दुनिया Shail Samachar Newspaper https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19 2025-09-18T19:42:32+00:00 Joomla! - Open Source Content Management जैव विविधता संरक्षण कार्यशाला 2021-01-12T17:20:38+00:00 2021-01-12T17:20:38+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1778-2021-01-12-17-20-38 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><div class="kvgmc6g5 cxmmr5t8 oygrvhab hcukyx3x c1et5uql ii04i59q"> <div dir="auto"> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> हिमाचल राज्य विविधता बोर्ड और प्रेस क्लब शिमला के संयुक्त तत्वाधान में जैव विविधता संरक्षण पर मंगलवार को प्रेस क्लब में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता निशांत ठाकुर, सयुंक्त सदस्य सचिव, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने की।</span><br /><span style="font-size: small;">उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश, जैव विविधता अधिनियम 2002 के कार्यान्वयन में देश में अग्रणी प्रदेशों में से एक हैं। राज्य जैव विविधता बोर्ड ने जैव विविधता अधिनियम 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत 3371 जैव विविधता प्रबंधन समितियां तथा इतने ही लोक जैव विविधता रजिस्टर तेयार किये हैं। जैव विविधता बोर्ड प्रदेश में चार जैव विविधता विरासत स्थलों की अधिसूचना पे कार्य कर रहा है। लोक जैव विविधता रजिस्टर से संबंधित जानकारी अपलोड करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को जैव विविधता बोर्ड की वेबसाइट पर होस्ट किया है तथा 3371 जैव विविधता प्रबंधन समितियों को यूनिक आईडी और पासवर्ड प्रदान किए गए हैं स</span><br /><span style="font-size: small;">इस अवसर पर शुभ्रा बनर्जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने जैव संसाधनों के सरंक्षण तथा सतत उपयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा संरक्षण के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जैव विविधता अधिनियम 2002 के हित लाभ प्रावधानों के अनुसार उपयोगकर्ता उद्योग के सहूलियत के लिए राज्य जैव विविधता बोर्ड ने एक ऑनलाइन आवेदन पत्र अपने वेबपोर्टल होस्ट किया है।</span><br /><span style="font-size: small;">डा० मुरारी ठाकुर, परियोजना समन्वयक, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने अपने व्याख्यान में जैव विविधता अधिनियम 2002 के कुछ प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश जैव विविधता का भण्डार है तथा यहाँ के कुछ हिस्सों में स्थानीय लोग, अपनी आजीविका के लिए जैव संसाधनों खासकर जड़ी बूटियों पर निर्भर हैं। प्रदेश के कुछ भागों में इन दुर्लभ जड़ी बूटियों की खेती भी की जाने लगी है।</span><br /><span style="font-size: small;">उन्होंने बताया कि एक वैज्ञानिक अनुमान के अनुसार आने वाले समय में प्रदेश को जैव विविधता अधिनियम 2002 के प्रावधानों के माध्यम से लगभग 36 करोड़ सालाना आय होगी। उन्होंने बयाता कि इसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत यह राशि उन ग्राम पंचायतों में भेजी जानी हैं जहाँ से उन जैव संसाधनोंध्जड़ी बूटियों का व्यापार हुआ होगा तथा यह राशी जैव संसाधनोंध्जड़ी बूटियों के संरक्षण में व्यय की जायेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">इसके अतिरिक्त, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ अर्जित करने के लिए जैव संसाधनों के क्षेत्र में इनकी विपणन प्रणाली को मजबूत करके, मूल्यवर्धन के माध्यम से, उत्पादकों को उपयोगकर्ताओं से सीधे जोड़ने इत्यादि से प्रदेश में आजीविका के नए अवसरों में वृद्धि बहुत संभव है।</span><br /><span style="font-size: small;">डा० पंकज शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेशनल, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने हिमाचल प्रदेश में पायी जाने वाली दुर्लभ जड़ी बूटियों, जो कि संकटग्रष्ट हैं, के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने जैव विविधता अधिनियम 2002 के कार्यान्वयन मैं आम जन मानस की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला।</span></p> </div> </div></div> <div class="feed-description"><div class="kvgmc6g5 cxmmr5t8 oygrvhab hcukyx3x c1et5uql ii04i59q"> <div dir="auto"> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> हिमाचल राज्य विविधता बोर्ड और प्रेस क्लब शिमला के संयुक्त तत्वाधान में जैव विविधता संरक्षण पर मंगलवार को प्रेस क्लब में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता निशांत ठाकुर, सयुंक्त सदस्य सचिव, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने की।</span><br /><span style="font-size: small;">उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश, जैव विविधता अधिनियम 2002 के कार्यान्वयन में देश में अग्रणी प्रदेशों में से एक हैं। राज्य जैव विविधता बोर्ड ने जैव विविधता अधिनियम 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत 3371 जैव विविधता प्रबंधन समितियां तथा इतने ही लोक जैव विविधता रजिस्टर तेयार किये हैं। जैव विविधता बोर्ड प्रदेश में चार जैव विविधता विरासत स्थलों की अधिसूचना पे कार्य कर रहा है। लोक जैव विविधता रजिस्टर से संबंधित जानकारी अपलोड करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को जैव विविधता बोर्ड की वेबसाइट पर होस्ट किया है तथा 3371 जैव विविधता प्रबंधन समितियों को यूनिक आईडी और पासवर्ड प्रदान किए गए हैं स</span><br /><span style="font-size: small;">इस अवसर पर शुभ्रा बनर्जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने जैव संसाधनों के सरंक्षण तथा सतत उपयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा संरक्षण के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जैव विविधता अधिनियम 2002 के हित लाभ प्रावधानों के अनुसार उपयोगकर्ता उद्योग के सहूलियत के लिए राज्य जैव विविधता बोर्ड ने एक ऑनलाइन आवेदन पत्र अपने वेबपोर्टल होस्ट किया है।</span><br /><span style="font-size: small;">डा० मुरारी ठाकुर, परियोजना समन्वयक, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने अपने व्याख्यान में जैव विविधता अधिनियम 2002 के कुछ प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश जैव विविधता का भण्डार है तथा यहाँ के कुछ हिस्सों में स्थानीय लोग, अपनी आजीविका के लिए जैव संसाधनों खासकर जड़ी बूटियों पर निर्भर हैं। प्रदेश के कुछ भागों में इन दुर्लभ जड़ी बूटियों की खेती भी की जाने लगी है।</span><br /><span style="font-size: small;">उन्होंने बताया कि एक वैज्ञानिक अनुमान के अनुसार आने वाले समय में प्रदेश को जैव विविधता अधिनियम 2002 के प्रावधानों के माध्यम से लगभग 36 करोड़ सालाना आय होगी। उन्होंने बयाता कि इसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत यह राशि उन ग्राम पंचायतों में भेजी जानी हैं जहाँ से उन जैव संसाधनोंध्जड़ी बूटियों का व्यापार हुआ होगा तथा यह राशी जैव संसाधनोंध्जड़ी बूटियों के संरक्षण में व्यय की जायेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">इसके अतिरिक्त, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ अर्जित करने के लिए जैव संसाधनों के क्षेत्र में इनकी विपणन प्रणाली को मजबूत करके, मूल्यवर्धन के माध्यम से, उत्पादकों को उपयोगकर्ताओं से सीधे जोड़ने इत्यादि से प्रदेश में आजीविका के नए अवसरों में वृद्धि बहुत संभव है।</span><br /><span style="font-size: small;">डा० पंकज शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेशनल, राज्य जैव विविधता बोर्ड ने हिमाचल प्रदेश में पायी जाने वाली दुर्लभ जड़ी बूटियों, जो कि संकटग्रष्ट हैं, के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने जैव विविधता अधिनियम 2002 के कार्यान्वयन मैं आम जन मानस की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला।</span></p> </div> </div></div> चर्चा में है जयराम की चिदम्बरम को क्लीन चिट 2020-02-18T09:40:04+00:00 2020-02-18T09:40:04+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1574-2020-02-18-09-40-04 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> दिल्ली विधानसभा के चुनावों में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस को शर्मनाक हार दी है। भाजपा ने इस चुनाव में अपनी पूरी राष्ट्रीय ताकत झोंक दी थी लेकिन इसके बावजूद वह दहाई के आंकड़े तक भी नही पहुंच पायी। वहीं कांग्रेस अपने पूराने शून्य के स्कोर से इस बार भी आगे नही बढ़ पायी। प्रदेश की पूरी भाजपा सरकार मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर और उनके सारे सहयोगी मन्त्री तथा नवनिर्वाचित अध्यक्ष डाॅ.राजीव बिन्दल अपनी पूरी टीम के साथ दिल्ली में बैठे हजारों हिमाचलीयों को लुभाने में लगे थे। इस नाते दिल्ली की हार का असर हिमाचल पर भी होना स्वभाविक है। क्योंकि वित्त राज्य मन्त्री अनुराग हिमाचल से ताल्लुक रखते हैं और अमितशाह ने उनके ब्यान को हार का एक कारण करार दिया है। दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस की टीम भी दिल्ली में डटी थी और प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश नेता जो अब नये बनने वाले संगठन में पद पाने के लिये प्रयासरत हैं वह अलका लांबा के प्रचार में लगे थे। लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद अलका लांबा 48000 मतों से हार गयी। इससे भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेतृत्व की क्षमताओं का आकलन आसानी से किया जा सकता है।</span><br /><span style="font-size: small;">दिल्ली में कांग्रेस को हार मिली लेकिन उसके नेता पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदम्बरम ने केजरीवाल और आप को जीत की बधाई देने में जो शीघ्रता दिखाई उसको लेकर पार्टी में बड़ा बबाल खड़ा हो गया। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जारी की है। लेकिन राजनितिक विश्लेषकों की नजर में चिदम्बरम का बधाई देना एक स्वभाविक प्रतिक्रिया थी। क्योंकि चिदम्बरम ने बहुत समय उस मामले में जेल में गुजारा जिसमें उनके साथ काम कर चुके अधिकारियों को किसी ने छुआ तक नही। हिमाचल के वित्त सचिव प्रबोध सक्सेना, चिदम्बरम के खिलाफ हुई एफआईआर में नामजद हैं। अदालत में उन्होने अन्तरिम जमानत की गुहार लगाई और सीबीआई ने इसका कोई बड़ा विरोध भी नही किया। सीबीआई ने कभी उनसे पूछताछ तक नही करी जबकि  चिदम्बरम और उनके तत्कालीन विभागीय सचिव ने स्पष्ट कहा था कि फाईल पर सारे दस्तावेजों का आकलन करना और उसके आधार पर सचिव तथा मन्त्री के लिये सही नोट तैयार करना जूनियर अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है। सक्सेना उन्ही अधिकारियों में से एक थे और इसी नाते सी.बी.आई. की एफआईआर में उनका नाम है जो अब अदालत में पहुंचे चालान में भी यथावत है। बल्कि इसमें हिमाचल सरकार और विशेष रूप से मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने सक्सेना में जो विश्वास व्यक्त किया उससे चिदम्बरम को भी बड़ा सहारा मिला। सीबीआई की एफआईआर और चार्जशीट झेल रहा अन्तरिम जमानत पर चला रहा अधिकारी सरकार के हर मानदण्ड में ओ डी आई श्रेणी में आता है। ऐसे अधिकारी को संवेदनशील जिम्मेदारी देने की संस्तुति नही की जाती है। प्रदेश उच्च न्यायालय इसमें कई बार सरकार को निर्देश दे चुका है। लेकिन मुख्यमन्त्री ने इस सबकी परवाह किये बिना सक्सेना पर अपना विश्वास बनाये रखा तथा महत्वपूर्ण विभाग उनके हवाले रहे।</span><br /><span style="font-size: small;">स्वभाविक है कि जहां केन्द्र सरकार चिदम्बरम के पीछे पडी थी वहीं पर जब उनके साथ सहअभियुक्त अधिकारी पर भाजपा शासित राज्य का ही मुख्यमंत्री ऐसा विश्वास बनाये रखेगा तो निश्चित रूप से यह विश्वास अपरोक्ष में चिदम्बरम के लिये क्लीन चिट बन जाता है। चर्चा है कि कांग्रेस ने अपरोक्ष में मिले इस क्लीन चिट को चुनावों में खुब भुनाया है क्योंकि इसी क्लीन चिट के आधार पर चिदम्बरम के खिलाफ बनाया गया मामला राजनीतिक प्रतिशोध की परिभाषा में आता है। क्योंकि हिमाचल सरकार और उसके मुख्यमन्त्री का यह विश्वास स्पष्ट इंगित करता है कि सक्सेना के खिलाफ बनाया गया मामला आधारहीन था। फिर इस मामले से जुड़े सक्सेना सहित किसी भी अधिकारी ने कभी यह नही कहा है कि इसमें चिदम्बरम ने उनके ऊपर कभी कोई दवाब डाला था। माना जा रहा हैं कि अब भाजपा जब इस हार का आकलन करेगी तो यह सारे मामले उसके संज्ञान में रहेंगे और उसे ज्यादती करने का एहसास भी होगा।</span><br /><span style="font-size: small;">उधर प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा  का विषय बना हुआ है क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरैन्स का दावा करती है। भ्रष्टाचार के खिलाफ रिवार्ड स्कीम जैसी योजना अधिसूचित हैं। यह सही है कि भ्रष्टाचार का अन्तिम फैसला तो अदालत से ही आयेगा। लेकिन जैसे ही ऐसा कोई मामला किसी भी माध्यम से संज्ञान में आता तो उसे जांच के लिये तुरन्त ऐजैन्सी को सौंप दिया जाता है। यह जांच शुरू होते ही संबंधित व्यक्ति ओ डी आई की श्रेणी में आ जाता है और संवदेनशील पदों से हटा दिया जाता है और ऐसा करते ही सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरैन्स का दावा दोहरा देती है। लेकिन जहां ऐसा नही हो पाता है वहीं पर सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठने शुरू हो जाते <span style="font-size: small;">हैं</span>। आज सक्सेना के मामले में जयराम सरकार ऐसे ही द्वन्द में आ गयी है। सीधा माना जा रहा है कि सरकार इस प्रकरण में सीबीआई से सहमत नही है। सीबीआई केन्द्र सरकार की सबसे बड़ी ऐजैन्सी है और जब इस ऐजैन्सी ने चिदम्बरम की गिरफ्तारी की तब प्रधानमन्त्री और गृहमन्त्री ने दावे किये थे कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचने नही पायेगा। लेकिन जब इसी मामले में सहअभियुक्त बने किसी भी अधिकारी के खिलाफ सीबीआई से लेकर राज्य सरकार तक ने कोई कदम नही उठाया तो पूरा मामला स्वतः ही राजनीति से प्रेरित की श्रेणी आ गया। चुनावों में सरकार की नीयत पर हमला करने का इससे कारगार हथियार और क्या हो सकता था। </span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> दिल्ली विधानसभा के चुनावों में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस को शर्मनाक हार दी है। भाजपा ने इस चुनाव में अपनी पूरी राष्ट्रीय ताकत झोंक दी थी लेकिन इसके बावजूद वह दहाई के आंकड़े तक भी नही पहुंच पायी। वहीं कांग्रेस अपने पूराने शून्य के स्कोर से इस बार भी आगे नही बढ़ पायी। प्रदेश की पूरी भाजपा सरकार मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर और उनके सारे सहयोगी मन्त्री तथा नवनिर्वाचित अध्यक्ष डाॅ.राजीव बिन्दल अपनी पूरी टीम के साथ दिल्ली में बैठे हजारों हिमाचलीयों को लुभाने में लगे थे। इस नाते दिल्ली की हार का असर हिमाचल पर भी होना स्वभाविक है। क्योंकि वित्त राज्य मन्त्री अनुराग हिमाचल से ताल्लुक रखते हैं और अमितशाह ने उनके ब्यान को हार का एक कारण करार दिया है। दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस की टीम भी दिल्ली में डटी थी और प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश नेता जो अब नये बनने वाले संगठन में पद पाने के लिये प्रयासरत हैं वह अलका लांबा के प्रचार में लगे थे। लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद अलका लांबा 48000 मतों से हार गयी। इससे भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेतृत्व की क्षमताओं का आकलन आसानी से किया जा सकता है।</span><br /><span style="font-size: small;">दिल्ली में कांग्रेस को हार मिली लेकिन उसके नेता पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदम्बरम ने केजरीवाल और आप को जीत की बधाई देने में जो शीघ्रता दिखाई उसको लेकर पार्टी में बड़ा बबाल खड़ा हो गया। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जारी की है। लेकिन राजनितिक विश्लेषकों की नजर में चिदम्बरम का बधाई देना एक स्वभाविक प्रतिक्रिया थी। क्योंकि चिदम्बरम ने बहुत समय उस मामले में जेल में गुजारा जिसमें उनके साथ काम कर चुके अधिकारियों को किसी ने छुआ तक नही। हिमाचल के वित्त सचिव प्रबोध सक्सेना, चिदम्बरम के खिलाफ हुई एफआईआर में नामजद हैं। अदालत में उन्होने अन्तरिम जमानत की गुहार लगाई और सीबीआई ने इसका कोई बड़ा विरोध भी नही किया। सीबीआई ने कभी उनसे पूछताछ तक नही करी जबकि  चिदम्बरम और उनके तत्कालीन विभागीय सचिव ने स्पष्ट कहा था कि फाईल पर सारे दस्तावेजों का आकलन करना और उसके आधार पर सचिव तथा मन्त्री के लिये सही नोट तैयार करना जूनियर अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है। सक्सेना उन्ही अधिकारियों में से एक थे और इसी नाते सी.बी.आई. की एफआईआर में उनका नाम है जो अब अदालत में पहुंचे चालान में भी यथावत है। बल्कि इसमें हिमाचल सरकार और विशेष रूप से मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने सक्सेना में जो विश्वास व्यक्त किया उससे चिदम्बरम को भी बड़ा सहारा मिला। सीबीआई की एफआईआर और चार्जशीट झेल रहा अन्तरिम जमानत पर चला रहा अधिकारी सरकार के हर मानदण्ड में ओ डी आई श्रेणी में आता है। ऐसे अधिकारी को संवेदनशील जिम्मेदारी देने की संस्तुति नही की जाती है। प्रदेश उच्च न्यायालय इसमें कई बार सरकार को निर्देश दे चुका है। लेकिन मुख्यमन्त्री ने इस सबकी परवाह किये बिना सक्सेना पर अपना विश्वास बनाये रखा तथा महत्वपूर्ण विभाग उनके हवाले रहे।</span><br /><span style="font-size: small;">स्वभाविक है कि जहां केन्द्र सरकार चिदम्बरम के पीछे पडी थी वहीं पर जब उनके साथ सहअभियुक्त अधिकारी पर भाजपा शासित राज्य का ही मुख्यमंत्री ऐसा विश्वास बनाये रखेगा तो निश्चित रूप से यह विश्वास अपरोक्ष में चिदम्बरम के लिये क्लीन चिट बन जाता है। चर्चा है कि कांग्रेस ने अपरोक्ष में मिले इस क्लीन चिट को चुनावों में खुब भुनाया है क्योंकि इसी क्लीन चिट के आधार पर चिदम्बरम के खिलाफ बनाया गया मामला राजनीतिक प्रतिशोध की परिभाषा में आता है। क्योंकि हिमाचल सरकार और उसके मुख्यमन्त्री का यह विश्वास स्पष्ट इंगित करता है कि सक्सेना के खिलाफ बनाया गया मामला आधारहीन था। फिर इस मामले से जुड़े सक्सेना सहित किसी भी अधिकारी ने कभी यह नही कहा है कि इसमें चिदम्बरम ने उनके ऊपर कभी कोई दवाब डाला था। माना जा रहा हैं कि अब भाजपा जब इस हार का आकलन करेगी तो यह सारे मामले उसके संज्ञान में रहेंगे और उसे ज्यादती करने का एहसास भी होगा।</span><br /><span style="font-size: small;">उधर प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा  का विषय बना हुआ है क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरैन्स का दावा करती है। भ्रष्टाचार के खिलाफ रिवार्ड स्कीम जैसी योजना अधिसूचित हैं। यह सही है कि भ्रष्टाचार का अन्तिम फैसला तो अदालत से ही आयेगा। लेकिन जैसे ही ऐसा कोई मामला किसी भी माध्यम से संज्ञान में आता तो उसे जांच के लिये तुरन्त ऐजैन्सी को सौंप दिया जाता है। यह जांच शुरू होते ही संबंधित व्यक्ति ओ डी आई की श्रेणी में आ जाता है और संवदेनशील पदों से हटा दिया जाता है और ऐसा करते ही सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरैन्स का दावा दोहरा देती है। लेकिन जहां ऐसा नही हो पाता है वहीं पर सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठने शुरू हो जाते <span style="font-size: small;">हैं</span>। आज सक्सेना के मामले में जयराम सरकार ऐसे ही द्वन्द में आ गयी है। सीधा माना जा रहा है कि सरकार इस प्रकरण में सीबीआई से सहमत नही है। सीबीआई केन्द्र सरकार की सबसे बड़ी ऐजैन्सी है और जब इस ऐजैन्सी ने चिदम्बरम की गिरफ्तारी की तब प्रधानमन्त्री और गृहमन्त्री ने दावे किये थे कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचने नही पायेगा। लेकिन जब इसी मामले में सहअभियुक्त बने किसी भी अधिकारी के खिलाफ सीबीआई से लेकर राज्य सरकार तक ने कोई कदम नही उठाया तो पूरा मामला स्वतः ही राजनीति से प्रेरित की श्रेणी आ गया। चुनावों में सरकार की नीयत पर हमला करने का इससे कारगार हथियार और क्या हो सकता था। </span></p></div> जब 118 के तहत खरीद के मामले दशकों तक लंबित रहेंगे तो उपयोग और निवेश का क्या होगा 2020-01-29T11:08:41+00:00 2020-01-29T11:08:41+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1560--118---------------- Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong>  प्रदेश के भूसुधार अधिनियम की धारा 118 के तहत कोई भी गैर कृषक हिमाचल में सरकार की पूर्व अनुमति के बिना ज़मीन नही खरीद सकता है। सरकार प्रदेश के विकास के लिये निवेश जुटाने की नीयत से इन खरीद नियमों में समय समय पर संशोधन करती रही है। प्रदेश में रही हर सरकार ऐसा करती रही है। जहां सरकारें इसके खरीद नियमों का सरलीकरण करती रही हैं वहीं पर इसके प्रावधानों की वाॅलेशन करके इसमें खरीद बेच होने के आरोप भी लगते आये हैं इन आरोपों पर एसएस सिद्धु, जस्टिस आरएस ठाकुर और जस्टिस डी.पी सूद की अध्यक्षता में तीन बार जांच कमेटीयां भी बैठ चुकी हैं और इन कमेटीयों ने हजारों की संख्या में वाॅयलेशन के मामले अपनी रिपोर्टों में सामने भी रखे हैं। कुल्लु, मण्डी और सोलन में तो कुछ जिलाधीश रहे अधिकारियों की अपनी खरीद पर भी वाॅलेशन के आरोप लग चुके हैं जिलाधीशों का जिक्र इसलिये महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि 118 की अनुमति की फाईल ही जिलाधीश से शुरू होती है। इन जिलाधीशों का नाम धूमल कार्यकाल में विधानसभा में आये एक सवाल के जवाब में रखे गये 400 पृष्ठों के विवरण में उपलब्ध है।</span><br /><span style="font-size: small;">धारा 118 के तहत अनुमति में यह प्रावधान है कि ज़मीन बेचने वाला ज़मीन बेचने के बाद स्वयं भूमिहीन तो नही हो जाता है। खरीद की अनुमति मकान बनाने, दुकान बनाने, उद्योग लगाने आदि के लिये दी जाती है। कृषि कार्य के लिये भी एक निश्चित सीमा तक अनुमति का प्रावधान है। पालमपुर के अनुप दत्ता ने इसी प्रावधान के वाॅयलेशन का आरोप लगाते हुए कुछ अधिकारियों के खिलाफ कारवाई किये जाने की मांग की है। धारा 118 के तहत मकान बनाने के लिये कितनी बार अनुमति ली जा सकती है इसको लेकर स्पष्ट रूप से कुछ नही कहा गया है और इसी अस्पष्टता का सहारा लेकर कई बड़े अधिकारियों ने एक से अधिक बार ऐसी अनुमति ली हैं। धारा 118 के तहत अुनमति लेकर जमीन खरीद कर यदि उसी जमीन को बेच देना हो तो इसके लिये भी अनुमति लेनी होती है।</span><br /><span style="font-size: small;">धारा 118 के तहत अनुमति लेने के बाद उस जमीन पर दो वर्ष के भीतर निर्माण करना अनिवार्य होता है। यदि किन्ही कारणों से ऐसा न हो पाये तो इसके लिये एक वर्ष और की अनुमति का भी प्रावधान है। यदि इस अवधि में भी जीमन को वांच्छित उद्देश्य के उपयोग में न लाया जा सके तो ऐसी जमीन सरकार में विहित हो जायेगी और इसके लिये कोई भी मुआवजा आदि नही मिलेगा यह भी प्रावधान किया हुआ है। धारा 118 के तहत खरीद की अनुमति से लेकर उसकी वाॅयलेशन तक के हर मामले की पहली जानकारी संबंधित जिलाधीश के पास ही आती है। इसलिये इसका हर मामला अदालत में स्टेट बनाम अमुक से ही चलता है। इसके लिये पहली अदालत भी जिलाधीश की ही होती है। इसी के बाद मण्डलायुक्त और एफ सी अपील की अदालतों में यह मामलें पहुंचते हैं । इस समय प्रदेश में 118 की वाॅलेशन के 295 मामलें जिलाधीशों से लेकर एफ सी अपील की अदालतों में लंबित हैं। कई मामले तो वर्ष 2000 से लंबित चल रहे हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस संपति की खरीद के मामले दशकों तक अदालतों में लंबित रहेंगे उसका उपयोग क्या हो रहा होगा। वाॅयलेशन का जो रिकार्ड सामने आया है उसमें जिलाधीश मण्डी के पास 24 मामले दर्ज हैं। यह सभी मामले 2018 और 2019 में आये हैं। सभी स्टेट बनाम अमुक-अमुक हैं अर्थात जिलाधीश द्वारा ही दायर किये गये हैं। इसमें यह सवाल उठना स्वभाविक है कि जब 118 में अनुमति लेकर दो वर्ष के भीतर उसको उपयोग में लाना है तो क्या मण्डी में 118 के प्रावधानों के अनुसार खरीद की अनुमतियां नही दी जा रही हैं। क्योंकि जो मामला 2019 में अदालत में आ रहा है वह खरीद भी अभी ही हुई होगी। इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या संवद्ध प्रशासन को 118 के प्रावधानों के प्रति अपडेट करने की आवश्यकता है क्योंकि इसका असर अन्ततः निवेश के अनुमानों पर पड़ेगा।</span></p> <p style="text-align: justify;"><img src="images/mands.jpg" border="0" width="500" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /></p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"><img src="images/5.jpg" border="0" width="500" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong>  प्रदेश के भूसुधार अधिनियम की धारा 118 के तहत कोई भी गैर कृषक हिमाचल में सरकार की पूर्व अनुमति के बिना ज़मीन नही खरीद सकता है। सरकार प्रदेश के विकास के लिये निवेश जुटाने की नीयत से इन खरीद नियमों में समय समय पर संशोधन करती रही है। प्रदेश में रही हर सरकार ऐसा करती रही है। जहां सरकारें इसके खरीद नियमों का सरलीकरण करती रही हैं वहीं पर इसके प्रावधानों की वाॅलेशन करके इसमें खरीद बेच होने के आरोप भी लगते आये हैं इन आरोपों पर एसएस सिद्धु, जस्टिस आरएस ठाकुर और जस्टिस डी.