शिमला/शैल। मुख्यमन्त्री राहत कोष एक ऐसा साधन है जिससे किसी भी व्यक्ति की सहायता की जा सकती है। इसकी सहायता की पात्रता के लिये कोई बडे़ कडे़ नियम नही है जैसा की अन्य योजनाओं में होता है। इसके तहत दी गयी सहायता को किसी भी तरह से किसी अदालत में चुनौती नही दी जा सकती है। इसमें केवल यही देखा जाता है कि जिस दिन यह सहायता मांगी जाती है उस दिन मुख्यमन्त्री राहत कोष में धन उपलब्ध होना चाहिये और सहायता मांगने वाले के पास उस समय और कोई साधन उपलब्ध नही था। मुख्यमन्त्री राहत कोष से सामान्यतः आवदेन संबंधित एसडीएम कार्यालय के माध्यम से भेजे जाते हैं ताकि वह यह सुनिश्चित कर सके की सहायता मांगने वाला सही में इसका पात्र है। वैसे नियमों में ऐसी कोई बंदिश नही है क्योंकि यह सहायता मुख्यमन्त्री के अपने विवके पर निर्भर करती है और मुख्यमंत्री किसी भी ऐसे आग्रह को अस्वीकार भी कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री राहत कोष शुद्ध रूप से केवल सरकारी धन ही नही होता है। इसमें कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री को इसमें योगदान दे सकता है और मुख्यमंत्री अपने विवके से इसमें से कोई भी आंवटन कर सकते हैं। इस वित्तिय वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष से 27 दिसम्बर 2017 से 15 जनवरी 2019 तक प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 17,34,51,949 रूपये की सहायता दी गयी है। इसमें मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र सिराज में 3,03,17,140 रूपये की सहायता दी गयी है।