सती के ब्यान से बदली सुधीर की स्थितियां

Created on Tuesday, 01 October 2019 07:03
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल।  सुधीर शर्मा धर्मशाला से कांग्रेस के प्रत्याशी नही हुए हैं क्योंकि उन्होंने यह उपचुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया था। लेकिन इस इन्कार से पहले यह समाचार भी आये थे कि सुधीर भाजपा से यह उपचनुाव लड़ सकते हैं। सुधीर ने इस समाचार का खण्डन करते हुए अखबार को शायद नोटिस भी भेजा था परन्तु इससे आगे बात नही बड़ी थी। परन्तु अब भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने एक चैनल को दिये ब्यान में यह कहा है कि सुधीर भाजपा के संपर्क में चल रहे थे।  सत्ती के इस ब्यान से पहले आये समाचारों को ही बल मिलता है। सुधीर ने सत्ती के इस ब्यान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सत्ती इस ब्यान को वापिस लें नही तो वह उन पर मान हानि का मामला दायर करेंगे।
सत्ती यह ब्यान वापिस लेते हैं या नही और सुधीर उन पर मानहानि का मामला दायर करते हैं या नही यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन सत्ती-सुधीर के इस द्वन्द के बाद सुधीर के लिये राजनीतिक प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। क्योंकि सुधीर पहले कह चुके हैं कि वह शायद इस उपचुनाव के लिये समय न दे पायें क्योंकि उन्हें ईलाज के लिये विदेश जाना है। अब इस उपचुनाव में कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे स्व. मूल राज पाधा के बेटे ने भी बतौर आजाद उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर दिया है। इस नामांकन को कांग्रेस में विरोध और विद्रोह की संज्ञा दी जा रही है। यहां यह भी गौरतलब है कि पाधा के सुधीर के साथ बहुत निकट के रिश्ते हैं और इन रिश्तों के कारण यह विद्रोह अनचाहे ही सुधीर के नाम लग जायेगा। इससे सुधीर के राजनीतिक भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाते हैं। क्योंकि इन परिस्थितियों में आने वाले दिनों में पार्टी सुधीर के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिये कारवाई तक कर सकती है।
इस परिदृश्य में राजनीतिक विश्लेष्कों के अनुसार सुधीर को अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित रखने के लिये सत्ती के ब्यान का व्यवहारिक जवाब देने के लिये धर्मशाला में पार्टी के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिये पूरी सक्रियता के साथ चुनाव का संचालन संभालना होगा। क्योंकि वह अब अपने को पार्टी का लोकसभा के लिये प्रत्याशी प्रौजैक्ट कर सकते हैं इसके लिये उन्हें कांग्रेस के विद्रोही को भी चुनाव से हटाने के लिये प्रयास करने होंगे। क्योंकि सत्ती का ब्यान एक ऐसे वक्त पर आया है जिसके जवाब के लिये सुधीर को पूरी ईमानदारी से व्यवहारिक रूप से चुनाव में सक्रियता दिखानी होगी।