पी सूद की अध्यक्षता में तीन बार जांच कमेटीयां भी बैठ चुकी हैं और इन कमेटीयों ने हजारों की संख्या में वाॅयलेशन के मामले अपनी रिपोर्टों में सामने भी रखे हैं। कुल्लु, मण्डी और सोलन में तो कुछ जिलाधीश रहे अधिकारियों की अपनी खरीद पर भी वाॅलेशन के आरोप लग चुके हैं जिलाधीशों का जिक्र इसलिये महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि 118 की अनुमति की फाईल ही जिलाधीश से शुरू होती है। इन जिलाधीशों का नाम धूमल कार्यकाल में विधानसभा में आये एक सवाल के जवाब में रखे गये 400 पृष्ठों के विवरण में उपलब्ध है।</span><br /><span style="font-size: small;">धारा 118 के तहत अनुमति में यह प्रावधान है कि ज़मीन बेचने वाला ज़मीन बेचने के बाद स्वयं भूमिहीन तो नही हो जाता है। खरीद की अनुमति मकान बनाने, दुकान बनाने, उद्योग लगाने आदि के लिये दी जाती है। कृषि कार्य के लिये भी एक निश्चित सीमा तक अनुमति का प्रावधान है। पालमपुर के अनुप दत्ता ने इसी प्रावधान के वाॅयलेशन का आरोप लगाते हुए कुछ अधिकारियों के खिलाफ कारवाई किये जाने की मांग की है। धारा 118 के तहत मकान बनाने के लिये कितनी बार अनुमति ली जा सकती है इसको लेकर स्पष्ट रूप से कुछ नही कहा गया है और इसी अस्पष्टता का सहारा लेकर कई बड़े अधिकारियों ने एक से अधिक बार ऐसी अनुमति ली हैं। धारा 118 के तहत अुनमति लेकर जमीन खरीद कर यदि उसी जमीन को बेच देना हो तो इसके लिये भी अनुमति लेनी होती है।</span><br /><span style="font-size: small;">धारा 118 के तहत अनुमति लेने के बाद उस जमीन पर दो वर्ष के भीतर निर्माण करना अनिवार्य होता है। यदि किन्ही कारणों से ऐसा न हो पाये तो इसके लिये एक वर्ष और की अनुमति का भी प्रावधान है। यदि इस अवधि में भी जीमन को वांच्छित उद्देश्य के उपयोग में न लाया जा सके तो ऐसी जमीन सरकार में विहित हो जायेगी और इसके लिये कोई भी मुआवजा आदि नही मिलेगा यह भी प्रावधान किया हुआ है। धारा 118 के तहत खरीद की अनुमति से लेकर उसकी वाॅयलेशन तक के हर मामले की पहली जानकारी संबंधित जिलाधीश के पास ही आती है। इसलिये इसका हर मामला अदालत में स्टेट बनाम अमुक से ही चलता है। इसके लिये पहली अदालत भी जिलाधीश की ही होती है। इसी के बाद मण्डलायुक्त और एफ सी अपील की अदालतों में यह मामलें पहुंचते हैं । इस समय प्रदेश में 118 की वाॅलेशन के 295 मामलें जिलाधीशों से लेकर एफ सी अपील की अदालतों में लंबित हैं। कई मामले तो वर्ष 2000 से लंबित चल रहे हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस संपति की खरीद के मामले दशकों तक अदालतों में लंबित रहेंगे उसका उपयोग क्या हो रहा होगा। वाॅयलेशन का जो रिकार्ड सामने आया है उसमें जिलाधीश मण्डी के पास 24 मामले दर्ज हैं। यह सभी मामले 2018 और 2019 में आये हैं। सभी स्टेट बनाम अमुक-अमुक हैं अर्थात जिलाधीश द्वारा ही दायर किये गये हैं। इसमें यह सवाल उठना स्वभाविक है कि जब 118 में अनुमति लेकर दो वर्ष के भीतर उसको उपयोग में लाना है तो क्या मण्डी में 118 के प्रावधानों के अनुसार खरीद की अनुमतियां नही दी जा रही हैं। क्योंकि जो मामला 2019 में अदालत में आ रहा है वह खरीद भी अभी ही हुई होगी। इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या संवद्ध प्रशासन को 118 के प्रावधानों के प्रति अपडेट करने की आवश्यकता है क्योंकि इसका असर अन्ततः निवेश के अनुमानों पर पड़ेगा।</span></p> <p style="text-align: justify;"><img src="images/mands.jpg" border="0" width="500" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /></p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"><img src="images/5.jpg" border="0" width="500" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /></p></div> कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र भय, भूख और गरीबी के खिलाफ एक बड़ा संकल्प 2019-04-17T07:13:06+00:00 2019-04-17T07:13:06+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1348-2019-04-17-07-13-06 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><img src="images/pappu1.jpg" border="0" width="250" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />भाइयों और बहनों, 2019 का आम चुनाव देश के सामने एक बड़ा विकल्प प्रस्तुत कर रहा है। क्या भारत एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश होगा? क्या भारत के लोग भय से मुक्त होगें? अपनी इच्छा अनुसार जीवन जीने, काम करने, खाने-पीने, स्वेच्छा से जीवनसाथी चुनने के लिए स्वतंत्र रहेंगे? क्या गरीबी से मुक्ति पाने के लिए अपनी आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं, को परिपूर्ण करने के प्रयास के लिए स्वतंत्र होंगे? या</span><br /><span style="font-size: small;">क्या भारत उस विभाजनकारी, विध्वंसकारी विचारधारा से संचालित होगा जो लोगों के अधिकारों को, संस्थाओं को, विविधतापूर्ण, सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्ववादी स्वस्थ मतभिन्नता के विचार को, जोकि भारत जैसे बहु-सांस्कृतिक समाज और देश की आत्मा है, रौंदकर छिन्न-भिन्न कर देगा?</span><br /><span style="font-size: small;">क्या भारत विकास की लहरों के साथ, अपने सभी नागरिकों, को ऊपर उठाकर, उन्हें गरीबी के कुचक्र से मुक्ति दिला पायेगा या भारत, धन-संपत्ति और शक्ति की असमानताओं से पहचाना जाने वाला राष्ट्र बनकर रह जायेगा?</span><br /><span style="font-size: small;">पिछले 5 वर्ष, भारत तथा भारतीयता के लिए विनाशकारी रहे हैं। युवाओं का रोजगार छिन गया है। किसान उम्मीद खो चुके हैं, व्यापारियों का कारोबार छिन्न-भिन्न हो चुका है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों ने, अपना आत्मविश्वास खो दिया है, महिलाओं में सुरक्षा की भावना का ह्रास हुआ है, वंचित समुदायों ने अपने पारंपरिक अधिकार खो दिये हैं, संस्थाओं ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है। इन सबसे इतर जो सबसे खतरनाक चीज हुई है वह यह है कि आम जनता के बीच प्रधानमंत्री और उनके मंत्रीमंडल के ‘शब्दों’ ने अपना विश्वास खो दिया है। उन्होंने हमें केवल आडंबर से परिपूर्ण किन्तु खोखले वायदे, असफल कार्यक्रम, झूठे आंकड़े, भय और नफरत का वातावरण दिया है।</span><br /><span style="font-size: small;">गंभीर संकट के इस दौर में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, पिछले पांच वर्ष के दुःस्वप्न से मुक्ति का वादा करती है। इस घोषणा पत्र के द्वारा कांग्रेस, अपने आपको, आपके सम्मुख, एक मात्र राष्ट्रीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती है, एक विकल्प जो सत्य, स्वतंत्रता, गरिमा, आत्मसम्मान, सौहार्द और समृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अटूट है। हम भारत को मजबूत और एकजुट बनाने, और न्यायपूर्ण व समृद्ध समाज बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">हमारा घोषणा पत्र ‘‘जनता की आवाज को सुनना’’ जैसे उच्च विचार एवं दर्शन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह किसी एक व्यक्ति के ‘‘मन की बात’’ नहीं है बल्कि लाखों-करोड़ों देशवासियों की सामूहिक आवाज है।</span><br /><span style="font-size: small;">हमने जनता की अकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं को शामिल करने के लिए सभी आधुनिक साधन (वेबसाइट, व्हाटसएप, ईमेल, आनलाइन याचिकांए) तथा परंपरागत तरीके, नागरिकों, हितधारकों, विशेषज्ञों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ व्यापक चर्चा की तथा उस निष्कर्ष को इस घोषणा पत्र में शामिल किया है।</span><br /><span style="font-size: small;">अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच आप में से कई लोग, देश की कम से कम 16 भाषाओं तथा आपके आस-पास आसानी से उपलब्ध साधनों के माध्यम से, कांग्रेस के साथ बातचीत में शामिल हुए हैं। हमारी घोषणा पत्र समिति ने आम नागरिकों के साथ 121, तथा किसानों, उद्यमियों, अर्थशास्त्रियों, छात्रों, शिक्षकों, महिला समूहों, डाक्टर, वकील तथा अन्य क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों, विद्वानों के साथ 53 परामर्श कार्यक्रम आयोजित किये। हमने 24 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों के 60 से अधिक स्थानों में परामर्श आयोजित किये। हमने 12 से अधिक देशों के अप्रवासी भारतीयों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात और चर्चा की।</span><br /><span style="font-size: small;">मैं व्यक्तिगत रूप से, देश के कोने-कोने में जाकर लोगों से मिलता हूं और उनकी बातों विचारों को सुनता हूं, परिणामस्वरुप, कांग्रेस के घोषणा पत्र में अंकित प्रत्येक शब्द, आपकी आवाज और करोड़ो भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह भारत के बेहतर भविष्य के लिए एक कार्ययोजना है। इस घोषणापत्र को बनाने में आपकी प्रेरणा, आपकी आकांक्षा का योगदान है। यह घोषणापत्र एक जीवित दस्तावेज है। इस घोषणापत्र को अब आपके समर्थन और आपके मूल्यवान वोट की जरूरत है।</span><br /><span style="font-size: small;">हम अपने घोषणा पत्र के क्रिन्यान्वयन/कार्यान्वयन की स्थिति पर, प्रत्येक वर्ष, सार्वजनिक रूप से देश के लोगों के सम्मुख अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। हम एक स्वतंत्र सोशल आडिट ग्रुप बनायेंगे, जो इस बात का आंकलन करेगा कि हमने अपने वायदे किस हद तक और कैसे पूरे किये हैं। यह हमारी प्रतिबद्धता है, कांग्रेस जो वायदा करती है, उसे निभाती है।</span></p> <p style="text-align: justify;"><strong style="font-size: 12.16px;">राहुल गांधी</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong style="font-size: 12.16px;"></strong><strong style="font-size: 12.16px;">अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस</strong><strong style="font-size: medium;"> </strong></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: medium;"><strong>                                           फैसलेे की घड़ी</strong></span><br /><span style="font-size: small;">2019 के आम चुनाव महात्मा गाँधी जी की 150वीं जयन्ती वर्ष के दौरान हो रहे हैं। यह वक्त हमें याद दिला रहा है कि यह चुनाव दो विपरीत विचारधाराओं के बीच का चुनाव भी है। जहाँ एक तरफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस खड़ी है, जिसने देश में एक मजबूत, समृद्ध और सौहार्दपूर्ण आधुनिक भारत का निर्माण करते हुए, हर भारतवासी की आंख से आंसू पोंछने का सफल प्रयास किया है। वहीं दूसरी तरफ, गोडसे की विचारधारा है, जो भारत के उस विचार को नष्ट करने की कोशिश कर रही है जिसको प्रतिस्थापित करने के लिए महात्मा गाँधी ने अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया था। </span><br /><span style="font-size: small;">पिछले पांच वर्ष में, भाजपा सरकार के मोदी मॉडल के अन्तर्गत इस देश को भारी सामाजिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। भाजपा के मोदी मॉडल ने, हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, किसानों को बर्बाद कर दिया है, छोटे और मध्यम व्यवसायों को नष्ट कर दिया, जिसके कारण बेरोजगारी अपने चरम पर है और इन सबसे ऊपर इस माॅडल ने समाज में वैमनस्यता, नफरत और भय का माहौल पैदा कर दिया है। यह ऐसा मॉडल है जिसने अधिकांश भारतीयों से, उनकी गरिमा, विश्वास और आवाज छीन ली है। यह ऐसा माॅडल है जिसकी भारत को जरूरत नहीं है। यह ऐसा माॅडल है जिसे सभी भारतीयों को अस्वीकार करना चाहिए।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस का माॅडल भाजपा के माॅडल से बिल्कुल अलग है। कांग्रेस ने हमेशा से सुधारात्मक विकास, समावेशी वृद्धि और उत्तरदायी शासन दिया है जिसने भारतीय गणतंत्र को मजबूत किया है।</span><br /><span style="font-size: small;">2019 का चुनाव भारत के भविष्य के साथ-साथ हमारे बच्चों के भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। आज <strong>हमारे सामने विकल्प बिल्कुल स्पष्ट हैं-</strong></span><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- स्वतंत्रता या भय?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं-सद्भाव या घृणा?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं-समावेश या बहिष्करण?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- भाईचारा या भेदभाव?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- गरिमा या उत्पीड़न?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- सबका विकास या चंद लोगों की दौलत?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- परिणाम या जुमला?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- न्याय या अन्याय?</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमारे सहयोगी और अन्य प्रगतिशील राजनैतिक दल, चुनाव के इस महत्वपूर्ण क्षण के महत्व को समझते हैं, इसलिए हम सब भाजपा नेतृत्व वाले गठबन्धन को हराने और राष्ट्र को पुनः सामाजिक सौहार्द और विकास की पटरी पर लाने के लिये एकजुट हुए हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इस घोषणा पत्र के माध्यम से हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को एकमात्र राष्ट्रीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत करते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस पुनः क्यों?</span><br /><span style="font-size: small;">यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है और इसका उत्तर हमारे द्वारा किये गये विकास कार्यों के आंकडे़ स्वयं बताते हैं। हम पहले भी देश के लोगों को समृद्धि और विकास के पथ पर लेकर चले हैं, और हम पुनः देश को प्रगतिपथ पर ले जाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">अगले कुछ दिनों में हमारे सामने, एक चुनावी चुनौती है जो आने वाले कई दशकों के लिए भारत का भविष्य तय करेगी। भारत ने पहले भी इस तरह की गंभीर चुनौतियों का सामना किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ऐसी अनेक चुनौतियों का आगे बढ़कर मुकाबला किया है और हर बार भारत ने शानदार जीत हासिल की है।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम में देश का नेतृत्व किया है और सफलता प्राप्त की है। हमने संसदीय लोकतंत्र की स्थापना की है और उसे अपने खून पसीने से सींचा है। हमने देश को एक दूरदर्शी संविधान निर्माण करने और अपनाने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया है, एक संविधान जिसमें सामाजिक- आर्थिक-सहभागिता और सौहार्द की भावना निहित है। हमनें देश के लोकतंत्र की रक्षा और पहरेदारी करने वाली संस्थाओं की स्थापना की है, और हमने देश को एक मजबूत नैतिक आधार प्रदान किया है जो हर बार, हर प्रकार की चुनौती की कसौटी पर खरा उतरा है। इसके विपरीत भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को अभूतपूर्ण नुकसान हुआ है।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस देश के संविधान और संस्थानों पर आम जनता के विश्वास की पुर्नस्थापना करेगी। हमने ऐसा पहले भी किया है, और हम इसे पुनः करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस ने समृद्धता और उत्पादकता पर आधारित, आधुनिक भारत का निर्माण किया है। हमने आई.आई.टी., आई.आई.एम., अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) सी.एस.आई.आर. संस्थान और प्रयोगशालायें, शैक्षणिक और वैज्ञानिक शोध संस्थाऐं स्थापित की हैं, जिन्होनें भारतीयों की बुद्धिमता और प्रतिभा को नई चमक और ऊंचाई दी है। हरितक्रांति और स्वेतक्रांति, जिसने ग्रामीण भारत के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव किये हैं, को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हमने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्थापित किये हैं, जिन्होंने तकनीकि और औद्याोगिक विकास को नई ऊंचाई प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने भारत को परमाणु शक्ति और अंतरिक्ष शक्ति संपन्न देश बनाया है, हमने इलेक्ट्राॅनिक्स और दूरसंचार क्रांति का नेतृत्व किया है, और भारत को सूचना प्रौद्याोगिकी के शीर्ष पर पहुंचाया है। </span><br /><span style="font-size: small;">दूसरी तरफ भाजपा सरकार की नीतियों के कारण, कृषि उपज की कीमत पिछले 10 साल में सबसे कम है, उद्यमों द्वारा ऋण दर पिछले 20 साल में, सबसे कम है, और बेरोजगारी पिछले 45 साल में सबसे अधिक।</span><br /><span style="font-size: small;">निर्यात और निवेश, ऐतिहासिक तौर पर अपने निम्न स्तर पर है, परियोजनाएं बड़े पैमाने पर रूकी पड़ी हैं, और कारखानों के बन्द होने से विनिर्माण क्षेत्र में भारी रूकावट आई है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया पूरी तरह असफल हो गये हैं। पेट्रोल- डीजल और गैस के दाम आसमान छू रहे हैं, उपभोक्ताओं में निराशा का भाव है जिसके कारण सरकार पूरी तरह से जनता का विश्वास खो चुकी है। किसान हर प्रकार से नाउम्मीद हो चुका है, और अत्यधिक तनाव में है। कुछ वर्ष पूर्व का एक आकांक्षापूर्ण भारत आज एक हताश और निराश भारत बन चुका है। 21वीं सदी में, विश्वस्तर पर पुनः भारत को एक मजबूत और अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए, कांग्रेस एक बार फिर देश की व्यवस्था को पटरी पर लायेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">हमने पहले भी किया है और हम इसे फिर से करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस ने उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की शुरूआत की, यह कांग्रेस ही है जिसने सफल मध्यमवर्ग और नये उद्यमी वर्ग का निर्माण किया, यह कांग्रेस ही है जिसने गरीबजनों के लिए सामाजिक सुरक्षा का व्यापक आधार तैयार करने के लिए अधिकार आधारित कानूनों को संसद से पारित करवाया। यह कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ही थी जिसने 2004 से 2014 के दौरान, 14 करोड़ भारतीयों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाला।</span><br /><span style="font-size: small;">दूसरी ओर मोदी जी ने, मनमाने ढ़ंग से अकेले ही, नोटबंदी करके देश</span><br /><span style="font-size: small;">की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। नोटबंदी से उत्पादन समाप्त हो गया, लाखों लोगों का रोजगार खत्म हो गया, उद्यमी-उद्यम और मजदूर कर्ज के जंजाल में फंस गये और सबसे बड़ी बात देश की जनता को 4 लाख करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पड़ा। उसके पश्चात, बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में जी.एस.टी. को लागू कर दिया, जिसके नियम उटपटांग तरीके से लगभग हर रोज बदले गये हैं, अधिकारियों को दी गई मनमानी शक्तियों के कारण इंस्पेक्टर राज की वापसी हो गई है। कर आतंकवाद ने हमारे उद्यमियों की आत्मा को कुचल दिया है, इन सबके कारण किसानों, छोटे व्यापारियों, उद्यमियों, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत् मजदूरों का जीवन और आजिविका पूरी तरह से नष्ट हो गई है, कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि पिछले पांच साल में जो ज्यादतियां या गलतीयां हुई हैं उन्हें सुधार कर एक ऐसी अर्थव्यवस्था को पुनः स्थापित किया जायेगा, जो ‘सबके लिए हो’, और जिसमें कोई भी व्यक्ति पीछे न छूट जाये।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">हमने यह पहले भी किया है और हम इसे दुबारा भी करेंगे।</span></strong><br /><span style="font-size: small;">जय जवान, जय किसान के नारे से प्रेरित होकर, कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में देश ने पाकिस्तान पर 1965 के युद्ध में विजय प्राप्त की, 1971 के युद्ध में हमने पाकिस्तान को निर्णयात्मक रूप से पराजित करके बांग्लादेश को मुक्त करवाया। हमने देश के भीतर पनपते आपसी मतभेदों को समाप्त करते हुए, देश में सौहार्दपूर्ण माहौल, प्रेम और भाईचारा सुनिश्चित करने के साथ-साथ, अलगाववादी ताकतों को समाप्त किया। कांग्रेस नेता महात्मा गांधी, श्रीमती इन्दिरा गाँधी, श्री राजीव गाँधी और श्री बेअन्त सिंह ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने अमूल्य प्राणों का बलिदान दिया।</span><br /><span style="font-size: small;">दूसरी तरफ भाजपा सरकार की नीतियां, एक व्यक्ति की सनक पर केन्द्रित रही हैं जिसमें विदेश मंत्रालय और विदेश नीति के जानकारों को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है। यूपीए सरकार की वर्षों की मेहनत पर पानी फेरते हुए, भाजपा सरकार ने आन्तरिक समस्याओं को बढ़ाया है, जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश की मुख्यधारा से अलग-थलग करते हुए, राज्य की सुरक्षा की स्थिति को बद् से बदतर कर दिया है। राष्ट्रवाद बढ़ रहा है और</span><br /><span style="font-size: small;">सुरक्षा बलों की सफलता का राजनीतिकरण किया जा रहा है। मोदी सरकार के तमाम दावों और खुद की पीठ थपथपाने के शौक के बावजूद, सच यह है कि जी.डी.पी. के सापेक्ष रक्षा बजट के लिए पिछले 50 साल में सबसे कम धन आवंटित किया गया है। कांग्रेस सशस्त्र बलों के गौरव और सम्मान को पुनःस्थापित करेगी, सेना को राजनीति से दूर रखेगी, विदेशनीति की बागडोर पेशेवर विदेशनीति विशेषज्ञों के हाथ में सौपंते हुए, एक शक्तिशाली और दृढ़ भारत की नींव को पुनः मजबूती प्रदान की जायेगी।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">हमने ऐसा पहले भी किया है, और हम इसे दुबारा भी करेंगे।</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">काम रोजगार और विकास</span></strong><br /><span style="font-size: small;"><strong>हमारा संकल्प है रोजगार, रोजगार और रोजगार ...</strong> कांग्रेस मौजूदा नौकरियों की सुरक्षा और नयी नौकरियों के सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता, मार्च 2020 तक केन्द्र सरकार और संस्थानों के सभी 4 लाख खाली पदों को भरेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी निकायों में करीब 10 लाख सेवा मित्रों के पदों का सृजन, 2500 से अधिक आबादी वाले गांवो के लिए दूसरी आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति, 1 करोड़ रोजगार पैदा करने के लिये जलाशय पुननिर्माण अभियान तथा बंजर भूमि पुनरुद्धार अभियान की शुरुआत, सभी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लागू कानूनों (न्यूनतम् मजदूरी और कर नियम कानूनों को छोड़कर) में तीन साल की अवधि तक छूट, राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">(3) 1 अप्रैल, 2019 के अनुसार केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, न्यायपालिका और संसद के सभी 4 लाख रिक्त पदों को मार्च 2020 तक भर दिया जायेगा। कांग्रेस सरकार राज्यों को, शिक्षा-स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों (ग्राम पंचायत, नगर निकाय) के लिए धन आंवटित करने से पहले शर्त रखेगी कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों के सभी रिक्त पदों (करीब 20 लाख) को प्राथमिकता से भरा जाये।</span><br /><span style="font-size: small;">(11) हम छोटे और मध्यम स्तरीय उद्यमियों को नियामक राहत प्रदान करेंगे। 1 अप्रैल, 2019 या स्थापना की तारीख से 3 साल की अवधि तक, सभी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लागू कानूनों (न्यूनतम मजदूरी और कर नियम कानूनों को छोड़कर) में छूट का वायदा करते हैं। इसका मतलब हुआ कि जब तक वे स्थिर/सक्षम नहीं हो जाते तब </span><span style="font-size: small;">तक ‘नियमों और कानूनों’ से राहत और पूर्ण मुक्ति।</span><br /><span style="font-size: medium;"><strong>उद्योग</strong></span><br /><span style="font-size: small;">वर्ष 2030 तक गरीबी का नामोनिशान मिटाने के लिये कांग्रेस न्यूनतम आय योजना की शुरुआत करेगी, भारत की 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी को हर साल बहत्तर हजार रुपये (72,000) दिये जायेंगे। कांग्रेस का लक्ष्य होगा कि कोई भी ‘‘भारतीय परिवार पीछे न छूट जाये’’।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">दाम सबके हितार्थ अर्थव्यवस्था</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम सिर्फ कर्ज माफी करके ही अपने जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ेंगे, बल्कि उचित मूल्य, कृषि में कम लागत, बैंकों से ऋण सुविधा के द्वारा हम किसानों को ‘‘कर्ज मुक्ति’’ अर्थात Freedom From Indebtedness की तरफ ले जाने का वायदा करते हैं। कृषि क्षेत्र को विशेष महत्व देते हुए हम अलग से किसान बजट प्रस्तुत करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">कर निर्धारण और कर प्रणाली</span></strong><br /><span style="font-size: small;">जी.एस.टी. 2.0 युग सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक समान, सीमित और आदर्श मापदण्ड के अनुसार होगा। जी.एस.टी. 2.0 नये व्यवसाय और रोजगार पैदा करते हुए विकास गति को बढ़ायेगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">बैंकिंग और वित्तिय क्षेत्र</span></strong><br /><span style="font-size: small;">एम.एस.एम.ई. को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर नये संस्थानों (छोटे बैंकों) की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी, ताकि एम.एस.एम.ई. को ऋण उपलब्ध करवाया जा सके।