तिलक राज प्रकरण का ईडी ने भी लिया संज्ञान जारी रही न्यायिक हिरासत

Created on Tuesday, 20 June 2017 13:59
Written by Shail Samachar

कुछ अधिकारियों और नेताओं तक आ सकती है आंच

शिमला/शैल। पांच लाख के रिश्वत मामलों में एक उद्योगपति के साथ रंगे हाथों सीबीआई द्वारा पकड़े गये हिमाचल उद्योग विभाग के बद्दी स्थित संयुक्त निदेशक तिलक राज शर्मा अभी तक न्यायिक हिरासत से बाहर नही आ पाये हैं। सीबीआई के चार दिन के रिमांड के बाद अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। यह चौदह दिन पूरे होने के बाद जब तिलक राज को पुनः अदालत में पेश किया गया तब सीबीआई ने उनकी हिरासत जारी रखने का आग्रह किया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया क्योंकि तिलक राज ने स्वयं ही जमानत के लिये याचना नही की थी। तिलक राज ने जमानत के लिये क्यों आवदेन नही किया इस सवाल की पड़ताल में यह सामने आया है कि अब इस प्रकरण का सीबीआई के साथ ही ईडी ने भी संज्ञान ले लिया है। 

स्मरणीय है कि जब एक फार्मा उद्योग की सब्सिडी की फाईल प्रौसैस करने के लिये तिलक राज ने अशोक राणा के माध्यम से दस लाख की रिश्वत की मांग की थी और इस मांग की सूचना सीबीआई को दी गयी थी तब सीबीआई ने तिलक राज, अशोक राणा और शिकायतकर्ता चन्द्रशेखर के बीच इस संद्धर्भ में हो रही बातचीत को रिकार्ड किया था जब उस संवाद में यह सामने आया था कि रिश्वत का यह पैसा मुख्यमन्त्री के दिल्ली स्थित ओएसडी रघुवंशी को जाना है। फिर तिलक राज और अशोक राणा के चार दिन के रिमांड के दौरान सीबीआई को जो जानकारीयां मिली हैं उनमें एक दिल्ली स्थित सुरेश पठानियां का नाम भी सामने आया है। इसके अतिरिक्त दो नेताओं, दो बड़े अधिकारियों और इनके कुछ परिजनों तथा कुछ पत्राकारों के नाम भी सामने आने की चर्चा है जिन लोगों ने अकसर तिलक राज की सवेाओं का लाभ भी उठाया है और उसे संरक्षण भी दिया है। यह सारी जानकारियां मिलने के बाद सीबीआई ने इन सारे लोगों के बारे में आयकर, आईबी आदि के माध्यम से भी पड़ताल की है। इस पड़ताल के बाद ही दिल्ली में रघुवंशी और सुरेश पठानिया से अलग-अलग पूछताछ करने के साथ ही तिलक राज और अशोक राणा को आमने-सामने बैठा कर भी सवाल जवाब किये गये हंै। सूत्रों की माने तो बहुत लोगों की दिल्ली, चण्डीगढ़ और देहरादून तक संपत्तियां होने की जानकारी सामने आयी है।
बद्दी में कुछ फार्मा उद्योगों के लाईसैन्सों को लेकर तथा कुछ स्टोन क्रशरों पर ईडी लम्बे समय से नजर रखे आ रहा था। इसमें उद्योग विभाग के साथ-साथ, पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड, तथा स्वास्थ्य विभाग के ड्रग कन्ट्रोल बोर्ड, तथा स्वास्थ्य विभाग के ड्रग कन्ट्रोल से जुडे अधिकारी केन्द्रिय एैजैन्सियों के राडार पर चल रहे थे कुछ उद्योगों के दस्तावेजों को लेकर तो एक अधिवक्ता की सेवाएं भी ली गयी है। इस अधिवक्ता ने भी अपनीे रिपोर्ट में कुछ उद्योगों की प्रमाणिकता पर गंभीर सवाल उठाये हैं। यह रिपोर्ट भी कुछ उद्योगों द्वारा सब्सिडी लिये जाने के संद्धर्भ में आई है। इस रिपोर्ट के बाद ही ईडी ने करीब डेढ़ दर्जन उद्योगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर रखी है। माना जा रहा है कि तिलक राज और उसके संपर्काे पर ऐजैन्सीयों की लम्बे समय से नजर चली आ रही थी। अब तिलक राज की गिरफ्तारी और जमानत के लिये आवदेन न करने से यह माना जा रहा है कि यह पूरा प्रकरण काफी लम्बा चलेगा और इसमें आने वाले दिनों में कई लोगों पर गाज गिरेगी।
अब ईडी द्वारा इसका संज्ञान लेने के बाद तथा इस संद्धर्भ में रघुवंशी और सुरेश पठानिया से भी प्रारम्भिक पूछताछ होने से यह माना जा रहा है कि इस मामले में कई बड़े लोगों से निकट भविष्य में पूछताछ की जायेगी तथा कुछ और गिरफ्तारीयां  भी हो सकती है।