शिमला/शैल। राष्ट्रीय महिला आयेाग की सदस्य सुषमा साहू ने एक पत्रकार वार्ता में यह सनसनी खेज खुलासा किया है कि मुख्यमन्त्री वीरभद्र सिंह की पत्नी पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने कोटखाई प्रकरण की नाबलिग पीड़िता के परिजनों से मिलकर इस कांड की सीबीआई से जांच करवाने की बजाये प्रदेश पुलिस से जांच करवाने का आग्रह करें। प्रतिभा सिंह ने साहू के इस खुलासे के जवाब में यह कहा कि जब वह पीड़िता के परिजनों से मिली थी तब उन्होने पुलिस जांच पर पूरा भरोसा जताया था और तब उन्होने इस संद्धर्भ में यह कहा था कि जब पुलिस जांच पर भरोसा है तो फिर सीबीआई जांच की आवश्यकता नही आती है। लेकिन जिस अन्दाज में साहू ने यह बात सामने लायी है। इससे पूरा संद्धर्भ ही बदल जाता है और संद्धर्भ बदलने का यह प्रयास फिर राजनीति की गंध से भरा लगता है। क्योंकि अब जब यह मामला सीबीआई के पास चला गया है। तब सीबीआई की रिपोर्ट आने का इन्तजार किया जाना चाहिये।
सुषमा साहू ने पत्रकार वार्ता में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर भी सवाल उठाये हैं रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने मौत से दो घन्टे पहले चावल खाये थे। रिपोर्ट के मुताबिक मौत 4 जुलाई को शाम के 4 से 5 बजे के बीच हुई है। पोस्टमार्टम 7 जुलाई को हुआ। इस पर सवाल उठाया गया है। कि 4 तारीख को खाये गये चावल 7 तारीख तक यथास्थिति कैसे बने रहे। साहू के इस सवाल पर कोई जवाबी प्रतिक्रिया नही आयी है। लेकिन यहां पर एक और गंभीर सवाल उठता है कि पुलिस जांच के मुताबिक 4 जुलाई को यह लड़की शाम 4 बजे के करीब स्कूल से निकली है और स्कूल में ही उसने खाने में चावल खाये थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मौत का समय 4 से 5 बजे का है। यदि मौत का समय और बच्ची के स्कूल से निकलने का समय सही है तो इसका अर्थ यह होता है कि स्कूल से निकलते ही बच्ची को उठा लिया गया होगा। जिस स्थान पर लाश मिली है वहां तक स्कूल से पहुंचने में करीब 20 मिनट लगते है और आबादी से यह स्थल करीब 300 मीटर है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह संभव हो सकता है कि करीब एक घन्टे के समय में छः लोग बच्ची से बलात्कार भी कर गये और इसी समय में उसकी हत्या भी कर दी गयी। क्योंकि स्कूल से निकलने के समय और हत्या के समय में केवल एक घन्टेे का अन्तराल है। इतने कम समय में और वह भी आबादी से महज तीन सौ मीटर की दूरी पर हत्या और बलात्कार का होना ज्यादा संभव नही लगता। फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सूत्रों के मुताबिक बलात्कार की केवल संभावना जताई गयी है। निश्चित तौर पर पुष्टि नही नही की गयी है।
इसी के साथ यह भी सवाल उठता है कि जब 4 जुलाई को शाम 4 से 5 बजे के बीच हत्या हो गयी तो फिर गर्मी के मौसम में लाश से दुर्गंन्ध क्यों नही फैली ? लाश की गन्ध पर तो जंगली जानवर एकदम आकर्षित होते है लेकिन लाश को जंगली जानवरों की ओर से कोई नुकसान नही पहुंचा है। ऐसे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आये मौत के समय और पुलिस के मुताबिक बच्ची के स्कूल से निकलने के समय में केवल एक घन्टे का बीच का समय है जिसमें हत्या और रेप दोनों को अंजाम दे दिया गया। क्या इतने समय में यह सब संभव हो सकता है या नही अब इसका जवाब सीबीआई से ही आना है।