दिल्ली-एनसीआर Shail Samachar Newspaper https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-41 2025-09-18T19:44:51+00:00 Joomla! - Open Source Content Management क्या पूर्व सरकार पर उठते सवालों का रूख आक्रामकता से मोड़ा जा सकेगा? 2023-03-06T12:30:36+00:00 2023-03-06T12:30:36+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/2317-2023-03-06-12-30-36 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><ul style="text-align: justify;"> <li><span style="color: #ff0000;"><strong><span style="font-size: medium;">वित्तीय कुप्रबन्धन और कर्ज के चक्रव्यूह में फंसाने के आरोपों पर चुप्पी क्यों</span></strong></span></li> <li><span style="color: #ff0000;"><strong><span style="font-size: medium;">धर्मशाला स्मार्ट सिटी पर अनुराग ठाकुर के सवालों का जवाब कौन देगा?</span></strong></span></li> </ul> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;">शिमला/शैल। प्रदेश भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रभारी अविनाश राय खन्ना और मंत्री सुरेश भारद्वाज सुक्खु सरकार के खिलाफ लगातार आक्रामक होते जा रहे हैं। आक्रामकता के मुद्दे हैं पिछली सरकार के अन्तिम छः माह के फैसलों को पलटना। कुछ ऐसे संस्थानों को भी बन्द कर देना जो इनके मुताबिक क्रियाशील भी हो चुके थे। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इस सरकार को सलाहकार चला रहे हैं। गैर विधायकों को कैबिनेट मंत्रियों का दर्जा दिया जा रहा है। सुरेश भारद्वाज ने तो सुक्खु सरकार की तुलना पाकिस्तान की शहबाज सरकार तक से कर डाली है। मुख्य संसदीय सचिवों के पदों को असंवैधानिक करार दे दिया है लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा उच्च न्यायालय में अभी तक नहीं गयी है। इससे यह इंगित होता है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये इन मुद्दों के सहारे अपनी आक्रामकता को धार देने का प्रयास कर रही है। वैसे यह भाजपा का राजनीतिक धर्म भी है। बल्कि इस आक्रामकता पर यह भी कहा जा रहा है कि जयराम नेता प्रतिपक्ष की भूमिका जितने अच्छे से निभा रहे हैं यदि सरकार चालाने में इससे आधी ईमानदारी भी दिखाई होती तो स्थितियां बहुत सुखद होती। कांग्रेस और सुक्खु सरकार भाजपा के आरोप का क्या जवाब देती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। यह सही है कि हर सरकार में सलाहकार प्रभावी हो ही जाते हैं। कुछ तो इतने बड़े सत्ता केंद्र हो जाते हैं कि सरकार के बड़े-बड़े अधिकारी इन केंद्रों के चरण स्पर्श करने लग जाते हैं। बल्कि सरकार से पहले इनसे फाइलों पर विमर्श लेने लग जाते हैं। जयराम सरकार भी इस दोष से मुक्त नहीं थी। बल्कि जनवरी 2018 में ही इससे ग्रसित होकर कार्यकाल के अन्तिम दिन तक इस ग्रहण से बाहर नहीं निकल पायी। इसी परिदृश्य में अभी पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने धर्मशाला में दिशा की बैठक में जिला प्रशासन को जो कुछ सुनाया है वह सही में सुरेश भारद्वाज और जयराम के आरोपों का सीधा जवाब हो जाता है। भारद्वाज जयराम सरकार में शहरी विकास मंत्री थे। शिमला और धर्मशाला की स्मार्ट सिटी परियोजनाएं उनके अधीन थी। धर्मशाला स्मार्ट सिटी के काम की गति को लेकर जो टिप्पणीयां अनुराग ठाकुर ने की है वह पूर्व सरकार और पूर्व मंत्री की कार्यप्रणाली पर बहुत गंभीर सवाल खड़े कर जाती है। जिस सरकार में परियोजना की डी.पी.आर. काम करने वाली ठेकेदार कंपनी से ही तैयार करवाई जाये उसमें सहज अन्दाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार ने डी.पी.आर. तैयार करते हुए सरकार या अपना किसका ज्यादा ध्यान रखा होगा और ऐसा कब किया जाता है। एन.जी.टी. के फैसले के बाद ओक ओवर में जो निर्माण हुआ है और लिफ्ट तक लगी उसकी स्वीकृति किसने दी है यह सवाल आज तक अनुतरित है। यही नही इस फैसले के बाद और हजारों निर्माण कैसे खड़े हो गये इसका भी जवाब नहीं आया है। नगर निगम शिमला के क्षेत्र में कितने निर्माण निर्माणाधीन स्टेज पर गिर गये उसके लिये किसको दंडित किया गया यह आज तक सामने नहीं आया है। आज पूर्व सरकार पर सबसे बड़ा आरोप प्रदेश को कर्ज के चक्रव्यूह में फंसाने और वित्तीय कुप्रबन्धन का लग रहा है। भाजपा के दो पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल अपने-अपने समय का जवाब दे चुके हैं। लेकिन जयराम या उनका कोई भी पूर्व मंत्री कर्ज और कुप्रबन्धन का जवाब क्यों नहीं दे पा रहा है। आज शिमला का जल प्रबन्धन तन्त्र सवालों के घेरे में आ खड़ा हुआ है। शिमला के लिये बनाई गयी जल प्रबन्धन निगम पर कई आरोप लग रहे हैं। डॉ. बन्टा द्वारा आर.टी.आई. में ली गयी जानकारी से कई गंभीर सवाल पूर्व मंत्री से जवाब मांग रहे हैं। लेकिन इन सवालों का रुख आक्रामकता अपना कर मोड़ने का प्रयास कितना सफल हो पायेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।</span></p></div> <div class="feed-description"><ul style="text-align: justify;"> <li><span style="color: #ff0000;"><strong><span style="font-size: medium;">वित्तीय कुप्रबन्धन और कर्ज के चक्रव्यूह में फंसाने के आरोपों पर चुप्पी क्यों</span></strong></span></li> <li><span style="color: #ff0000;"><strong><span style="font-size: medium;">धर्मशाला स्मार्ट सिटी पर अनुराग ठाकुर के सवालों का जवाब कौन देगा?