरकार को जहां संसाधन बढ़ाने के लिये काम करना होगा वहीं पर कर्ज भार बढ़ाने से भी बचाना होगा। सुक्खू सरकार को 31 मार्च तक ही करीब 5000 करोड़ का कर्ज उठाना पड़ गया है। अब अगले वित्तीय वर्ष के लिये 12000 करोड़ का कर्ज उठाने का प्रयास किया जा रहा है। 12000 करोड़ के कर्ज का आंकड़ा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने एक पत्रकार वार्ता में सामने रखा है। इस प्रस्तावित कर्ज के आंकड़े पर सरकार या कांग्रेस के किसी बड़े पदाधिकारी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। प्रतिक्रिया न आना इस आंकड़े की पुष्टि करता है। यह आंकड़ा उस समय बहुत बड़ा हो जाता है जब जयराम सरकार द्वारा पांच वर्षों में 23800 करोड़ का कर्ज लेने का आंकड़ा बजट सत्र में सदन के पटल पर आ चुका है। सरकार बनने के बाद जिस तरह से कुछ चीजों के दाम/दरें बढ़ायी गयी उनको लेकर जनता में चर्चा चल पड़ी है। यदि यह सरकार कर्ज लेकर और वस्तुओं तथा सेवाओं के दाम बढ़ाकर ही गारंटिया पूरी करने की बात करती है तो यह सरकार और प्रदेश के व्यापक हित में नहीं होगा। क्योंकि इससे महंगाई और बेरोजगारी ही बढ़ेगी जिससे जनता पहले ही परेशान है। संसाधन बढ़ाने के उपाय करने के साथ ही सरकार को अवांछित खर्चों पर लगाम लगानी होगी। इसी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यवहारिक स्तर पर कार्यवाही करनी होगी। जयराम सरकार के खिलाफ भी यह बड़ा आरोप रहा है कि उसने किसी भ्रष्टाचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। अब यह सरकार भी अपने आरोप पत्र अब तक विजिलैन्स को नहीं भेज पायी है। जबकि इसे तो जारी भी चुनाव के दौरान किया गया था।