सरकारी कॉलिजों में रिलांयस जियो ने पसारे पांव

Created on Monday, 05 December 2016 12:39
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। प्रदेश के सरकारी कॉलिजों में भी मुकेश अबांनी की कंपनी जियो ने अपने 4-जी सिम के ग्राहको की तर्ज पर अपनी फ्री सेवायें देना आरम्भ कर दिया है। इन सेवाओं के प्रयोग के लिये छात्रां की स्मार्ट क्लासज़ तक लगायी जा रही हैं। 4-जी सेवाओें के इस्तेमाल के लिये कॉलिज प्रबन्धन इन्हे आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवा रहा है। इन सेवाओं के लिये अभी जियो स्मार्ट क्लासज़ के माध्यम से इन सेवाओं के उपयोग के प्रतिछात्र अच्छे ट्रेंड हो जायेंगे और इससे कम्प्यूटर के प्रयोग करने में भी सहायता मिलेगी। जियो ने अब ग्राहकों को मुफ्त सेवाएं देने की समय सीमा 31 मार्च 2017 तक बढ़ा दी है। इस समय सीमा तक इन कॉलिजो में छात्र और अध्यापक पूरी तरह इनके अभयस्त हो जायेंगे और यह उनकी आवश्यकता बन जायेगी। जब 31 मार्च को मुफ्त सेवा अवधि समाप्त हो जायेगी उसके बाद कॉलिजो को इसका उपभोक्ता शुल्क स्वंय उठाना पडे़गा। छात्रों के लिये स्मार्ट क्लासों का प्रबन्ध भी अपने स्तर पर ही करना होगा।
रिलायंस जियो की एंट्री एक सुनियोजित तरीके से कैसे हो गयी और आने वाले समय में प्रबन्धन पर इसका क्या प्रभाव पडेगा इसको लेकर शिक्षा विभाग के पास क्या प्रारूप है इसकी कोई जानकारी विभाग के पास उपलब्ध नही है। सूत्रों के मुताबिक सचिव स्तर पर इसकी कोई जानकारी ही नही है। सचिवालय सूत्रों के मुताबिक विभाग में निदेशक स्तर पर ही जियो को एन ओ सी जारी कर दिया गया है। लेकिन जब शैल ने निदेशक उच्च शिक्षा कार्यालय से इस बारे में बात की तो उन्होने भी इस बारे मे अनिभज्ञता जाहिर की और अतिरिक्त निदेशक से संपर्क करने को कहा। अतिरिक्त निदेशक ने भी इस सबंध में उनके पास जानकारी होने से इन्कार किया। रिलायंस के सूत्रों के मुताबिक उन्होने यह शुरू करने से पहले शिक्षा निदेशक से एन ओ सी हासिल किया है। बल्कि अब जियो की तर्ज पर अब कई और कंपनीयां भी प्रदेश सरकार के विभिन्न अदारों में इस तरह की एंट्री के लिये आगे आ रही हैं। इन कपंनीयों के साथ बैठकें भी चल रही हैं। इसमें क्या फैसला होता है यह तो आगे ही पता चलेगा। लेकिन रिलायंस जियो की एंट्री प्रदेश के पूरे कॉलिज सैक्टर में कैसे हो गयी इसकी पूरी जानकारी किसी के पास भी नहीं है। इसके बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय को कितनी जानकारी है? क्योंकि शिक्षा विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है इस पर भी विभाग में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। बहरहाल रिलायंस जियो को प्रदेश के कॉलिज एक सुनिश्चित बाजार के रूप में उपलब्ध हो गये हैं।