</span></strong></span></li> </ul> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;">शिमला/शैल। प्रदेश भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रभारी अविनाश राय खन्ना और मंत्री सुरेश भारद्वाज सुक्खु सरकार के खिलाफ लगातार आक्रामक होते जा रहे हैं। आक्रामकता के मुद्दे हैं पिछली सरकार के अन्तिम छः माह के फैसलों को पलटना। कुछ ऐसे संस्थानों को भी बन्द कर देना जो इनके मुताबिक क्रियाशील भी हो चुके थे। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इस सरकार को सलाहकार चला रहे हैं। गैर विधायकों को कैबिनेट मंत्रियों का दर्जा दिया जा रहा है। सुरेश भारद्वाज ने तो सुक्खु सरकार की तुलना पाकिस्तान की शहबाज सरकार तक से कर डाली है। मुख्य संसदीय सचिवों के पदों को असंवैधानिक करार दे दिया है लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा उच्च न्यायालय में अभी तक नहीं गयी है। इससे यह इंगित होता है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये इन मुद्दों के सहारे अपनी आक्रामकता को धार देने का प्रयास कर रही है। वैसे यह भाजपा का राजनीतिक धर्म भी है। बल्कि इस आक्रामकता पर यह भी कहा जा रहा है कि जयराम नेता प्रतिपक्ष की भूमिका जितने अच्छे से निभा रहे हैं यदि सरकार चालाने में इससे आधी ईमानदारी भी दिखाई होती तो स्थितियां बहुत सुखद होती। कांग्रेस और सुक्खु सरकार भाजपा के आरोप का क्या जवाब देती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। यह सही है कि हर सरकार में सलाहकार प्रभावी हो ही जाते हैं। कुछ तो इतने बड़े सत्ता केंद्र हो जाते हैं कि सरकार के बड़े-बड़े अधिकारी इन केंद्रों के चरण स्पर्श करने लग जाते हैं। बल्कि सरकार से पहले इनसे फाइलों पर विमर्श लेने लग जाते हैं। जयराम सरकार भी इस दोष से मुक्त नहीं थी। बल्कि जनवरी 2018 में ही इससे ग्रसित होकर कार्यकाल के अन्तिम दिन तक इस ग्रहण से बाहर नहीं निकल पायी। इसी परिदृश्य में अभी पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने धर्मशाला में दिशा की बैठक में जिला प्रशासन को जो कुछ सुनाया है वह सही में सुरेश भारद्वाज और जयराम के आरोपों का सीधा जवाब हो जाता है। भारद्वाज जयराम सरकार में शहरी विकास मंत्री थे। शिमला और धर्मशाला की स्मार्ट सिटी परियोजनाएं उनके अधीन थी। धर्मशाला स्मार्ट सिटी के काम की गति को लेकर जो टिप्पणीयां अनुराग ठाकुर ने की है वह पूर्व सरकार और पूर्व मंत्री की कार्यप्रणाली पर बहुत गंभीर सवाल खड़े कर जाती है। जिस सरकार में परियोजना की डी.पी.आर. काम करने वाली ठेकेदार कंपनी से ही तैयार करवाई जाये उसमें सहज अन्दाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार ने डी.पी.आर. तैयार करते हुए सरकार या अपना किसका ज्यादा ध्यान रखा होगा और ऐसा कब किया जाता है। एन.जी.टी. के फैसले के बाद ओक ओवर में जो निर्माण हुआ है और लिफ्ट तक लगी उसकी स्वीकृति किसने दी है यह सवाल आज तक अनुतरित है। यही नही इस फैसले के बाद और हजारों निर्माण कैसे खड़े हो गये इसका भी जवाब नहीं आया है। नगर निगम शिमला के क्षेत्र में कितने निर्माण निर्माणाधीन स्टेज पर गिर गये उसके लिये किसको दंडित किया गया यह आज तक सामने नहीं आया है। आज पूर्व सरकार पर सबसे बड़ा आरोप प्रदेश को कर्ज के चक्रव्यूह में फंसाने और वित्तीय कुप्रबन्धन का लग रहा है। भाजपा के दो पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल अपने-अपने समय का जवाब दे चुके हैं। लेकिन जयराम या उनका कोई भी पूर्व मंत्री कर्ज और कुप्रबन्धन का जवाब क्यों नहीं दे पा रहा है। आज शिमला का जल प्रबन्धन तन्त्र सवालों के घेरे में आ खड़ा हुआ है। शिमला के लिये बनाई गयी जल प्रबन्धन निगम पर कई आरोप लग रहे हैं। डॉ. बन्टा द्वारा आर.टी.आई. में ली गयी जानकारी से कई गंभीर सवाल पूर्व मंत्री से जवाब मांग रहे हैं। लेकिन इन सवालों का रुख आक्रामकता अपना कर मोड़ने का प्रयास कितना सफल हो पायेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।</span></p></div> बाली की बेबाकी 2014-01-17T12:51:08+00:00 2014-01-17T12:51:08+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/383-15 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला।</strong> कांग्रेस /भाजपा के सियासी कुनवे में परिवहन मन्त्री जी एस बाली ही एक मात्र ऐसे राजनेता है जिन्होने विधानसभा सत्र के अन्तिम दिन माननीयों के वेतन भत्तों में ध्वनि मत से हुई वृद्धि पर विरोध जताया है। बाली ने कहा कि यह विधेयक पारित होने के समय पर सदन में नहीं थे। बाली ने सीधे जनता से भी आवाह्न किया है कि यदि वह इस वृद्धि को जायज नहीं ठहराती है तो वह उन विधायकों को चुनावों में परास्त कर दे जिन्होनें यह वृद्धि करवाई है। बाली ने अपने बढ़े हुए वेतन को अपने क्षेत्र की वैलफेयर सोसायटी को दान देने की भी घोषणा की है। बाली यह कर भी सकते हैं।<img src="images/bali2.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /></span><br /><span style="font-size: small;">माननीय के वेतन भत्तों में हुई इस वृद्धि से प्रदेश का हर संवेदनशील नागरिक नाराज है। नाराजगी का कारण स्पष्ट है क्योंकि इस वृद्धि की अदायगी कर्ज लेकर की जाएगी। 