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">राष्ट्रीय सुरक्षा</span></strong><br /><span style="font-size: small;">एनडीए राज में रक्षा खर्च में आयी गिरावट की प्रवृत्ति को कांग्रेस पलटेगी और सशस्त्र बलों की सभी जरुरतों को पूरा करने के लिये इसमें बढ़ोत्तरी करेगी। हम पारदर्शी तरीके से सशस्त्र बलों के सभी आधुनिकीकरण कार्यक्रमों में तेजी लायेंगे। सशस्त्र बलों के लिये वन रैंक, वन पेंशन की विसंगतियों को दूर किया जायेगा, हम अपने अर्धसैनिक बलों और उनके परिवारों के लिये सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">विदेश नीति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद का कड़ा विरोध करती है और आतंकवादी गुटों, आतंकवादी घटनाओं और सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने का वायदा करती है।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">भूतवूर्व सैनिक</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस शहीदों के परिवारों को मुआवजे की नीति तैयार करने और लागू करने का वचन देती है। इस नयी नीति में पूर्ण वेतन और भत्ते शामिल होंगे, बच्चों की शिक्षा के लिए धन तथा शहीद परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और उपयुक्त मौद्रिक मुआवजा शामिल होगा</span><br /><strong><span style="font-size: small;">नागरिकों एवं नागरिक संगठनों के साथ जुड़ाव</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस नागरिक/सामाजिक संगठनों के साथ जुड़ने की प्रक्रिया को जारी रखेगी, ताकि सरकार उनके अनुभव और ज्ञान से लाभान्वित होती रहे। कांग्रेस, राष्ट्रीय एकता परिषद् का पुनर्गठन करेगी</span><br /><span style="font-size: small;"><strong>सुशासन स्वतन्त्र और जवाबदेह संस्थानों की मदद से</strong> </span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस महत्वपूर्ण संस्थानों को पुनर्जीवित करने का वादा करती है, जिनको पिछले 5 वर्षों के एनडीए राज में बुरी तरह से कमजोर किया गया है। कांग्रेस इन्हें संसद के प्रति जवाबदेह बनाते हुए इनकी गरिमा, अधिकार और स्वायत्तता को दोबारा बहाल करेगी। कांग्रेस प्रेस काउंसिल आफ इण्डिया एक्ट-1978 में उल्लेखित स्वनियमन प्रणाली को मजबूत करने, पत्रकारों की स्वतंत्रता की रक्षा करने, संपादकीय स्वतंत्रता को बनाये रखेगी।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">चुनाव सुधार</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस सरकार सत्ताधारी दल के पक्ष में बनाये गये संदिग्ध और अपारदर्शी चुनाव (निर्वाचक) बाॅड स्कीम को बन्द करेगी तथा ‘राष्ट्रीय चुनाव कोष’ स्थापित करने का वायदा करती है।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">स्वाभिमान वंचितों का आत्मसम्मान</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस 17 वीं, लोकसभा के पहले सत्र में और साथ ही राज्य सभा में, संविधान संशोधन विधेयक पास करवाकर, लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करेगी, हम केन्द्र सरकार के सेवा नियमों में संशोधन करके केन्द्रीय नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">धार्मिक तथा भाषायी अल्पसंख्यक</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में और साथ ही राज्यसभा में, उन्मादी भीड़ द्वारा, आगजनी और हत्या जैसे नफरत भरे अपराधों की रोकथाम और दंडित करने के लिये नया कानून पारित करायेंगे। इस कानून में पीड़ितों को मुआवजा देने और लापरवाही के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने के प्रावधान होंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">दिव्यांग जन</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस सभी कानूनों की समीक्षा करेगी और उन्हें निरस्त करेगी, जो पुराने पड़ चुके हैं, अन्यायपूर्ण हैं या अनुचित रूप से लोगों की स्वतंत्राता में बाधा पहुंचाते हैं।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">स्वास्थ्य देखभाल</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस सभी के लिये स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने का वादा करती है, जिसके तहत हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं, जिनमें मुफ्त डायग्नोसिस, बहिरंग (ओ.पी.डी.) रोगी देखभाल, दवाओं और सार्वजनिक अस्पतालों तथा सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के व्यापक नेटवर्क के जरिये भर्ती सुविधाओं के अधिकार की गारंटी मिलेगी। वर्ष 2023-24 तक स्वास्थ्य सुविधाओं पर कुल सरकारी खर्च को दोगुना बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत किया जायेगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस भारत को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण में सबसे आगे रखने के लिये एक कार्य एजेंडे का वादा करती है।</span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><img src="images/pappu1.jpg" border="0" width="250" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />भाइयों और बहनों, 2019 का आम चुनाव देश के सामने एक बड़ा विकल्प प्रस्तुत कर रहा है। क्या भारत एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश होगा? क्या भारत के लोग भय से मुक्त होगें? अपनी इच्छा अनुसार जीवन जीने, काम करने, खाने-पीने, स्वेच्छा से जीवनसाथी चुनने के लिए स्वतंत्र रहेंगे? क्या गरीबी से मुक्ति पाने के लिए अपनी आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं, को परिपूर्ण करने के प्रयास के लिए स्वतंत्र होंगे? या</span><br /><span style="font-size: small;">क्या भारत उस विभाजनकारी, विध्वंसकारी विचारधारा से संचालित होगा जो लोगों के अधिकारों को, संस्थाओं को, विविधतापूर्ण, सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्ववादी स्वस्थ मतभिन्नता के विचार को, जोकि भारत जैसे बहु-सांस्कृतिक समाज और देश की आत्मा है, रौंदकर छिन्न-भिन्न कर देगा?</span><br /><span style="font-size: small;">क्या भारत विकास की लहरों के साथ, अपने सभी नागरिकों, को ऊपर उठाकर, उन्हें गरीबी के कुचक्र से मुक्ति दिला पायेगा या भारत, धन-संपत्ति और शक्ति की असमानताओं से पहचाना जाने वाला राष्ट्र बनकर रह जायेगा?</span><br /><span style="font-size: small;">पिछले 5 वर्ष, भारत तथा भारतीयता के लिए विनाशकारी रहे हैं। युवाओं का रोजगार छिन गया है। किसान उम्मीद खो चुके हैं, व्यापारियों का कारोबार छिन्न-भिन्न हो चुका है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों ने, अपना आत्मविश्वास खो दिया है, महिलाओं में सुरक्षा की भावना का ह्रास हुआ है, वंचित समुदायों ने अपने पारंपरिक अधिकार खो दिये हैं, संस्थाओं ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है। इन सबसे इतर जो सबसे खतरनाक चीज हुई है वह यह है कि आम जनता के बीच प्रधानमंत्री और उनके मंत्रीमंडल के ‘शब्दों’ ने अपना विश्वास खो दिया है। उन्होंने हमें केवल आडंबर से परिपूर्ण किन्तु खोखले वायदे, असफल कार्यक्रम, झूठे आंकड़े, भय और नफरत का वातावरण दिया है।</span><br /><span style="font-size: small;">गंभीर संकट के इस दौर में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, पिछले पांच वर्ष के दुःस्वप्न से मुक्ति का वादा करती है। इस घोषणा पत्र के द्वारा कांग्रेस, अपने आपको, आपके सम्मुख, एक मात्र राष्ट्रीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती है, एक विकल्प जो सत्य, स्वतंत्रता, गरिमा, आत्मसम्मान, सौहार्द और समृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अटूट है। हम भारत को मजबूत और एकजुट बनाने, और न्यायपूर्ण व समृद्ध समाज बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">हमारा घोषणा पत्र ‘‘जनता की आवाज को सुनना’’ जैसे उच्च विचार एवं दर्शन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह किसी एक व्यक्ति के ‘‘मन की बात’’ नहीं है बल्कि लाखों-करोड़ों देशवासियों की सामूहिक आवाज है।</span><br /><span style="font-size: small;">हमने जनता की अकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं को शामिल करने के लिए सभी आधुनिक साधन (वेबसाइट, व्हाटसएप, ईमेल, आनलाइन याचिकांए) तथा परंपरागत तरीके, नागरिकों, हितधारकों, विशेषज्ञों और जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ व्यापक चर्चा की तथा उस निष्कर्ष को इस घोषणा पत्र में शामिल किया है।</span><br /><span style="font-size: small;">अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 के बीच आप में से कई लोग, देश की कम से कम 16 भाषाओं तथा आपके आस-पास आसानी से उपलब्ध साधनों के माध्यम से, कांग्रेस के साथ बातचीत में शामिल हुए हैं। हमारी घोषणा पत्र समिति ने आम नागरिकों के साथ 121, तथा किसानों, उद्यमियों, अर्थशास्त्रियों, छात्रों, शिक्षकों, महिला समूहों, डाक्टर, वकील तथा अन्य क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों, विद्वानों के साथ 53 परामर्श कार्यक्रम आयोजित किये। हमने 24 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों के 60 से अधिक स्थानों में परामर्श आयोजित किये। हमने 12 से अधिक देशों के अप्रवासी भारतीयों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात और चर्चा की।</span><br /><span style="font-size: small;">मैं व्यक्तिगत रूप से, देश के कोने-कोने में जाकर लोगों से मिलता हूं और उनकी बातों विचारों को सुनता हूं, परिणामस्वरुप, कांग्रेस के घोषणा पत्र में अंकित प्रत्येक शब्द, आपकी आवाज और करोड़ो भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह भारत के बेहतर भविष्य के लिए एक कार्ययोजना है। इस घोषणापत्र को बनाने में आपकी प्रेरणा, आपकी आकांक्षा का योगदान है। यह घोषणापत्र एक जीवित दस्तावेज है। इस घोषणापत्र को अब आपके समर्थन और आपके मूल्यवान वोट की जरूरत है।</span><br /><span style="font-size: small;">हम अपने घोषणा पत्र के क्रिन्यान्वयन/कार्यान्वयन की स्थिति पर, प्रत्येक वर्ष, सार्वजनिक रूप से देश के लोगों के सम्मुख अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। हम एक स्वतंत्र सोशल आडिट ग्रुप बनायेंगे, जो इस बात का आंकलन करेगा कि हमने अपने वायदे किस हद तक और कैसे पूरे किये हैं। यह हमारी प्रतिबद्धता है, कांग्रेस जो वायदा करती है, उसे निभाती है।</span></p> <p style="text-align: justify;"><strong style="font-size: 12.16px;">राहुल गांधी</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong style="font-size: 12.16px;"></strong><strong style="font-size: 12.16px;">अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस</strong><strong style="font-size: medium;"> </strong></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: medium;"><strong>                                           फैसलेे की घड़ी</strong></span><br /><span style="font-size: small;">2019 के आम चुनाव महात्मा गाँधी जी की 150वीं जयन्ती वर्ष के दौरान हो रहे हैं। यह वक्त हमें याद दिला रहा है कि यह चुनाव दो विपरीत विचारधाराओं के बीच का चुनाव भी है। जहाँ एक तरफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस खड़ी है, जिसने देश में एक मजबूत, समृद्ध और सौहार्दपूर्ण आधुनिक भारत का निर्माण करते हुए, हर भारतवासी की आंख से आंसू पोंछने का सफल प्रयास किया है। वहीं दूसरी तरफ, गोडसे की विचारधारा है, जो भारत के उस विचार को नष्ट करने की कोशिश कर रही है जिसको प्रतिस्थापित करने के लिए महात्मा गाँधी ने अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया था। </span><br /><span style="font-size: small;">पिछले पांच वर्ष में, भाजपा सरकार के मोदी मॉडल के अन्तर्गत इस देश को भारी सामाजिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। भाजपा के मोदी मॉडल ने, हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, किसानों को बर्बाद कर दिया है, छोटे और मध्यम व्यवसायों को नष्ट कर दिया, जिसके कारण बेरोजगारी अपने चरम पर है और इन सबसे ऊपर इस माॅडल ने समाज में वैमनस्यता, नफरत और भय का माहौल पैदा कर दिया है। यह ऐसा मॉडल है जिसने अधिकांश भारतीयों से, उनकी गरिमा, विश्वास और आवाज छीन ली है। यह ऐसा माॅडल है जिसकी भारत को जरूरत नहीं है। यह ऐसा माॅडल है जिसे सभी भारतीयों को अस्वीकार करना चाहिए।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस का माॅडल भाजपा के माॅडल से बिल्कुल अलग है। कांग्रेस ने हमेशा से सुधारात्मक विकास, समावेशी वृद्धि और उत्तरदायी शासन दिया है जिसने भारतीय गणतंत्र को मजबूत किया है।</span><br /><span style="font-size: small;">2019 का चुनाव भारत के भविष्य के साथ-साथ हमारे बच्चों के भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। आज <strong>हमारे सामने विकल्प बिल्कुल स्पष्ट हैं-</strong></span><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- स्वतंत्रता या भय?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं-सद्भाव या घृणा?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं-समावेश या बहिष्करण?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- भाईचारा या भेदभाव?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- गरिमा या उत्पीड़न?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- सबका विकास या चंद लोगों की दौलत?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- परिणाम या जुमला?</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">हम क्या चुनते हैं- न्याय या अन्याय?</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमारे सहयोगी और अन्य प्रगतिशील राजनैतिक दल, चुनाव के इस महत्वपूर्ण क्षण के महत्व को समझते हैं, इसलिए हम सब भाजपा नेतृत्व वाले गठबन्धन को हराने और राष्ट्र को पुनः सामाजिक सौहार्द और विकास की पटरी पर लाने के लिये एकजुट हुए हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इस घोषणा पत्र के माध्यम से हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को एकमात्र राष्ट्रीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत करते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस पुनः क्यों?</span><br /><span style="font-size: small;">यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है और इसका उत्तर हमारे द्वारा किये गये विकास कार्यों के आंकडे़ स्वयं बताते हैं। हम पहले भी देश के लोगों को समृद्धि और विकास के पथ पर लेकर चले हैं, और हम पुनः देश को प्रगतिपथ पर ले जाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">अगले कुछ दिनों में हमारे सामने, एक चुनावी चुनौती है जो आने वाले कई दशकों के लिए भारत का भविष्य तय करेगी। भारत ने पहले भी इस तरह की गंभीर चुनौतियों का सामना किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ऐसी अनेक चुनौतियों का आगे बढ़कर मुकाबला किया है और हर बार भारत ने शानदार जीत हासिल की है।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम में देश का नेतृत्व किया है और सफलता प्राप्त की है। हमने संसदीय लोकतंत्र की स्थापना की है और उसे अपने खून पसीने से सींचा है। हमने देश को एक दूरदर्शी संविधान निर्माण करने और अपनाने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया है, एक संविधान जिसमें सामाजिक- आर्थिक-सहभागिता और सौहार्द की भावना निहित है। हमनें देश के लोकतंत्र की रक्षा और पहरेदारी करने वाली संस्थाओं की स्थापना की है, और हमने देश को एक मजबूत नैतिक आधार प्रदान किया है जो हर बार, हर प्रकार की चुनौती की कसौटी पर खरा उतरा है। इसके विपरीत भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को अभूतपूर्ण नुकसान हुआ है।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस देश के संविधान और संस्थानों पर आम जनता के विश्वास की पुर्नस्थापना करेगी। हमने ऐसा पहले भी किया है, और हम इसे पुनः करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस ने समृद्धता और उत्पादकता पर आधारित, आधुनिक भारत का निर्माण किया है। हमने आई.आई.टी., आई.आई.एम., अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) सी.एस.आई.आर. संस्थान और प्रयोगशालायें, शैक्षणिक और वैज्ञानिक शोध संस्थाऐं स्थापित की हैं, जिन्होनें भारतीयों की बुद्धिमता और प्रतिभा को नई चमक और ऊंचाई दी है। हरितक्रांति और स्वेतक्रांति, जिसने ग्रामीण भारत के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव किये हैं, को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हमने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्थापित किये हैं, जिन्होंने तकनीकि और औद्याोगिक विकास को नई ऊंचाई प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने भारत को परमाणु शक्ति और अंतरिक्ष शक्ति संपन्न देश बनाया है, हमने इलेक्ट्राॅनिक्स और दूरसंचार क्रांति का नेतृत्व किया है, और भारत को सूचना प्रौद्याोगिकी के शीर्ष पर पहुंचाया है। </span><br /><span style="font-size: small;">दूसरी तरफ भाजपा सरकार की नीतियों के कारण, कृषि उपज की कीमत पिछले 10 साल में सबसे कम है, उद्यमों द्वारा ऋण दर पिछले 20 साल में, सबसे कम है, और बेरोजगारी पिछले 45 साल में सबसे अधिक।</span><br /><span style="font-size: small;">निर्यात और निवेश, ऐतिहासिक तौर पर अपने निम्न स्तर पर है, परियोजनाएं बड़े पैमाने पर रूकी पड़ी हैं, और कारखानों के बन्द होने से विनिर्माण क्षेत्र में भारी रूकावट आई है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया पूरी तरह असफल हो गये हैं। पेट्रोल- डीजल और गैस के दाम आसमान छू रहे हैं, उपभोक्ताओं में निराशा का भाव है जिसके कारण सरकार पूरी तरह से जनता का विश्वास खो चुकी है। किसान हर प्रकार से नाउम्मीद हो चुका है, और अत्यधिक तनाव में है। कुछ वर्ष पूर्व का एक आकांक्षापूर्ण भारत आज एक हताश और निराश भारत बन चुका है। 21वीं सदी में, विश्वस्तर पर पुनः भारत को एक मजबूत और अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए, कांग्रेस एक बार फिर देश की व्यवस्था को पटरी पर लायेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">हमने पहले भी किया है और हम इसे फिर से करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस ने उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की शुरूआत की, यह कांग्रेस ही है जिसने सफल मध्यमवर्ग और नये उद्यमी वर्ग का निर्माण किया, यह कांग्रेस ही है जिसने गरीबजनों के लिए सामाजिक सुरक्षा का व्यापक आधार तैयार करने के लिए अधिकार आधारित कानूनों को संसद से पारित करवाया। यह कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ही थी जिसने 2004 से 2014 के दौरान, 14 करोड़ भारतीयों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाला।</span><br /><span style="font-size: small;">दूसरी ओर मोदी जी ने, मनमाने ढ़ंग से अकेले ही, नोटबंदी करके देश</span><br /><span style="font-size: small;">की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। नोटबंदी से उत्पादन समाप्त हो गया, लाखों लोगों का रोजगार खत्म हो गया, उद्यमी-उद्यम और मजदूर कर्ज के जंजाल में फंस गये और सबसे बड़ी बात देश की जनता को 4 लाख करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पड़ा। उसके पश्चात, बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में जी.एस.टी. को लागू कर दिया, जिसके नियम उटपटांग तरीके से लगभग हर रोज बदले गये हैं, अधिकारियों को दी गई मनमानी शक्तियों के कारण इंस्पेक्टर राज की वापसी हो गई है। कर आतंकवाद ने हमारे उद्यमियों की आत्मा को कुचल दिया है, इन सबके कारण किसानों, छोटे व्यापारियों, उद्यमियों, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत् मजदूरों का जीवन और आजिविका पूरी तरह से नष्ट हो गई है, कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि पिछले पांच साल में जो ज्यादतियां या गलतीयां हुई हैं उन्हें सुधार कर एक ऐसी अर्थव्यवस्था को पुनः स्थापित किया जायेगा, जो ‘सबके लिए हो’, और जिसमें कोई भी व्यक्ति पीछे न छूट जाये।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">हमने यह पहले भी किया है और हम इसे दुबारा भी करेंगे।</span></strong><br /><span style="font-size: small;">जय जवान, जय किसान के नारे से प्रेरित होकर, कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में देश ने पाकिस्तान पर 1965 के युद्ध में विजय प्राप्त की, 1971 के युद्ध में हमने पाकिस्तान को निर्णयात्मक रूप से पराजित करके बांग्लादेश को मुक्त करवाया। हमने देश के भीतर पनपते आपसी मतभेदों को समाप्त करते हुए, देश में सौहार्दपूर्ण माहौल, प्रेम और भाईचारा सुनिश्चित करने के साथ-साथ, अलगाववादी ताकतों को समाप्त किया। कांग्रेस नेता महात्मा गांधी, श्रीमती इन्दिरा गाँधी, श्री राजीव गाँधी और श्री बेअन्त सिंह ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने अमूल्य प्राणों का बलिदान दिया।</span><br /><span style="font-size: small;">दूसरी तरफ भाजपा सरकार की नीतियां, एक व्यक्ति की सनक पर केन्द्रित रही हैं जिसमें विदेश मंत्रालय और विदेश नीति के जानकारों को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है। यूपीए सरकार की वर्षों की मेहनत पर पानी फेरते हुए, भाजपा सरकार ने आन्तरिक समस्याओं को बढ़ाया है, जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश की मुख्यधारा से अलग-थलग करते हुए, राज्य की सुरक्षा की स्थिति को बद् से बदतर कर दिया है। राष्ट्रवाद बढ़ रहा है और</span><br /><span style="font-size: small;">सुरक्षा बलों की सफलता का राजनीतिकरण किया जा रहा है। मोदी सरकार के तमाम दावों और खुद की पीठ थपथपाने के शौक के बावजूद, सच यह है कि जी.डी.पी. के सापेक्ष रक्षा बजट के लिए पिछले 50 साल में सबसे कम धन आवंटित किया गया है। कांग्रेस सशस्त्र बलों के गौरव और सम्मान को पुनःस्थापित करेगी, सेना को राजनीति से दूर रखेगी, विदेशनीति की बागडोर पेशेवर विदेशनीति विशेषज्ञों के हाथ में सौपंते हुए, एक शक्तिशाली और दृढ़ भारत की नींव को पुनः मजबूती प्रदान की जायेगी।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">हमने ऐसा पहले भी किया है, और हम इसे दुबारा भी करेंगे।</span></strong><br /><strong><span style="font-size: small;">काम रोजगार और विकास</span></strong><br /><span style="font-size: small;"><strong>हमारा संकल्प है रोजगार, रोजगार और रोजगार ...</strong> कांग्रेस मौजूदा नौकरियों की सुरक्षा और नयी नौकरियों के सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता, मार्च 2020 तक केन्द्र सरकार और संस्थानों के सभी 4 लाख खाली पदों को भरेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी निकायों में करीब 10 लाख सेवा मित्रों के पदों का सृजन, 2500 से अधिक आबादी वाले गांवो के लिए दूसरी आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति, 1 करोड़ रोजगार पैदा करने के लिये जलाशय पुननिर्माण अभियान तथा बंजर भूमि पुनरुद्धार अभियान की शुरुआत, सभी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लागू कानूनों (न्यूनतम् मजदूरी और कर नियम कानूनों को छोड़कर) में तीन साल की अवधि तक छूट, राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">(3) 1 अप्रैल, 2019 के अनुसार केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, न्यायपालिका और संसद के सभी 4 लाख रिक्त पदों को मार्च 2020 तक भर दिया जायेगा। कांग्रेस सरकार राज्यों को, शिक्षा-स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों (ग्राम पंचायत, नगर निकाय) के लिए धन आंवटित करने से पहले शर्त रखेगी कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों के सभी रिक्त पदों (करीब 20 लाख) को प्राथमिकता से भरा जाये।</span><br /><span style="font-size: small;">(11) हम छोटे और मध्यम स्तरीय उद्यमियों को नियामक राहत प्रदान करेंगे। 1 अप्रैल, 2019 या स्थापना की तारीख से 3 साल की अवधि तक, सभी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लागू कानूनों (न्यूनतम मजदूरी और कर नियम कानूनों को छोड़कर) में छूट का वायदा करते हैं। इसका मतलब हुआ कि जब तक वे स्थिर/सक्षम नहीं हो जाते तब </span><span style="font-size: small;">तक ‘नियमों और कानूनों’ से राहत और पूर्ण मुक्ति।</span><br /><span style="font-size: medium;"><strong>उद्योग</strong></span><br /><span style="font-size: small;">वर्ष 2030 तक गरीबी का नामोनिशान मिटाने के लिये कांग्रेस न्यूनतम आय योजना की शुरुआत करेगी, भारत की 20 प्रतिशत सबसे गरीब आबादी को हर साल बहत्तर हजार रुपये (72,000) दिये जायेंगे। कांग्रेस का लक्ष्य होगा कि कोई भी ‘‘भारतीय परिवार पीछे न छूट जाये’’।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">दाम सबके हितार्थ अर्थव्यवस्था</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम सिर्फ कर्ज माफी करके ही अपने जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ेंगे, बल्कि उचित मूल्य, कृषि में कम लागत, बैंकों से ऋण सुविधा के द्वारा हम किसानों को ‘‘कर्ज मुक्ति’’ अर्थात Freedom From Indebtedness की तरफ ले जाने का वायदा करते हैं। कृषि क्षेत्र को विशेष महत्व देते हुए हम अलग से किसान बजट प्रस्तुत करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">कर निर्धारण और कर प्रणाली</span></strong><br /><span style="font-size: small;">जी.एस.टी. 2.0 युग सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक समान, सीमित और आदर्श मापदण्ड के अनुसार होगा। जी.