सैद्धान्तिक मंजूरी से आगे नही बढ़े प्रदेश को मिले 68 राष्ट्रीय राजमार्ग

Created on Thursday, 14 February 2019 05:02
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। प्रदेश को केन्द्र की ओर से 68 राष्ट्रीय राजमार्ग मिले हैं। यह घोषणा विधानसभा चुनावों से बहुत पहले ही कर दी गयी थी। इस घोषणा पर यकीन करने के लिये उस समय केन्द्रिय स्वास्थ्य मन्त्री जगत प्रकाश नड्डा के नाम आया नितिन गडकरीे का पत्र भी जारी किया गया था। इस पत्र में यह दावा किया गया था कि इन राजमार्गों को सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन विधानसभा में मुकेश अग्निहोत्री के एक सवाल के जवाब में आयी जानकारी के मुताबिक यह राजमार्ग अभी भी सैद्धान्तिक स्वीकृति से आगे नही बढ़ पाये हैं। इस सदन में कांग्रेस ने वाकआऊट किया और इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार को खनन माफिया चलाता था।
केंद्र सरकार से प्रदेश को 68 सड़कों को बतौर राष्ट्रीय राजमार्गों की सैंद्धातिक मंजूरी मिलने के बाद इनमें से एक को भी असल में मंजूरी न मिलने पर राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से नारेबाजी करते हुए दो बार वाकआउट किया। राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस, माकपा व भाजपा विधायकों की ओर से भाग लेने के बाद चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी तो बजट को पास हुए नौ महीने ही हुए हैं। कई घोषणाएं जमीन पर उतर चुकी हैं। बाकियों की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का तो अभी एक ही साल पूरा हुआ है। अभी तो चार साल बाकी हैं। हेलीटैक्सी सेवा की शुरूआत कांग्रेस की पूर्व सरकार की 2015 के बजट में की गई घोषणा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना दिसंबर 2018 तक कांग्रेस सरकार शुरू नहीं करा पाई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और बाकी कांग्रेस विधायकों की ओर से यह कहने पर कि एक साल में कुछ भी नहीं हुआ पर आपति जताते हुए कहा कि जमीन पर बहुत कुछ हुआ है व विपक्ष इससे बैचेन हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों को लेकर मुख्यमंत्री ने इन राजमार्गों को सवा दो साल पहले सैंद्धातिक मंजूरी मिल गई थी। लेकिन इसका भाजपा को राजनीतिक लाभ न मिले इसलिए कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार ने इसकी डीपीआर बनाने की प्रक्रिया रोक दी। केवल आठ सड़कों की डीपीआर बनाने का काम आउटसोर्स पर देने की प्रक्रिया शुरू की जबकि केंद्र सरकार ने कहा था कि इन तमाम राजमार्गो पर केंद्र खर्च करेगा। डीपीआर बनाने का खर्च भी केंद्र देगा। लेकिन कुछ नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने एक साल में 50 सड़कों की डीपीआर बनाने की प्रक्रिया पूरी कर दी है व जल्द ही इनके मंजूर होने पर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को विधिवत तौर पर नंबर भी आवंटित हो जाएंगे। जवाब दे रहे मुख्यमंत्री को टोकते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 65 हजार करोड़ में से कितनी रकम मिली। धन्यावाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के निशाने पर रहे जनमंच कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गांवों में जाकर लोगों की समस्याएं हल करना यह उनकी प्राथमिकता है। अभी 65 हलकों में 106 जनमंच कार्यक्रम हुए हैं और 30 हजार से ज्यादा शिकायतों व मांगपत्रों में से 26हजार 688 को समाधान किया जा चुका है। 277 स्वास्थ्य शिविरों में 45 हजार से ज्यादा लोगो के स्वास्थ्य की जांच की गई। 21 हजार से ज्यादा लाभार्थियों के कागजात बनाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में कोई किसी से नहीं पूछता कि वह किस पार्टी का है। लोग समस्याएं लेकर आते हैं व उनका समाधान कर दिया जाता है।