31 मार्च 2016 को प्रदेश का कुल कर्जभार चालीस हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। पहली बार 31 मार्च को सरकारी भुगतान करने के लिए पैंन्शन की राशि का सहारा लिया गया है। यह स्थिति एक बड़े वित्तिय संकट का संकेत है। प्रदेश के आर्थिक और वित्तिय प्रबन्धन पर कैग रिपोर्ट में गम्भीर सवाल उठाए गए हैं। कैग रिपोर्ट पर विपक्ष ने भी तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है।</span><br /><span style="font-size: small;">वेतन-भत्तों की बढ़ौतरी के बिल के सदन में रखे जाने पर स्पीकर की एक सदस्य को यह टिप्पणी की यदि आपका संकल्प चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया जाता तो यह बढ़ौतरी का विधेयक ला पाना संभव न होता। स्पीकर की इस टिप्पणी पर सबका मौन स्वीकार और बिना किसी बहस के चन्द क्षणों में ही विधेयक का पारित हो जाना माननीयों की नीयत और नीति पर काफी कुछ कह जाता है।</span><br /><span style="font-size: small;">इस परिदृश्य में यह बढ़ौतरी आने वाले दिनों में एक भारी जन चर्चा का मुद्दा बनेगी। हर माननीय से उनके क्षेत्र मे यह सवाल पूछा जाएगा कि इतनी बढौतरी क्यों? इस बढौतरी से प्रदेश का क्या हित होने वाला है? वह इस बढौतरी को किस प्रकार खर्च करेंगे? क्या वह यह सुनिश्चित करेंगे कि इसके लिए प्रदेश के आम आदमी पर कर्ज का और बोझ तो नहीं डाला जाएगा। स्पष्ट है कि आज हमारे माननीयों के पास जनता के इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।</span><br /><span style="font-size: small;">बाली ने इस विधेयक के अवसर पर सदन में उपस्थित न रहकर क्या इस स्थिति का पूर्व आकलन कर लिया था? उन्होने जिस ढंग से जनता का आवाह्न किया और स्वयं इस बढौतरी को वैल्फेयर सोसायटी को देने की बात की है उससे आने वाले दिनों में एक नई बहस का छिड़ना तय है।</span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला।</strong> कांग्रेस /भाजपा के सियासी कुनवे में परिवहन मन्त्री जी एस बाली ही एक मात्र ऐसे राजनेता है जिन्होने विधानसभा सत्र के अन्तिम दिन माननीयों के वेतन भत्तों में ध्वनि मत से हुई वृद्धि पर विरोध जताया है। बाली ने कहा कि यह विधेयक पारित होने के समय पर सदन में नहीं थे। बाली ने सीधे जनता से भी आवाह्न किया है कि यदि वह इस वृद्धि को जायज नहीं ठहराती है तो वह उन विधायकों को चुनावों में परास्त कर दे जिन्होनें यह वृद्धि करवाई है। बाली ने अपने बढ़े हुए वेतन को अपने क्षेत्र की वैलफेयर सोसायटी को दान देने की भी घोषणा की है। बाली यह कर भी सकते हैं।<img src="images/bali2.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /></span><br /><span style="font-size: small;">माननीय के वेतन भत्तों में हुई इस वृद्धि से प्रदेश का हर संवेदनशील नागरिक नाराज है। नाराजगी का कारण स्पष्ट है क्योंकि इस वृद्धि की अदायगी कर्ज लेकर की जाएगी। 31 मार्च 2016 को प्रदेश का कुल कर्जभार चालीस हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। पहली बार 31 मार्च को सरकारी भुगतान करने के लिए पैंन्शन की राशि का सहारा लिया गया है। यह स्थिति एक बड़े वित्तिय संकट का संकेत है। प्रदेश के आर्थिक और वित्तिय प्रबन्धन पर कैग रिपोर्ट में गम्भीर सवाल उठाए गए हैं। कैग रिपोर्ट पर विपक्ष ने भी तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है।</span><br /><span style="font-size: small;">वेतन-भत्तों की बढ़ौतरी के बिल के सदन में रखे जाने पर स्पीकर की एक सदस्य को यह टिप्पणी की यदि आपका संकल्प चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया जाता तो यह बढ़ौतरी का विधेयक ला पाना संभव न होता। स्पीकर की इस टिप्पणी पर सबका मौन स्वीकार और बिना किसी बहस के चन्द क्षणों में ही विधेयक का पारित हो जाना माननीयों की नीयत और नीति पर काफी कुछ कह जाता है।</span><br /><span style="font-size: small;">इस परिदृश्य में यह बढ़ौतरी आने वाले दिनों में एक भारी जन चर्चा का मुद्दा बनेगी। हर माननीय से उनके क्षेत्र मे यह सवाल पूछा जाएगा कि इतनी बढौतरी क्यों? इस बढौतरी से प्रदेश का क्या हित होने वाला है? वह इस बढौतरी को किस प्रकार खर्च करेंगे? क्या वह यह सुनिश्चित करेंगे कि इसके लिए प्रदेश के आम आदमी पर कर्ज का और बोझ तो नहीं डाला जाएगा। स्पष्ट है कि आज हमारे माननीयों के पास जनता के इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।</span><br /><span style="font-size: small;">बाली ने इस विधेयक के अवसर पर सदन में उपस्थित न रहकर क्या इस स्थिति का पूर्व आकलन कर लिया था? उन्होने जिस ढंग से जनता का आवाह्न किया और स्वयं इस बढौतरी को वैल्फेयर सोसायटी को देने की बात की है उससे आने वाले दिनों में एक नई बहस का छिड़ना तय है।</span></p></div> आप को मिला अब तक 5 लाख का चंदा 2014-01-09T08:35:34+00:00 2014-01-09T08:35:34+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/343------5--- Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong style="line-height: 1.3em;"><img src="images/news-image/aap_party.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong><span style="line-height: 1.3em;"> आम आदमी पार्टी को लोकसभा के चुनाव के लिए अब तक पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिल चुका है। आप को विदेशों से मिले चंदे में सर्वाधिक राशि अमेरिका से आई है।