एस.टी. 2.0 नये व्यवसाय और रोजगार पैदा करते हुए विकास गति को बढ़ायेगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">बैंकिंग और वित्तिय क्षेत्र</span></strong><br /><span style="font-size: small;">एम.एस.एम.ई. को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर नये संस्थानों (छोटे बैंकों) की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी, ताकि एम.एस.एम.ई. को ऋण उपलब्ध करवाया जा सके।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">राष्ट्रीय सुरक्षा</span></strong><br /><span style="font-size: small;">एनडीए राज में रक्षा खर्च में आयी गिरावट की प्रवृत्ति को कांग्रेस पलटेगी और सशस्त्र बलों की सभी जरुरतों को पूरा करने के लिये इसमें बढ़ोत्तरी करेगी। हम पारदर्शी तरीके से सशस्त्र बलों के सभी आधुनिकीकरण कार्यक्रमों में तेजी लायेंगे। सशस्त्र बलों के लिये वन रैंक, वन पेंशन की विसंगतियों को दूर किया जायेगा, हम अपने अर्धसैनिक बलों और उनके परिवारों के लिये सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">विदेश नीति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद का कड़ा विरोध करती है और आतंकवादी गुटों, आतंकवादी घटनाओं और सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने का वायदा करती है।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">भूतवूर्व सैनिक</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस शहीदों के परिवारों को मुआवजे की नीति तैयार करने और लागू करने का वचन देती है। इस नयी नीति में पूर्ण वेतन और भत्ते शामिल होंगे, बच्चों की शिक्षा के लिए धन तथा शहीद परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और उपयुक्त मौद्रिक मुआवजा शामिल होगा</span><br /><strong><span style="font-size: small;">नागरिकों एवं नागरिक संगठनों के साथ जुड़ाव</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस नागरिक/सामाजिक संगठनों के साथ जुड़ने की प्रक्रिया को जारी रखेगी, ताकि सरकार उनके अनुभव और ज्ञान से लाभान्वित होती रहे। कांग्रेस, राष्ट्रीय एकता परिषद् का पुनर्गठन करेगी</span><br /><span style="font-size: small;"><strong>सुशासन स्वतन्त्र और जवाबदेह संस्थानों की मदद से</strong> </span><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस महत्वपूर्ण संस्थानों को पुनर्जीवित करने का वादा करती है, जिनको पिछले 5 वर्षों के एनडीए राज में बुरी तरह से कमजोर किया गया है। कांग्रेस इन्हें संसद के प्रति जवाबदेह बनाते हुए इनकी गरिमा, अधिकार और स्वायत्तता को दोबारा बहाल करेगी। कांग्रेस प्रेस काउंसिल आफ इण्डिया एक्ट-1978 में उल्लेखित स्वनियमन प्रणाली को मजबूत करने, पत्रकारों की स्वतंत्रता की रक्षा करने, संपादकीय स्वतंत्रता को बनाये रखेगी।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">चुनाव सुधार</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस सरकार सत्ताधारी दल के पक्ष में बनाये गये संदिग्ध और अपारदर्शी चुनाव (निर्वाचक) बाॅड स्कीम को बन्द करेगी तथा ‘राष्ट्रीय चुनाव कोष’ स्थापित करने का वायदा करती है।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">स्वाभिमान वंचितों का आत्मसम्मान</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस 17 वीं, लोकसभा के पहले सत्र में और साथ ही राज्य सभा में, संविधान संशोधन विधेयक पास करवाकर, लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करेगी, हम केन्द्र सरकार के सेवा नियमों में संशोधन करके केन्द्रीय नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">धार्मिक तथा भाषायी अल्पसंख्यक</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में और साथ ही राज्यसभा में, उन्मादी भीड़ द्वारा, आगजनी और हत्या जैसे नफरत भरे अपराधों की रोकथाम और दंडित करने के लिये नया कानून पारित करायेंगे। इस कानून में पीड़ितों को मुआवजा देने और लापरवाही के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने के प्रावधान होंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">दिव्यांग जन</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस सभी कानूनों की समीक्षा करेगी और उन्हें निरस्त करेगी, जो पुराने पड़ चुके हैं, अन्यायपूर्ण हैं या अनुचित रूप से लोगों की स्वतंत्राता में बाधा पहुंचाते हैं।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">स्वास्थ्य देखभाल</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस सभी के लिये स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने का वादा करती है, जिसके तहत हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं, जिनमें मुफ्त डायग्नोसिस, बहिरंग (ओ.पी.डी.) रोगी देखभाल, दवाओं और सार्वजनिक अस्पतालों तथा सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के व्यापक नेटवर्क के जरिये भर्ती सुविधाओं के अधिकार की गारंटी मिलेगी। वर्ष 2023-24 तक स्वास्थ्य सुविधाओं पर कुल सरकारी खर्च को दोगुना बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत किया जायेगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन</span></strong><br /><span style="font-size: small;">कांग्रेस भारत को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण में सबसे आगे रखने के लिये एक कार्य एजेंडे का वादा करती है।</span></p></div> 130 करोड़ देशवासियों के सपनों का नया भारत 2019-04-16T06:59:53+00:00 2019-04-16T06:59:53+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1346-130 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><img src="images/narendra.jpg" border="0" width="200" style="margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black; float: left;" /><span style="font-size: small;">मेरे प्यारे देशवासियों,</span><br /><span style="font-size: small;">भाजपा एक बार फिर आपके पास आई है ताकि आपका आशीर्वाद लेकर भारत की इस विकास यात्रा को अबाधित, बिना थके, बिना रूके, एक नए उत्साह और उमंग के साथ जारी रख सके।</span><br /><span style="font-size: small;">पांच साल पहले, 26 मई 2014 को ऐतिहासिक जनादेश मिलने के बाद भारत के सर्वांगीण विकास के इस संकल्प के साथ यह यात्रा शुरू की थी।</span><br /><span style="font-size: small;">उस समय, भारत के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां थी-हमारी अर्थव्यवस्था बेहद खराब स्थिति मे थी तथा चारों ओर निराशा का वातावरण था। भ्रष्टाचार विकराल रूप ले चुका था। अपने नागरिकों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा कर पाने में, भारत की क्षमता पर संदेह व्यक्त किया जाता था।</span><br /><span style="font-size: small;">लेकिन, अगर चुनौतियां बड़ी थी, तो एक सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनाने का हमारा संकल्प भी मजबूत था। 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और उनके कौशल के बलबूते, अभूतपूर्व रूप से जन भागीदारी के साथ हमने अवरोधों को अवसरों में, अवनति को विकास की गति में और निराशा को आशा में बदला।</span><br /><span style="font-size: small;">जो चीज़ें कभी नामुमकिन लगती थी, उसको हमने तेज़ गति के साथ धरातल पर उतारा। पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक भारतीय परिवार को जन-धन योजना के कारण बैंक खाता मिला, 50 करोड़ भारतीयों को आयुष्मान भारत की बदौलत बीमारी से लड़ने का हौसला मिला और असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ से अधिक लोग अब पेंशन का लाभ ले सकते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">स्वच्छ भारत अभियान ने जन आंदोलन का रूप ले लिया और पांच सालों में स्वच्छता का दायरा 38% से बढ़ कर आज 99% के करीब पहुंच गया है। मुद्रा योजना के कारण अब छोटे शहरों के युवाओं के लिए उद्यमी बनना संभव हुआ है। 5 लाख रूपये तक की आय वाले नव-मध्यम और मध्यम वर्ग के लोगों को अब आयकर से छूट मिल गई है।</span><br /><span style="font-size: small;">हमारी सरकार ने भविष्य की सोच के साथ, तेज़ी से इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर किया है। सड़कों और रेलवे लाईनों के निर्माण की गति दोगुनी हो गई है। भारत के पास अब और भी अधिक अच्छे और आधुनिक बंदरगाह हैं। 2014 तक अंधेरे में रहने वाले 18,000 गांव अब ग्रामीण विद्युतीकरण के प्रयासों से प्रकाशमान हो गए हैं। सौभाग्य योजना के माध्यम से 2.6 करोड़ से अधिक घरों को रोशन किया गया है। पिछले पांच वर्षों में बने 1.5 करोड़ घरों ने लाखों लोगों को बड़े सपने देखने की आज़ादी दी है। पिछले पांच साल का हमारा कार्यकाल साक्षी है कि कैसे देश की विकास यात्रा एक जन आंदोलन का रूप ले सकती है।</span><br /><span style="font-size: small;">हमारा राष्ट्र अब निर्दयी आतंकी ताकतों के सामने लाचार नहीं है। देश की शांति और एकता के माहौल को नुकसान पहुंचाने वाली हर विनाशकारी विचारधारा को करारा जवाब दिया गया है। उन्हें पहली बार सूद समेत उन्हीं की भाषा मे कड़ा जवाब मिला है।</span><br /><span style="font-size: small;">पूर्वोतर भारत जो अब तक अलग थलग रहता था, में आज अभूतपूर्व विकास हो रहा है। पूर्वोतर आज देश की मुख्यधारा से मज़बूती के साथ जुड़ गया है।</span><br /><span style="font-size: small;">केन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ एक बड़ी और निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। सेना के गलियारों में बिचैलियों की मौजूदगी इतिहास बन चुकी है। अब फैसले कुछ चुनिन्दा लोगों के निजी स्वार्थ के बजाए सभी भारतीयों के सार्वजनिक हित से प्रेरित होकर लिए जाते हैं। जन-धन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी ने 8 लाख से अधिक फर्जी लाभार्थियों की पहचान मे सहायता की है और 1 लाख करोड़ से अधिक रूपये की चोरी को रोका है। काले धन को सफ़ेद करने से रोकने के लिए व्यवस्थाओं को मज़बूत किया गया है। भ्रष्टाचारियों में आज डर है।</span><br /><span style="font-size: small;">आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ा है। विदेशी निवेश में रिकार्ड वृद्धि से यह स्पष्ट है कि दूनिया भारत की अपार क्षमताओं से परिचित हुई है। आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और हवाला की रोकथाम जैसे विषयों पर भारत के रूख ने इन्हें वैश्विक मुद्दा बना दिया है।</span><br /><span style="font-size: small;">साथियों, ‘‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’’ इस पत्र में आपको पिछले पांच सालों में जिन चुनौतियों को देश ने परास्त किया है उनके बारे में, उनसे निपटने के लिए 130 करोड़ भारतीयों द्वारा किए गए अदम्य प्रयासों के बारे में और आने वाले कल के लिए हमारे सामूहिक संकल्प की झलक मिलेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">पिछले पांच वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है और आगे हम विकास की गति और विस्तार को एक नया आयाम देने के लिए संकल्पित है। ऐसे दो संकल्प हैं जो मेरे ह्रदय के बेहद क़रीब है- 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना और सबको घर। मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन से यह अवश्य संभव होगा।</span><br /><span style="font-size: small;">मैं भारत के लाखों जागरूक, प्रतिबद्ध और देशभक्त नागरिकों का धन्यवाद करता हूं, जिनके मूल्यवान सहयोग से यह ‘‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’’ पत्र तैयार हो पाया है और सही मायनों मे लोगों की आवाज़ बन पाया है।</span><br /><span style="font-size: small;">एक मजबूत और निर्णायक सरकार के लिए 2014 में आपके वोट ने हमें पांच वर्षों की छोटी सी अवधि में पांच दशकों के वंशवादी शासन की बुराइयों को दूर करने में सक्षम बनाया। अब जब इन बुराइयों पर हम विजय पा चुके हैं, तो उस गति की कल्पना करें जिसके साथ हम आने वाले समय में काम कर सकते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">अगले पांच साल अहम अहम हैं क्योंकि 2022 में हम अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनायेंगे। इस देश के महान सपूतों ने अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया ताकि हम आजादी की खुली हवा में सांस ले सकें। उनके सपनों का भारत बनाना, आज हम में से प्रत्येेक का दायित्व है।</span><br /><span style="font-size: small;">2047 में, हमारा राष्ट्र स्वतन्त्रता के सौ साल पूरे करेगा। आइए हम सब मिल कर सोच-विचार करें कि 2047 तक हम कैसा भारत चाहते हैं। भाजपा अगले पांच वर्षों में 2047 के भारत की नींव रखने की प्रतिज्ञा करती है। आइए अब हम सब मिलकर इस संकल्प को पूरा करने में जुट जाएं।</span><br /><span style="font-size: small;">विभिन्न राजनीतिक दलों और विचारधाराओं की कार्य संस्कृति और काम को देखने के बाद, आज भारत के लोग आश्वस्त हैं कि अगर कोई पार्टी है जो देश की समस्याओं का समाधान कर सकती है, तो वह भाजपा है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र भारत के कोने कोने तक गूंजा है। भाजपा हर भारतीय की पार्टी है। यह ऐसी पार्टी है, जो जमीनी स्तर पर 24 घंटे काम करती है। इसीलिए, हमें जो जनता का स्नेेह और समर्थन मिला है, वह ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है।</span><br /><span style="font-size: small;">नया भारत अतीत की बेड़ियों से आज़ाद हो चुका है। आज हमारा देश बड़े सपने देखने की हिम्मत भी करता है और उन्हें पूरा करने का जज्बा भी रखता है।</span><br /><span style="font-size: small;">आइए हम सब मिलकर एक मजबूत और सर्वसमावेसी भारत के निर्माण की दिशा में काम करें जहां हर भारतीय का सम्मान, समृद्धि, सुरक्षा और आगे बढ़ने के अवसर सुनिश्चित हों।</span><br /><span style="font-size: small;">वन्दे मातरम!</span><br /><span style="font-size: small;">नरेन्द्र मोदी</span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: large;"><strong>           किसानों औैर राष्ट्रवाद के सहारे भाजपा का संकल्प पत्र </strong></span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;">प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व ने पिछले पांच वर्षों में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर इसी नीति पर हम आगे बढ़ेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">आतंकवाद पर सुरक्षा नीति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमारी सुरक्षा नीति केवल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा विषयों द्वारा निर्देशित होगी। इसके उदाहरण हाल ही में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक है। हम आतंकवाद एवं उग्रवाद के विरूद्ध ‘‘जीरो टाॅलरेंस’’ की नीति को पूरी दृढ़ता से जारी रखेंगे और सुरक्षा बलों को आतंकवादियों का सामना करने के लिए ‘फ्री हैंड’ की नीति का अनुसरण करते रहेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">राष्ट्रीय सुरक्षा</span></strong><br /><span style="font-size: small;">अपने सुरक्षा बलों को सुदृढ़ बनाएंगे-हम रक्षा से जुड़े बाकी उपकरणों एवं हथियारों की खरीद तेज करगें। सुरक्षा बलों की हमला करने की क्षमता सुदृढ़ बनाने हेतु सैन्य बलों को आधुनिक उपकरण प्रदान करने के लिए हम सघन प्रयास जारी रखेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे- रक्षा उपकरणों की खरीद में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार ने पिछले पांच वर्ष में कई प्रभावी कदम उठाए हैं। हमारी सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि सबसे आधुनिक एके -203 स्वचालित राइफल्स बनाने की फैक्ट्री की नींव ‘रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया’ अभियान के अंतर्गत अमेठी में रखी गई है। हम ‘रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया’ को और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि रक्षा उपकरणों का स्वदेश में ही निर्माण हो सके। इससे रोजगार सृजन होगा और रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">सैनिकों का कल्याण</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमारी सरकार ने लंबे समय से लंबित ‘वन रैंक, वन पैंशन’ को लागू कर सेवानिवृत सैन्यकर्मियों के हितों के प्रति अपने संकल्प को प्रतिबद्धता से पूरा किया। इस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हम अपने सेवानिवृत सैन्यकर्मियों के पुनर्वास के लिए अधिक प्रभावी ढांचा तैयार करने का वादा करते हैं। इस प्रयास के अंतर्गत सशस्त्र बल के सैनिकों के सेवानिवृत होने से तीन वर्ष पूर्व उनकी पसंद के अनुसार ही उनके पुनर्वास की योजना आरम्भ कर देंगे। इसमें कौशल प्रशिक्षण, साॅफ्ट स्किल प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा, आवास एवं उद्यम आरम्भ करने के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान शामिल होगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">पुलिस बलों का आधुनिकीकरण</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम केन्द्रीय पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को बढ़ाते हुए उनकी कार्य क्षमता और दक्षता में वृद्धि करेंगे, जिससे वह आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना सुदृढ़ता से कर सकें।</span><br /><span style="font-size: small;">हम राज्यों की पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए भी अपनी पुलिस आधुनिकीकरण की पुनरीक्षित योजना के अंतर्गत सहायता मुहैया कराएंगे। राज्यों में पुलिस सुधार का कार्य भी तेजी से किया जाएगा, जिससे कि वह साइबर-क्राइम जैसे नए प्रकार के अपराधों से लड़ने में सक्षम हो सकें और नागरिकों, विशेष तौर पर कमजोर एवं असहाय वर्गों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हों।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">घुसपैठियों की समस्या का समाधान</span></strong><br /><span style="font-size: small;">घुसपैठ से कुछ क्षेत्रों की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान में भारी परिवर्तन हृआ है और स्थानीय लोगों की आजीविका तथा रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिकता पर एन आर सी का कार्य किया जाएगा। देश में चरणबद्ध तरीके से चिन्हित करके इसे लागू करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">पूर्वोतर क्षेत्रों में Illegal Immigration रोकने के लिए प्रभावी प्रयत्न किए जाएंगे। इसके लिए हम देश की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करेंगे। सीमाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए तकनीक के प्रयोग (स्मार्ट फेंसिंग) का पायलट प्रोजेक्ट धुबरी (असम) में लागू किया गया था, उसको हम सभी सीमाओं पर लागू करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">सीमा सुरक्षा सुदृढ़ करेंगे</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में विकासात्मक और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष ध्यान देंगे, जिससे कि ये क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने में और भी अधिक मजबूती से योगदान करने के साथ-साथ, अन्य क्षेत्रों के बराबर, देश की उत्तरोत्तर प्रगति से पूरी तरह और भी अधिक लाभ ले सकें।</span><br /><span style="font-size: small;">अपने पड़ोसी देशों से व्यापार एवं यात्रियों के आवागमन में सहूलियत लाने के लिए 6 इन्टीग्रेेटेड चेक पोस्ट का निर्माण किया गया है और एक निर्माणाधीन है। हम इस कार्य को और आगे बढ़ाते हुए 2024 तक 14 और इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का निर्माण करेंगे, ताकि हमारा पड़ोसी देशों के साथ व्यापार एवं यात्रियों के आवागमन में और अधिक सहूलियत हो सके। इनके निर्माण के बाद अनुमान है कि हमारा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के साथ व्यापार मुख्यतः इन्हीं इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के द्वारा होगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">तटवर्ती सुरक्षा</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम राज्यों में तटवर्ती पुलिस थानों की स्थापना, समुद्री एवं तटवर्ती सुरक्षा सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय समिति की स्थापना, द्वीप सूचना प्रणाली एवं राष्ट्रीय तटवर्ती पुलिस अकादमी के लिए आधुनिक उपकरण प्रदान करने एवं धन आवंटित करने हेतु तटवर्ती सुरक्षा योजना लागू कर तटवर्ती सुरक्षा को प्रभावी रूप से सुदृढ़ बनाएंगे। इसके उपरांत हम भारत की लंबी तटसीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना जारी रखेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएबी)</span><br /><span style="font-size: small;"> हम पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएबी) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पूर्वोत्तर राज्यों से उन वर्गों के लिए मुद्दों को स्पष्ट करने के लिए सभी प्रयास करेंगे, जिन्होंने कानून के बारे में आशंका व्यक्त की है। हम पूर्वोत्तर के लोगों की भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">भारत के पड़ोसी देशों से आए सभी हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई को उन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर भारत में नागरिकता दी जाएगी।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमने वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध बहुत सख्त कदम उठाए हैं, जिसके फलस्वरूप इन उग्रवादियों का कार्य क्षेत्रा सिमट कर रह गया है। अगले पांच वर्षों में हम इसके विरूद्ध और अधिक कारगर कदम उठाएंगे, जिससे कि अगले पांच वर्षों में इस खतरे को दूर करने में हम सफल हो सकें। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इस क्षेत्र में हमने विकास के कार्यों, जिसमें सड़क, मोबाईल फोन, स्कूल, चिकित्सा सेवा शामिल है, पांच वर्षों में बहुत प्रगति की है। हम इस कार्य को और ज्यादा गति से चलाएंगे ताकि ये पिछड़े क्षेत्र भी इन सुविधाओं के लाभ से आगे आ सकें।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">जम्मू-कश्मीर-धारा 370</span></strong><br /><span style="font-size: small;">पिछले पांच वर्षों में हमने निर्णायक कारवाई और एक दृढ़ नीति के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हैं। राज्य के सभी क्षेत्रों के विकास में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और राज्य के हर क्षेत्र के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हम जनसंघ के समय से अनुच्छेद 370 के बारे में अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">हम धारा 35 A को भी ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि धारा 35 A जम्मू कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों और महिला<span>ओ</span> के खिलाफ़ भेदभावपूर्ण है। यह धारा जम्मू कश्मीर के विकास में भी बाधा है। राज्य के सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए हम सभी कदम उठाएंगे। हम कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे और हम पश्चिमी पाकिस्तान, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और छंब से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;"> किसानों की आय दोगुनी भाजपा सरकार के वर्तमान कार्यकाल के प्रारंभ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने को मिशन के रूप में लिया। हम इस लक्ष्य को 2022 तक पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेंगेे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">किसान कल्याण नीति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">सभी के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना-हमने 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों के लिए आय सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ आरम्भ की है। हम इस योजना का दायरा बढ़ाकर इसे देश के सभी किसानों के लिए लागू करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">छोटे और सीमांत किसानों के लिए पैंशन-हम देश में सभी छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन की योजना आरम्भ करेंगेे, जिससे कि 60 वर्ष की आयु के बाद उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।</span><br /><span style="font-size: small;">कृषि-ग्रामीण क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रूपये का निवेश-हम कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 25 लाख करोड़ रूपए का निवेश करने को प्रतिबद्ध है।</span><br /><span style="font-size: small;">ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड ऋण - हम 1 से 5 वर्ष के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपए तक के नए अत्पावधि कृषि ऋण मूल राशि के समय पर भुगतान की शर्त पर प्रदान करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्वैच्छिक पंजीकरण-’प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ ने सुनिश्चित किया है कि किसानों के लिए जोखिम कम हो और उन्हें बीमा की सुरक्षा मिले। हम इस योजना के तहत किसानों के स्वैच्छिक पंजीकरण का प्रावधान करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">नीतियों के जरिए किसानों का सशक्तिकरण-हम कृषि आयात में कमी लाने और अनुमान-योग्य कृषि निर्यात एवं आयात नीति बनाने की दिशा में काम करेंगे, जिसमें कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने तथा आयात को कम करने की एकीकृत व्यवस्था होगी।