हेलीकाप्टर के मसले पर विपक्ष को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में कांग्रेस की सरकार में हेलीकाप्टर पर आठ करोड़ 31 लाख रुपए का खर्च आया। 2017 में आठ करोड़ 78 लाख का खर्च आया लेकिन पिछले एक साल में हेलीकाप्टर पर 7 करोड़ 78 लाख रुपए खर्च आया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सप्ताह में तीन दिन के लिए अपने हेलीकाप्टर को सैलानियों को लाने ले जाने के लिए दे रखा है। लेकिन पिछले साल सितंबर में पहली बार लाहुल स्पिति में भारी बर्फ बारी हुई व उसमें लोग फंस गए। सरकार की प्राथमिकता पर लाहुल स्पिति में फंसे लोग आ गए। बीच में दो महीने यह खराब रहा। तब से लेकर यह वहीं पर लगा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने उड़ानों पर उतर पूर्वी राज्यों को उपदान देने की योजना चलाई। कांग्रेस सरकार ने इस योजना का लाभ नहीं उठाया जबकि उनकी सरकार ने इस योजना के तहत केंद्र से सात करोड़ 38 लाख रुपए हासिल कर लिए हैं। यानी जितना खर्च हुआ उतना केंद्र से वसूल लिया।
इस बीच मुकेश ने फिर टोका व कहा कि बजट में जिन योजनाओं की घोषणा की थी उन पर रोशनी डाले। इस बीच दोनों ओर से शोर शराबा हो गया और मुख्यमंत्री बैठ गए। दोनों से शोर-शराबा होता रहा और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह समेत सभी कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जगह राजनीति करना अच्छी बात नहीं हैं।
कांग्रेस विधायकों की गैरमौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल में 10 हजार 300 करोड़ की बाहरी वितीय संस्थानों से पोषित योजनाओं को मंजूर कराया गया है। कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि पहले अपराध होता था तो अपराधी पकड़े नहीं जाते थे। लेकिन अब यह सुनिश्चित कर दिया गया है कि अपराधियों को सजा मिलेगी ही। उन्होंने कहा कि 2018 में 19594 एफआइआर दर्ज हुई है व इनमें मादक पदार्थों से जुड़े मामले में 32 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। पिछली सरकार में नशे का कारोबार करने वाले लोग पकड़े ही नहीं जाते थे। किसी को पकड़ लिया गया तो पकड़ने वाले का ही तबादला हो जाता था। लेकिन अब किसी को छोड़ा नहीं जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में खनन माफिया सरकार को चला रहा था। कोई पूछने वाला नहीं था और ऐसे ही माफियाओं ने सरकार को दफन भी कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में 6789 चलान कर तीन करोड़ 33 लाख जुर्माना लगाया गया 36 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि अपराधी छूटे न सरकार यह सुनिश्चिति कर रही है।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान राष्टकृीय राजमार्गों के मसले पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस के सभी विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाॅकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री ने मुकेश अग्निहोत्री की ओर से पूछे प्रश्न के जवाब में कहा था के प्रदेश सरकार ने केंद्र से सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की मंजूर करने का मामला उठाया है। इस पर मुकेश ने कहा कि अभी तक एक भी राजमार्ग मंजूर नहीं हुआ है। ऐसे में प्रदेश सरकार इस मसले पर पिछले एक साल से शोर मचा रही है कि प्रदेश को 70 राजमार्ग मिल गए जबकि जमीनी असलियत कुछ और है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीपीआर तैयार कर दी गई है। प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। केंद्र से डीपीआर के लिए 173 करोड़ मिल चुका है।
इससे पहले कि विधानसभा स्पीकर राजीव बिंदल प्रश्नकाल समाप्त करने की घोषणा करते नरेबाजी करते हुए सभी कांगेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
जयराम सरकार के एक साल पूरा होने पर धर्मशाला में आयोजित की गई जन आभार रैली पर सरकारी खजाने से 2 करोड़ 31 लाख 41 हजार 187 रुपए खर्च किए गए है। इस रैली के लिए 44 सरकारी व 63 बसें लगाई गई थी। याद रहे इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खासतौर पर शिरकत की थी।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी की ओर से पूछे गए प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा लिखित में यह जानकारी दी गई।