शिमला/शैल। एक वर्ष से अधिक समय से खाली चले आ रहे मुख्य सूचना आयुक्त के पद को भरने के लिये रखी गयी बैठक फिर टल गयी और यह चयन फिर रूक गया है। अब सात जून को चुनाव आयुक्त के डी वातिश के सेवा निवृत हो जाने के बाद यह संवैधानिक संस्थान बिल्कुल खाली हो जायेगा। इस बार भी यह बैठक नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के न आने से नहीं हो पायी है। पिछली बार धूमल इसलिये बैठक ने नही गये थे क्योंकि उन्होने जो स्पष्टीकरण मांगे थे उनका जवाब उन्हे नहीं मिला था। इस बार धूमल केन्द्रिय गृहमन्त्री राजनाथ सिंह के हमीरपुर कार्यक्रम के कारण बैठक मे शामिल नही हो पाये हैं। लेकिन यह चयन बहुमत से होना है इसमें किसी को भी वीटो का अधिकार नही है और इस स्थिति में यदि सरकार चाहती तो बैठक करके चयन कर सकती थी। धूमल ने नमित शर्मा बनाम यूनियन आॅफ इण्डिया में सीआईसी के संद्धर्भ में आये सर्वोच्च न्यायालय फैसले पर सरकार का पक्ष पूछा था। क्योंकि इस फैसले के कारण नौकरशाह इस चयन से बाहर हो गये थे लेकिन केन्द्र सरकार ने जब इस फैसले के रिव्यु की गुहार लगायी तब इसमें फिर बदलाव आ गया था। इस बदलाव के कारण ही आज केन्द्रिय सूचना आयोग में नौकरशाहों की तैनाती हो रही है। इस आधार पर राज्य सरकार को भी किसी नौकरशाह को इसके लिये चयन करना कठिन नहीं है। लेकिन सूत्रो के मुताबिक इस पद के लिये मुख्यमन्त्री के अपने ही वफादारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है और वही चयन की समस्या बन गयी है।