</span><br /><span style="font-size: small;">गुणवत्तापूर्ण बीजों का वायदा-हम यह सनिश्चित करेंगे कि संभावनायुक्त किस्मों के बेहतर बीज किफायती दरों पर किसानों को समय से उपलब्ध हों और घर के पास ही उनकी जांच की सुविधा उपलब्ध हो।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">कृषि सहयोगी क्षेत्रों का विकास</span></strong><br /><span style="font-size: small;"> तिलहन मिशन-हम तिलहन और अन्य कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से एक नया मिशन आरम्भ करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">देश भर में वेयरहाउस नेटवर्क-हम एक कुशल कृषि मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत भंडारण और लाॅजिस्टिक्स नेटवर्क बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">किसानों की आय बढ़ाने के उपाय के रूप में भंडारण पर हमारा ध्यान हमारी प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना से रेखांकित होता है। देश में भंडारण के आधारभूत ढांचे को और विस्तृत करने के लिए हम राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे राष्ट्रीय वेयरहाउसिंग ग्रिड स्थापित करेंगेे, ताकि कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए जरूरी लाॅजिस्टिक सुविधाएं सुनिश्चित हो सकें।</span><br /><span style="font-size: small;">किसानों को अपनी उपज का भंडारण अपने गांव के निकट करने तथा उचित समय पर उसे लाभकारी मूल्य पर बेचने के लिए समक्ष करने के उद्देश्य से हम कृषि उत्पादों के लिए नई ‘ग्राम भंडारण योजना’ आरम्भ करेंगे। हम कृषि उत्पादों की भंडारण रसीद के आधार पर किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराएंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">जैविक खेती को बढ़ावा -जैविक खेती को अधिक-से -अधिक बढ़ावा देने और जैविक खेती को लाभ<span>प्र</span>द बनाने के लिए, हम कदम उठाएंगेः</span><br /><span style="font-size: small;">हम अगले पांच वर्षों में पहाड़ी, आदिवासी एवं वर्षों-सिंचित क्षेत्रों में 20 लाख हेक्टेेयर अतिरिक्त भूमि पर रसायन मुक्त जैविक खेती को प्रोत्साहित करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम उपभोक्ताओं के दरवाजे तक जैविक उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक समर्पित ई-काॅमर्स पोर्टल शुरू करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">देश में गोशालाओं को जैविक खेती के प्रोत्साहन के साथ जोड़ा जाएगा।</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम जैविक खेती वाले क्षेत्र के आसपास जैविक ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देंगे जिससे किसानों के लिए अतिरिक्त आय भी सुनिश्चित हो सके।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन</span></strong><br /><span style="font-size: small;">किसानों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने के लिए हम ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन’ का आरम्भ करेंगे। हम बुनियादी ढांचागत सुविधाएं विकसित कर तथा विपणन के लिए सहायता उपलब्ध कराकर, शहद उत्पादन को 1,15,000 एम.टी. के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर दोगुना करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">सिंचाई का मिशन मोड पर विस्तार</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमने काफ़ी समय से लंबित 31 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के अंतर्गत प्राथमिकता से पूरा कर लिया है और शेष 68 परियोजनाओं का काम दिसंबर, 2019 तक चरणों में पूरा कर लिया जाएगा। सिंचाई के विकास के अपने प्रयास जारी रखते हुए हम प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का और भी विस्तार करेंगे ताकि समयबद्ध तरीके से देश की 100 प्रतिशत सिंचाई क्षमता का उपयोग हो सके।</span><br /><span style="font-size: small;">हम एक करोड़ हक्टेयर कृषि भूमि को सूक्ष्म-सिंचाई के अंतर्गत लाएंगे। इसके साथ ही उर्वरकों के उचित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘फर्टिगेशन’ का सहारा लिया जाएगा।</span><br /><span style="font-size: small;">कोआपरेटिव</span><br /><span style="font-size: small;">हम मानते हैं कि सहकारी संस्थाएं और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) कृषि क्षेत्र में बाजार तक बेहतर पहुंच एवं अवसर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हम उनकी सहायता करने और उन्हें सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">हम संसाधनों और बाजार तक किसानों की पहुंच बढ़ाने हेतु वर्ष 2022 तक 10,000 नए ‘किसान उत्पादक संगठनों’ के गठन में सहायता करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">बड़े शहरों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए, हम किसानों के सहकारी संगठनों के जरिए सब्जियों, फलों, दूध एवं मत्स्य उत्पादों की सीधी मार्केटिंग प्रणाली स्थापित करेंगे ताकि किसानों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके।</span><br /><strong><span style="font-size: small;"> कृषि और प्रौद्योगिकी का मेल</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम किराए पर कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुगम करने के लिए मोबाईल पर आधारित प्रणाली तैयार करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम किसानों के लिए विभिन्न कृषि उत्पादों के बाजार मूल्यों की बेहतर जानकारी सुनिश्चित करने हेतु तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम युवा कृषि वैज्ञानिकों के <span>वि</span>कास पर विशेष ध्यान देंगे ता<span>कि</span> सटीक अनुमान वाली एवं अधिक लाभदायक खेती के लिए आर्टिफिशियल इटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लाॅकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स आदि का लाभ उठाया जा सके।</span><br /><span style="font-size: small;">हम सौर ऊर्जा को किसानों के लिए आय के अतिरिक्त स्त्रोत की तरह देखते हैं और इसीलिए हम बड़े स्तर पर सौर फार्मिंग को बढ़ावा देंगे ताकि ‘अन्नदाता’ ‘ऊर्जादाता’ भी बन सके।</span><br /><span style="font-size: small;">भूमि रिकाॅर्ड का डिजिटलीकरण -आधार परियोजना की तर्ज पर हम मिशन मोड पर भूमि रिकाॅर्ड का डिजिटलीकरण पूरा करेंगे। हम दूसरी पीढ़ी के भूमि सुधार लागू करेंगे ताकि भूमिधारकों को मालिकाना हक की गार<span>टी</span> मिले और जमीन से जुड़े मुकदमे कम हो सकें। हम (राज्यों के साथ सलाह कर) निश्चित स्वामित्व अधिकार का आदर्श कानून तैयार करेंगे जिसके माध्यम से भूस्वामित्व की सुनिश्चितता और बीमा को बढ़ावा मिले। इसे लागू करने के लिए हम राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">पशुपालन- हमने डेयरी उद्योग को विशेष महत्व दिया है और गायों की देसी नस्लों के संरक्षण हेतु कामधेनु आयोग स्थापित किया है। हम किसानों को घर के नजदीक सेवा प्रदान करने के लिए मोबाइल पशु चिकित्सालयों का नेटवर्क स्थापित करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम समय-समय पर सभी मवेशियों और अन्य पालतू जानवरों के स्वास्थ्य जांच के लिए जिला स्तर पर एक आदर्श कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे। इसमें सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र से पशु चिकित्सकों की मदद ली जाएगी।</span><br /><span style="font-size: small;">हम पशु टीकाकरण को और व्यापक बनाएंगे और खुरपका और मुंहपका तथा ब्रुसेलोसिस रोग का संपूर्ण उन्मूलन करेंगे। हम चारे की कमी दूर करने के लिए ‘राष्ट्रीय चारा एवं पशुआहार मिशन’ आरम्भ करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">नीली क्रांति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम छोटे एवं पारपंरिक मछुआरों की सुविधा के लिए आइस-बाॅक्स, कोल्डस्टोरेज, आइस-प्लांट जैसे भंडारण एवं मार्केटिंग के साधनों और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 10,000 करोड़ रूपए के आवंटन के साथ ‘मठ संपदा योजना’ आरम्भ करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम जल कृषि (एक्वा कल्चर) को बढ़ावा देने के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराएंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम समुद्री वनस्पतियों और मोती की खेती एवं सजावटी मछलियों के पालन को बढ़ावा देंगे ताकि मछुआरों की आय में बढ़ोतरी हो सके। हम सभी मछुआरों को हर तरह के कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाएंगे और अतिरिक्त दुर्घटना बीमा कवर का लाभ भी प्रदान करेंगे।</span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><img src="images/narendra.jpg" border="0" width="200" style="margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black; float: left;" /><span style="font-size: small;">मेरे प्यारे देशवासियों,</span><br /><span style="font-size: small;">भाजपा एक बार फिर आपके पास आई है ताकि आपका आशीर्वाद लेकर भारत की इस विकास यात्रा को अबाधित, बिना थके, बिना रूके, एक नए उत्साह और उमंग के साथ जारी रख सके।</span><br /><span style="font-size: small;">पांच साल पहले, 26 मई 2014 को ऐतिहासिक जनादेश मिलने के बाद भारत के सर्वांगीण विकास के इस संकल्प के साथ यह यात्रा शुरू की थी।</span><br /><span style="font-size: small;">उस समय, भारत के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां थी-हमारी अर्थव्यवस्था बेहद खराब स्थिति मे थी तथा चारों ओर निराशा का वातावरण था। भ्रष्टाचार विकराल रूप ले चुका था। अपने नागरिकों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा कर पाने में, भारत की क्षमता पर संदेह व्यक्त किया जाता था।</span><br /><span style="font-size: small;">लेकिन, अगर चुनौतियां बड़ी थी, तो एक सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनाने का हमारा संकल्प भी मजबूत था। 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और उनके कौशल के बलबूते, अभूतपूर्व रूप से जन भागीदारी के साथ हमने अवरोधों को अवसरों में, अवनति को विकास की गति में और निराशा को आशा में बदला।</span><br /><span style="font-size: small;">जो चीज़ें कभी नामुमकिन लगती थी, उसको हमने तेज़ गति के साथ धरातल पर उतारा। पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक भारतीय परिवार को जन-धन योजना के कारण बैंक खाता मिला, 50 करोड़ भारतीयों को आयुष्मान भारत की बदौलत बीमारी से लड़ने का हौसला मिला और असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ से अधिक लोग अब पेंशन का लाभ ले सकते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">स्वच्छ भारत अभियान ने जन आंदोलन का रूप ले लिया और पांच सालों में स्वच्छता का दायरा 38% से बढ़ कर आज 99% के करीब पहुंच गया है। मुद्रा योजना के कारण अब छोटे शहरों के युवाओं के लिए उद्यमी बनना संभव हुआ है। 5 लाख रूपये तक की आय वाले नव-मध्यम और मध्यम वर्ग के लोगों को अब आयकर से छूट मिल गई है।</span><br /><span style="font-size: small;">हमारी सरकार ने भविष्य की सोच के साथ, तेज़ी से इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर किया है। सड़कों और रेलवे लाईनों के निर्माण की गति दोगुनी हो गई है। भारत के पास अब और भी अधिक अच्छे और आधुनिक बंदरगाह हैं। 2014 तक अंधेरे में रहने वाले 18,000 गांव अब ग्रामीण विद्युतीकरण के प्रयासों से प्रकाशमान हो गए हैं। सौभाग्य योजना के माध्यम से 2.6 करोड़ से अधिक घरों को रोशन किया गया है। पिछले पांच वर्षों में बने 1.5 करोड़ घरों ने लाखों लोगों को बड़े सपने देखने की आज़ादी दी है। पिछले पांच साल का हमारा कार्यकाल साक्षी है कि कैसे देश की विकास यात्रा एक जन आंदोलन का रूप ले सकती है।</span><br /><span style="font-size: small;">हमारा राष्ट्र अब निर्दयी आतंकी ताकतों के सामने लाचार नहीं है। देश की शांति और एकता के माहौल को नुकसान पहुंचाने वाली हर विनाशकारी विचारधारा को करारा जवाब दिया गया है। उन्हें पहली बार सूद समेत उन्हीं की भाषा मे कड़ा जवाब मिला है।</span><br /><span style="font-size: small;">पूर्वोतर भारत जो अब तक अलग थलग रहता था, में आज अभूतपूर्व विकास हो रहा है। पूर्वोतर आज देश की मुख्यधारा से मज़बूती के साथ जुड़ गया है।</span><br /><span style="font-size: small;">केन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ एक बड़ी और निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। सेना के गलियारों में बिचैलियों की मौजूदगी इतिहास बन चुकी है। अब फैसले कुछ चुनिन्दा लोगों के निजी स्वार्थ के बजाए सभी भारतीयों के सार्वजनिक हित से प्रेरित होकर लिए जाते हैं। जन-धन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी ने 8 लाख से अधिक फर्जी लाभार्थियों की पहचान मे सहायता की है और 1 लाख करोड़ से अधिक रूपये की चोरी को रोका है। काले धन को सफ़ेद करने से रोकने के लिए व्यवस्थाओं को मज़बूत किया गया है। भ्रष्टाचारियों में आज डर है।</span><br /><span style="font-size: small;">आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ा है। विदेशी निवेश में रिकार्ड वृद्धि से यह स्पष्ट है कि दूनिया भारत की अपार क्षमताओं से परिचित हुई है। आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और हवाला की रोकथाम जैसे विषयों पर भारत के रूख ने इन्हें वैश्विक मुद्दा बना दिया है।</span><br /><span style="font-size: small;">साथियों, ‘‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’’ इस पत्र में आपको पिछले पांच सालों में जिन चुनौतियों को देश ने परास्त किया है उनके बारे में, उनसे निपटने के लिए 130 करोड़ भारतीयों द्वारा किए गए अदम्य प्रयासों के बारे में और आने वाले कल के लिए हमारे सामूहिक संकल्प की झलक मिलेगी।</span><br /><span style="font-size: small;">पिछले पांच वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है और आगे हम विकास की गति और विस्तार को एक नया आयाम देने के लिए संकल्पित है। ऐसे दो संकल्प हैं जो मेरे ह्रदय के बेहद क़रीब है- 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना और सबको घर। मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन से यह अवश्य संभव होगा।</span><br /><span style="font-size: small;">मैं भारत के लाखों जागरूक, प्रतिबद्ध और देशभक्त नागरिकों का धन्यवाद करता हूं, जिनके मूल्यवान सहयोग से यह ‘‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’’ पत्र तैयार हो पाया है और सही मायनों मे लोगों की आवाज़ बन पाया है।</span><br /><span style="font-size: small;">एक मजबूत और निर्णायक सरकार के लिए 2014 में आपके वोट ने हमें पांच वर्षों की छोटी सी अवधि में पांच दशकों के वंशवादी शासन की बुराइयों को दूर करने में सक्षम बनाया। अब जब इन बुराइयों पर हम विजय पा चुके हैं, तो उस गति की कल्पना करें जिसके साथ हम आने वाले समय में काम कर सकते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">अगले पांच साल अहम अहम हैं क्योंकि 2022 में हम अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनायेंगे। इस देश के महान सपूतों ने अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया ताकि हम आजादी की खुली हवा में सांस ले सकें। उनके सपनों का भारत बनाना, आज हम में से प्रत्येेक का दायित्व है।</span><br /><span style="font-size: small;">2047 में, हमारा राष्ट्र स्वतन्त्रता के सौ साल पूरे करेगा। आइए हम सब मिल कर सोच-विचार करें कि 2047 तक हम कैसा भारत चाहते हैं। भाजपा अगले पांच वर्षों में 2047 के भारत की नींव रखने की प्रतिज्ञा करती है। आइए अब हम सब मिलकर इस संकल्प को पूरा करने में जुट जाएं।</span><br /><span style="font-size: small;">विभिन्न राजनीतिक दलों और विचारधाराओं की कार्य संस्कृति और काम को देखने के बाद, आज भारत के लोग आश्वस्त हैं कि अगर कोई पार्टी है जो देश की समस्याओं का समाधान कर सकती है, तो वह भाजपा है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र भारत के कोने कोने तक गूंजा है। भाजपा हर भारतीय की पार्टी है। यह ऐसी पार्टी है, जो जमीनी स्तर पर 24 घंटे काम करती है। इसीलिए, हमें जो जनता का स्नेेह और समर्थन मिला है, वह ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है।</span><br /><span style="font-size: small;">नया भारत अतीत की बेड़ियों से आज़ाद हो चुका है। आज हमारा देश बड़े सपने देखने की हिम्मत भी करता है और उन्हें पूरा करने का जज्बा भी रखता है।</span><br /><span style="font-size: small;">आइए हम सब मिलकर एक मजबूत और सर्वसमावेसी भारत के निर्माण की दिशा में काम करें जहां हर भारतीय का सम्मान, समृद्धि, सुरक्षा और आगे बढ़ने के अवसर सुनिश्चित हों।</span><br /><span style="font-size: small;">वन्दे मातरम!</span><br /><span style="font-size: small;">नरेन्द्र मोदी</span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: large;"><strong>           किसानों औैर राष्ट्रवाद के सहारे भाजपा का संकल्प पत्र </strong></span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;">प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व ने पिछले पांच वर्षों में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर इसी नीति पर हम आगे बढ़ेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">आतंकवाद पर सुरक्षा नीति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमारी सुरक्षा नीति केवल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा विषयों द्वारा निर्देशित होगी। इसके उदाहरण हाल ही में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक है। हम आतंकवाद एवं उग्रवाद के विरूद्ध ‘‘जीरो टाॅलरेंस’’ की नीति को पूरी दृढ़ता से जारी रखेंगे और सुरक्षा बलों को आतंकवादियों का सामना करने के लिए ‘फ्री हैंड’ की नीति का अनुसरण करते रहेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">राष्ट्रीय सुरक्षा</span></strong><br /><span style="font-size: small;">अपने सुरक्षा बलों को सुदृढ़ बनाएंगे-हम रक्षा से जुड़े बाकी उपकरणों एवं हथियारों की खरीद तेज करगें। सुरक्षा बलों की हमला करने की क्षमता सुदृढ़ बनाने हेतु सैन्य बलों को आधुनिक उपकरण प्रदान करने के लिए हम सघन प्रयास जारी रखेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे- रक्षा उपकरणों की खरीद में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार ने पिछले पांच वर्ष में कई प्रभावी कदम उठाए हैं। हमारी सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि सबसे आधुनिक एके -203 स्वचालित राइफल्स बनाने की फैक्ट्री की नींव ‘रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया’ अभियान के अंतर्गत अमेठी में रखी गई है। हम ‘रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया’ को और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि रक्षा उपकरणों का स्वदेश में ही निर्माण हो सके। इससे रोजगार सृजन होगा और रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">सैनिकों का कल्याण</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमारी सरकार ने लंबे समय से लंबित ‘वन रैंक, वन पैंशन’ को लागू कर सेवानिवृत सैन्यकर्मियों के हितों के प्रति अपने संकल्प को प्रतिबद्धता से पूरा किया। इस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हम अपने सेवानिवृत सैन्यकर्मियों के पुनर्वास के लिए अधिक प्रभावी ढांचा तैयार करने का वादा करते हैं। इस प्रयास के अंतर्गत सशस्त्र बल के सैनिकों के सेवानिवृत होने से तीन वर्ष पूर्व उनकी पसंद के अनुसार ही उनके पुनर्वास की योजना आरम्भ कर देंगे। इसमें कौशल प्रशिक्षण, साॅफ्ट स्किल प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा, आवास एवं उद्यम आरम्भ करने के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान शामिल होगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">पुलिस बलों का आधुनिकीकरण</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम केन्द्रीय पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को बढ़ाते हुए उनकी कार्य क्षमता और दक्षता में वृद्धि करेंगे, जिससे वह आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना सुदृढ़ता से कर सकें।</span><br /><span style="font-size: small;">हम राज्यों की पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए भी अपनी पुलिस आधुनिकीकरण की पुनरीक्षित योजना के अंतर्गत सहायता मुहैया कराएंगे। राज्यों में पुलिस सुधार का कार्य भी तेजी से किया जाएगा, जिससे कि वह साइबर-क्राइम जैसे नए प्रकार के अपराधों से लड़ने में सक्षम हो सकें और नागरिकों, विशेष तौर पर कमजोर एवं असहाय वर्गों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हों।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">घुसपैठियों की समस्या का समाधान</span></strong><br /><span style="font-size: small;">घुसपैठ से कुछ क्षेत्रों की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान में भारी परिवर्तन हृआ है और स्थानीय लोगों की आजीविका तथा रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिकता पर एन आर सी का कार्य किया जाएगा। देश में चरणबद्ध तरीके से चिन्हित करके इसे लागू करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">पूर्वोतर क्षेत्रों में Illegal Immigration रोकने के लिए प्रभावी प्रयत्न किए जाएंगे। इसके लिए हम देश की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करेंगे। सीमाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए तकनीक के प्रयोग (स्मार्ट फेंसिंग) का पायलट प्रोजेक्ट धुबरी (असम) में लागू किया गया था, उसको हम सभी सीमाओं पर लागू करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">सीमा सुरक्षा सुदृढ़ करेंगे</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में विकासात्मक और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष ध्यान देंगे, जिससे कि ये क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने में और भी अधिक मजबूती से योगदान करने के साथ-साथ, अन्य क्षेत्रों के बराबर, देश की उत्तरोत्तर प्रगति से पूरी तरह और भी अधिक लाभ ले सकें।</span><br /><span style="font-size: small;">अपने पड़ोसी देशों से व्यापार एवं यात्रियों के आवागमन में सहूलियत लाने के लिए 6 इन्टीग्रेेटेड चेक पोस्ट का निर्माण किया गया है और एक निर्माणाधीन है। हम इस कार्य को और आगे बढ़ाते हुए 2024 तक 14 और इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का निर्माण करेंगे, ताकि हमारा पड़ोसी देशों के साथ व्यापार एवं यात्रियों के आवागमन में और अधिक सहूलियत हो सके। इनके निर्माण के बाद अनुमान है कि हमारा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के साथ व्यापार मुख्यतः इन्हीं इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के द्वारा होगा।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">तटवर्ती सुरक्षा</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम राज्यों में तटवर्ती पुलिस थानों की स्थापना, समुद्री एवं तटवर्ती सुरक्षा सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय समिति की स्थापना, द्वीप सूचना प्रणाली एवं राष्ट्रीय तटवर्ती पुलिस अकादमी के लिए आधुनिक उपकरण प्रदान करने एवं धन आवंटित करने हेतु तटवर्ती सुरक्षा योजना लागू कर तटवर्ती सुरक्षा को प्रभावी रूप से सुदृढ़ बनाएंगे। इसके उपरांत हम भारत की लंबी तटसीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना जारी रखेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएबी)</span><br /><span style="font-size: small;"> हम पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएबी) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पूर्वोत्तर राज्यों से उन वर्गों के लिए मुद्दों को स्पष्ट करने के लिए सभी प्रयास करेंगे, जिन्होंने कानून के बारे में आशंका व्यक्त की है। हम पूर्वोत्तर के लोगों की भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">भारत के पड़ोसी देशों से आए सभी हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई को उन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर भारत में नागरिकता दी जाएगी।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमने वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध बहुत सख्त कदम उठाए हैं, जिसके फलस्वरूप इन उग्रवादियों का कार्य क्षेत्रा सिमट कर रह गया है। अगले पांच वर्षों में हम इसके विरूद्ध और अधिक कारगर कदम उठाएंगे, जिससे कि अगले पांच वर्षों में इस खतरे को दूर करने में हम सफल हो सकें। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इस क्षेत्र में हमने विकास के कार्यों, जिसमें सड़क, मोबाईल फोन, स्कूल, चिकित्सा सेवा शामिल है, पांच वर्षों में बहुत प्रगति की है। हम इस कार्य को और ज्यादा गति से चलाएंगे ताकि ये पिछड़े क्षेत्र भी इन सुविधाओं के लाभ से आगे आ सकें।