शिमला/शैल। आने वाले विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत भाजपा ने सत्रह कमेटीयों का गठन किया है। इन कमेटियों में प्रदेश के सारे वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गयी है। चुनाव दृष्टि पत्र समिति के संयोजक राज्यसभा सांसद प्रो. डॉक्टर सिकन्दर पूर्व कुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को बनाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अतिरिक्त जयराम मन्त्रीमण्डल के आधा दर्जन मन्त्रीयों सहित कुछ पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। इन कमेटीयों में भाजपा के सभी वरिष्ठ सदस्यों को नामित किया गया है। लेकिन इन स़त्रह कमेटीयों से किसी एक में भी सांसद किशन कपूर और इंदु गोस्वामी का नाम शामिल नहीं है। वैसे तो सांसद सुरेश कश्यप का नाम भी इन कमेटीयों में नही है लेकिन कश्यप क्योंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है इसलिए वह स्वतः ही सभी कमेटियों के सदस्य हो जाते हैं। बल्कि वह सभी कमेयटीयों की रिपोर्ट तलब कर सकते हैं।
परन्तु इन कमेटीयों में से किशन कपूर और इन्दु गोस्वामी के नाम गायब होना पार्टी के भीतर बाहर चर्चा का विषय बने हुए हैं। दोनों कांगड़ा से ताल्लुक रखते हैं और कांगड़ा में पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं मानी जा रही है। अब जब कांग्रेस विधायक एवं कार्यकारी अध्यक्ष रहे पवन काजल भाजपा में शामिल हुए तो कांगड़ा भाजपा के उत्साहित होने और काजल का स्वागत करने की बजाये एक तरह के रोष की स्थिति पैदा होना पार्टी हकीकत ब्यान करता है। बल्कि एक समय किश्न कपूर सेे मिलने जब कुछ कार्यकर्ता आ गये थे और उनके आने को पार्टी विरोधी गतिविधि करार देकर कुछ नेताओं ने कपूर की शिकायत तक कर दी थी। आज कपूर का नाम कमेटीयों में न आने से यह पुराने प्रकरण स्वतः ही चर्चित हो उठे हैं।
इसी तर्ज पर इन्दु गोस्वामी ने जब महिला मोर्चा द्वारा आपेक्षित महिला सम्मान सम्मेलन में धूमल को ज्यादा से ज्यादा मतों से जीताने की अपील की तो इस अपील को भी कुछ हल्कों में सहजता से नहीं लिया गया है। बल्कि वह सारे प्रकरण पुनः ताजा हो गये है जब इन्दु गोस्वामी ने अपने पदों से त्यागपत्र तक दे दिया था। यह त्यागपत्र देने के बाद ही वह राज्यसभा सांसद बनी है। नेतृत्व परिवर्तन की परिस्थिति में उनका नाम भी विकल्प के रूप में चर्चा में रहा है। इस परिदृश्य में आज कांगड़ा के इन दोनों सांसदों का नाम किसी भी कमेटी में न होना पार्टी के अन्दर की कहानी ब्यान कर देता है।