अनुराग ठाकुर बने BCCI अध्यक्ष

Created on Tuesday, 24 May 2016 05:56
Written by Shail Samachar

प्रदेश उच्च न्यायालय में HPCA पर फैसला सुरक्षित


शिमला/शैल। क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ बिहार की ओर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर ताजपोशाी रोकने की मुहिम कामयाब नही हो पाई। यही नही जस्टिस लोढ़ा कमेटी की चार्जशीटेड लोगों के बीसीसीआई के पदाधिकारी न बनाने की सिफारिश भी दिल्ली क्रिकेट अकादमी के पूर्व अध्यक्ष व वित मंत्राी अरुण जेटली के चहेते अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने से से नही रोक पायी।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्राी प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई का अध्यक्ष चुन लिया गया है। ये पद बीसीसीआई के अध्यक्ष मनोहर शंशांक के इस्तीफा देने से खाली हुआ था। अनुराग ठाकुर का बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना हिमाचल जैसे छोटे राज्घ्य के लिए बड़ी बात है।
मुख्यमंत्राी वीरभद्र सिंह ने प्रदेश की सता संभालते ही अनुराग ठाकुर की एचपीसीए के खिलाफ एक के बाद एक करके कई मामले दर्ज किए थे। अनुराग ठाकुर के खिलाफ कई मामले अदालतों में लंबित हैं। इन्ही मामलों को आधार बनाकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से रोका जाए। अब ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की पीठ में सुना जाना है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने दलील दी है कि जसिटस लोढ़ा कमेटी ने सिफारिश कर रखी है कि राजनेताओं व चार्जशीटेड लोगों को बीसीसीआई के किसी भी पद पर न तैनात किया जाए। बावजूद इसके अनुराग ठाकुर ने अध्यक्ष पद पर अपनी ताजपोशी करवा ली है। बीसीसीआई ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को नही माना है।
उनके अध्यक्ष बनने पर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने खुशी जताई है।माना जा रहा है कि अनुराग ठाकुर की इस ताजपोशी का प्रदेश भाजपा के भीतरी समीकरणों पर विशेष प्रभाव पडे़गा। इस ताजपोशी से प्रेम कुमार धूमल को और ज्यादा ताकत मिलेगी।प्रदेश सरकार अनुराग की HPCA के खिलाॅफ अबतक जो स्टैन्ड लिये हुए है वह कितनाजारी रहेगा या उसमें कोई तबदीली आयेगी ये भी आने वाले दिनों मे देखने को मिलेगा। यह एक संयोग माना जा रहा हैं कि अनुराग की ताजपोशी के बाद प्रदेश उच्च न्यायालय में HPCA को सोसायटी से कंपनी बनाये जाने का जो मामला काफी अरसे से लंबित चल रहा था उसमे अब फैसला सुरक्षित हो गया है। यह फैसला घोषित होने पर ही पता चलेगा कि HPCA का सोसायटी से कंपनी बनाया जाना सही था या गल्त । इस फैसले का HPCAके भविष्य पर विशेष असर पडे़गा। यदि यह फैसला HPCA के पक्ष में आता है तो क्या वीरभद्र सरकार इसमें अपील मे जायेगी या नही इस पर भी सबकी निगाहें रहेंगी। क्योकि पिछले दिनों जिस तरह से धूमल -वीरभद्र और विक्रमादित्य में विशेष मुलाकात हुई है उसका भी असर इन बदली परिस्थितियो में सबके लिए विशेष जिज्ञासा का विषय रहेगा।