एक और जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप

Created on Saturday, 11 January 2014 08:42
Written by Shail Samachar

नई दिल्ली।। महिला लॉ इंटर्न से सुप्रीम कोर्ट के छेड़छाड़ के मामले में एक नया केस जुड़ गया है। एक अन्य महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज स्वतंत्र कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

महिला वकील ने कहा कि जब वह जज के पास बतौर इंटर्न काम कर रही थी तब जज ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। यह वाक्या 2011 का है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके गांगुली पर भी ऐसा ही आरोप लगा था और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति ने उन्हें प्रथम दृष्ट्या दोषी भी पाया था।

जस्टिस गांगुली पर भी एक महिला इंटर्न ने एक पांच सितारा होटल में यौन-उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

हाल में जस्टिस गांगुली को इसी विवाद के चलते पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

नए मामले में भी महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी सत्शिवम से पिछले माह की गई अपनी शिकायत में कहा है कि जज ने अपने निवास पर उस पर तीन बार यौन हमला किया। दो बार शारीरिक तौर पर और एक बार मौखिक रूप से।

महिला वकील ने कहा, मैं मई 2011 में बतौर इंटर्न जज से जुड़ी। एक मौके पर जज ने मेरी पीठ के निचले हिस्से पर हाथ रखा। इस वजह से मैं काफी असहज हो गई थी और मैंने जज का हाथ हटा दिया।

जज ने मुझसे एक बार पूछा कि क्या मैं उनके साथ यात्रा करने को तैयार हूं। होटल के कमरे में रुकने को तैयार हूं। महिला वकील का कहना है कि मैं कुछ कह नहीं पाई और काफी असमंजस में थी।

महिला वकील ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि 28 मई 2011 को जज ने अपने दाहिना हाथों से मुझे घेरा और मेरे बाएं कंधे पर किस किया।

29 मई 2011 को मैं जज को कह दिया कि मैं उनके साथ आगे इंटर्न के रूप में आगे काम नहीं कर सकती।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने महिला इंटर्न से साफ कर दिया है कि वह जज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा क्योंकि जज रिटायर हो चुके हैं।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जांच करनी चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।

उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के पास उस जज का नाम है, वह चाहे तो नाम सार्वजनिक कर सकते हैं। गौरतलब है कि इंदिरा जयसिंह ने जस्टिस गांगुली के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।