</span></p> <p style="text-align: justify;">आम आदमी पार्टी की वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार पार्टी को बुधवार तक 5,07,99,673 रुपये मिले हैं। इसमें भारत और बाहर दोनों से मिली राशि शामिल है। पार्टी ने कहा कि सभी राशि आनलाइन लेन-देन के जरिये मिली है। चंदे का ब्योरा पार्टी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी को देश से 3,90,06,391 रुपये मिले हैं। विदेशों से मिली राशि में सबसे बड़ा हिस्सा अमेरिका का है। अमेरिका के बाद संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ब्रिटेन और कनाडा आदि देश हैं।</p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी को अमेरिका से 45,56,057 रुपये मिले हैं, जबकि संयुक्त अरब अमीरात से 15,49,764 रुपये मिले हैं।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार को विश्वास मत हासिल होने के बाद आप को करीब 72 घंटों के दौरान एक लाख रुपये मिले।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी प्रवक्ता दिलीप सिंह ने कहा कि यह प्रवृति भी देखी गई है कि लोग 2014 रुपये दे रहे हैं। 1 जनवरी को 2200 लोगों ने 2014 रुपये दिए। उन्होंने कहा कि संभवत: यह सांकेतिक है। उन्होंने कहा कि ऐसे दिन भी रहे हैं जब हमें एक दिन में चंदे के तौर पर 50 लाख रुपये मिले।</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद पार्टी की सदस्यता में वृद्धि हुई है और औसतन हर दिन 15,000 से ज्यादा लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों की घोषणा के बाद चार लाख लोग आनलाइन तरीके से पार्टी में शामिल हुए हैं जबकि अन्य 10 लाख सदस्य निजी तौर पर उपस्थित होकर पार्टी में शामिल हुए।</p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong style="line-height: 1.3em;"><img src="images/news-image/aap_party.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong><span style="line-height: 1.3em;"> आम आदमी पार्टी को लोकसभा के चुनाव के लिए अब तक पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिल चुका है। आप को विदेशों से मिले चंदे में सर्वाधिक राशि अमेरिका से आई है।</span></p> <p style="text-align: justify;">आम आदमी पार्टी की वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार पार्टी को बुधवार तक 5,07,99,673 रुपये मिले हैं। इसमें भारत और बाहर दोनों से मिली राशि शामिल है। पार्टी ने कहा कि सभी राशि आनलाइन लेन-देन के जरिये मिली है। चंदे का ब्योरा पार्टी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी को देश से 3,90,06,391 रुपये मिले हैं। विदेशों से मिली राशि में सबसे बड़ा हिस्सा अमेरिका का है। अमेरिका के बाद संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ब्रिटेन और कनाडा आदि देश हैं।</p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी को अमेरिका से 45,56,057 रुपये मिले हैं, जबकि संयुक्त अरब अमीरात से 15,49,764 रुपये मिले हैं।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार को विश्वास मत हासिल होने के बाद आप को करीब 72 घंटों के दौरान एक लाख रुपये मिले।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी प्रवक्ता दिलीप सिंह ने कहा कि यह प्रवृति भी देखी गई है कि लोग 2014 रुपये दे रहे हैं। 1 जनवरी को 2200 लोगों ने 2014 रुपये दिए। उन्होंने कहा कि संभवत: यह सांकेतिक है। उन्होंने कहा कि ऐसे दिन भी रहे हैं जब हमें एक दिन में चंदे के तौर पर 50 लाख रुपये मिले।</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद पार्टी की सदस्यता में वृद्धि हुई है और औसतन हर दिन 15,000 से ज्यादा लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं।</p> <p style="text-align: justify;">पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों की घोषणा के बाद चार लाख लोग आनलाइन तरीके से पार्टी में शामिल हुए हैं जबकि अन्य 10 लाख सदस्य निजी तौर पर उपस्थित होकर पार्टी में शामिल हुए।</p></div> “आप” के कौशांबी ऑफिस पर हमला! 2014-01-08T12:13:50+00:00 2014-01-08T12:13:50+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/340-2014-01-08-12-13-50 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p><strong style="line-height: 1.3em;"><img src="images/news-image/aap_office_attack.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />गाजियाबाद।।</strong><span style="line-height: 1.3em;"> आम आदमी पार्टी के कौशांबी स्थित ऑफिस पर बुधवार सुबह करीब 11 बजे हिन्दु रक्षा दल ने हमला किया। हिन्दु रक्षा दल के 50−60 लोगों ने यहां तोड़−फोड़ की। विरोध कर रहे लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।</span></p> <p>बताया जा रहा है कि प्रशांत भूषण के कश्मीर को लेकर दिए बयान के विरोध में यह आक्रामक कार्रवाई हुई है।</p> <p>गौरतलब है कि बीते रविवार को प्रशांत भूषण ने टीवी कार्यक्रम में कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती पर कश्मीरी लोगों से जनमत संग्रह की हिमायत की थी हालांकि इस मामले में आम आदमी पार्टी ने प्रशांत भूषण के बयान से किनारा कर लिया था औ कहा था कि आंतरिक सुरक्षा के मामलों में जनमत संग्रह की जरूरत नहीं है।