प्रदेश में कितने निजामुद्दीन मरकज से आये तब्लीगी जमात के लोग

Created on Monday, 06 April 2020 16:38
Written by Shail Samachar

 

 

शिमला/शैल।  निजामुद्दीन मरकज में प्रदेश से कितने लोग शिरकत करने गये थे? कितने लोग वहां से वापिस आकर तब्लीगी जमात के प्रचार-प्रसार काम में लगे हैं? इसको लेकर प्रदेशभर में हर तरह की चर्चाएं और आंकड़े सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कोविड-19 को लेकर प्रदेश के हालात और सरकार द्वारा उठाये  जा रहे कदमों की जानकारी हर रोज प्रदेश की जनता से सांझा करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को यह जानकारी दी है कि इस मरकज में प्रदेश से केवल सत्रह लोग शामिल रहे हैं और वह दिल्ली में ही हैं। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त कुछ जिम्मेदार अखबारों ने भी 17 का ही आंकड़ा प्रदेश की जनता के सामने रखा था। आज ही जब मुख्यमंत्री और डीजीपी ने आग्रह और चेतावनी के साथ इन लोगों से कहा है कि वह स्वेच्छा से आगे आकर यह जानकारी सरकार को दे तो उससे भी यही निष्कर्ष निकलता है कि अभी तक सरकार के पास पूरी जानकारी उपलब्ध नही है। जबकि पुलिस 204 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर चुकी है। 204 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करने का अर्थ है कि सरकार का आंकड़ा भी अब 204 तक पंहुच चुका है।
लेकिन दूसरी ओर जो सूचियां सोशल मीडिया के मंचों और कुछ अखबारों तक पंहुच गयी हैं उनके मुताबिक यह संख्या 800 से भी ज्यादा हो जाती है। मीडिया मंचों पर आयी सूचियों की सत्यतता को प्रमाणित करना यह सरकारी तन्त्र की जिम्मेदारी हो जाता है। क्योंकि इस समय कोरोना को जिस तरह से हिन्दु-मुस्लिम बनाया जा रहा है उससे इसमें फेक न्यूज का ज्यादा प्रभाव हो गया है। अफवाहों के बढ़ते  बाजार का कड़ा संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर चिन्ता व्यक्त की हैं सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को इस संबंध में एक नीति बनाने के निर्देश दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद केन्द्र सरकार ने भी पीआईबी के माध्यम से दिशा निर्देश जारी किये हैं। इन निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने भी निदेशक लोक संर्पक की अध्यक्षता में एक आठ सदसीय कमेटी का गठन किया है जो फेक न्यूज पर नजर रखेगी। फेक न्यूज को लेकर कुछ मामले भी दर्ज हो चुके हैं।
ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि निदेशक लोक संपर्क की अध्यक्षता में बनी कमेटी ऐसी सूचीयों की प्रमाणिकता का सत्यापन करे और इनके गलत पाये जाने पर इनके खिलाफ कारवाई के लिये तुरन्त कदम उठाये। पिछले दिनों अकेले कांगड़ा जिला को लेकर ही डीएसओ (आईडीएसपी) सीएमओ कांगड़ा के नाम से एक सूची आयी है जिसमें कांगड़ा के विभिन्न भागों से 702 लोगों के दिल्ली जाने का उल्लेख है। एक अन्य सूची में 15 लोगों का जिक्र आया है यह लोग चम्बा के रहने वाले बताये गये हैं। यदि इसी तरह से प्रदेश के अन्य जिलों से भी ऐसी ही संख्याएं सामने आयें तो उससे किस तरह की तस्वीर उभर कर सामने आयेगी। यह दोनों सूचीयां सामने रखी जा रही है ताकि यह कमेटी इसकी जांच कर सके।