सुक्खू सरकार ने लिया चार हजार करोड़ का कर्ज जयराम का आरोप

Created on Monday, 06 February 2023 19:21
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की ऊना में हुई बैठक में राज्य सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला लिया गया है। यह फैसला सरकार द्वारा अब तक लिये गये फैसलों के खिलाफ जनमत तैयार करने को लेकर लिया गया है। जिसमें कांग्रेस सरकार द्वारा जयराम कार्यकाल के अन्तिम वर्ष में लिये गये फैसलों को पलटना प्रमुख मुद्दा बनाया गया है। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमन्त्री और अब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की ओर से जारी किये प्रेस नोट में कहा गया है कि सुक्खू सरकार की कर्ज लेने की रफ्तार बहुत बढ़ गयी है। प्रेस ब्यान में खुलासा किया गया है कि सुक्खू सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पन्द्रह दिन के भीतर एक हजार करोड़ का कर्ज लिया गया है। इसके बाद जनवरी में पन्द्रह सौ करोड़ और फिर फरवरी में भी पन्द्रह सौ करोड़ का कर्ज लिया गया है। इस तरह यह सरकार अभी तक ही चार हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। जय राम द्वारा जारी इन आंकडों़ का खण्डन सरकार द्वारा नहीं किया जाना इन्हें प्रमाणिक बना देता है। धर्मशाला में हुए पहले विधानसभा सत्र में कैग रिपोर्ट आने के बाद जयराम पर सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले मुख्यन्ंत्री का तमगा चिपका दिया गया था। कैग रिपोर्ट आने के बाद जयराम कार्यकाल पर यह आरोप भी लगाया गया था कि इसने सुक्खू सरकार पर कर्मचारियों की पैन्शन और वेतन भुगतान का ही ग्यारह हजार करोड़ की देनदारी छोड़ी है। जयराम ने भी इन आरोपों का खण्डन नहीं किया है। इसका अर्थ है कि दोनों पार्टियों के यह शीर्ष नेता अपने को जनता के सामने नंगा करके रखने में जुट गए हैं। इसका प्रदेश पर कितना और कैसा असर पड़ेगा यह आने वाले दिनों में सामने आयेगा।
भाजपा की इस कार्यसमिति की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल ने भी सुक्खू सरकार को इन्तजार की सरकार की संज्ञा देते हुये यह दावा किया है कि भाजपा आने वाले दिनों लोकसभा चुनाव में प्रदेश की चारों सीटों पर कब्जा करेगी। धूमल ने तर्क दिया है कि भाजपा के पास जब विधानसभा में केवल सात सीटें थी तब भी लोकसभा की चारों सीटों पर कब्जा किया था तो अब तो भाजपा के पास पच्चीस सीटें हैं। धूमल ने कांग्रेस द्वारा घोषित इस गारन्टियों के पूरा होने के लिये भी इन्तजार करने को कहा है। भाजपा की यह बैठक और इसमें लगाये गये आरोप आने वाले लोकसभा चुनाव के परिपेक्ष में महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इसी अवसर पर मोदी सरकार द्वारा प्रदेश को दी गयी सहायता और विभिन्न योजनाओं का भी लम्बा चौड़ा विवरण जारी किया गया है।
सुक्खू सरकार जयराम कार्यकाल पर वित्तीय कुप्रबंधन और 75000 करोड का कर्ज तथा ग्यारह हजार करोड की वेतन और पैन्शन आदि की देनदारियों छोड़ जाने का जो आरोप लगा रही है उस पर एकदम चुप्पी साधते हुये इस सरकार पर कर्ज लेने की गति बढ़ाने का आरोप लगा देना भाजपा की एक अलग रणनीति का परिचय देती है। इस परिदृश्य में यह देखना रोचक होगा कि सुक्खू सरकार जय राम और धूमल के आरोपों का जवाब किस तर्ज में देती है। क्योंकि ऊना में कार्यसमिति की बैठक का आयोजन कर और उसमें धूमल के यह तेवर सामने आना निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से बहुत अहमियत रखता है। यह सही है कि विधानसभा चुनावों में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है। चुनाव परिणामों के बाद यह माना जाने लगा था कि इस हार की गाज नड्डा, जयराम, अनुराग और सुरेश कश्यप सब पर बराबर गिरेगी। लेकिन जिस तरह से नड्डा, जयराम, अनुराग अपने पद बचाने में सफल रहे हैं उसी तर्ज पर सुरेश कश्यप के भी सुरक्षित रहने की पूरी पूरी संभावना है। यह यथा स्थितियां बहाल रहने से पार्टी के शीर्ष पर जो आपसी खींचतान बढ़ने के कयास लगाये जा रहे थे उन पर विराम लगने से जहां भाजपा की स्थिति सुखद हुई है वहीं पर कांग्रेस के लिये एक बड़ी चुनौती बन सकती है।