</p> <p>हिन्दु रक्षा दल के लोगों ने सुबह करीब 11 बजे आम आदमी पार्टी के ऑफिस पर यह हमला किया।</p> <p>'आप' के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने बताया कि 11 बजे के आसपास कुछ लोग आए जिनके हाथ में हिन्दू रक्षा दल के झंडे थे, हाथ में लाठियां भी थीं, नारेबाजी करने लगे और तोड़फोड़ करने लगे। बहुत मुश्किल से हमने अपने सारे लोगों को अंदर किया। फिलहाल जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ है, संपत्ति का नुकसान हुआ है।</p> <p>इसके बाद गाजियाबाद पुलिस हरकत में आ गई है। वहीं इंदिरापुरम के सीओ रणविजय सिंह ने बताया कि हमें सूचना मिली कि कुछ लोग यहां आए हैं और हमला किया है। हमें सीसीटीवी की तस्वीरें मिल गई हैं। हम उन्हें पहचानने की कोशिश कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस तोड़फोड़ के बाद दिल्ली सचिवालय की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।</p></div> <div class="feed-description"><p><strong style="line-height: 1.3em;"><img src="images/news-image/aap_office_attack.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />गाजियाबाद।।</strong><span style="line-height: 1.3em;"> आम आदमी पार्टी के कौशांबी स्थित ऑफिस पर बुधवार सुबह करीब 11 बजे हिन्दु रक्षा दल ने हमला किया। हिन्दु रक्षा दल के 50−60 लोगों ने यहां तोड़−फोड़ की। विरोध कर रहे लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।</span></p> <p>बताया जा रहा है कि प्रशांत भूषण के कश्मीर को लेकर दिए बयान के विरोध में यह आक्रामक कार्रवाई हुई है।</p> <p>गौरतलब है कि बीते रविवार को प्रशांत भूषण ने टीवी कार्यक्रम में कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती पर कश्मीरी लोगों से जनमत संग्रह की हिमायत की थी हालांकि इस मामले में आम आदमी पार्टी ने प्रशांत भूषण के बयान से किनारा कर लिया था औ कहा था कि आंतरिक सुरक्षा के मामलों में जनमत संग्रह की जरूरत नहीं है।</p> <p>हिन्दु रक्षा दल के लोगों ने सुबह करीब 11 बजे आम आदमी पार्टी के ऑफिस पर यह हमला किया।</p> <p>'आप' के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने बताया कि 11 बजे के आसपास कुछ लोग आए जिनके हाथ में हिन्दू रक्षा दल के झंडे थे, हाथ में लाठियां भी थीं, नारेबाजी करने लगे और तोड़फोड़ करने लगे। बहुत मुश्किल से हमने अपने सारे लोगों को अंदर किया। फिलहाल जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ है, संपत्ति का नुकसान हुआ है।</p> <p>इसके बाद गाजियाबाद पुलिस हरकत में आ गई है। वहीं इंदिरापुरम के सीओ रणविजय सिंह ने बताया कि हमें सूचना मिली कि कुछ लोग यहां आए हैं और हमला किया है। हमें सीसीटीवी की तस्वीरें मिल गई हैं। हम उन्हें पहचानने की कोशिश कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस तोड़फोड़ के बाद दिल्ली सचिवालय की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।</p></div> कचरे में मिला नवजात बच्ची का शव! 2014-01-07T11:43:57+00:00 2014-01-07T11:43:57+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/334-2014-01-07-11-43-57 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong style="line-height: 1.3em;"><img src="images/news-image/dustbin.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong><span style="line-height: 1.3em;"> दिल्ली के जनकपुरी स्थित माता चानन देवी अस्पताल परिसर के बाहर खड़े एक जैविक कचरे के ट्रक में आज एक नवजात बच्ची का शव मिला। माना जाता है कि इस शव को माता चानन देवी अस्पताल के शवगृह में संरक्षित किया गया था।</span><span style="line-height: 1.3em;"> दिल्ली सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए।</span></p> <p style="text-align: justify;">मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह पूरी तरह से गलत है। यह मानवता के खिलाफ है और मैंने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।’’</p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong style="line-height: 1.3em;"><img src="images/news-image/dustbin.jpg" border="0" width="300" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong><span style="line-height: 1.3em;"> दिल्ली के जनकपुरी स्थित माता चानन देवी अस्पताल परिसर के बाहर खड़े एक जैविक कचरे के ट्रक में आज एक नवजात बच्ची का शव मिला। माना जाता है कि इस शव को माता चानन देवी अस्पताल के शवगृह में संरक्षित किया गया था।</span><span style="line-height: 1.3em;"> दिल्ली सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए।</span></p> <p style="text-align: justify;">मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह पूरी तरह से गलत है। यह मानवता के खिलाफ है और मैंने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।’’</p></div> स्वीडिश कंपनी के दलाल थे राजीव गांधी! 