जल जीवन मिशन का 45% बजट सिराज और धर्मपुर में ही खर्च -अनिल शर्मा

Created on Monday, 05 April 2021 13:07
Written by Shail Samachar

पालमपुर में ट्रांसफर की धमकी का आडियो वायरल
शिमला/शैल। नगर निगमों के चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दोनों की ही प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। क्योंकि भाजपा और मुख्यमन्त्री जयराम को यह प्रमाणित करना है कि प्रदेश की सत्ता के वह भी अधिकारी हैं और अगले चुनावों में भी सत्ता में वापसी करके दिखायेंगे। दूसरी ओर कांग्रेस को यह प्रमाणित करना है कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह असफल हो चुकी है। जनता बेरोज़गारी और मंहगाई से ग्रस्त है और प्रदेश कांग्रेस इस तथ्य को घर घर तक पहुंचा चुकी है। इन चुनावों में कांग्रेस जीत की शुरूआत करेन जा रही है। कौन अपने दावों को कितना प्रमाणित कर पाता है इसका पता चुनाव परिणाम आने पर ही लगेगा।
लेकिन इन चुनावों में सत्ता के दुरूपयोग का खेल जिस तरह से खेला जाने लगा है वह अपने में चिन्ताजनक है। पालमपुर में एक भाजपा नेता एक व्यक्ति को फोन पर यह धमकी दे रहा है कि भाजपा का विरोध करने के लिये उसकी पत्नी और मां को जो अध्यापक हैं ट्रांसफर करके दूर फेंक दिया जायेगा। नेता यह भी धमकी देता है कि स्पीकर साहिब सब नज़र रख रहे हैं। इस धमकी का आडियो सोशल मीडिया मंचो पर खूब वायरल हो रहा है। भाजपा की ओर से इसका कोई खण्डन नहीं आया है। चुनावों में मतदाताओं को इस तरह डराने का चलन शायद पहली बार इस शक्ल में सामने आया है। यदि नगर निगमों के चुनावों में ऐसी धमकीयां शुरू हो गयी हैं तो अगले चुनावों में यह कहां तक पहुंच जायेंगी इसका अन्दाजा लगाना कठिन नहीं होगा।
मण्डी में लोकसभा चुनावों के बाद से ही अनिल शर्मा और भाजपा में 36 का आंकड़ा चल रहा है क्योंकि अनिल के बेटे ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। यह चुनाव लड़ने पर अनिल शर्मा को जयराम के मन्त्रीमण्डल से अलग कर दिया गया था। परन्तु भाजपा अनिल को पार्टी से निकाल नहीं पायी थी और न ही अनिल ने भाजपा और विधायकी से त्यागपत्र दिया था। लेकिन इस राजनीतिक अन्तः विरोध का मण्डी की जनता को विकास से वंचित होने का दण्ड भोगना पड़ेगा यह शायद किसी ने नहीं सोचा था। इन निगम चुनावों में मुख्यमन्त्री से लेकर नीचे हर नेता तक ने सुखराम परिवार पर निशाना साधना नहीं छोड़ा। मण्डी के विकास में पंडित सुखराम के योगदान को पूरी तरह नजरअन्दाज कर दिया गया। लेकिन अन्त में अनिल शर्मा ने एक पत्रकार वार्ता में मुख्यमन्त्री और भाजपा के हमलों का तथ्यों के साथ जिस तरह जवाब दिया है उससे पूरी भाजपा बैकफुट पर आ गयी है। अनिल ने मुख्यमन्त्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनसे जवाब मांगा है कि जल जीवन मिशन का 45% बजट मुख्यमन्त्री के चुनाव क्षेत्र सिराज और जल शक्ति मन्त्री महेन्द्र सिंह के क्षेत्र धर्मपुर में ही क्यों खर्च हो रहा है। अनिल ने आंकड़े रखते हुए कहा है कि सिराज में 270 करोड़ और धर्मपुर में 170 करोड़ खर्च किये जा रहे हैं और जिले के आठ अन्य क्षेत्रों को पूरी तरह नजरअन्दाज कर दिया गया है। अनिल के इस आरोप का कोई जवाब नहीं आ पाया है।
मण्डी जिले में ही अन्य चुनाव क्षेत्रों के साथ हो रहे भेदभाव के इन आरोपों का आगे चलकर क्या असर पड़ेगा यह तो आगे ही पता चलेगा। लेकिन इस तरह के भेदभाव के आरोप प्रदेश के और भी कई क्षेत्रों में लग रहे हैं और शायद ऐसे ही सवालों से बचने के लिये वित्त राज्य मन्त्री अनुराग ठाकुर और पालमपुर से ताल्लुक रखने वाली राज्यसभा सांसद इन्दु गोस्वामी ने इन चुनावों में समय देना उचित नहीं समझा।