क्या तब्लीगी जमात के कारण हुई हिमाचल में कोरोना मामलों की बढ़ौत्तरी

Created on Monday, 06 April 2020 15:57
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। क्या हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों में तब्लीगी जमानत के लोगों के प्रदेश में आने से बढ़ौत्तरी हुई है? क्या यह लोग अपनी पहचान छिपा रहे हैं? क्या यह समुचित जानकारी न होने के कारण ऐसा कर रहे हैं या जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं। यह सारे सवाल इस समय प्रमुख चर्चा में चल रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया में जिस तरह के पोस्ट देखने को मिल रहे हैं उससे यह सारी आशंकाएं उठ खड़ी हुई हैं। इन्ही आशंकाओं के चलते मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के सभी ज़िला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में आये दिल्ली की निज़ामुद्दीन तब्लीगी जमात के लोगों को चिन्हित करके उन्हें जांच के लिये ले जाया जाये। इसके लिये मुख्यमन्त्री ने इन लोगों से आग्रह भी किया है कि वह स्वेच्छा से अपने और जनहित में जांच के लिये आगे आयें। इसी के साथ मुख्यमन्त्री ने इन्हे चेतावनी भी दी है कि यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से आगे न आया और बाद में पकड़ा गया तो उसके खिलाफ और उसे आश्रय देने वाले के खिलाफ भी कड़ी कारवाई की जायेगी। मुख्यमन्त्री के इस आग्रह के बाद डीजीपी एस आर मरड़ी ने भी स्पष्ट निर्देश जारी कर दिये हैं। इन निर्देशों के मुताबिक ऐसे लोगों के खिलाफ पकड़े जाने पर हत्या और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज करके आपराधिक कारवाई की जायेगी। डीजीपी ने इसके लिये स्वेच्छा से सामने आने का समय 5 अप्रैल शाम तक का दिया है। यह समय सीमा खत्म होने तक कितने लोग सामने आये हैं या इसके बाद कितने लोगों को पुलिस और प्रशासन खोज पाया है इस पर अभी तक कोई जानकारी सामने नही आयी है।
  प्रदेश में अब तक कोरोना के 14 पाजिटिव मामले सामने हैं। इनमें से सात मामले सोलन और सात ही कांगड़ा से हैं। दोनों जिलों में एक-एक मौत भी हो चुकी है। सोलन के बद्दी क्षेत्र में जिस महिला की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है उसके साथ आये चारों लोग पाजिटिव पाये गये हैं और  वह ईलाज के लिये दिल्ली  भी चल गये हैं इनके अतिरिक्त इसी बद्दी नालागढ़ क्षेत्र से तीन और लोग पाजिटिव पाये गये है और इन्हे आईजीएमसी शिमला भेज दिया गया है। यह तीनों गाजियावाद के रहने वाले हैं। ऊना में भी तीन पाजिटिव मामले सामने आये थे जिन्हे टांडा मैडिकल कालिज में भेज दिया गया है। यह लोग मण्डी के रहने वाले हैं और यह ऊना में मस्जिद में रह रहे थे तथा निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में गये थे। तब्लीगी जमात के 85 लोगों के खिलाफ 17 मामले दर्ज किये जा चुके हैं इनमें बद्दी में 45 और ऊना में 14 लोगों के खिलाफ मामलें हैं सिरमौर के ददाहू में भी एक विनित अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज हैं। दो लोगों द्वारा सामाजिक शर्मिंदगी के चलते आत्महत्या भी कर ली गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक 407 मामलों में खून के सैंपल लिये गये हैं। 4352 लोगों को निगरानी में रखा गया है। 1892 लोग 28 दिन की आईसोलेशन की अवधि पूरी कर चुके हैं। पुलिस प्रशासन ने तब्लीगी जमात के 204 लोगों को अब तक चिन्हित किया है और इन सबको संगरोधन में भेज दिया गया है। इनमें सबसे ज्यादा 73 बद्दी, 39 ऊना, 35 सिरमौर , 23 शिमला, 20 चम्बा, 10 कांगड़ा और 4 मण्डी से हैं। डीजीपी के अनुसार कफ्रर्यू  लगने के बाद प्रदेश में 358 मामले दर्ज किये गये और 372 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी के साथ 25 वाहनों को भी जब्त किया गया है।
इन अधिकारिक आंकड़ों से स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश में तब्लीगी जमात के लोगों के कारण कोरोना के मामले बड़े हैं और आगे बड़ने की आशंका है जिसके चलते सख्ती से निपटने की चेतावनी भी जारी कर दी गयी है। जमात के लोग इसलिये खतरा माने जा रहे हैं क्योंकि वह निजामुद्दीन मरकज में शिरकत करके प्रदेश में आये है और वहां से संक्रमण के वाहक होने का अनचाहे ही माध्यम बन गये हैं। निजा़मुद्दीन मरकज को लेकर पुलिस में मामले दर्ज हो चुके हैं। इनकी जांच में सामने आयेगा कि इनके खिलाफ लाकडाऊन की अवेहलना का मामला उस बिल्डंग की चार दिवारी के भीतर रहते हुए भी बनता है या नही। कानून के जानकारों के मुताबिक कर्फ्यू और तालाबन्दी की अवेहलना भवन की चार दिवारी के भीतर नही बनती है। इसी के साथ यह भी जांच में ही सामने आयेगा कि उस सम्मेलन में शामिल कितने लोग पहले से ही संक्रमित होकर वहां आये और फिर दूसरो में सक्रमण फैलाने का कारण बने। क्योंकि कई बार जानकारी के अभाव में भी ऐसी गलतीयां हो जाती हैं।
ऊना में ही जहां मण्डी के रहने वाले तीन लोग पकड़े गये है वहीं पर अम्ब में कार्यरत एक ज्यूडिशियल अधिकारी श्रीमति रोज़ी दहिया ऊना अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में 20-03-2020 को कोरोना संक्रमण के लिये भर्ती हुई थी। लेकिन आईसोलेशन के नियमों का उल्लघंन करते हुए देर शाम अपने पति के साथ अस्पताल में घूमी भी और रात को पति के ही साथ वहां रही भी। ज़िलाधीश ऊना ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए सीएमओ को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने के आदेश किये हैं। इससे यह सवाल उठता है कि जब एक जिम्मेदार न्यायिक अधिकारी इस तरह से आईसोलेशन के नियमों की अस्पताल में भर्ती होने के बाद अवेहलना करता है तो निजा़मुद्दीन मरकज से आने वाले तब्लीगीयों से नियमों की जानकारी की कितनी अपेक्षा की जा सकती है।