2012-04-09T02:01:53+00:00 2012-04-09T02:01:53+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/90-rome-travel-guide Super User [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong><img src="http://www.leadindiakhabar.com/images/stories/news_image/desh/spicejet_rajiv_gandhi.jpg" border="0" width="300" height="100" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong> विकीलिक्स वेबसाइट ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में एक अहम खुलासा किया है जिससे भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है।</p> <p style="text-align: justify;">विकीलिक्स वेबसाइट ने दावा किया है कि राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले जब पायलट के रूप में काम रहे थे तब वे एक स्वीडिश कंपनी साब स्कॉनिया के लिए दलाली का काम भी कर रहे थे।</p> <p style="text-align: justify;">इतना ही नहीं बल्कि वेबसाइट ने पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस के बारे में भी सनसनीखेज खुलासे किए हैं।</p> <p style="text-align: justify;">विकिलीक्स के ये खुलासे एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद से सुर्खियों में हैं। हालांकि अभी कांग्रेस ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।</p> <p style="text-align: justify;">लेकिन भाजपा के नेता प्रकाश जावडेकर ने सवाल उठाया है कि हर रक्षा सौदे में गांधी परिवार का नाम ही सामने क्यों आता है।</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि इस मामले में गांधी परिवार को जवाब देना चाहिए और तब के दस्तावेज सार्वजनिक होने चाहिए।</p> <p style="text-align: justify;">खुलासे के अनुसार राजीव गांधी पीएम बनने से पहले इंडियन एयरलाइंस में पायलट की नौकरी के दौरान एक स्वीडिश कंपनी के लिए संभवत: दलाली करते थे।</p> <p style="text-align: justify;">यही कंपनी साब स्कॉनिया 70 के दशक में भारत को फाइटर प्लेन विजेन बेचने की कोशिश कर रही थी। विकीलिक्स ने इस खुलासे में अमरेरिकी सुरक्षा सलाहाकर रह चुके हेनरी किसिंजर का हवाला देते हुए कहा है कि स्वीडिश कंपनी के साथ सौदा नहीं हो पाया था और ब्रिटिश जगुआर ने बाजी मार ली थी।</p> <p style="text-align: justify;">इसी तरह फर्नांडिश के बारे में लिखा है कि इमरजेंसी के दौरान उन्होंने भूमिगत रहने के दौरान अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए से आर्थिक मदद भी मांगी थी।</p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि राजीव गांधी 1980 तक भारतीय राजनीति से दूर रहे। संजय गांधी के आकस्मिक निधन के बाद ही इंदिरा गांधी उन्हें राजनीति में लाई।</p> <p style="text-align: justify;">अपने पीएम बनने के पहले कार्यकाल में ही वे एक दूसरी स्वीडिश कंपनी से बोफोर्स तोपों की खरीद के लिए हुए सौदे में दलाली के आरोपों से घिर गए। आखिरकार 1989 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार मिली।</p> <p style="text-align: justify;">विकीलिक्स ने 1974 से 1976 के दौरान के जारी 41 केबल्स का हवाला देते हुए लिखा है कि स्वीडिश कंपनी को इस बात का अंदाजा था कि फाइटर एयरक्राफ्ट्स की खरीद के बारे में अंतिम फैसला लेने में गांधी परिवार की भूमिका होगी। फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट कंपनी दसो को भी इसका अनुमान था।</p> <p style="text-align: justify;">उसकी ओर से मिराज फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए तत्कालीन वायुसेना अध्यक्ष ओपी मेहरा के दामाद दलाली करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि मेहरा के दलाल के नाम का खुलासा नहीं किया गया।</p> <p style="text-align: justify;">1975 में दिल्ली स्थित स्वीडिश दूतावास के एक राजनयिक की ओर से भेजे गए केबल संदेश से पता चलता है कि इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन के खिलाफ अपने पूर्वाग्रहों की वजह से जगुआर न खरीदने का फैसला किया था। संदेश में कहा गया है कि अब मिराज और विजेन के बीच फैसला होना है।</p> <p style="text-align: justify;">श्रीमती गांधी के बड़े बेटे बतौर पायलट एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े हैं और पहली बार उनका नाम बतौर उद्यमी सुना जा रहा है। फाइनल फैसले को परिवार प्रभावित करेगा।</p> <p style="text-align: justify;">दूसरे केबल में कहा गया कि इस डील में इंदिरा गांधी की अति सक्रियता से स्वीडन चिढ़ा हुआ था। इस केबल के अनुसार उन्होंने फाइटर प्लेन की खरीद की प्रक्रिया से एयरफोर्स को दूर रखा था।</p> <p style="text-align: justify;">राजनायिक के मुताबिक 40 से 50 लाख डॉलर प्रति प्लेन के हिसाब से 50 विजेन के लिए बातचीत चल रही थी। स्वीडन को भरोसा था कि भारत सोवियत संघ से और युद्धक विमान न खरीदने का फैसला कर चुका था।</p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong><img src="http://www.leadindiakhabar.com/images/stories/news_image/desh/spicejet_rajiv_gandhi.jpg" border="0" width="300" height="100" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong> विकीलिक्स वेबसाइट ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में एक अहम खुलासा किया है जिससे भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है।