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">जम्मू-कश्मीर-धारा 370</span></strong><br /><span style="font-size: small;">पिछले पांच वर्षों में हमने निर्णायक कारवाई और एक दृढ़ नीति के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हैं। राज्य के सभी क्षेत्रों के विकास में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और राज्य के हर क्षेत्र के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हम जनसंघ के समय से अनुच्छेद 370 के बारे में अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">हम धारा 35 A को भी ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मानना है कि धारा 35 A जम्मू कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों और महिला<span>ओ</span> के खिलाफ़ भेदभावपूर्ण है। यह धारा जम्मू कश्मीर के विकास में भी बाधा है। राज्य के सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए हम सभी कदम उठाएंगे। हम कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे और हम पश्चिमी पाकिस्तान, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और छंब से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;"> किसानों की आय दोगुनी भाजपा सरकार के वर्तमान कार्यकाल के प्रारंभ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने को मिशन के रूप में लिया। हम इस लक्ष्य को 2022 तक पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेंगेे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">किसान कल्याण नीति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">सभी के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना-हमने 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों के लिए आय सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ आरम्भ की है। हम इस योजना का दायरा बढ़ाकर इसे देश के सभी किसानों के लिए लागू करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">छोटे और सीमांत किसानों के लिए पैंशन-हम देश में सभी छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन की योजना आरम्भ करेंगेे, जिससे कि 60 वर्ष की आयु के बाद उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।</span><br /><span style="font-size: small;">कृषि-ग्रामीण क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रूपये का निवेश-हम कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 25 लाख करोड़ रूपए का निवेश करने को प्रतिबद्ध है।</span><br /><span style="font-size: small;">ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड ऋण - हम 1 से 5 वर्ष के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपए तक के नए अत्पावधि कृषि ऋण मूल राशि के समय पर भुगतान की शर्त पर प्रदान करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्वैच्छिक पंजीकरण-’प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ ने सुनिश्चित किया है कि किसानों के लिए जोखिम कम हो और उन्हें बीमा की सुरक्षा मिले। हम इस योजना के तहत किसानों के स्वैच्छिक पंजीकरण का प्रावधान करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">नीतियों के जरिए किसानों का सशक्तिकरण-हम कृषि आयात में कमी लाने और अनुमान-योग्य कृषि निर्यात एवं आयात नीति बनाने की दिशा में काम करेंगे, जिसमें कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने तथा आयात को कम करने की एकीकृत व्यवस्था होगी।</span><br /><span style="font-size: small;">गुणवत्तापूर्ण बीजों का वायदा-हम यह सनिश्चित करेंगे कि संभावनायुक्त किस्मों के बेहतर बीज किफायती दरों पर किसानों को समय से उपलब्ध हों और घर के पास ही उनकी जांच की सुविधा उपलब्ध हो।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">कृषि सहयोगी क्षेत्रों का विकास</span></strong><br /><span style="font-size: small;"> तिलहन मिशन-हम तिलहन और अन्य कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से एक नया मिशन आरम्भ करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">देश भर में वेयरहाउस नेटवर्क-हम एक कुशल कृषि मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत भंडारण और लाॅजिस्टिक्स नेटवर्क बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">किसानों की आय बढ़ाने के उपाय के रूप में भंडारण पर हमारा ध्यान हमारी प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना से रेखांकित होता है। देश में भंडारण के आधारभूत ढांचे को और विस्तृत करने के लिए हम राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे राष्ट्रीय वेयरहाउसिंग ग्रिड स्थापित करेंगेे, ताकि कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए जरूरी लाॅजिस्टिक सुविधाएं सुनिश्चित हो सकें।</span><br /><span style="font-size: small;">किसानों को अपनी उपज का भंडारण अपने गांव के निकट करने तथा उचित समय पर उसे लाभकारी मूल्य पर बेचने के लिए समक्ष करने के उद्देश्य से हम कृषि उत्पादों के लिए नई ‘ग्राम भंडारण योजना’ आरम्भ करेंगे। हम कृषि उत्पादों की भंडारण रसीद के आधार पर किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराएंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">जैविक खेती को बढ़ावा -जैविक खेती को अधिक-से -अधिक बढ़ावा देने और जैविक खेती को लाभ<span>प्र</span>द बनाने के लिए, हम कदम उठाएंगेः</span><br /><span style="font-size: small;">हम अगले पांच वर्षों में पहाड़ी, आदिवासी एवं वर्षों-सिंचित क्षेत्रों में 20 लाख हेक्टेेयर अतिरिक्त भूमि पर रसायन मुक्त जैविक खेती को प्रोत्साहित करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम उपभोक्ताओं के दरवाजे तक जैविक उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक समर्पित ई-काॅमर्स पोर्टल शुरू करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">देश में गोशालाओं को जैविक खेती के प्रोत्साहन के साथ जोड़ा जाएगा।</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम जैविक खेती वाले क्षेत्र के आसपास जैविक ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देंगे जिससे किसानों के लिए अतिरिक्त आय भी सुनिश्चित हो सके।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन</span></strong><br /><span style="font-size: small;">किसानों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने के लिए हम ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन’ का आरम्भ करेंगे। हम बुनियादी ढांचागत सुविधाएं विकसित कर तथा विपणन के लिए सहायता उपलब्ध कराकर, शहद उत्पादन को 1,15,000 एम.टी. के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर दोगुना करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">सिंचाई का मिशन मोड पर विस्तार</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हमने काफ़ी समय से लंबित 31 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के अंतर्गत प्राथमिकता से पूरा कर लिया है और शेष 68 परियोजनाओं का काम दिसंबर, 2019 तक चरणों में पूरा कर लिया जाएगा। सिंचाई के विकास के अपने प्रयास जारी रखते हुए हम प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का और भी विस्तार करेंगे ताकि समयबद्ध तरीके से देश की 100 प्रतिशत सिंचाई क्षमता का उपयोग हो सके।</span><br /><span style="font-size: small;">हम एक करोड़ हक्टेयर कृषि भूमि को सूक्ष्म-सिंचाई के अंतर्गत लाएंगे। इसके साथ ही उर्वरकों के उचित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘फर्टिगेशन’ का सहारा लिया जाएगा।</span><br /><span style="font-size: small;">कोआपरेटिव</span><br /><span style="font-size: small;">हम मानते हैं कि सहकारी संस्थाएं और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) कृषि क्षेत्र में बाजार तक बेहतर पहुंच एवं अवसर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हम उनकी सहायता करने और उन्हें सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">हम संसाधनों और बाजार तक किसानों की पहुंच बढ़ाने हेतु वर्ष 2022 तक 10,000 नए ‘किसान उत्पादक संगठनों’ के गठन में सहायता करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">बड़े शहरों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए, हम किसानों के सहकारी संगठनों के जरिए सब्जियों, फलों, दूध एवं मत्स्य उत्पादों की सीधी मार्केटिंग प्रणाली स्थापित करेंगे ताकि किसानों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके।</span><br /><strong><span style="font-size: small;"> कृषि और प्रौद्योगिकी का मेल</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम किराए पर कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुगम करने के लिए मोबाईल पर आधारित प्रणाली तैयार करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम किसानों के लिए विभिन्न कृषि उत्पादों के बाजार मूल्यों की बेहतर जानकारी सुनिश्चित करने हेतु तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम युवा कृषि वैज्ञानिकों के <span>वि</span>कास पर विशेष ध्यान देंगे ता<span>कि</span> सटीक अनुमान वाली एवं अधिक लाभदायक खेती के लिए आर्टिफिशियल इटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लाॅकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स आदि का लाभ उठाया जा सके।</span><br /><span style="font-size: small;">हम सौर ऊर्जा को किसानों के लिए आय के अतिरिक्त स्त्रोत की तरह देखते हैं और इसीलिए हम बड़े स्तर पर सौर फार्मिंग को बढ़ावा देंगे ताकि ‘अन्नदाता’ ‘ऊर्जादाता’ भी बन सके।</span><br /><span style="font-size: small;">भूमि रिकाॅर्ड का डिजिटलीकरण -आधार परियोजना की तर्ज पर हम मिशन मोड पर भूमि रिकाॅर्ड का डिजिटलीकरण पूरा करेंगे। हम दूसरी पीढ़ी के भूमि सुधार लागू करेंगे ताकि भूमिधारकों को मालिकाना हक की गार<span>टी</span> मिले और जमीन से जुड़े मुकदमे कम हो सकें। हम (राज्यों के साथ सलाह कर) निश्चित स्वामित्व अधिकार का आदर्श कानून तैयार करेंगे जिसके माध्यम से भूस्वामित्व की सुनिश्चितता और बीमा को बढ़ावा मिले। इसे लागू करने के लिए हम राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">पशुपालन- हमने डेयरी उद्योग को विशेष महत्व दिया है और गायों की देसी नस्लों के संरक्षण हेतु कामधेनु आयोग स्थापित किया है। हम किसानों को घर के नजदीक सेवा प्रदान करने के लिए मोबाइल पशु चिकित्सालयों का नेटवर्क स्थापित करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम समय-समय पर सभी मवेशियों और अन्य पालतू जानवरों के स्वास्थ्य जांच के लिए जिला स्तर पर एक आदर्श कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे। इसमें सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र से पशु चिकित्सकों की मदद ली जाएगी।</span><br /><span style="font-size: small;">हम पशु टीकाकरण को और व्यापक बनाएंगे और खुरपका और मुंहपका तथा ब्रुसेलोसिस रोग का संपूर्ण उन्मूलन करेंगे। हम चारे की कमी दूर करने के लिए ‘राष्ट्रीय चारा एवं पशुआहार मिशन’ आरम्भ करेंगे।</span><br /><strong><span style="font-size: small;">नीली क्रांति</span></strong><br /><span style="font-size: small;">हम छोटे एवं पारपंरिक मछुआरों की सुविधा के लिए आइस-बाॅक्स, कोल्डस्टोरेज, आइस-प्लांट जैसे भंडारण एवं मार्केटिंग के साधनों और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 10,000 करोड़ रूपए के आवंटन के साथ ‘मठ संपदा योजना’ आरम्भ करेंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम जल कृषि (एक्वा कल्चर) को बढ़ावा देने के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराएंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">हम समुद्री वनस्पतियों और मोती की खेती एवं सजावटी मछलियों के पालन को बढ़ावा देंगे ताकि मछुआरों की आय में बढ़ोतरी हो सके। हम सभी मछुआरों को हर तरह के कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाएंगे और अतिरिक्त दुर्घटना बीमा कवर का लाभ भी प्रदान करेंगे।</span></p></div> क्या प्रदेश को मिले 70 राष्ट्रीय राजमार्गो का सरकार का दावा जुमला ही था विधानसभा प्रश्न से उठी चर्चा 2019-03-13T06:35:04+00:00 2019-03-13T06:35:04+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1317-----70-------------- Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> हिमाचल प्रदेश को केन्द्र सरकार की ओर से 70 राष्ट्रीय राजमार्ग दिये गये हैं और इन पर करीब 60 हजार करोड़ का खर्च किया जायेगा। प्रदेश सरकार यह दावा करती आ रही है क्योंकि इसकी पहली सूचना केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री जगत प्रकाश नड्डा के उस पत्र के माध्यम से दी गयी जो उन्हें केन्द्रीय मन्त्री नितिन गडकरी से मिला था। हिमाचल के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि थी और इसे केन्द्र सरकार के प्रदेश के प्रति विशेष लगाव के रूप में लिया गया था। माना जा रहा था कि केन्द्र के इस सहयोग से प्रदेश की सड़कों का कायाकल्प हो जायेगा। लेकिन इस समय प्रदेश की सड़कों की हालत क्या है इसका अनुमान ‘शिमला-बिलासपुर’ सड़क से ही लगाया जा सकता है। इस सड़क की हालत देखकर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के होने पर ही सन्देह होने लगता है। लोक निर्माण विभाग मुख्यमन्त्री के अपने पास है और वह 63 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा भी कर चुके हैं लेकिन इनमें से 42 का दौरा हैलीकाप्टर से ही हुआ है क्योंकि उन्हें शयद इसीलिये मुख्यमन्त्री को जमीनी हकीकत की सही जानकारी नही है।</span><br /><span style="font-size: small;">अभी विधानसभा के बजट सत्र में राष्ट्रीय राजमार्गो को लेकर प्रश्न आये थे। एक प्रश्न 7 फरवरी को था। इसमें पूछा गया था कि क्या राष्ट्रीय राजमार्ग का प्रश्न केन्द्र सरकार से उठाया गया है। इसके जवाब में बताया गया कि जी, हां। प्रदेश सरकार द्वारा 69 सैद्धान्तिक राष्ट्रीय राजमार्गों और 1 सड़क को सैद्धान्तिक राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु मामला केन्द्र सरकार से उठाया गया है।</span><br /><span style="font-size: small;">54 सड़कों की भेजी गई ड्राफ्ट संरेखण रिपोर्ट (Draft  Alignment Report) की स्वीकृति और इनको राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का मामला केन्द्र सरकार के विचाराधीन है। 2 अन्य सड़कें जो राष्ट्रीय राजमार्गो के मापदण्ड के अनुरूप बनी है, भी केन्द्र सरकार में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु विचाराधीन है।</span><br /><span style="font-size: small;">58 राष्ट्रीय राजमार्गों की Detailed Project Report (DPR)  के लिए केन्द्र ने 173.75 करोड रू. की धनराशि स्वीकृत (sanction) की है। दूसरा प्रश्न 13फरवरी को आया था। इसमें पूछा गया था कि प्रदेश में कितने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित है और इनमें से कितने पूरे होकर चालू हो गये हैं। इसके जवाब में कहा गया है कि प्रदेश में कुल 19 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इसमें यह भी नही कहा गया है कि 70 राष्ट्रीय राजमार्ग सैद्धान्तिक रूप से घेाषित हो चुके हैं। इस तरह एक ही मुद्दे पर दो अलग-अलग प्रश्नों पर दो अलग-अलग उत्तर आने से यह स्पष्ट हो जाता है कि 70 राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषणा को हकीकत होने के लिये अभी लम्बा इन्तज़ार करना होगा। इसी के साथ यह भी तय है कि इन लोकसभा चुनावों में केन्द्र और राज्य सरकार के राष्ट्रीय राजमार्गो का दावा एक बड़ा मुद्दा बनकर उछलेगा। क्योंकि अब इसका प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर सही स्थिति की जानकारी मांगी है।</span><br /><span style="font-size: medium;"><strong>यह है 19 राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति</strong></span></p> <p>Reply of Starred Question No. 1512 asked by Sh. Jeet Ram Katwal (Jhanduta):<br />(a) There are 19 National Highways declared in the State of Himachal Pradesh with a total length of 2581 Kms.<br />The details of declared National Highways is in<br />Annexure- ‘A’<br />(b)&amp;(C) Out of 19 numbers National Highway, 18 numbers are<br />complete/functional in the State. 7.00 kms (seven)<br />length of National Highway-503A (Una-Basoli-BarsarSalooni and terminating at its Junction with NH-103 near Bhota) from Km 35/00 to Km 42/00 is yet to be<br />constructed between Bhihroo (Una District) and<br />Lathiani (Una District) as its alignment passes along<br />Govind Sagar reservoir. The detail of expenditure and<br />the latest position of construction of National Highways<br />are shown in Annexure -‘B’.<br />NH wise detail of expenditure incurred on ongoing sanctioned projects on NH with State PWD alongwith latest status: <br />1. NH-22 (New NH-05) - Haryana Border-Solan, Shimla, Theog, Narkanda, Rampur, Chini and proceeding to the Border between India and Tibet near Shipkila Total Projects = 11 Total Expenditure= 97.35 crore<br />2. NH-72 (New NH-07) - Haryana Border-Paunta-Sahib- Uttarakhand Border Total Projects = 5 Total Expenditure= 45.09 crore<br />3. NH- 88 (New NH-103) - Junction with NH-3 near Hamirpur and connecting Bhota, Ghumarwain and terminating near Ghaghas on NH 154 Total Projects = 3 Total Expenditure= 270.58 crore<br />4. NH-21A (New NH-105) - Junction with NH-5 near Pinjore in Haryana connecting Baddi, Nalagarh and terminating at its junction with NH-205 near Swarghat Total Projects = 3 Total Expenditure= 72.36 crore<br />5. NH-20 &amp; 21 (New NH-154) - The Highway starting from its Junction with NH-154 near Pathankot in Punjab connecting Nurpur-Palampur-Jogindernagar -Mandi-Sundernagar- Ghagus-Bilaspur and terminating it Junction with NH-205 near Nauni in H.P. Total Projects = 5 Total Expenditure= 46.43 crore<br />6. NH-21 &amp; 88 (New NH-205) - Punjab Border- Swarghat, Nauni, Darlaghat- junction with NH-5 near Shimla Total Projects = 1 Total Expenditure= 9.29 crore<br />7. NH-20A &amp; 88 (New NH-303) - Highway starting from Nagrota at Junction on NH-154 connecting Ranital-Jawalamukhi and terminating at Nadaun on NH-3 Total Projects = 1 Total Expenditure= 6.96 crore<br />8. NH-72B (New NH-707) - The Highway starting from its Junction with NH-7 near Poanta Sahib connecting Rajban-Shillai-Minus in H.P. and passing through Minus-Tiuni in Uttrakhand and terminating at Hatkoti in H.P. Total Projects = 2 Total Expenditure= 17.67 crore<br />9. NH-73A (New NH-907) - Junction with NH-7 near Paonta Sahib-Haryana Border Total Projects = 1 Total Expenditure= nil<br />10. New NH-305 - The Highway starting from Sainj on NH-5 connecting Luhri -Ani-Jalori- Banjar and terminating at Aut on NH-3 in the State of H.P Total Projects = 2 Total Expenditure= 27.32 crore<br />11. NH-70 &amp; 21 (New NH-03) - Naduan- Hamirpur- Toni Devi- Awa Devi- Mandi- Kullu- Manali- Gramphoo- Kyelong Total Projects = 9 Total Expenditure= 37.08 crore<br />12. New NH-154A- Punjab Border- Banikhet- Chamba–Bharmour Total Projects = 2 Total Expenditure= 5.92 crore<br />13. NH–20A &amp; 88 (New NH-503) - Punjab Border-Dehlan-Una-Amb-Junction with NH-3 at Mubarakpur connecting Dehra Gopipur, Ranital, Kangra, Mataur, Dharamshala–Macleodganj During this financial year no work is underway.</p> <p>14. New NH-503Ext. - The Highway starting from its Junction with NH-3 near Mubarkpur connection Amb-Una-Dehlan in the State of Himachal Pradesh, Anandpur Sahib-Kiratpur and terminating at its junction with New NH No. 205 in the State of Punjab. During this financial year no work is underway.</p> <p><span style="font-size: 12.16px;">15. NH-503APunjab, Una, Basoli, Barsar, Salooni and terminating at its junction with NH-103 near Bhota Total Projects = 1 Total Expenditure= 22.59 crore</span></p> <p>16. New NH-907A- Starting from its junction with NH No-7 near NahanBanethi-Sarahan&amp; terminating at its junction with NH No.-5 near Kumarhatti During this financial year no work is underway<br />17. New NH-505A- Junction with NH-5 near Powari - ReckongPeo–Kalpa Total Projects = 1 Total Expenditure= 3.32 crore<br />18. New NH-705 - The Highway starting from its junction with New NH No. 5 at Theog connecting Kotkhai, Jubbal and terminating at its junction with NH No. 707 at Hatkoti During this financial year no work is underway.</p> <p>19. Khab-Sumbdo-Kaza-Gramphoo (BRO) Khab to Sumbdo 48 Kms. . i).Improvement to NHDL in progress. Sumdo-Kaza–Gramphoo ii) DPR is under preparation</p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><br /></span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> हिमाचल प्रदेश को केन्द्र सरकार की ओर से 70 राष्ट्रीय राजमार्ग दिये गये हैं और इन पर करीब 60 हजार करोड़ का खर्च किया जायेगा। प्रदेश सरकार यह दावा करती आ रही है क्योंकि इसकी पहली सूचना केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री जगत प्रकाश नड्डा के उस पत्र के माध्यम से दी गयी जो उन्हें केन्द्रीय मन्त्री नितिन गडकरी से मिला था। हिमाचल के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि थी और इसे केन्द्र सरकार के प्रदेश के प्रति विशेष लगाव के रूप में लिया गया था। माना जा रहा था कि केन्द्र के इस सहयोग से प्रदेश की सड़कों का कायाकल्प हो जायेगा। लेकिन इस समय प्रदेश की सड़कों की हालत क्या है इसका अनुमान ‘शिमला-बिलासपुर’ सड़क से ही लगाया जा सकता है। इस सड़क की हालत देखकर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के होने पर ही सन्देह होने लगता है। लोक निर्माण विभाग मुख्यमन्त्री के अपने पास है और वह 63 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा भी कर चुके हैं लेकिन इनमें से 42 का दौरा हैलीकाप्टर से ही हुआ है क्योंकि उन्हें शयद इसीलिये मुख्यमन्त्री को जमीनी हकीकत की सही जानकारी नही है।</span><br /><span style="font-size: small;">अभी विधानसभा के बजट सत्र में राष्ट्रीय राजमार्गो को लेकर प्रश्न आये थे। एक प्रश्न 7 फरवरी को था। इसमें पूछा गया था कि क्या राष्ट्रीय राजमार्ग का प्रश्न केन्द्र सरकार से उठाया गया है। इसके जवाब में बताया गया कि जी, हां। प्रदेश सरकार द्वारा 69 सैद्धान्तिक राष्ट्रीय राजमार्गों और 1 सड़क को सैद्धान्तिक राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु मामला केन्द्र सरकार से उठाया गया है।</span><br /><span style="font-size: small;">54 सड़कों की भेजी गई ड्राफ्ट संरेखण रिपोर्ट (Draft  Alignment Report) की स्वीकृति और इनको राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का मामला केन्द्र सरकार के विचाराधीन है। 2 अन्य सड़कें जो राष्ट्रीय राजमार्गो के मापदण्ड के अनुरूप बनी है, भी केन्द्र सरकार में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु विचाराधीन है।</span><br /><span style="font-size: small;">58 राष्ट्रीय राजमार्गों की Detailed Project Report (DPR)  के लिए केन्द्र ने 173.75 करोड रू. की धनराशि स्वीकृत (sanction) की है। दूसरा प्रश्न 13फरवरी को आया था। इसमें पूछा गया था कि प्रदेश में कितने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित है और इनमें से कितने पूरे होकर चालू हो गये हैं। इसके जवाब में कहा गया है कि प्रदेश में कुल 19 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इसमें यह भी नही कहा गया है कि 70 राष्ट्रीय राजमार्ग सैद्धान्तिक रूप से घेाषित हो चुके हैं। इस तरह एक ही मुद्दे पर दो अलग-अलग प्रश्नों पर दो अलग-अलग उत्तर आने से यह स्पष्ट हो जाता है कि 70 राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषणा को हकीकत होने के लिये अभी लम्बा इन्तज़ार करना होगा। इसी के साथ यह भी तय है कि इन लोकसभा चुनावों में केन्द्र और राज्य सरकार के राष्ट्रीय राजमार्गो का दावा एक बड़ा मुद्दा बनकर उछलेगा। क्योंकि अब इसका प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर सही स्थिति की जानकारी मांगी है।</span><br /><span style="font-size: medium;"><strong>यह है 19 राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति</strong></span></p> <p>Reply of Starred Question No. 1512 asked by Sh. Jeet Ram Katwal (Jhanduta):<br />(a) There are 19 National Highways declared in the State of Himachal Pradesh with a total length of 2581 Kms.