क्या आप हिमाचल में स्थान बना पायेगी

Created on Tuesday, 04 January 2022 17:40
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। क्या आज आम आदमी पार्टी हिमाचल में भी कोई सफलता हासिल कर पायेगी। यह सवाल पार्टी के नगर निगम चंडीगढ़ के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने से चर्चा में आ गया है। क्योंकि आम आदमी पार्टी ने शिमला में अपना कार्यालय स्थापित करके प्रदेश प्रभारी के रूप में भी दिल्ली के एक नेता को यह बिठा दिया है। वैसे तो 2014 के लोकसभा चुनाव से ही प्रदेश की चारों सीटों पर चुनाव लड़कर पार्टी अपना स्थान बनाने में लगी हुई है। लेकिन 2014 के चुनाव के बाद आज तक पार्टी ने प्रदेश में अधिकारिक रूप से कोई बड़ा चुनाव नहीं लड़ा है। चंडीगढ़ के चुनाव में भी पार्टी को कांग्रेस भाजपा के मुकाबले सबसे कम वोट प्रतिशत मिला है। इसमें सबसे अधिक वोट शेयर कांग्रेस और दूसरे नम्बर पर भाजपा रही है। इसलिए चंडीगढ़ में मिली आप की सफलता को एक बड़ी जनस्वीकार्यता भी नही माना जा सकता। चंडीगढ़ नगर निगम पर भाजपा का कब्जा था और इन चुनाव में उसके मेयर का भी आप के हाथों हार जाना निश्चित रूप से एक बड़ी राजनीतिक घटना है। पंजाब में जब से अमरिन्दर कांग्रेस छोड़कर अपनी पंजाब लोक कांग्रेस बनाकर भाजपा के साथ गठबंधन में गये हैं उसके बाद ही चंडीगढ़ के यह चुनाव हुये हैं। ऐसे में इन चुनावों के परिणामों को इस नये गठबंधन के भविष्य के रूप में भी देखा जा रहा है। इसका पंजाब के चुनाव पर क्या असर पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
लेकिन इस समय जिस तरह का राजनीतिक परिदृश्य पूरे देश में उभरता जा रहा है उससे यह बात विशेष रूप से सामने आ रही है कि सभी जगह सत्तारूढ़ भाजपा की बजाये कांग्रेस का ज्यादा विरोध किया जा रहा है। जो राजनीतिक दल भाजपा से सत्ता छीनने के दावेदार बन रहे हैं उन सबका पहला विरोध कांग्रेस का हो रहा है। सपा टीएमसी और आम आदमी पार्टी सभी इस कड़ी में शामिल राजनीतिक दल है। जहां जहां भाजपा कमजोर हो रही है उन्हीं राज्यों में यह दल चुनाव लड़ने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस परिपेक्ष में यदि हिमाचल में आप का आकलन किया जाये तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इन उपचुनावों में आप के नेताओं का समर्थन भाजपा के साथ था। बल्कि आप के कई बड़े नेता तो भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रीयों के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ा रहे थे। अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व नगर निगम शिमला के चुनाव आ रहे हैं। भाजपा भी चारों उपचुनाव हार कर काफी कमजोर हुई है। नगर निगम शिमला में भी भाजपा की स्थिति बहुत नाजुक है इस परिदृश्य में आप ने शिमला नगर निगम के चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आप यह चुनाव इमानदारी से भाजपा के खिलाफ लड़ती है या सिर्फ कांग्रेस को हराने के लिये ही लड़ती है। नगर निगम शिमला में आप का प्रदर्शन उसका प्रदेश में भविष्य तय करेगा।
क्योंकि अभी तक आप की ओर से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उसका पहला राजनीतिक प्रतिद्वंदी कांग्रेस है या भाजपा। आप पूरे देश में दिल्ली मॉडल पर काम करने के दावे कर रही है। जबकि व्यवहारिक पक्ष यह है कि जितना राजस्व दिल्ली सरकार का है उतना किसी और प्रदेश का नहीं है। फिर दिल्ली का आधे से ज्यादा काम नगर निगमों के पास है जिन पर आज भी भाजपा का कब्जा है।