</p> <p style="text-align: justify;">विकीलिक्स वेबसाइट ने दावा किया है कि राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले जब पायलट के रूप में काम रहे थे तब वे एक स्वीडिश कंपनी साब स्कॉनिया के लिए दलाली का काम भी कर रहे थे।</p> <p style="text-align: justify;">इतना ही नहीं बल्कि वेबसाइट ने पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस के बारे में भी सनसनीखेज खुलासे किए हैं।</p> <p style="text-align: justify;">विकिलीक्स के ये खुलासे एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद से सुर्खियों में हैं। हालांकि अभी कांग्रेस ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।</p> <p style="text-align: justify;">लेकिन भाजपा के नेता प्रकाश जावडेकर ने सवाल उठाया है कि हर रक्षा सौदे में गांधी परिवार का नाम ही सामने क्यों आता है।</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि इस मामले में गांधी परिवार को जवाब देना चाहिए और तब के दस्तावेज सार्वजनिक होने चाहिए।</p> <p style="text-align: justify;">खुलासे के अनुसार राजीव गांधी पीएम बनने से पहले इंडियन एयरलाइंस में पायलट की नौकरी के दौरान एक स्वीडिश कंपनी के लिए संभवत: दलाली करते थे।</p> <p style="text-align: justify;">यही कंपनी साब स्कॉनिया 70 के दशक में भारत को फाइटर प्लेन विजेन बेचने की कोशिश कर रही थी। विकीलिक्स ने इस खुलासे में अमरेरिकी सुरक्षा सलाहाकर रह चुके हेनरी किसिंजर का हवाला देते हुए कहा है कि स्वीडिश कंपनी के साथ सौदा नहीं हो पाया था और ब्रिटिश जगुआर ने बाजी मार ली थी।</p> <p style="text-align: justify;">इसी तरह फर्नांडिश के बारे में लिखा है कि इमरजेंसी के दौरान उन्होंने भूमिगत रहने के दौरान अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए से आर्थिक मदद भी मांगी थी।</p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि राजीव गांधी 1980 तक भारतीय राजनीति से दूर रहे। संजय गांधी के आकस्मिक निधन के बाद ही इंदिरा गांधी उन्हें राजनीति में लाई।</p> <p style="text-align: justify;">अपने पीएम बनने के पहले कार्यकाल में ही वे एक दूसरी स्वीडिश कंपनी से बोफोर्स तोपों की खरीद के लिए हुए सौदे में दलाली के आरोपों से घिर गए। आखिरकार 1989 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार मिली।</p> <p style="text-align: justify;">विकीलिक्स ने 1974 से 1976 के दौरान के जारी 41 केबल्स का हवाला देते हुए लिखा है कि स्वीडिश कंपनी को इस बात का अंदाजा था कि फाइटर एयरक्राफ्ट्स की खरीद के बारे में अंतिम फैसला लेने में गांधी परिवार की भूमिका होगी। फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट कंपनी दसो को भी इसका अनुमान था।</p> <p style="text-align: justify;">उसकी ओर से मिराज फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए तत्कालीन वायुसेना अध्यक्ष ओपी मेहरा के दामाद दलाली करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि मेहरा के दलाल के नाम का खुलासा नहीं किया गया।</p> <p style="text-align: justify;">1975 में दिल्ली स्थित स्वीडिश दूतावास के एक राजनयिक की ओर से भेजे गए केबल संदेश से पता चलता है कि इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन के खिलाफ अपने पूर्वाग्रहों की वजह से जगुआर न खरीदने का फैसला किया था। संदेश में कहा गया है कि अब मिराज और विजेन के बीच फैसला होना है।</p> <p style="text-align: justify;">श्रीमती गांधी के बड़े बेटे बतौर पायलट एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े हैं और पहली बार उनका नाम बतौर उद्यमी सुना जा रहा है। फाइनल फैसले को परिवार प्रभावित करेगा।</p> <p style="text-align: justify;">दूसरे केबल में कहा गया कि इस डील में इंदिरा गांधी की अति सक्रियता से स्वीडन चिढ़ा हुआ था। इस केबल के अनुसार उन्होंने फाइटर प्लेन की खरीद की प्रक्रिया से एयरफोर्स को दूर रखा था।</p> <p style="text-align: justify;">राजनायिक के मुताबिक 40 से 50 लाख डॉलर प्रति प्लेन के हिसाब से 50 विजेन के लिए बातचीत चल रही थी। स्वीडन को भरोसा था कि भारत सोवियत संघ से और युद्धक विमान न खरीदने का फैसला कर चुका था।</p></div> बाल-बाल बचे राजनाथ, सुषमा, जेटली! 2012-04-09T02:01:05+00:00 2012-04-09T02:01:05+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/89-rest-in-hawai-looking-sakura Super User [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong><img src="http://www.leadindiakhabar.com/images/stories/news_image/desh/rajnath_arun_sushma.jpg" border="0" width="300" height="193" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong> भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेताओं सुषमा स्वराज तथा अरूण जेटली को ले जा रहे निजी जेट विमान को आज यहां आटो पायलट सिस्टम में समस्या पैदा होने पर आपात स्थिति में उतारना पड़ा।</p> <p style="text-align: justify;">भाजपा के वरिष्ठ नेता बेंगलूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए जा रहे थे लेकिन विमान यहां से उड़ान भरने के नौ मिनट बाद ही आपात स्थिति में उतार लिया गया।