पथिक संवाददाता
मुंबई, 31 दिसंबर : राज्य सरकार के आदेश और पुलिस के रवैए में विरोधाभासी रुख नजर आने से मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे सहित राज्य के हजारों होटल, रेस्टॉरेंट और बार मालिकों में समय अवधि को लेकर असमंजस पैदा हो गया है. राज्य सरकार ने नए वर्ष के अवसर पर होटलों और खानपान गृहों को सवेरे 5 बजे तक खुला रखने का निर्देश जारी किया है. इसमें यह भी कहा गया है कि होटल और रेस्टॉरेंट देर तक चलाने के लिए पुलिस से आवश्यक अनुमति लेनी पड़ेगी. वहीं दूसरी ओर मुंबई पुलिस ने फरमान जारी किया है कि नव वर्ष के अवसर पर कोई भी होटल, रेस्टारेंट 1.30 बजे रात के बाद बंद रहेंगे. इस विरोधाभासी रवैए के कारण होटल मालिक दुविधा में हैं. जबकि उनके ग्राहकों की मांग को वे पूरा करना चाहते हैं. यही कारण है कि मुंबई के होटल मालिकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
मुंबई पुलिस का कहना है कि नए वर्ष के अवसर पर कानून व्यवस्था और महिलाआें की सुरक्षा के लिए देर रात तक होटल या रेस्टॉरेंट चलाना उचित नहीं है. इसलिए 1.30 बजे तक होटल खुला रखने की अनुमति दी है. इसी तरह नवी मुंबई और ठाणे में मुंबई पुलिस की तरह का कोई फरमान नहीं है. इसलिए वहां के होटल मालिक समझ रहे हैं कि सरकारी निर्देश के अनुसार सवेरे 5 बजे तक वह अपनी दुकान चला सकते हैं. नवी मुंबई के जोन-1 के उपायुक्त पुरुषोत्तम कराड ने कहा है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में डेढ़ बजे वाली डेडलाइन का कोई नोटिस जारी नहीं किया है. उधर ठाणे के पुलिस आयुक्त के पी रघुवंशी का कहना है कि उन्होंने 5 बजे सवेरे तक होटल खुला रखने की कोई
अनुमति नहीं दी है. वे डेढ़ बजे रात वाला डेड लाइन पालन करने का निर्देश अपने विभाग को दे चुके हैं.
इस तरह से नववर्ष पर होटलों की डेड लाइन को लेकर असमंजस की स्थिति है. उधर होटल मालिकों का कहना है कि समय मर्यादा का पालन न करने पर बेमतलब कानूनी दावपेंचों में उलझना पड़ सकता है. इसलिए उन्होंने अदालत में गुहार लगाई है. फिर भी पुलिस ने नए वर्ष के अवसर पर शांति व्यावस्था बनाए रखने और महिलाआें की सुरक्षा के व्यापक व्यवस्था की है. मुंबई में कम से कम 25000 पुलिसवाले तैनात किए गए हैं. इसके साथ-साथ महिला गश्तीदल को भी होटलों व पार्टी स्थलों पर निगरानी के लिए लगाया गया है. यह व्यावस्था बुधवार देर तक जारी रहेगी. फिलहाल गेटवे ऑफ इंडिया चौपाटी सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर निगरानी तेज कर दी गई है.
होटल खोलने के समय को मर्यादित करने से होटल उद्योग को 500 करोड़ रु. का नुकसान होगा और सरकार को 150 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा. यह जानकारी होटल रेस्टारेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कमलेश बारोट ने दी है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कहती है और जब अवसर आता है तो दबाव तंत्र अपनाती है. उधर होटल मालिकों के संगठन आहार ने अपील की है कि वह डेढ़ बजे रात की डेड लाइन को शिथिल कर दें.