<br />The details of declared National Highways is in<br />Annexure- ‘A’<br />(b)&amp;(C) Out of 19 numbers National Highway, 18 numbers are<br />complete/functional in the State. 7.00 kms (seven)<br />length of National Highway-503A (Una-Basoli-BarsarSalooni and terminating at its Junction with NH-103 near Bhota) from Km 35/00 to Km 42/00 is yet to be<br />constructed between Bhihroo (Una District) and<br />Lathiani (Una District) as its alignment passes along<br />Govind Sagar reservoir. The detail of expenditure and<br />the latest position of construction of National Highways<br />are shown in Annexure -‘B’.<br />NH wise detail of expenditure incurred on ongoing sanctioned projects on NH with State PWD alongwith latest status: <br />1. NH-22 (New NH-05) - Haryana Border-Solan, Shimla, Theog, Narkanda, Rampur, Chini and proceeding to the Border between India and Tibet near Shipkila Total Projects = 11 Total Expenditure= 97.35 crore<br />2. NH-72 (New NH-07) - Haryana Border-Paunta-Sahib- Uttarakhand Border Total Projects = 5 Total Expenditure= 45.09 crore<br />3. NH- 88 (New NH-103) - Junction with NH-3 near Hamirpur and connecting Bhota, Ghumarwain and terminating near Ghaghas on NH 154 Total Projects = 3 Total Expenditure= 270.58 crore<br />4. NH-21A (New NH-105) - Junction with NH-5 near Pinjore in Haryana connecting Baddi, Nalagarh and terminating at its junction with NH-205 near Swarghat Total Projects = 3 Total Expenditure= 72.36 crore<br />5. NH-20 &amp; 21 (New NH-154) - The Highway starting from its Junction with NH-154 near Pathankot in Punjab connecting Nurpur-Palampur-Jogindernagar -Mandi-Sundernagar- Ghagus-Bilaspur and terminating it Junction with NH-205 near Nauni in H.P. Total Projects = 5 Total Expenditure= 46.43 crore<br />6. NH-21 &amp; 88 (New NH-205) - Punjab Border- Swarghat, Nauni, Darlaghat- junction with NH-5 near Shimla Total Projects = 1 Total Expenditure= 9.29 crore<br />7. NH-20A &amp; 88 (New NH-303) - Highway starting from Nagrota at Junction on NH-154 connecting Ranital-Jawalamukhi and terminating at Nadaun on NH-3 Total Projects = 1 Total Expenditure= 6.96 crore<br />8. NH-72B (New NH-707) - The Highway starting from its Junction with NH-7 near Poanta Sahib connecting Rajban-Shillai-Minus in H.P. and passing through Minus-Tiuni in Uttrakhand and terminating at Hatkoti in H.P. Total Projects = 2 Total Expenditure= 17.67 crore<br />9. NH-73A (New NH-907) - Junction with NH-7 near Paonta Sahib-Haryana Border Total Projects = 1 Total Expenditure= nil<br />10. New NH-305 - The Highway starting from Sainj on NH-5 connecting Luhri -Ani-Jalori- Banjar and terminating at Aut on NH-3 in the State of H.P Total Projects = 2 Total Expenditure= 27.32 crore<br />11. NH-70 &amp; 21 (New NH-03) - Naduan- Hamirpur- Toni Devi- Awa Devi- Mandi- Kullu- Manali- Gramphoo- Kyelong Total Projects = 9 Total Expenditure= 37.08 crore<br />12. New NH-154A- Punjab Border- Banikhet- Chamba–Bharmour Total Projects = 2 Total Expenditure= 5.92 crore<br />13. NH–20A &amp; 88 (New NH-503) - Punjab Border-Dehlan-Una-Amb-Junction with NH-3 at Mubarakpur connecting Dehra Gopipur, Ranital, Kangra, Mataur, Dharamshala–Macleodganj During this financial year no work is underway.</p> <p>14. New NH-503Ext. - The Highway starting from its Junction with NH-3 near Mubarkpur connection Amb-Una-Dehlan in the State of Himachal Pradesh, Anandpur Sahib-Kiratpur and terminating at its junction with New NH No. 205 in the State of Punjab. During this financial year no work is underway.</p> <p><span style="font-size: 12.16px;">15. NH-503APunjab, Una, Basoli, Barsar, Salooni and terminating at its junction with NH-103 near Bhota Total Projects = 1 Total Expenditure= 22.59 crore</span></p> <p>16. New NH-907A- Starting from its junction with NH No-7 near NahanBanethi-Sarahan&amp; terminating at its junction with NH No.-5 near Kumarhatti During this financial year no work is underway<br />17. New NH-505A- Junction with NH-5 near Powari - ReckongPeo–Kalpa Total Projects = 1 Total Expenditure= 3.32 crore<br />18. New NH-705 - The Highway starting from its junction with New NH No. 5 at Theog connecting Kotkhai, Jubbal and terminating at its junction with NH No. 707 at Hatkoti During this financial year no work is underway.</p> <p>19. Khab-Sumbdo-Kaza-Gramphoo (BRO) Khab to Sumbdo 48 Kms. . i).Improvement to NHDL in progress. Sumdo-Kaza–Gramphoo ii) DPR is under preparation</p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><br /></span></p></div> अमित शाह का दौरा रद्द होना प्रदेश नेतृत्व को झटका 2018-07-17T10:37:03+00:00 2018-07-17T10:37:03+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1126-2018-07-17-10-37-03 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का हिमाचल का प्रस्तावित दौरा रद्द हो गया है जबकि प्रदेश भाजपा और जयराम सरकार लम्बे अरसे से इस दौरे की तैयारियों में जुटे हुए थे। बल्कि ज्वालामुखी में आयोजित की गयी दो दिवसीय बैठक भी इन्हीं तैयारियों का एक हिस्सा थी। इस परिदृश्य में शाह के दौरे का स्थगित होना राजनीतिक और प्रशासनिक हल्कों में चर्चा का विषय बनना स्वभाविक है। लोकसभा के चुनाव अगले वर्ष मई में होना तय है लेकिन इस बात के ठोस संकेत उभरते जा रहे हैं कि चुनाव समय से पूर्व ही हो जायेंगे। क्योंकि इसी वर्ष के अन्त में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव होना तय है। इन राज्यों में लम्बे अरसे से भाजपा की सरकारें हैं। लेकिन इस बार इन राज्यों में हुए कुछ विधानसभा और लोकसभा के उपचुनावों में भाजपा को करारी हार मिली है। इस हार का सबसे बड़ा लाभ भी कांग्रेस को ही मिला है क्योंकि यहां भाजपा का राजनीतिक विकल्प कांग्रेस ही है। फिर लोकसभा चुनाव के लिये सारा विपक्ष एकजुट हो रहा है क्योंकि यदि इकट्ठा होकर विपक्ष भाजपा का सामना करेगा तभी तो बाद में क्षेत्रीय दल अपने अपने राज्यों में अपने वर्चस्व की मांग कर पायेंगे। भाजपा विपक्षी एकता की संभावना से अन्दर से घबरायी हुई है और इसे तोड़ने के लिये भाजपा ने सोशल मीडिया का एकमात्र फोकस राहूल और नेहरू परिवार के खिलाफ कर दिया है कि यदि एक झूठ को सौ बार बोलेंगे तो वह सच्च बन जायेगा लेकिन अब जब सोशल मीडिया की कुछ साईटस का सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है और इस संज्ञान के बाद पोस्टकार्ड मीडिया साईट के संस्थापक की गिरफ्तारी भी हो गयी है इससे सोशल मीडिया पर आधारित होने की धारणा को झटका भी लगा है क्योंकि इन दिनों अमित शाह सबसे अधिक अपने सोशल साईट कार्यकर्ताओं के सम्मेलनों पर ज्यादा फोकस कर रहे थे। हिमाचल में भी इसकी तैयारियां चल रही थी लेकिन यहां आईटी सैल के प्रमुख के त्यागपत्र के कारण यह गणित गड़बड़ा गया है।</span><br /><span style="font-size: small;">इस सारी वस्तुस्थिति को सामने रखते हुए शाह के दौरे का रद्द हो जाना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस समय भाजपा के शीर्ष केन्द्रिय नेतृत्व का पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव पर ही केन्द्रित चल रहा है। मोदी शाह की कार्यप्रणाली की जानकारी रखने वाले जानते हैं कि यह लोग अपने सूचना तन्त्र पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। इस तन्त्र में केन्द्र सरकार की ऐजैन्सीयों के अतिरिक्त और भी कई ऐजैन्सीयां फील्ड में सर्वे में जुटी हुई है। हिमाचल में भी पिछले एक माह में ऐसी दो टीमें प्रदेश का सर्वे कर गयी हैं। उच्चस्थ सूत्रों के मुताबिक इन सर्वों में हिमाचल से चारों सीटें फिर से मिलने की संभावना नही मानी जा रही है। इसमें यह भी सामने आया है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रदेश में भाजपा के पास वीरभद्र के खिलाफ आयकर, सीबीआई और ईडी में चल रहे मामले एक बड़ा हथियार थे। इन्ही के सहारे यह आरोप लगाये गये थे कि वीरभद्र के तो पेड़ो पर भी पैसे उगते हैं लोकसभा चुनावों के बाद जब विधानसभा चुनाव आये तब वीरभद्र सरकार की कार्यप्रणाली मुद्दा बन गयी जिसमें गुड़िया जैसे प्रकरणों ने आग में घी का काम किया। भ्रष्टाचार को लेकर महामहिम राष्ट्रपति तक को ज्ञापन सौंपे गये और सरकार को भ्रष्टाचार का पर्याय प्रचारित कर दिया गया तथा भाजपा को इतना बड़ा बहुमत मिल गया। लेकिन आज यह कोई भी हथियार भाजपा इस्तेमाल नही कर सकती क्योंकि इन मामलों में भाजपा सरकार की केन्द्र से लेकर राज्य तक करनी उनकी कथनी से एकदम भिन्न रही है। बल्कि आज उल्टे यह मामले भाजपा से जवाब मांगेगे।</span><br /><span style="font-size: small;">ऐसे में इन लोकसभा चुनावों में सबकुछ राज्य सरकार की करनी और मुख्यमन्त्री की अपनी कार्यप्रणाली पर निर्भर करेगा। आज जयराम सरकार के इस दौरान लिये गये फैसलों की निष्पक्ष समीक्षा की जाये तो इनका बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव नही दिख पाया है। जयराम किस तरह के सलाहकारों से प्रशासन और राजनीतिक मसलों पर घिरे हुए हैं उस पर तो वीरभद्र की टिप्पणी ही सबसे स्टीक बैठती है। जब उन्होंने यह कहा कि यह लोग गद्दी के लिये खतरा हो सकते हैं। स्वभाविक भी हैं जिस मुख्यमन्त्री को अपने मुख्य सचिव की रक्षा यह कहकर करनी पड़े कि दिल्ली में उनके खिलाफ क्या है इससे उनका कोई सरोकार नही है तो यह टिप्पणी एक तरह से केन्द्र के ही खिलाफ हो जाती है। आज यह आम चर्चा का विषय बना हुआ है कि शीर्ष प्रशासन की निष्ठायें शायद मुख्यमन्त्री से ज्यादा कहीं और हैं खली प्रकरण और दीपक सानन को स्टडी लीव देने जैसे कई मामले आने वाले समय में सरकार से जवाब मांगेगे। लोकसभा प्रत्याशीयों को लेकर भी अभी तक यह स्थिति स्पष्ट नही है कि सभी पुराने जीते हुओं को ही फिर से चुनाव में उतारा जायेगा या इनमे कोई फेरबदल होगा। पार्टी के कार्यकर्ताओं की ताजपोशीयां किसी न किसी कारण से टलती जा रही हैं। ज्वालामुखी की बैठक में शान्ता, धूमल और नड्डा का शमिल न होना एक अलग ही संदेश दे गया है। अभी जयराम ने एक साक्षात्कार में कहा कि वह मन्त्रीयों के रिपोर्ट कार्ड पर बराबर नज़र रख रहे हैं। बल्कि इस कथन के बाद मन्त्रीमण्डल में फेरबदल की अटकलें तक चल पड़ी थी। माना जा रहा था कि शाह के दौरे के दौरान इन अटकलों पर स्थिति साफ हो जायेगी। लेकिन अब शाह के दौरे के दौरान इन अटकलों पर स्थिति साफ हो जायेगी। लेकिन अब शाह के दौरे के रद्द होने से यह भी चर्चा चल पड़ी है कि लोकसभा चुनावों के परिदृश्य में केन्द्र प्रदेश के रिपोर्ट कार्ड पर भी नज़र रख रहा है। सूत्रों की माने तो जिस बैठक में शाह का दौरा रद्द हुआ है उसी बैठक में शान्ता कुमार को भी एक बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने पर भी विचार हुआ है। माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद प्र्रदेश की भाजपा राजनीति में कई समीकरण बदलेंगे। शाह का दौरा रद्द होना मुख्यमन्त्री के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है।</span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का हिमाचल का प्रस्तावित दौरा रद्द हो गया है जबकि प्रदेश भाजपा और जयराम सरकार लम्बे अरसे से इस दौरे की तैयारियों में जुटे हुए थे। बल्कि ज्वालामुखी में आयोजित की गयी दो दिवसीय बैठक भी इन्हीं तैयारियों का एक हिस्सा थी। इस परिदृश्य में शाह के दौरे का स्थगित होना राजनीतिक और प्रशासनिक हल्कों में चर्चा का विषय बनना स्वभाविक है। लोकसभा के चुनाव अगले वर्ष मई में होना तय है लेकिन इस बात के ठोस संकेत उभरते जा रहे हैं कि चुनाव समय से पूर्व ही हो जायेंगे। क्योंकि इसी वर्ष के अन्त में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव होना तय है। इन राज्यों में लम्बे अरसे से भाजपा की सरकारें हैं। लेकिन इस बार इन राज्यों में हुए कुछ विधानसभा और लोकसभा के उपचुनावों में भाजपा को करारी हार मिली है। इस हार का सबसे बड़ा लाभ भी कांग्रेस को ही मिला है क्योंकि यहां भाजपा का राजनीतिक विकल्प कांग्रेस ही है। फिर लोकसभा चुनाव के लिये सारा विपक्ष एकजुट हो रहा है क्योंकि यदि इकट्ठा होकर विपक्ष भाजपा का सामना करेगा तभी तो बाद में क्षेत्रीय दल अपने अपने राज्यों में अपने वर्चस्व की मांग कर पायेंगे। भाजपा विपक्षी एकता की संभावना से अन्दर से घबरायी हुई है और इसे तोड़ने के लिये भाजपा ने सोशल मीडिया का एकमात्र फोकस राहूल और नेहरू परिवार के खिलाफ कर दिया है कि यदि एक झूठ को सौ बार बोलेंगे तो वह सच्च बन जायेगा लेकिन अब जब सोशल मीडिया की कुछ साईटस का सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है और इस संज्ञान के बाद पोस्टकार्ड मीडिया साईट के संस्थापक की गिरफ्तारी भी हो गयी है इससे सोशल मीडिया पर आधारित होने की धारणा को झटका भी लगा है क्योंकि इन दिनों अमित शाह सबसे अधिक अपने सोशल साईट कार्यकर्ताओं के सम्मेलनों पर ज्यादा फोकस कर रहे थे। हिमाचल में भी इसकी तैयारियां चल रही थी लेकिन यहां आईटी सैल के प्रमुख के त्यागपत्र के कारण यह गणित गड़बड़ा गया है।</span><br /><span style="font-size: small;">इस सारी वस्तुस्थिति को सामने रखते हुए शाह के दौरे का रद्द हो जाना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस समय भाजपा के शीर्ष केन्द्रिय नेतृत्व का पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव पर ही केन्द्रित चल रहा है। मोदी शाह की कार्यप्रणाली की जानकारी रखने वाले जानते हैं कि यह लोग अपने सूचना तन्त्र पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। इस तन्त्र में केन्द्र सरकार की ऐजैन्सीयों के अतिरिक्त और भी कई ऐजैन्सीयां फील्ड में सर्वे में जुटी हुई है। हिमाचल में भी पिछले एक माह में ऐसी दो टीमें प्रदेश का सर्वे कर गयी हैं। उच्चस्थ सूत्रों के मुताबिक इन सर्वों में हिमाचल से चारों सीटें फिर से मिलने की संभावना नही मानी जा रही है। इसमें यह भी सामने आया है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रदेश में भाजपा के पास वीरभद्र के खिलाफ आयकर, सीबीआई और ईडी में चल रहे मामले एक बड़ा हथियार थे। इन्ही के सहारे यह आरोप लगाये गये थे कि वीरभद्र के तो पेड़ो पर भी पैसे उगते हैं लोकसभा चुनावों के बाद जब विधानसभा चुनाव आये तब वीरभद्र सरकार की कार्यप्रणाली मुद्दा बन गयी जिसमें गुड़िया जैसे प्रकरणों ने आग में घी का काम किया। भ्रष्टाचार को लेकर महामहिम राष्ट्रपति तक को ज्ञापन सौंपे गये और सरकार को भ्रष्टाचार का पर्याय प्रचारित कर दिया गया तथा भाजपा को इतना बड़ा बहुमत मिल गया। लेकिन आज यह कोई भी हथियार भाजपा इस्तेमाल नही कर सकती क्योंकि इन मामलों में भाजपा सरकार की केन्द्र से लेकर राज्य तक करनी उनकी कथनी से एकदम भिन्न रही है। बल्कि आज उल्टे यह मामले भाजपा से जवाब मांगेगे।</span><br /><span style="font-size: small;">ऐसे में इन लोकसभा चुनावों में सबकुछ राज्य सरकार की करनी और मुख्यमन्त्री की अपनी कार्यप्रणाली पर निर्भर करेगा। आज जयराम सरकार के इस दौरान लिये गये फैसलों की निष्पक्ष समीक्षा की जाये तो इनका बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव नही दिख पाया है। जयराम किस तरह के सलाहकारों से प्रशासन और राजनीतिक मसलों पर घिरे हुए हैं उस पर तो वीरभद्र की टिप्पणी ही सबसे स्टीक बैठती है। जब उन्होंने यह कहा कि यह लोग गद्दी के लिये खतरा हो सकते हैं। स्वभाविक भी हैं जिस मुख्यमन्त्री को अपने मुख्य सचिव की रक्षा यह कहकर करनी पड़े कि दिल्ली में उनके खिलाफ क्या है इससे उनका कोई सरोकार नही है तो यह टिप्पणी एक तरह से केन्द्र के ही खिलाफ हो जाती है। आज यह आम चर्चा का विषय बना हुआ है कि शीर्ष प्रशासन की निष्ठायें शायद मुख्यमन्त्री से ज्यादा कहीं और हैं खली प्रकरण और दीपक सानन को स्टडी लीव देने जैसे कई मामले आने वाले समय में सरकार से जवाब मांगेगे। लोकसभा प्रत्याशीयों को लेकर भी अभी तक यह स्थिति स्पष्ट नही है कि सभी पुराने जीते हुओं को ही फिर से चुनाव में उतारा जायेगा या इनमे कोई फेरबदल होगा। पार्टी के कार्यकर्ताओं की ताजपोशीयां किसी न किसी कारण से टलती जा रही हैं। ज्वालामुखी की बैठक में शान्ता, धूमल और नड्डा का शमिल न होना एक अलग ही संदेश दे गया है। अभी जयराम ने एक साक्षात्कार में कहा कि वह मन्त्रीयों के रिपोर्ट कार्ड पर बराबर नज़र रख रहे हैं। बल्कि इस कथन के बाद मन्त्रीमण्डल में फेरबदल की अटकलें तक चल पड़ी थी। माना जा रहा था कि शाह के दौरे के दौरान इन अटकलों पर स्थिति साफ हो जायेगी। लेकिन अब शाह के दौरे के दौरान इन अटकलों पर स्थिति साफ हो जायेगी। लेकिन अब शाह के दौरे के रद्द होने से यह भी चर्चा चल पड़ी है कि लोकसभा चुनावों के परिदृश्य में केन्द्र प्रदेश के रिपोर्ट कार्ड पर भी नज़र रख रहा है। सूत्रों की माने तो जिस बैठक में शाह का दौरा रद्द हुआ है उसी बैठक में शान्ता कुमार को भी एक बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने पर भी विचार हुआ है। माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद प्र्रदेश की भाजपा राजनीति में कई समीकरण बदलेंगे। शाह का दौरा रद्द होना मुख्यमन्त्री के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है।</span></p></div> अब ठेकेदारों से मांगे जा रहे पैसे 2018-07-10T10:46:06+00:00 2018-07-10T10:46:06+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1121-2018-07-10-10-46-06 Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> खली प्रकरण में निश्चित रूप से सरकार की फजीहत हुई है और इसमें सबसे बड़ा योगदान शीर्ष तन्त्र का रहा है। खली का इवैन्ट सूचित खेल सूची में नही आता है। यह जानकारी सरकार को बजट सत्र के दौरान ही हो गयी थी। इस जानकारी के बाद जयराम के दो मन्त्री पंजाब में खली की अकादमी देखने गये थे इसके बाद खली मनाली आये वहां उन्होने एक आयोजन में भाषण भी दिया। इस भाषण में खली ने भाजपा की जमकर तारीफ की और कांग्रेस को खुब कोसा। खली के इस भाषण के बाद यह संकेत भी उभरे कि वह कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसी संकेत संदेश को आगे बढ़ाते हुए खली के आयोजन का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाने के प्रयास भी हुए। लेकिन जब यह प्रयास सफल नही हुए तब यह ऐलान भी हो गया कि सरकार इसमें कोई योगदान नही कर रही है बल्कि मण्डी के खेल मैदान के किराये का बिल भी खली को थमा दिया गया। सरकार के सहयोग न करने के फैसले से खली इस कदर आहत हुए कि उन्होने यहां तक कह दिया कि उनके पास तो कुर्सीयां लगाने तक के पैसे भी नही बचे हैं। उन्होने स्वयं रिंग में न उतरने तक की घोषणा कर दी और पूरा शो मुफ्त में दिखाने का फैसला ले लिया। शो मे लोगों की भीड़ जुटाने के लिये खली ने मण्डी और सुन्दरनगर रोड़ शो तक किये। इस आयोजन में मुख्यमन्त्री को बतौर मुख्य अतिथि होना प्रचारित किया गया था। जब सरकार अधिकारिक तौर पर खली के शो को आर्थिक सहायता देने का प्रयास कर रही थी और शीर्ष प्रशासन वरिष्ठ अधिकारियों से बैठकें करके आयोजन को सफल बनाने में लग गया था तथा पूरा मामला मन्त्रीमण्डल की बैठक तक पंहुचा दिया गया। लेकिन मन्त्रीमण्डल इस पर फैसला नही ले पाया। सरकार शो के लिये कभी हां तो कभी न की दुविधा में फस गयी थी इसी बीच सरकार के अनिर्णय और प्रयासों पर कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने पूरे दस्तावेजी प्रमाणों के साथ ऊना में पत्रकार वार्ता करके सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। </span><span style="font-size: small;">मुकेश अग्निहोत्री की पत्रकार वार्ता के बाद खली और सरकार के लिये यह आयोजन करवाना प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया। खली ने</span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: large;"><strong>5000 ka cheque dana       e in c  ka kam hai</strong></span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><img src="images/khalu.jpg" border="0" width="350" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /> प्रदेश सरकार के प्रत्यक्ष सहयोग के बिना भी यह आयोजन पूरी सफलता के साथ कर दिया। इस आयोजन के लिये खली ने अपने साधनों से कितना धन जुटाया और सरकार ने अप्रत्यक्षतः कितना आर्थिक सहयोग दिया है इसका पूरा खुलासा तो समाने नही आया है लेकिन इसके लिये सरकारी तन्त्र के माध्यम से प्रयास किये जा रहे हैं। यह सामने आ गया है कि लोक निर्माण विभाग ठेकेदारों से पैसा इकट्ठा कर रहा है। इसके लिये ठेकेदारों को एक संदेश भेजा गया है कि वह पांच हजार का चैक मण्डी मित्रमण्डल के नाम भेजें। सन्देश में साफ कहा गया है कि म पद ब का काम है। इस संदेश से स्पष्ट हो जाता है कि ई इन सी को इस स्तर के निर्देश ऊपर से आये होंगे। लोक निर्माण विभाग का प्रभार स्वयं मुख्यमन्त्री के पास है। विभाग में हजारों ठेकेदार हैं कुछ की निष्ठायें भाजपा के साथ हो सकती हैं तो कुछ की कांग्रेस के साथ भी। इन्ही ठेकेदारों के माध्यम से यह संदेश मीडिया तक पंहुचा है। पांच हजार रूपये का चैक मण्डी मित्रमण्डल के नाम मांगा गया है इसलिये इसको खली के आयेजन के साथ जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन इस तरह से वाकायदा संदेश भेजकर यह पैसा मांगा जा रहा है यह पूरे प्रशासन पर एक गंभीर सवाल खड़े करता है और यह एक बड़ा मुद्दा बन जाये इस संभावना से इन्कार नही किया जा सकता। इससे प्रशासन की प्रवक्ता और नीयत दोनो पर ही सवाल खड़े होते हैं। </span><br /><span style="font-size: small;"> खली के आयोजन तक सरकार के पास इतना पर्याप्त समय था कि वह इसके लिये खेल नियमों में संशोधन कर सकती थी। मल्लयुद्ध देश की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और राज्याश्रित थे। आज प्रदेश के गांव -गांव में होने वाली छिंज इसी का अपभ्रंश रूप है। इस सबको एक बड़े फलक पर लाकर एक बड़ा रूप दिया जा सकता था। लेकिन इस दिशा में एकदम वैचारिक शून्यता का ही परिचय दिया गया। इसी तरह की वैचारिकता जंजैहली प्रकरण में सामने आयी। अब मण्डी के बल्ह क्षेत्र में प्रस्तावित एयर पोर्ट पर जिस तरह का शेष बल्ह के निवासियों के सामने आया है वह भी इसी दिशा में संकेत करता है। सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन को स्टडी लीव दिया जाना एकदम अपराध की श्रेणी में आता है। एचपीसीए के प्रकरण में भी सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठने जैसी स्थिति बन गयी है। इस मामले का मूल पक्ष कि एच पी सी ए सोसायटी है या कंपनी आरसीएस के पास पिछले पांच वर्षों से लंबित चला आ रहा है। अब आरसीएस के पास 20 जुलाई को पेशी लगी है। यहां डा. अजय शर्मा को आरसीएस लगाकर ऐसी कानूनी दुविधा में खड़ा कर दिया गया है कि इस मामले की सुनवाई करना उनके लिये संभव नही होगा। वहां फिर अगली पेशी लगना ही विकल्प बचता है और इस तरह न चाहते हुए भी लम्बे समय तक यह मामला और लटक जायेगा। ऐसे और भी कई मामले ऐसे हैं जहां सरकार की स्थिति हास्यास्पद हो जाती है। </span><br /><span style="font-size: small;">इस समय प्रदेश के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक सदस्यों के दोनों पद लम्बे अरसे से खाली चले आ रहे हैं लेकिन इन पदों को भरने में सरकार की ओर से कोई ठोस प्रयास नही किये जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि यह सरकार की प्राथमिकता का विषय ही नही रह गया है। कर्मचारी न्याय के लिये परेशान हो रहे हैं बल्कि इस कदर रोष उभर रहा है कि यदि सरकार ट्रिब्यूनल के पक्ष में नही हैं तो इसे बन्द करके कर्मचारियों के मामले फिर से उच्च न्यायालय को ही भेज दिये जायें। यह मांग कभी भी उठ सकती है। इन सारे मामलों का लोकसभा चुनावों पर असर पडेगा यह तय है।