</p> <p style="text-align: justify;">सू़त्रों ने यहां प्रेट्र को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विमान में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं और वैकल्पिक व्यवस्था होने पर ये लोग बेंगलूर के लिए उड़ान भर सकते हैं।</p> <p style="text-align: justify;">नौ सीटों वाला टर्बाइन शक्ति वाला चैलेंजर जेट मुंबई स्थित एक कंपनी ईओन एविएशन का है जिस पर वीटी डीबीजी का चिन्ह है। हवाई यातायात नियंत्रण केंद्र सूत्रों ने यह जानकारी दी।</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने बताया कि विमान के चालक ने उड़ान भरने के तुरंत बाद ही आटो पायलट सिस्टम में समस्या देखी और तत्काल आपात स्थिति में विमान को उतारने के लिए एटीसी से अनुमति मांगी।</p> <p style="text-align: justify;">भाजपा के महासचिव धर्मेन्द्र प्रधान तथा संयुक्त महासचिव (संगठन) वी सतीश भी विमान में सवार थे।</p> <p style="text-align: justify;">एटीसी सूत्रों ने बताया कि समस्या का पता चलने पर पायलट ने विमान को उतारने का सही फैसला किया।</p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong><img src="http://www.leadindiakhabar.com/images/stories/news_image/desh/rajnath_arun_sushma.jpg" border="0" width="300" height="193" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong> भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेताओं सुषमा स्वराज तथा अरूण जेटली को ले जा रहे निजी जेट विमान को आज यहां आटो पायलट सिस्टम में समस्या पैदा होने पर आपात स्थिति में उतारना पड़ा।</p> <p style="text-align: justify;">भाजपा के वरिष्ठ नेता बेंगलूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए जा रहे थे लेकिन विमान यहां से उड़ान भरने के नौ मिनट बाद ही आपात स्थिति में उतार लिया गया।</p> <p style="text-align: justify;">सू़त्रों ने यहां प्रेट्र को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विमान में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं और वैकल्पिक व्यवस्था होने पर ये लोग बेंगलूर के लिए उड़ान भर सकते हैं।</p> <p style="text-align: justify;">नौ सीटों वाला टर्बाइन शक्ति वाला चैलेंजर जेट मुंबई स्थित एक कंपनी ईओन एविएशन का है जिस पर वीटी डीबीजी का चिन्ह है। हवाई यातायात नियंत्रण केंद्र सूत्रों ने यह जानकारी दी।</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने बताया कि विमान के चालक ने उड़ान भरने के तुरंत बाद ही आटो पायलट सिस्टम में समस्या देखी और तत्काल आपात स्थिति में विमान को उतारने के लिए एटीसी से अनुमति मांगी।</p> <p style="text-align: justify;">भाजपा के महासचिव धर्मेन्द्र प्रधान तथा संयुक्त महासचिव (संगठन) वी सतीश भी विमान में सवार थे।</p> <p style="text-align: justify;">एटीसी सूत्रों ने बताया कि समस्या का पता चलने पर पायलट ने विमान को उतारने का सही फैसला किया।</p></div> छात्रों ने बंगाल वित्तमंत्री का कुर्ता फाड़ा 2012-04-09T02:00:35+00:00 2012-04-09T02:00:35+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-10-03-35-52/2013-04-10-03-36-42/88-wonder-of-the-world Super User [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong><img src="images/news-image/amit-mitra_finance_minister_wb.jpg" border="0" width="300" height="204" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong> माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने आज दिल्ली में पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा के साथ धक्का-मुक्की की और उनका कुर्ता फाड़ दिया।</p> <p style="text-align: justify;">यह घटना योजना आयोग के बाहर हुई, जिसके बाद ममता बेहद गुस्सा गईं और वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया पर लचर इंतजाम को लेकर भड़क गईं।</p> <p style="text-align: justify;">दरअसल, ये एसएफआई कार्यकर्ता पिछले सप्ताह कोलकाता में प्रदर्शन के बाद पुलिस द्वारा ले जाए जाते हुए अपने साथी सुदीप्तो गुप्ता की मौत से गुस्साए हुए थे।</p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि आर्थिक मामलों को लेकर ममता आज दिल्ली में हैं और वह प्रधानमंत्री से भी मिलने वाली हैं।</p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><strong><img src="images/news-image/amit-mitra_finance_minister_wb.jpg" border="0" width="300" height="204" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />नई दिल्ली।।</strong> माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने आज दिल्ली में पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा के साथ धक्का-मुक्की की और उनका कुर्ता फाड़ दिया।</p> <p style="text-align: justify;">यह घटना योजना आयोग के बाहर हुई, जिसके बाद ममता बेहद गुस्सा गईं और वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया पर लचर इंतजाम को लेकर भड़क गईं।</p> <p style="text-align: justify;">दरअसल, ये एसएफआई कार्यकर्ता पिछले सप्ताह कोलकाता में प्रदर्शन के बाद पुलिस द्वारा ले जाए जाते हुए अपने साथी सुदीप्तो गुप्ता की मौत से गुस्साए हुए थे।</p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि आर्थिक मामलों को लेकर ममता आज दिल्ली में हैं और वह प्रधानमंत्री से भी मिलने वाली हैं।</p></div>