तीन विधानसभा क्षेत्रों में फैले नगर निगम शिमला को एक ही क्षेत्र में क्यों नही लाया जा सकता

Created on Monday, 17 April 2023 11:39
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। नगर निगम शिमला प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्थानीय निकाय है जो तीन विधानसभा क्षेत्रों शिमला ग्रामीण, कुसुम्पटी और शिमला शहरी में एक साथ फैला हुआ है। शिमला को नगर निगम बनाने और यहां कार्यरत कर्मचारियों को राजधानी भत्ते का पात्र बनाने के लिये इसकी सीमाओं का विस्तार किया गया था। नगर निगम में जो वार्ड शिमला ग्रामीण और कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्रों में शामिल किये गये हैं उनमें आज भी वह सभी सुविधाएं उसी स्तर और अनुपात में उपलब्ध नहीं है जो शिमला शहरी में उपलब्ध हैं। लेकिन भवन निर्माण आदि को लेकर जो नियम शिमला शहरी में लागू है वही इन क्षेत्रों में भी लागू है। कई बार इसको लेकर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन निगम चुनावों में यह विसंगति कभी मुद्दा नहीं बन पायी है। क्योंकि इन वार्डों में से कभी कोई ऐसा नेतृत्व नहीं उभर पाया है जो स्थापित नेतृत्व के लिये चुनौती बन सके। क्योंकि यहां का नेतृत्व विधानसभा चुनाव के समय दो क्षेत्रों में एक साथ बंटकर रह जाता है और कहीं भी प्रभावी राजनीतिक गणना में नहीं आ पाता है। इस वस्तुस्थिति में यह सवाल अब उभरने लगा है कि जब शिमला ग्रामीण और कुसुम्पटी में पड़ने वाले नगर निगम के वार्ड सारी व्यवहारिकताओं के लिये नगर निगम शिमला का हिस्सा है तो फिर इन वार्डों को स्थाई रूप से शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा क्यों नहीं बना दिया जाता है। प्रशासनिक दृष्टि से यह सारे वार्ड एक ही प्रशासनिक इकाई का अंग बन जायेंगे। आज नगर निगम चुनाव में यह निगम का हिस्सा है और विधानसभा चुनाव में शिमला ग्रामीण और कुसुम्पटी का हिस्सा होते हैं। लेकिन विकासात्मक कार्यों के लिए दो जगह एक साथ बंटे होने से कहीं से भी कुछ भी पाने में पिछड़ जाते हैं। इसलिये यह प्रश्न उठ रहा है कि इन्हें शिमला शहरी विधानसभा का हिस्सा बना दिया जाये।