</span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> खली प्रकरण में निश्चित रूप से सरकार की फजीहत हुई है और इसमें सबसे बड़ा योगदान शीर्ष तन्त्र का रहा है। खली का इवैन्ट सूचित खेल सूची में नही आता है। यह जानकारी सरकार को बजट सत्र के दौरान ही हो गयी थी। इस जानकारी के बाद जयराम के दो मन्त्री पंजाब में खली की अकादमी देखने गये थे इसके बाद खली मनाली आये वहां उन्होने एक आयोजन में भाषण भी दिया। इस भाषण में खली ने भाजपा की जमकर तारीफ की और कांग्रेस को खुब कोसा। खली के इस भाषण के बाद यह संकेत भी उभरे कि वह कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसी संकेत संदेश को आगे बढ़ाते हुए खली के आयोजन का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाने के प्रयास भी हुए। लेकिन जब यह प्रयास सफल नही हुए तब यह ऐलान भी हो गया कि सरकार इसमें कोई योगदान नही कर रही है बल्कि मण्डी के खेल मैदान के किराये का बिल भी खली को थमा दिया गया। सरकार के सहयोग न करने के फैसले से खली इस कदर आहत हुए कि उन्होने यहां तक कह दिया कि उनके पास तो कुर्सीयां लगाने तक के पैसे भी नही बचे हैं। उन्होने स्वयं रिंग में न उतरने तक की घोषणा कर दी और पूरा शो मुफ्त में दिखाने का फैसला ले लिया। शो मे लोगों की भीड़ जुटाने के लिये खली ने मण्डी और सुन्दरनगर रोड़ शो तक किये। इस आयोजन में मुख्यमन्त्री को बतौर मुख्य अतिथि होना प्रचारित किया गया था। जब सरकार अधिकारिक तौर पर खली के शो को आर्थिक सहायता देने का प्रयास कर रही थी और शीर्ष प्रशासन वरिष्ठ अधिकारियों से बैठकें करके आयोजन को सफल बनाने में लग गया था तथा पूरा मामला मन्त्रीमण्डल की बैठक तक पंहुचा दिया गया। लेकिन मन्त्रीमण्डल इस पर फैसला नही ले पाया। सरकार शो के लिये कभी हां तो कभी न की दुविधा में फस गयी थी इसी बीच सरकार के अनिर्णय और प्रयासों पर कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने पूरे दस्तावेजी प्रमाणों के साथ ऊना में पत्रकार वार्ता करके सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। </span><span style="font-size: small;">मुकेश अग्निहोत्री की पत्रकार वार्ता के बाद खली और सरकार के लिये यह आयोजन करवाना प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया। खली ने</span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: large;"><strong>5000 ka cheque dana       e in c  ka kam hai</strong></span></p> <p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><img src="images/khalu.jpg" border="0" width="350" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" /> प्रदेश सरकार के प्रत्यक्ष सहयोग के बिना भी यह आयोजन पूरी सफलता के साथ कर दिया। इस आयोजन के लिये खली ने अपने साधनों से कितना धन जुटाया और सरकार ने अप्रत्यक्षतः कितना आर्थिक सहयोग दिया है इसका पूरा खुलासा तो समाने नही आया है लेकिन इसके लिये सरकारी तन्त्र के माध्यम से प्रयास किये जा रहे हैं। यह सामने आ गया है कि लोक निर्माण विभाग ठेकेदारों से पैसा इकट्ठा कर रहा है। इसके लिये ठेकेदारों को एक संदेश भेजा गया है कि वह पांच हजार का चैक मण्डी मित्रमण्डल के नाम भेजें। सन्देश में साफ कहा गया है कि म पद ब का काम है। इस संदेश से स्पष्ट हो जाता है कि ई इन सी को इस स्तर के निर्देश ऊपर से आये होंगे। लोक निर्माण विभाग का प्रभार स्वयं मुख्यमन्त्री के पास है। विभाग में हजारों ठेकेदार हैं कुछ की निष्ठायें भाजपा के साथ हो सकती हैं तो कुछ की कांग्रेस के साथ भी। इन्ही ठेकेदारों के माध्यम से यह संदेश मीडिया तक पंहुचा है। पांच हजार रूपये का चैक मण्डी मित्रमण्डल के नाम मांगा गया है इसलिये इसको खली के आयेजन के साथ जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन इस तरह से वाकायदा संदेश भेजकर यह पैसा मांगा जा रहा है यह पूरे प्रशासन पर एक गंभीर सवाल खड़े करता है और यह एक बड़ा मुद्दा बन जाये इस संभावना से इन्कार नही किया जा सकता। इससे प्रशासन की प्रवक्ता और नीयत दोनो पर ही सवाल खड़े होते हैं। </span><br /><span style="font-size: small;"> खली के आयोजन तक सरकार के पास इतना पर्याप्त समय था कि वह इसके लिये खेल नियमों में संशोधन कर सकती थी। मल्लयुद्ध देश की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और राज्याश्रित थे। आज प्रदेश के गांव -गांव में होने वाली छिंज इसी का अपभ्रंश रूप है। इस सबको एक बड़े फलक पर लाकर एक बड़ा रूप दिया जा सकता था। लेकिन इस दिशा में एकदम वैचारिक शून्यता का ही परिचय दिया गया। इसी तरह की वैचारिकता जंजैहली प्रकरण में सामने आयी। अब मण्डी के बल्ह क्षेत्र में प्रस्तावित एयर पोर्ट पर जिस तरह का शेष बल्ह के निवासियों के सामने आया है वह भी इसी दिशा में संकेत करता है। सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन को स्टडी लीव दिया जाना एकदम अपराध की श्रेणी में आता है। एचपीसीए के प्रकरण में भी सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठने जैसी स्थिति बन गयी है। इस मामले का मूल पक्ष कि एच पी सी ए सोसायटी है या कंपनी आरसीएस के पास पिछले पांच वर्षों से लंबित चला आ रहा है। अब आरसीएस के पास 20 जुलाई को पेशी लगी है। यहां डा. अजय शर्मा को आरसीएस लगाकर ऐसी कानूनी दुविधा में खड़ा कर दिया गया है कि इस मामले की सुनवाई करना उनके लिये संभव नही होगा। वहां फिर अगली पेशी लगना ही विकल्प बचता है और इस तरह न चाहते हुए भी लम्बे समय तक यह मामला और लटक जायेगा। ऐसे और भी कई मामले ऐसे हैं जहां सरकार की स्थिति हास्यास्पद हो जाती है। </span><br /><span style="font-size: small;">इस समय प्रदेश के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक सदस्यों के दोनों पद लम्बे अरसे से खाली चले आ रहे हैं लेकिन इन पदों को भरने में सरकार की ओर से कोई ठोस प्रयास नही किये जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि यह सरकार की प्राथमिकता का विषय ही नही रह गया है। कर्मचारी न्याय के लिये परेशान हो रहे हैं बल्कि इस कदर रोष उभर रहा है कि यदि सरकार ट्रिब्यूनल के पक्ष में नही हैं तो इसे बन्द करके कर्मचारियों के मामले फिर से उच्च न्यायालय को ही भेज दिये जायें। यह मांग कभी भी उठ सकती है। इन सारे मामलों का लोकसभा चुनावों पर असर पडेगा यह तय है।</span></p></div> इंडियन ऑयल ने किया 5,06,428 करोड़ रुपए का कारोबार 2018-06-26T10:47:30+00:00 2018-06-26T10:47:30+00:00 https://mail.shailsamachar.com/index.php/2013-04-09-08-26-19/1103-----506428---- Shail Samachar [email protected] <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> इंडियन ऑयल ने 5,06,428 करोड़ रुपए के कारोबार के साथ (पहली बार 5 लाख करोड़ आंकड़ा पार किया) वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कर के बाद 21,346 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक मुनाफ़ा दर्ज किया। यह मुनाफ़ा उच्च रिफाइनरी मार्जिनों, इन्वेंट्री लाभ और परिचालन क्षमता से बढ़ाया गया। वर्ष 2017-18 के दौरान, इंडियन ऑयल ने निर्यात सहित 88.76 मिलियन टन उत्पाद बेचे। हमारी रिफ़ाइनरियों ने 69 मिलियन मीट्रिक टन का <img src="images/ind%20o.jpg" border="0" width="350" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />थ्रूपुट हासिल किया और पाइपलाइनों के देशव्यापी नेटवर्क ने 85.67 मिलियन मीट्रिक टन का रिकॉर्ड थ्रूपुट दर्ज किया।</span><br /><span style="font-size: small;">पाइपलाइन नेटवर्क अब लगभग 13,400 कि.मी. तक बढ़ गया है जो प्रति वर्ष 94.79 मिलियन मीट्रिक टन (कच्चा तेल और उत्पाद पाइपलाइन) और 9.5 एमएमएससीएमडी (गैस पाइपलाईन) की संचयी थ्रूपुट क्षमता के साथ बढ़ा है।</span><br /><span style="font-size: small;">ब्रांड नाम प्रोपेल के तहत बेचे गए हमारे पेट्रोकेमिकल्स (निर्यात सहित) कारोबार ने 2017-18 में 2.36 मिलियन टन की बिक्री दर्ज की।</span><br /><span style="font-size: small;">अधिकांश शहरों में खतरनाक प्रदूषण की स्थिति का जायज़ा लेते हुए, भारत सरकार ने बीएस-VI ईंधन के रोल-आउट को सक्रिय रूप से लागू करने का फैसला लिया।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल ने अगुआई करते हुए अन्य तेल विपणन कंपनियों के साथ मिलकर 1 अप्रैल, 2018 से तीन चरणीय रोल आउट के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-VI ईंधन की शुरुआत की है, इसमें शामिल है मुख्य रिफ़ाइनरी अपग्रेड, आपूर्ति लॉजिस्टिक्स में बदलाव और अन्य संब<span>द्ध</span> परिवर्तन।</span><br /><span style="font-size: small;">संशोधित समय सीमा को पूरा करने के लिए 1 अप्रैल 2019 से दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में 1 अप्रैल, 2020 से बीएस-VI ईंधन शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इस साल 2017-18 में इंडियन ऑयल ने एक बार फिर एक और विशाल कल्याण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, समाज के ग़रीब तबके की महिलाओं के ऊर्जा और वित्तीय समावेशन के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पहल का नेतृत्व किया। वर्ष 2019 तक ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को 8 करोड़ जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन जारी करने के संशोधित लक्ष्य के साथ, कार्यक्रम बहुत कम समय में 4 करोड़ कनेक्शनों के ऐतिहासिक आंकड़े तक पहुंचने वाला है, जिसमें से इंडियन ऑयल द्वारा 1.9 करोड़ से अधिक नए एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए। </span><br /><span style="font-size: small;">वर्ष के दौरान सौर शक्ति का उपयोग करते हुए अपने 32% से अधिक खुदरा नेटवर्क के साथ इंडियन ऑयल ने खुदरा नेटवर्क के सौरकरण में उद्योग अग्रणी के रूप में अपनी निर्विवाद स्थिति को मजबूत किया। </span><br /><span style="font-size: small;">वर्ष के दौरान लगभग 2500 खुदरा बिक्री केन्द्रों को सौरकृत किया गया थे, जिससे सौरकृत खुदरा बिक्री केन्द्रों का संचयी आंकड़ा 8,800 पर पहुंच गया।</span><br /><span style="font-size: small;">तेल विपणन कंपनियों ने ईईएसएल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे हम पूरे देश में चुनिंदा खुदरा दुकानों से एलईडी बल्ब, एलईडी टयूबलाइट्स और ऊर्जा कुशल पंखे उपलब्ध कराएंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">उपभोक्ता अब हमारे पेट्रोल स्टेशनों से 70 रुपए में उच्च गुणवत्ता वाले 9 वॉट के एलईडी बल्ब, 220 रुपए में 20 वॉट की एलईडी टयूबलाईट और 1200 रुपए में फ़ाइव-स्टार रेटिड सीलिंग फ़ैन खरीद सकता है। यह देश में ऊर्जा के अनुकूलन और कुशल उपयोग द्वारा 10% तक ऊर्जा के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगा।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल अपने प्रतिष्ठानों में पारंपरिक लाइटों के स्थान पर एलईडी लाईटों को लगा रहा है। अभी तक 3.11 लाख पारंपरिक लाईटों के स्थान पर एलईडी लाइटें लगा दी गई है। अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के दौरान, 1.68 लाख एलईडी लाइटें लगाई गईं। इंडियन ऑयल ने गुजरात, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में 168 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं भी शुरू की हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे देश में 6,800 से अधिक स्वच्छता गतिविधियां, जैसे स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान इत्यादि शुरु किए गए थे। इंडियन ऑयल विभिन्न स्थानों पर 2 जी इथेनॉल पौधों की भी योजना बना रहा है।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल की विभिन्न रिफाइनरियों, टर्मिनलों, डिपो और आवास परिसरों में कुल 560 वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की गइ हैं। 950 हेक्टेयर के कुल जल ग्रहण क्षेत्र के साथ, प्रति वर्ष लगभग 3 बिलियन लीटर पानी संचित किया जा रहा है।</span><br /><span style="font-size: small;">2017-18 के दौरान, विभिन्न लोकेशनों और यूनिटों पर 1.15 लाख पेड़ लगाए गए। अपशिष्ट पेपर रीसाईकि्ंलग इंडियन ऑयल द्वारा की गई एक और बड़ी पहल है जिसमें पिछले वर्ष 118 टन से अधिक पेपर रीसाईकल किया गया।</span><br /><span style="font-size: small;">2016-17 में, इंडियनऑयल ने घरेलू हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में नवपरिवर्तनों के लिए अनुकूल पारिस्थितिक तंत्र को पोषित करने के लिए स्टार्ट-अप इंडिया पहल के तहत 30 करोड़ रुपये के परिक्रमी स्टार्टअप फंड की शुरुआत की। </span><br /><span style="font-size: small;">भारत सरकार के कुशल भारत के तहत-राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के अंतर्गत इंडियनऑयल ने भुवनेश्वर में एक कौशल विकास संस्थान (एसडीआई) की स्थापना की है जिसका उद्देश्य 10 वर्षों में लगभग 50,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है।</span><br /><span style="font-size: small;">ओडिशा में उद्योगों के संरचित विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भुवनेश्वर में केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में विश्व स्तरीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए इंडियनऑयल ने आईसीटी मुंबई के साथ हाथ मिलाया है। विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास पहल के एक हिस्से के रूप में, कुल 1505 प्रशिक्षु विभिन्न इंडियनऑयल लोकेशनों से जुड़े हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल 1964 से अपनी यूनिटों/स्थापनाओं के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन को ऊपर उठाने के लिए विभिन्न गतिविधियों में लगा हुआ है। पूरे देश में विभिन्न परियोजनाएं चल रही हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">जम्मू व कश्मीर, त्रिपुरा और मणिपुर के कुछ हिस्सों में प्रतिकूल कानून एवं व्यवस्था तथा अपने कर्मचारियों और ट्रांसपोर्टरों को गंभीर ख़तरों के बावजूद इसने पेट्रोलियम उत्पादों की लगभग सामान्य आपूर्ति बनाए रखी। इंडियन ऑयल ने जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे मोटर वाहन घाटी खारदुंग्ला में एक पर्यटक चिकित्सा सुविधा केंद्र स्थापित किया। यह केंद्र समुद्र तल से 18,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित। इंडियनऑयल ने लेह जिला प्रशासन की सहायता से लेह, जम्मू-कश्मीर के निकट गांव नांग में 23 सब्जी भंडारण तहख़ानों (सेलर्स) का निर्माण किया।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल विदुषी एक नई फ्लैगशिप परियोजना है जिसका उद्देश्य जेईई मेन और एडवांस्ड के लिए बालिका छात्राओं को विशेष कोचिंग प्रदान करना है। जून 2018 से नोएडा और भुवनेश्वर में दो केंद्र प्रारंभ किए जाएंगे जिनमें प्रतिवर्ष 60 बालिका छात्राओं को लिया जाएगा। </span><br /><span style="font-size: small;">सामुदायिक पहुंच इंडियनऑयल के ऑपरेटिंग लोकेशनों के व्यापक नेटवर्क ने समुदायों तक पहुंचने के अनूठे अवसर खोले हैं। ‘इंडियनऑयल जल जीवन’ (पूरे गांव की आबादी के लिए पेयजल समाधान) और ‘इंडियनऑयल सूर्य प्रकाश’ (पूरे गांव की सड़क के लिए सौर स्ट्रीट लाइट) कुछ प्रमुख परिचालन सामुदायिक विकास पहले हैं जो इसकी परिचालन लोकेशनों के आसपास स्थित 32 गांवों में लागू की गई हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियनऑयल की खेल-कूद को बढ़ावा देने की नीति ने वर्ष के दौरान समृद्ध लाभांश अर्जित किया, जिसने अपने खेल जगत के सितारों की झोली में पदक और मान्यताओं का एक समृद्ध भंडार देखा। इंडियनऑयल खिलाड़ियों द्वारा बटोरी गई वाहवाही में भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान थे, जिन्होंने फरवरी में न्यूज़ीलैंड में जूनियर विश्व कप जीता था। गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों-2018 के भारतीय दल ने 11 पदक हासिल किए थे।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियनऑयल की एक मज़बूत खेल नीति है जिसमें यह अपने छात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से उभरते हुए खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करता है। वर्तमान में, 20 गेमों/खेलों में 150 छात्रवृत्तियां उभरते हुए 14 से 19 वर्ष तक की आयु के जूनियर खिलाड़ियों को प्रदान की जाती हैं। 3 साल के लिए छात्रवृत्ति राशि के अतिरिक्त, किट आइटम, यात्रा सहायता, आवास इत्यादि की लागत भी इंडियनऑयल द्वारा दी जाती है। इंडियनऑयल ने मुख्य खेलों के तौर पर वालीबाल, बास्केट बॉल, शूटिंग, तीरंदाजी, कुश्ती, कबड्डी और बॉकि्ंसग जैसे खेलों को शामिल करने की योजना बनाई है।</span></p></div> <div class="feed-description"><p style="text-align: justify;"><span style="font-size: small;"><strong>शिमला/शैल।</strong> इंडियन ऑयल ने 5,06,428 करोड़ रुपए के कारोबार के साथ (पहली बार 5 लाख करोड़ आंकड़ा पार किया) वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कर के बाद 21,346 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक मुनाफ़ा दर्ज किया। यह मुनाफ़ा उच्च रिफाइनरी मार्जिनों, इन्वेंट्री लाभ और परिचालन क्षमता से बढ़ाया गया। वर्ष 2017-18 के दौरान, इंडियन ऑयल ने निर्यात सहित 88.76 मिलियन टन उत्पाद बेचे। हमारी रिफ़ाइनरियों ने 69 मिलियन मीट्रिक टन का <img src="images/ind%20o.jpg" border="0" width="350" style="float: left; margin-left: 5px; margin-right: 5px; border: 1px solid black;" />थ्रूपुट हासिल किया और पाइपलाइनों के देशव्यापी नेटवर्क ने 85.67 मिलियन मीट्रिक टन का रिकॉर्ड थ्रूपुट दर्ज किया।</span><br /><span style="font-size: small;">पाइपलाइन नेटवर्क अब लगभग 13,400 कि.मी. तक बढ़ गया है जो प्रति वर्ष 94.79 मिलियन मीट्रिक टन (कच्चा तेल और उत्पाद पाइपलाइन) और 9.5 एमएमएससीएमडी (गैस पाइपलाईन) की संचयी थ्रूपुट क्षमता के साथ बढ़ा है।</span><br /><span style="font-size: small;">ब्रांड नाम प्रोपेल के तहत बेचे गए हमारे पेट्रोकेमिकल्स (निर्यात सहित) कारोबार ने 2017-18 में 2.36 मिलियन टन की बिक्री दर्ज की।</span><br /><span style="font-size: small;">अधिकांश शहरों में खतरनाक प्रदूषण की स्थिति का जायज़ा लेते हुए, भारत सरकार ने बीएस-VI ईंधन के रोल-आउट को सक्रिय रूप से लागू करने का फैसला लिया।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल ने अगुआई करते हुए अन्य तेल विपणन कंपनियों के साथ मिलकर 1 अप्रैल, 2018 से तीन चरणीय रोल आउट के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-VI ईंधन की शुरुआत की है, इसमें शामिल है मुख्य रिफ़ाइनरी अपग्रेड, आपूर्ति लॉजिस्टिक्स में बदलाव और अन्य संब<span>द्ध</span> परिवर्तन।</span><br /><span style="font-size: small;">संशोधित समय सीमा को पूरा करने के लिए 1 अप्रैल 2019 से दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में 1 अप्रैल, 2020 से बीएस-VI ईंधन शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इस साल 2017-18 में इंडियन ऑयल ने एक बार फिर एक और विशाल कल्याण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, समाज के ग़रीब तबके की महिलाओं के ऊर्जा और वित्तीय समावेशन के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पहल का नेतृत्व किया। वर्ष 2019 तक ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को 8 करोड़ जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन जारी करने के संशोधित लक्ष्य के साथ, कार्यक्रम बहुत कम समय में 4 करोड़ कनेक्शनों के ऐतिहासिक आंकड़े तक पहुंचने वाला है, जिसमें से इंडियन ऑयल द्वारा 1.9 करोड़ से अधिक नए एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए। </span><br /><span style="font-size: small;">वर्ष के दौरान सौर शक्ति का उपयोग करते हुए अपने 32% से अधिक खुदरा नेटवर्क के साथ इंडियन ऑयल ने खुदरा नेटवर्क के सौरकरण में उद्योग अग्रणी के रूप में अपनी निर्विवाद स्थिति को मजबूत किया। </span><br /><span style="font-size: small;">वर्ष के दौरान लगभग 2500 खुदरा बिक्री केन्द्रों को सौरकृत किया गया थे, जिससे सौरकृत खुदरा बिक्री केन्द्रों का संचयी आंकड़ा 8,800 पर पहुंच गया।</span><br /><span style="font-size: small;">तेल विपणन कंपनियों ने ईईएसएल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे हम पूरे देश में चुनिंदा खुदरा दुकानों से एलईडी बल्ब, एलईडी टयूबलाइट्स और ऊर्जा कुशल पंखे उपलब्ध कराएंगे।</span><br /><span style="font-size: small;">उपभोक्ता अब हमारे पेट्रोल स्टेशनों से 70 रुपए में उच्च गुणवत्ता वाले 9 वॉट के एलईडी बल्ब, 220 रुपए में 20 वॉट की एलईडी टयूबलाईट और 1200 रुपए में फ़ाइव-स्टार रेटिड सीलिंग फ़ैन खरीद सकता है। यह देश में ऊर्जा के अनुकूलन और कुशल उपयोग द्वारा 10% तक ऊर्जा के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगा।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल अपने प्रतिष्ठानों में पारंपरिक लाइटों के स्थान पर एलईडी लाईटों को लगा रहा है। अभी तक 3.11 लाख पारंपरिक लाईटों के स्थान पर एलईडी लाइटें लगा दी गई है। अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के दौरान, 1.68 लाख एलईडी लाइटें लगाई गईं। इंडियन ऑयल ने गुजरात, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में 168 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं भी शुरू की हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे देश में 6,800 से अधिक स्वच्छता गतिविधियां, जैसे स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान इत्यादि शुरु किए गए थे। इंडियन ऑयल विभिन्न स्थानों पर 2 जी इथेनॉल पौधों की भी योजना बना रहा है।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल की विभिन्न रिफाइनरियों, टर्मिनलों, डिपो और आवास परिसरों में कुल 560 वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की गइ हैं। 950 हेक्टेयर के कुल जल ग्रहण क्षेत्र के साथ, प्रति वर्ष लगभग 3 बिलियन लीटर पानी संचित किया जा रहा है।</span><br /><span style="font-size: small;">2017-18 के दौरान, विभिन्न लोकेशनों और यूनिटों पर 1.15 लाख पेड़ लगाए गए। अपशिष्ट पेपर रीसाईकि्ंलग इंडियन ऑयल द्वारा की गई एक और बड़ी पहल है जिसमें पिछले वर्ष 118 टन से अधिक पेपर रीसाईकल किया गया।</span><br /><span style="font-size: small;">2016-17 में, इंडियनऑयल ने घरेलू हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में नवपरिवर्तनों के लिए अनुकूल पारिस्थितिक तंत्र को पोषित करने के लिए स्टार्ट-अप इंडिया पहल के तहत 30 करोड़ रुपये के परिक्रमी स्टार्टअप फंड की शुरुआत की। </span><br /><span style="font-size: small;">भारत सरकार के कुशल भारत के तहत-राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के अंतर्गत इंडियनऑयल ने भुवनेश्वर में एक कौशल विकास संस्थान (एसडीआई) की स्थापना की है जिसका उद्देश्य 10 वर्षों में लगभग 50,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है।</span><br /><span style="font-size: small;">ओडिशा में उद्योगों के संरचित विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भुवनेश्वर में केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में विश्व स्तरीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए इंडियनऑयल ने आईसीटी मुंबई के साथ हाथ मिलाया है। विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास पहल के एक हिस्से के रूप में, कुल 1505 प्रशिक्षु विभिन्न इंडियनऑयल लोकेशनों से जुड़े हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल 1964 से अपनी यूनिटों/स्थापनाओं के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन को ऊपर उठाने के लिए विभिन्न गतिविधियों में लगा हुआ है। पूरे देश में विभिन्न परियोजनाएं चल रही हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">जम्मू व कश्मीर, त्रिपुरा और मणिपुर के कुछ हिस्सों में प्रतिकूल कानून एवं व्यवस्था तथा अपने कर्मचारियों और ट्रांसपोर्टरों को गंभीर ख़तरों के बावजूद इसने पेट्रोलियम उत्पादों की लगभग सामान्य आपूर्ति बनाए रखी। इंडियन ऑयल ने जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे मोटर वाहन घाटी खारदुंग्ला में एक पर्यटक चिकित्सा सुविधा केंद्र स्थापित किया। यह केंद्र समुद्र तल से 18,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित। इंडियनऑयल ने लेह जिला प्रशासन की सहायता से लेह, जम्मू-कश्मीर के निकट गांव नांग में 23 सब्जी भंडारण तहख़ानों (सेलर्स) का निर्माण किया।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियन ऑयल विदुषी एक नई फ्लैगशिप परियोजना है जिसका उद्देश्य जेईई मेन और एडवांस्ड के लिए बालिका छात्राओं को विशेष कोचिंग प्रदान करना है। जून 2018 से नोएडा और भुवनेश्वर में दो केंद्र प्रारंभ किए जाएंगे जिनमें प्रतिवर्ष 60 बालिका छात्राओं को लिया जाएगा। </span><br /><span style="font-size: small;">सामुदायिक पहुंच इंडियनऑयल के ऑपरेटिंग लोकेशनों के व्यापक नेटवर्क ने समुदायों तक पहुंचने के अनूठे अवसर खोले हैं। ‘इंडियनऑयल जल जीवन’ (पूरे गांव की आबादी के लिए पेयजल समाधान) और ‘इंडियनऑयल सूर्य प्रकाश’ (पूरे गांव की सड़क के लिए सौर स्ट्रीट लाइट) कुछ प्रमुख परिचालन सामुदायिक विकास पहले हैं जो इसकी परिचालन लोकेशनों के आसपास स्थित 32 गांवों में लागू की गई हैं।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियनऑयल की खेल-कूद को बढ़ावा देने की नीति ने वर्ष के दौरान समृद्ध लाभांश अर्जित किया, जिसने अपने खेल जगत के सितारों की झोली में पदक और मान्यताओं का एक समृद्ध भंडार देखा। इंडियनऑयल खिलाड़ियों द्वारा बटोरी गई वाहवाही में भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान थे, जिन्होंने फरवरी में न्यूज़ीलैंड में जूनियर विश्व कप जीता था। गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों-2018 के भारतीय दल ने 11 पदक हासिल किए थे।</span><br /><span style="font-size: small;">इंडियनऑयल की एक मज़बूत खेल नीति है जिसमें यह अपने छात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से उभरते हुए खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करता है। वर्तमान में, 20 गेमों/खेलों में 150 छात्रवृत्तियां उभरते हुए 14 से 19 वर्ष तक की आयु के जूनियर खिलाड़ियों को प्रदान की जाती हैं। 3 साल के लिए छात्रवृत्ति राशि के अतिरिक्त, किट आइटम, यात्रा सहायता, आवास इत्यादि की लागत भी इंडियनऑयल द्वारा दी जाती है। इंडियनऑयल ने मुख्य खेलों के तौर पर वालीबाल, बास्केट बॉल, शूटिंग, तीरंदाजी, कुश्ती, कबड्डी और बॉकि्ंसग जैसे खेलों को शामिल करने की योजना बनाई है।</span></p></div>